अगस्‍त में धीमी रही सर्विस सेक्‍टर की चाल, लेकिन फिर भी बेहतर हैं नतीजे 

जुलाई में सर्विस सेक्‍टर की ग्रोथ के मुकाबले अगस्‍त के नतीजों में थोड़ा कमी देखने को मिली है. लेकिन मजबूत ऑर्डर बुक के कारण बाजार में सकारात्‍मकता देखने को मिल रही है. 

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Tuesday, 05 September, 2023
Service Sector

हाल ही में आए ग्रोथ रेट के आंकड़ों ने सभी सेक्‍टरों को सकारात्‍मकता से भर दिया है. उसका असर एक बार फिर सर्विस सेक्‍टर पर देखने को मिल रहा है. मंगलवार को सामने आए एसएंडपी ग्‍लोबल मार्केट इंटेलीजेंस के सर्वेक्षण के नतीजों से पता चला है कि सेवा क्षेत्र में विस्‍तार अगस्‍त में भी जारी रहा है. सर्वे के आंकड़ों के अनुसार भारत का सेवा क्रय प्रबंधन सूचकांक अगस्‍त में 60.1 पर आ गया है. ये पीएमआई सूचकांक जुलाई से कम रहा है. इस सेक्‍टर में 50 से ऊपर की रीडिंग बेहतर मानी जाती है.

पिछले कुछ महीनों में कितना रहा है PMI?  
अगर अगस्‍त के PMI आंकड़ों के मुकाबले पिछले कुछ महीनों के पीएमआई आंकड़ों पर नजर डालें तो समझ में आता है कि स्थिति क्‍या है. अगस्‍त में जो पीएमआई सूचकांक 60.1 रहा है वो  जुलाई में 62.3 रहा, जून में 58.5 रहा, जबकि अगस्‍त 2022 में पीएमआई के आंकड़ों को देखें तो 56.2 रहा है. एसएंडपी ग्‍लोबल की ये श्रृंखला सितंबर 2014 से शुरू हुई है.  तब से सेवा क्षेत्र में निर्यात में तेजी देखने को मिल रही है. एशिया प्रशांत, यूरोप, उत्‍तरी अमेरिका और पश्चिमी एशिया ऐसे क्षेत्र बनकर सामने आए हैं जहां मांग ज्‍यादा देखने को‍ मिली है. 

क्‍या बोली कंपनी की निदेशक? 
एडएंडपी ग्‍लोबल इंटेलीजेंस की निदेशक पोलियाना डी लीमा ने जारी करते हुए कहा कि भारतीय सर्विस सेक्‍टर की कंपनियों ने अगस्‍त में एक उल्‍लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. उनके निर्यात कारोबार में एक जबर्दस्‍त बढ़ोतरी देखने को मिली है. इस बढ़ोतरी में कुछ विशेष क्षेत्रों ने ज्‍यादा योगदान दिया है. उनमें एशिया प्रशांत, यूरोप, उत्‍तरी अमेरिका और पश्चिमी अमेरिका और पश्चिम एशिया सहित कई देशों ने विशेष योगदान दिया है. उन्‍होंने ये भी कहा कि पिछले 6 सालों में कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है, जिसने नीति निर्माताओं का ध्‍यान अपनी ओर आकर्षित किया है. उन्‍होंने ये भी कहा कि इससे रेपो रेट में कटौती होने की कम संभावना है. 

क्‍या कहती है सर्वे रिपोर्ट? 
सर्वे रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि जिन लोगों ने सर्वे में भाग लिया है, उन्‍होंने ये बताया है कि कंपनियों ने अंशकालिक और पूर्णकालिक दोनों तरह के कर्मचारियों को हॉयर किया है. रिपोर्ट ये भी कहती है कि विज्ञापन की मांग में बढ़ोतरी, कीमतों के निर्धारण में प्रतिस्‍पर्धा और ग्राहक पूछताछ की अच्‍छी संख्‍या ने बाजार की सकारात्‍मकता को बढ़ावा दिया है. 
 


