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फिर बढ़ा देश का वित्तीय घाटा, आयात में हुई कमी, निर्यात बढ़ा
देश के वित्तीय घाटे में हो रहे इजाफे की सबसे बड़ी वजह दुनिया भर में छाई महंगाई और रूस यूक्रेन युद्ध के बाद बाधित हुई ग्लोबल सप्लाई है. इसके कारण दुनिया भर में संकट पैदा हो गया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
सरकार ने अक्टूबर महीने में हुए व्यापार के आंकड़े जारी कर दिए हैं. आंकड़े साफ बता रहे हैं कि देश के व्यापार घाटे में एक बार फिर बढ़ोतरी हुई है. सरकार की ओर से जारी हुए आंकड़ों के अनुसार देश का व्यापार घाटा बढ़कर 26.91 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. जो कि पिछले महीने 25.71 अरब डॉलर था. पिछले महीने भी वित्तीय घाटे में कमी दर्ज की गई थी. जबकि भारत के निर्यात में एक बार फिर बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
क्या रहे देश के आयात-निर्यात के आंकड़े
देश के मर्चेंडाइज सेक्टर में इस साल 29.78 बिलियन डॉलर का ट्रेड हुआ जबकि पिछले साल अक्टूबर में ये 3573 बिलियन डॉलर था. इसी तरह से इंपोर्ट 56.69 बिलियन डॉलर था जो साल 2021 में 53.64 बिलियन डॉलर रहा था. इसी तरह सर्विस सेक्टर के आंकड़ों को देखें तो इसके एक्सपोर्ट में 2021 के मुकाबले बढ़ोतरी हुई है. ये अक्टूबर साल 2021 में 2037 बिलियन डॉलर था जबकि इस साल ये 2858 बिलियन डॉलर रहा है. कुल एक्सपोर्ट देखें तो पिछले साल 2021 के 5610 बिलियन डॉलर के मुकाबले इस साल 58.36 बिलियन डॉलर रहा है.
कमोडिटी में बेहतर रहा एक्सपोर्ट
सरकार की ओर से अलग-अलग कमोडिटी के अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक के भी आंकड़े जारी किए गए हैं, जिसके अनुसार ऑयल सीड में अक्टूबर 2021 में 84.26 बिलियन डॉलर था जो अक्टूबर 2022 में 149.98 बिलियन डॉलर तक हो गया है. इसी तरह ऑयल मील जो अक्टूबर 2021 तक 55.80 बिलियन डॉलर था वो अक्टूबर 2022 में 9187 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.इलेक्ट्रॉनिक गुड जो कि अक्टूबर साल 2021 में 1347 बिलियन डॉलर था वो अक्टूबर 2022 में 1853.77 बिलियन डॉलर हो गया है. इसी तरह टी सेक्टर में एक्सपोर्ट 2021 में 65.37 बिलियन डॉलर था जो 2022 में 72.88 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है. इसी तरह से चावल के एक्सपोर्ट में भी बढ़ोतरी देखी गई है. जो कि 2021 में 692.38 था जो कि 2022 में बढ़कर 703.96 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.
आखिर क्यों बढ़ रहा है व्यापार घाटा
दुनिया में रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण एक ओर जहां महंगाई बढ़ रही है वहीं दूसरी ओर इसके कारण ग्लोबल सप्लाई चेन भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है, जिसके कारण इस तरह की स्थिति पैदा हुई है. इस संकट के कारण निर्यात में कमी आई है तो वहीं दूसरी ओर आयात में भी बढ़ोतरी हुई है. चीजों को आयात करने के कारण ही देश के वित्तिय घाटे में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है.
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