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रेलवे का भविष्य बदलने के लिए स्टार्टअप दिखा रहे उत्साह, अब तक जुड़े 768 स्टार्टअप
अब तक इस योजना में 768 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन दर्ज किए जा चुके हैं. अभी तक रेलवे की ओर से 13 इनोवेशन चैलेंज को वेबसाइट पर अपलोड किया जा चुका है, जिनके रिस्पॉन्स के तौर पर 311 ऑफर सामने आए हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
भारतीय रेलवे की स्टार्टअप फॉर रेलवे योजना को बेहतरीन रिस्पॉन्स मिल रहा है. अब तक इस योजना में 768 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन दर्ज किए जा चुके हैं. अभी तक रेलवे की ओर से 13 इनोवेशन चैलेंज को वेबसाइट पर अपलोड किया जा चुका है, जिनके रिस्पॉन्स के तौर पर 311 ऑफर सामने आए हैं. ये स्टार्टअप रेलवे के साथ जुड़कर उसके ऑपरेशन से लेकर दूसरे प्रबंधन में उसके लिए तकनीक का विकास कर रहे हैं.
स्टार्टअप के लिए बनाई गई हैं 13 कैटेगिरी
भारतीय रेलवे ने स्टार्टअप के लिए 13 कैटेगिरी बनाई हैं. ये सभी कैटेगिरी रेलवे के ऑपरेशन से लेकर उसके हर रोज के संचालन और सुरक्षा से जुड़ी हुई हैं, जिसमें अभी तक रेलवे के पास 311 से ज्यादा ऑफर आ चुके हैं.जितने भी ऑफर आए हैं उन्हें दो स्तरीय परीक्षण से गुजरना होता है.जबकि एक इनोवेशन चैलेंज को रेलवे के द्वारा फाइनल किया जा चुका है.
आखिर कौन-कौन सी हैं वो 13 कैटेगिरी
रेलवे की ओर से स्टार्टअप के साथ जुड़ने के लिए 13 कैटगिरी बनाई गई थी.जिसमें--
1- ब्रोकन रेल डिटेक्शन
2 रेल स्ट्रेस मॉनिटरिंग सिस्टम
3 उपनगरीय खंडों का भारतीय रेलवे के एटीपी के साथ समन्वय करके हेडवे इम्प्रूवमेंट सिस्टम
4- ऑटोमेशन ऑफ ट्रैक इंस्पेक्शन एक्टिविटीज
5- डिजाइन ऑफ सुपीरियर इलास्टोमेरिक पैड फॉर हैवी फ्रेट वैगंस
6- थ्री फेज इलेक्ट्रिक इंजनों के ट्रैक्शन मोटर्स के लिए ऑनलाइन कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास
7 नमक जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए हल्के वैगन का विकास
8- यात्री सेवाओं में सुधार के लिए डिजिटल डाटा का उपयोग करके विश्लेष्णात्मक उपकरण का विकास
9 ट्रैक क्लिनिंग मशीन
10 पोस्ट ट्रेनिंग रिवीजन एवं सेल्फ सर्विस रिफ्रेशर कोर्स के लिए एप
ट्रैक क्लिनिंग मशीन
11 पुल निरीक्षण के लिए रिमोट सेंसिंग जियोमैटिक्स और जीआईएस का उपयोग
जैसी कैटेगिरी शामिल हैं.
आखिर क्या है भारतीय रेलवे की स्टार्टप योजना
भारतीय रेलवे ने इस साल जून में स्टार्टअप फॉर रेलवे योजना की शुरूआत की थी. इय योजना को लाने का मकसद भारतीय रेलवे कॉरपोरेशन बुनियादी ढ़ांचे परिचालन और रखरखाव में तकनीक के जरिए आसान और बेहतर बनाने का है. रेलवे ने लक्ष्य रखा है कि वो हर साल इसके लिए 50 करोड़ रुपये तक का निवेश करेगा. इंवेटरों को इसके लिए डेढ करोड़ रुपये तक की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. रेलवे इसके लिए 50-50 के रेशियो पर काम कर रहा है. जबकि उस तकनीक के इंटीलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट इंवेटरों के पास ही होंगे.
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