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इन कंपनियों को मिलेगा 4400 करोड़ रुपये से ज्यादा का इंसेटिव, इस स्कीम से मिलेगा फायदा
पीएलआई स्कीम भारत सरकार की वो स्कीम है जिसे वो कोरोना जैसे विपरीत समय में कंपनियों की मदद करने के लिए लाई थी. लेकिन इसके तय मानक में फिट बैठने वाली कंपनी को ही इसका फायदा दिया जाता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 months ago
भारत सरकार की पीएलआई स्कीम (Production Link Scheam) ने अभी तक कुछ कंपनियों को फायदा दिया है. इस कंपनी को लेकर विदेशों की कंपनियां भी अपना उत्साह दिखा रही है. इसी कड़ी में सरकार की ओर से कई कंपनियों का चयन किया गया था. लेकिन अब जानकारी निकल कर सामने आई है है कि एप्पल के लिए काम करने वाली तीनों कंपनियों फॉक्सकॉन (Foxcon), टाटा के मालिकाना हक वाली विस्ट्रॉन (Wistron) और पेगाट्रॉन (Pegatron) सहित सैमसंग (SamSung) और डिक्सॉन (Dixon Technology) को 4400 करोड़ रुपये का इंसेटिव मिलने जा रहा है. कई कंपनियों का चयन इसलिए नहीं हो सका क्योंकि वो इस स्कीम के लिए तय टॉरगेट को पूरा नहीं कर पाई.
इतनी कंपनियों का हुआ था चयन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की इस पीएलआई स्कीम के लिए कोई 10 कंपनियों का चयन हुआ था. सरकार ने इसके लिए 6504 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया था, लेकिन वो FY24 में पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाया. अब कंपनियों को एक साल बाद ही इस स्कीम का फायदा मिल पाएगा जब वो इससे संबंधित टारगेट को अचीव कर लेंगी. जिन कंपनियों ने इस स्कीम के अनुसार लक्ष्य से ज्यादा अचीव किया है उन्हें सरकार की ओर से छूट का फायदा भी मिलेगा.
अब तक सरकार ने जारी किया है सिर्फ इतना फंड
अब तक सरकार की ओर इस स्कीम में 2500 करोड़ रुपये ही जारी किया गया है. इसमें सैगसंग को 500 करोड़, जबकि फॉक्सकान, विस्ट्रान, पेगाट्रॉन और डिक्सन को 1700 से लेकर 2000 करोड़ रुपये तक जारी किए जा चुके हैं. वहीं इस स्कीम का फायदा न ले पाने वाली कंपनियों पर नजर डालें तो रेडमी के लिए फोन बनाने वाली कंपनी राइजिंग स्टार (Bharat FIH) अभी तक पीएलआई स्कीम का फायदा ले पाने में कामयाब नहीं हो पाई है. भारत सरकार की ओर से इस स्कीम को कोरोना के समय में कंपनियों के लिए लॉन्च किया गया था.
भारत में कितना हो रहा है मोबाइल एक्सपोर्ट?
भारत में मोबाइल एक्सपोर्ट के आंकड़ों पर नजर डालें तो वो लगातार बढ़ रहा है. दिसंबर 2023 तक निर्यात के आंकड़ों पर नजर डालें तो अप्रैल से लेकर नवंबर तक ये 75 हजार करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है. इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोशिएसन (ICEA) अगर पिछले साल के आंकड़ों से इसकी तुलना करें तो वो काफी ज्यादा है. पिछले साल इसी समय में 6.2 बिलियन (50 हजार करोड़) से ज्यादा का निर्यात हुआ था. अकेले एप्पल के निर्यात में 35 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली है. एप्पल ने 2023 में 124000 करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात किया है.
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