होम / बिजनेस / Voda-Idea के FPO में पैसा लगा सकती हैं ये दिग्गज इन्वेस्टमेंट फर्म, इतना कर सकते हैं निवेश
Voda-Idea के FPO में पैसा लगा सकती हैं ये दिग्गज इन्वेस्टमेंट फर्म, इतना कर सकते हैं निवेश
वोडाफोन-आइडिया ने FPO के लिए प्राइस बैंड 10-11 रुपये प्रति शेयर रखा गया है. वोडाफोन-आइडिया, रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के बाद भारत की तीसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम ऑपरेटर है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया 18,000 करोड़ रुपये तक का FPO (Follow on Offer) ला रही है. यह 18 अप्रैल को खुलकर 22 अप्रैल को बंद होगा. अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करने के बाद दिग्गज इनवेस्टमेंट फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स, टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया पर बड़ा दांव लगाने की तैयारी में है. इनवेस्टमेंट फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया म्यूचुअल फंड (SBI MF), वोडाफोन आइडिया के 2.16 बिलियन डॉलर (18000 करोड़ रुपये) के शेयर सेल में 800 मिलियन डॉलर (करीब 6500 करोड़ रुपये) लगाने पर विचार कर रहे हैं.
6500 करोड़ रुपये का कर सकते हैं निवेश
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की GQG भारत में जन्मे एग्जीक्यूटिव राजीव जैन के संचालन वाली कंपनी है. इसने वोडाफोन आइडिया के FPO में लगभग 50 करोड़ डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है. वहीं एसबीआई म्यूचुअल फंड इस FPO में 20-30 करोड़ डॉलर के निवेश पर विचार कर रही है. Vodafone Idea के FPO के लिए प्राइस बैंड 10-11 रुपये प्रति शेयर रखा गया है. निवेशक न्यूनतम 1,298 इक्विटी शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं. इसके बाद 1,298 इक्विटी शेयरों के मल्टीपल में बोली लगाई जा सकती है.
सीमेंट कारोबार का किंग बनने की तैयारी में Adani Group, बनाया ये खास प्लान
इंस्टीट्यूशनल कोटा के तहत लगा सकते हैं पैसा
जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) और SBI MF इंस्टीट्यूशनल कोटा के तहत निवेश करने पर विचार कर रहे हैं. हालांकि अभी तक निवेश को लेकर अंतिम फैसला नहीं हुआ है. वोडोफोन-आइडिया ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि वह अपने 4G नेटवर्क का विस्तार करने, 5G नेटवर्क स्थापित करने, टैक्स और बकाया का भुगतान करने के लिए पैसे का इस्तेमाल करने की योजना बन रही है.
क्या होता है FPO?
FPO एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके जरिए एक कंपनी जो पहले से ही शेयर बाजार में लिस्ट है, निवेशकों या मौजूदा शेयरधारकों, आम तौर पर प्रमोटरों को नए शेयर जारी करती है और अतिरिक्त फंड जुटाती है. कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया साल 2018 में अस्तित्व में आई थी, जब वोडाफोन ग्रुप ने 23 अरब डॉलर के सौदे में अपने भारतीय कारोबार को आइडिया सेल्युलर के साथ मर्ज कर दिया था. वोडाफोन आइडिया में वोडाफोन की 25% से अधिक हिस्सेदारी है. यह, रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के बाद भारत की तीसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम ऑपरेटर है.
टैग्स