SIP में निवेशकों ने बनाया रिकॉर्ड, अप्रैल में पहली बार 20 हजार करोड़ पहुंचा निवेश

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल महीने में लार्जकैप स्कीमों में आने वाला निवेश कम हुआ है. 

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Thursday, 09 May, 2024
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म्यूचुअल फंड्स में सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए आने वाला निवेश अप्रैल महीने में पहली बार 20 हजार करोड़ रुपये के आंकड़ों को पार कर गया और कुल 20,371 करोड़ रुपये रहा. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (AMFI) ने गुरुवार 9 मई को म्यूचुअल फंड्स के आंकड़ों की एक रिपोर्ट जारी की है. आंकड़ों के अनुसार मार्च में यह निवेश 19,271 करोड़ रुपये और फरवरी में 19,187 करोड़ रुपये था. म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट अप्रैल 2024 के अंत में 57.26 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया.   

अप्रैल में 2.29 लाख करोड़ का शुद्ध निवेश
म्यूचुअल फंड्स में मार्च महीने के दौरान 1.59 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी हुई थी. हालांकि, डेट फंड और इक्विटी फंड में अप्रैल के दौरान निवेश बढ़ने के कारण इसमें 2.29 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया. आंकड़ों के अनुसार इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (EMF) में अप्रैल महीने के दौरान करीब 18.917.08 करोड़ रुपये का निवेश आया. वहीं, डेट फंड में अप्रैल महीने के दौरान 1.90 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश देखा गया, जबकि इससे पहले मार्च महीने के दौरान 1.98 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी देखी गई थी.

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लार्जकैप में घटा, मिडकैप और स्मॉलकैप में बढ़ा निवेश
आंकड़ों के अनुसरा खासतौर से लार्जकैप स्कीमों में आने वाला निवेश कम हुआ है. लार्जकैप स्कीमों में शुद्ध निवेश अप्रैल महीने के दौरान 83 प्रतिशत घटकर 358 करोड़ रुपये रहा. वहीं, मिडकैप फंड्स में शुद्ध निवेश 76.19 प्रतिशत बढ़कर 1,793 करोड़ रुपये रहा. इसके अलावा स्मॉलकैप फंड्स में अप्रैल महीने के दौरान करीब 2,208.70 करोड़ रुपये का निवेश आया. इससे पहले मार्च महीने के दौरान स्मॉलकैप फंड्स से थोड़ी निकासी देखी गई थी


अब भारत के नाम दर्ज हुई ये उपलब्धि, जापान को पछाड़ बना नंबर तीन

भारत के नाम सिर्फ यही उपलब्धि ही दर्ज नहीं हुई है बल्कि भारत मौजूदा समय में पूरी दुनिया में सबसे सस्‍ती बिजली का उत्‍पादन भी कर रहा है. 

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Thursday, 09 May, 2024
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5 ट्रिलियन इकोनॉमी का सपना पालने वाले भारत के सामने इस मुकाम पर पहुंचने के लिए अभी दो पड़ाव और पार करने बाकी हैं. लेकिन उससे पहले भारत के लिए गुरुवार को एक खुशखबरी निकलकर सामने आई. भारत ने सौर ऊर्जा उत्‍पादन में जापान को पीछे कर तीसरा नंबर सुरक्षित कर लिया है.  2015 में भारत इस सूची में नौवें स्‍थान पर था जबकि अब भारत तीसरे नंबर पर आ गया है. अब भारत से आगे अमेरिका और चीन जैसे देश ही हैं. 

