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BYJU'S के स्वामित्व वाले Aakash में 80-90 मिलियन डॉलर निवेश करेंगे ये कारोबारी
BYJU'S कंपनी फंडिंग राउंड के पहले हिस्से में आकाश के लिए 200 मिलियन डॉलर (1,600 करोड़ रुपये) की और मांग कर रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
एक ओर जहां सभी कंपनियां पहली तिमाही के नतीजे जारी कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर अब खबर आ रही है कि मणिपाल समूह के अध्यक्ष डॉ. रंजन पई, बायजू (BYJU'S) के स्वामित्व वाले आकाश में निवेश करने जा रहे हैं. उन्होंने इसके लिए प्रारंभिक चर्चा भी शुरू कर दी है. एक ऐसे समय में जब एडटेक फर्म बड़े संकट से गुजर रही है. ऐसे में डॉ. रंजन पाई इस कंपनी के बड़े मददगार बनकर सामने आए हैं. उम्मीद की जा रही है कि आकाश में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले बायजू रवीन्द्रन द्वारा अपनी हिस्सेदारी को आंशिक रूप से 80-90 मिलियन डॉलर में पई को बेच सकते है.
बायजू की मांग है उसे मिले 200 मिलियन डॉलर
बायजू ने जो कर्ज लिया था वो उसे चुकाने में मई में चूक गई थी. अब ऐसे में रवीन्द्रन इस धनराशि का उपयोग डेविडसन केम्पनर को लगभग 800 करोड़ रुपये चुकाने के लिए करेंगे. जबकि तब रंजन पई ने आरिन कैपिटल के माध्यम से निवेश किया था, उम्मीद है कि इस बार वह अपने पारिवारिक कार्यालय के माध्यम से निवेश करेंगे. मीडिया रिपोर्ट कहती हैं कि बायजू फंडिंग के पहले राउंड में 200 मिलियन (1600 करोड़ रुपये) की मांग कर रहा है.
बायजू ने आकाश का 2021 में किया था अधिग्रहण
बायजू ने आकाश एजुकेशनल सर्विसेज का 2021 में करीब 1 बिलियन डॉलर में अधिग्रहण किया था. ये बायजू कंपनी का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला अधिग्रहण रहा था. लेकिन सौदे के लिए उचित भुगतान सुचारू नहीं रहा है. इस पूरी डील का लगभग 70 प्रतिशत लेन-देन नकद में होना था, जबकि बाकी 30 प्रतिशत हिस्सेदारी बायजू को इक्विटी में मिलनी थी. लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आकाश के शेयरधारक बायजू के गिरते शेयर मूल्य का हवाला देते हुए शेयर अदला-बदली को अंजाम नहीं देना चाहते थे.
रंजन पई के लिए है एक अच्छा सौदा
जानकारों का कहना है कि आकाश में निवेश करने का ये सौदा रंजन पई के लिए फायदेमंद साबित होगा. ये एक क्लीन बिजनेस मॉडल है और प्रॉफिट कमाता है और अगर भविष्य में कंपनी इसका आईपीओ लेकर आती है तो उसका भी रास्ता पूरी तरह से साफ है. वहीं इस सौदे के बायजू के लिए भी कई फायदे हैं. इनमें सबसे बड़ा ये है कि अगर एक बार रंजन पई बोर्ड में आ गए, तो बायजू के लिए अन्य निवेशकों को लाना भी आसान हो जाएगा. यदि फंडिंग सफल होती है, तो इससे बायजू को बड़ी राहत मिलेगी. मौजूदा समय में जो बायजू फंडिंग के लिए परेशान है उसके लिए आगे रास्ता खुल सकता है.
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