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IPO लाने वाली इस कंपनी के वैल्यूएशन में हुआ इजाफा, इतनी बढ़ी कीमत
कंपनी में निवेश करने वालों का मानना है कि भारत में अभी और फूड डिलीवरी का कारोबार तेजी से बढ़ सकता है. निवेश करने वाली कंपनियों को इसके पीछे कई वजहें नजर आ रही हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
बाजार में अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर रही कंपनी स्विगी (Swiggy) के मार्केट वैल्यूएशन में इजाफा हुआ है. बैरन कैपिटल (Baron Capital Group) ने फूड डिलीवरी ऐप को लेकर कहा है कि उसका मार्केट शेयर 45 प्रतिशत तक पहुंच गया है. इससे कंपनी के वैल्यूएशन में 13 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इस 13 प्रतिशत के इजाफे से कंपनी का वैल्यूएशन 10.7 बिलियन तक जा पहुंचा है. कंपनी ने ये जानकारी अमेरिकी शेयर बाजार में फाइलिंग के दौरान दी है.
बैरन कैपिटल का स्विगी से क्या है संबंध?
बैरन कैपिटल वो कंपनी ने जिसने जनवरी 2022 में शुरू हुए फंडिंग राउंड में स्विगी (Swiggy) में 700 मिलियन का निवेश किया था. एसेट मैनेजर कंपनी बैरन कैपिटल के पास स्विगी की पेरेंट कंपनी बंडल टेक्नोलॉजी में 87.2 मिलियन डॉलर की हिस्सेदारी है. ये हिस्सेदारी एक तिमाही पहले 74.4 मिलियन डॉलर से 17 प्रतिशत अधिक है. जबकि कंपनी के अधिग्रहण के समय ये हिस्सेदारी 76.8 मिलियन थी. 2022 में हुए फंडिंग राउंड के बाद स्विगी का वैल्यूएशन डबल हो गया था. पहले ये 10.7 बिलियन हुआ करता था.
बैरन कैपिटल ने कही ये बात
स्विगी में निवेश करने वाली एसेट मैनेजर कंपनी बैरन कैपिटल ने कहा कि हम मानते हैं कि भारत में फूड डिलीवरी सिस्टम में अभी और भी इजाफा होना है. सबसे बड़ी बात ये है कि देश में बढ़ते मीडिल क्लॉस, लोगों के पास खर्च करने के लिए बढ़ती मौजूदा इनकम, स्मॉर्टफोन को लेकर लगातार होता इजाफा और लोगों को टेक्नोलॉजी को लेकर लगातार स्मार्ट होने और यंग आबादी के बढ़ने जैसे कई कारण हैं जिसकी वजह से ऐसा लगता है कि भारत में फूड डिलीवरी का कारोबार और तेजी से बढ़ सकता है. बाजार में भी स्विगी और जोमैटो के बीच एकाधिकार बन गया है जिससे कारोबार बढ़ सकता है.
2024 में आने जा रहा है कंपनी का आईपीओ
कंपनी 2024 के मीडिल तक अपना आईपीओ ला सकती है. माना जा रहा है कि कंपनी के आईपीओ की वैल्यू 1 अरब डॉलर तक हो सकती है. स्विगी जोमैटो को टक्कर देने के लिए लगातार अपने कारोबार में बदलाव ला रहा है. अगर स्विगी के पिछले वित्त वर्ष के नतीजों पर नजर डालें तो उसका शुद्ध घाटा 15 प्रतिशत तक बढ़कर 4,179.3 करोड़ रुपये हो गया था. जबकि इसका परिचालन राजस्व 40% से अधिक बढ़कर 8,264.4 करोड़ रुपये हो गया.
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