आखिर भारत में कितना बढ़ा सोलर ऊर्जा का उत्‍पादन 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सोलर ऊर्जा के उत्‍पादन को लेकर शोध संस्‍थान एंबर की रिपोर्ट कह रही है कि दुनियाभर में सोलर उत्‍पादन वैश्विक बिजली उत्‍पादन का 5.5 फीसदी सौर ऊर्जा का उत्‍पादन हुआ था. जबकि अकेले भारत में 5.8 फीसदी ऊर्जा का उत्‍पादन हुआ था. वहीं अगर इसी आंकड़े की तुलना 2015 से करें तो ये सिर्फ 0.5 प्रतिशत था. यही नहीं सबसे खास बात ये है कि भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे सस्‍ता ऊर्जा का उत्‍पादन करता है. 

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इस साल शुरू की है सौर ऊर्जा उत्‍पादन की योजना 
पीएम मोदी ने भारत में इस साल 2 करोड़ लोगों को सौर ऊर्जा देने का ऐलान किया है. इस योजना के तहत सरकार की ओर सौर ऊर्जा से जुड़ने पर सब्सिडी दी जा रही है. सरकार की ओर से इस योजना को ‘पीएम सूर्यघर योजना’ नाम दिया गया है. इस योजना के तहत आपके सौर ऊर्जा प्‍लांट से पैदा होने वाली बिजली को सरकार ले लेगी और उसके बदले आपकी खपत से परे आप इससे कमाई भी कर सकते हैं. 

सबसे सस्‍ता सोलर उत्‍पादन कर रहा है भारत 
जानकारों का कहना है कि भारत दुनिया में ऐसा अकेला देश है जो सौर ऊर्जा का सबसे सस्‍ता उत्‍पादन कर रहा है. वहीं अगर सबसे महंगा उत्‍पादन करने वाले पर नजर डालें तो वो कनाडा है. वर्ष 2023 में भारत में सोलर ऊर्जा में बड़ी संख्‍या में इजाफा हुआ है. ये दुनिया की चौथी सबसे बड़ी बढ़ोतरी है. इस साल अडानी ने भी गुजरात में अपना सोलर ऊर्जा का उत्‍पादन 775  मेगावॉट तक शुरू कर दिया है. जबकि 2030 तक अडानी समूह ने इसे 45 गीगावॉट तक ले जाने का लक्ष्‍य रखा है. सबसे बड़ी बात ये है कि अडानी समूह देश के कई और राज्‍यों जैसे राजस्‍थान में भी कर रहा है. समूह यहां 180 मेगावॉट सोलर प्‍लांट लगा रहा है, जिससे जल्‍द ही उत्‍पादन शुरू हो जाएगा. 
 


यहां DLF ने बेचे 5,590 करोड़ रुपये के फ्लैट्स, वहां शेयर ने मारी उछाल

डीएलएफ (DLF) ने गुरुग्राम में 3 दिन के अंदर अपने सभी 795 लग्जरी फ्लैट बेच दिए हैं.

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Thursday, 09 May, 2024
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रियल एस्टेट की दिग्गज कंपनी डीएलएफ (DLF) ने गुरुग्राम में नया लग्जरी हाउसिंग प्रोजेक्ट लॉन्च किया है. लॉन्चिंग के तीन दिन के अंदरप ही डीएलएफ ने सभी 795 फ्लैट बेच दिए हैं. इस खबर के बाद डीएलएफ के शेयर में भी 3 प्रतिशत तक की उछल देखने को मिली. गुरुवार को कारोबार के दौरान कंपनी के शेयर की कीमत 871.15 रुपये तक पहुंच गई. हालांकि, कुछ ही देर में मुनाफावसूली के कारण शेयर रेड जोन में कारोबार करते दिखे.

कंपनी को इतना हुआ मुनाफा
कंपनी ने गुरुवार को एक नियामक फाइलिंग में अपने नवीनतम लग्जरी आवासीय प्रोजेक्ट 'डीएलएफ प्रिवाना वेस्ट' के सफल लॉन्च के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 3 दिनों के अंदर उन्होंने लगभग 5,590 करोड़ रुपये के फ्लैट्स बेचे. ये नया प्रोजेक्ट 12.57 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 795 अपार्टमेंट हैं और एक फ्लैट की कीमत लगभग 7 करोड़ रुपये है. 

जनवरी में कमाए थे 7,200 करोड़ रुपये 
इस साल जनवरी में कंपनी ने अपने प्रोजेक्ट 'डीएलएफ प्रिवाना साउथ' के लॉन्च के तीन दिनों के अंदर गुरुग्राम में 7,200 करोड़ रुपये में 1,113 लग्जरी अपार्टमेंट बेचे थे. ये अपार्टमेंट 25 एकड़ में फैला हुआ है. बता दें कि डीएलएफ प्रिवाना वेस्ट और डीएलएफ प्रिवाना साउथ, दोनों ही हरियाणा के गुरुग्राम में सेक्टर 76 और 77 में स्थित 116 एकड़ में फैली टाउनशिप डीएलएफ प्रिवाना का हिस्सा हैं. 

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कई एनआरआई ने भी खरीदे अपार्टमेंट
डीएलएफ के अधिकारियों अनुसार डीएलएफ प्रिवाना प्रोजेक्ट डीएलएफ प्रिवाना साउथ की जबरदस्त सफलता के बाद, डीएलएफ प्रिवाना वेस्ट को भी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. उन्होंने बताया कि इस नए प्रोजेक्ट में कई अपार्टमेंट एनआरआई (NRI) ने खरीदे हैं. बता दें कि गुरुग्राम हाउसिंग मार्केट में आवासीय संपत्तियों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिससे कीमतों में तेज वृद्धि हुई है। कीमतों में भारी वृद्धि के बावजूद मांग अभी तक बनी हुई है 
 

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Ola-Uber की मुश्किलें बढ़ाने वाली है Paytm, लेकिन आपको होगा फायदा; जानें कैसे 

भारत के Ride-Hailing बिजनेस में Ola की हिस्सेदारी 59% है. जबकि Uber का मार्केट शेयर 41% है.

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Thursday, 09 May, 2024
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पिछले कुछ समय से मुश्किलों में घिरी फिनटेक कंपनी पेटीएम (Paytm) अब ओला (Ola) और उबर (Uber) की परेशानी बढ़ाने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पेटीएम अपने ग्राहकों को ऑटो रिक्शा बुक करने की सुविधा देने वाली है. इसके लिए कंपनी ने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) से हाथ मिलाया है. जाहिर है ऐसे में इस सेक्टर की लीडिंग कंपनियों - ओला और उबर को चुनौती मिलना तय है.  

कई कैटेगरीज में पहले ही एंट्री 
Paytm फिलहाल यह सुविधा केवल दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई में उपलब्ध कराएगी. बाद में इसे देश के दूसरे शहरों में भी शुरू किया जा सकता है. पेटीएम ऐप पर अभी यह फीचर टेस्टिंग मोड में है और कुछ ही यूजर्स को दिखाई दे रहा है. बता दें कि इससे पहले Paytm ओएनडीसी के रास्ते फूड डिलीवरी, ग्रॉसरी, फैशन और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी ई-कॉमर्स कैटेगरीज में एंट्री ले चुकी है. Paytm पर ऑटो रिक्शा बुक करने की सुविधा मिलने से लोगों के पास एक और विकल्प हो जाएगा.    

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कैब बुकिंग भी होगी जल्द  
पेटीएम ऐप के जरिए ऑटो बुक कराने पर यह संदेश नजर आता है कि फीचर ‘Powered by Namma Yatri’. इसका मतलब है कि Paytm ने राइड-हेलिंग बिजनेस में एंट्री के लिए नम्मा यात्री से भी हाथ मिलाया है. नम्मा यात्री इस लेन-देन में सेलर साइड ऐप के तौर पर काम कर रही है. पिछले दो साल में Namma Yatri ने दिल्ली सहित 7 शहरों में 3.73 करोड़ राइड्स कराई हैं, जिसमें सबसे अधिक ऑटो राइड्स थीं. अब कंपनी कैब बुकिंग भी शुरू कर रही है और पेटीएम पर भी यह फीचर जल्द देखने को मिल सकता है.

किसका, कितना मार्केट शेयर?
सरकारी प्लेटफॉर्म ONDC की बात करें तो यह UPI की तरह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बायर और सेलर को ऑनलाइन मार्केटप्लेस मुहैया कराता है. ONDC का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. ओला, PhonePe और मीशो जैसी कंपनियां भी यहां आ चुकी हैं. पिछले छह महीने में इस सरकारी प्लेटफॉर्म पर मासिक रिटेल खरीदारी 6 गुना बढ़कर मार्च में 36 लाख पर पहुंच गई. 2022 के आंकड़ों के अनुसार, भारत के Ride-Hailing बिजनेस में Ola की हिस्सेदारी 59% है. जबकि Uber का मार्केट शेयर 41% है. इस सेक्टर में Rapido ने भी पिछले कुछ वक्त में अच्छा नाम कमा लिया है. 


देश के सबसे बड़े बैंक की बल्ले-बल्ले, पेश किए Q4 नतीजे, निवेशकों को दिया डिविडेंड का गिफ्ट

देश की प्रमुख सरकारी बैंक SBI ने जबरदस्त नतीजे पेश किए हैं. बैंक ने मुनाफे और ब्याज से इनकम में तो बढ़ोतरी पेश की ही है, इसका नेट NPA भी घटा है. कंपनी ने डिविडेंड का भी ऐलान किया है.

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Thursday, 09 May, 2024
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देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने आज FY24 की चौथी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं. जनवरी-मार्च तिमाही में बैंक के नेट प्रॉफिट में 24 फीसदी का उछाल आया है. बैंक ने इस अवधि में 20,698 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है. पिछले साल की समान तिमाही में बैंक का मुनाफा 16695 करोड़ रुपये था, बैंक का मुनाफा मजबूत लोन डिमांड के चलते बढ़ा है. बैंक ने अपने शेयरधारकों के लिए डिविडेंड की घोषणा भी की है. 

अनुमान से बेहतर रहे SBI के नतीजे

PSU Bank का मुनाफा 20,698 करोड़ रुपये रहा है, जबकि अनुमान 14,590 करोड़ का था. ईयर-ऑन-ईयर मुनाफा 16,695 करोड़ रुपये से बढ़कर 20,698 करोड़ पर पहुंचा है. कंपनी का NII 41,655 करोड़ रुपये पर रहा है. अनुमान 40,900 करोड़ ता था. ईयर ऑन ईयर NII 40,393 करोड़ से बढ़कर 41,655 करोड़ रुपये पर आया है. 

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NPA भी घटा

ग्रॉस NPA 2.42% से घटकर 2.24% (QoQ) हो गया है. नेट NPA 0.64% से घटकर 0.57% (QoQ) पर आया है. बैंक का प्रोविजन 1278 करोड़ रुपये से बढ़कर 3294 करोड़ रुपये (YoY) पर है. और तिमाही के लिहाज से देखें तो प्रोविजन 1757 करोड़ रुपये से बढ़कर 3294 करोड़ रुपये पर है.

SBI ने की डिविडेंड की घोषणा

एसबीआई के केंद्रीय बोर्ड ने 31/03/2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए 13.70 प्रति इक्विटी शेयर (1370%) का डिविडेंड घोषित किया है. इक्विटी शेयरों पर डिविडेंड प्राप्त करने के हकदार सदस्यों की पात्रता निर्धारित करने की रिकॉर्ड तिथि बुधवार, 22 मई है और डिविडेंड पेमेंट की तारीख 05 जून, 2024 निर्धारित की गई है.
 


आखिर PM आर्थिक सलाहकार समिति की रिपोर्ट में ऐसा क्‍या है जिसने मचा दिया सियासी बवाल?

इस रिपोर्ट में भारत के पड़ोसी देशों के साथ कई और देशों में जनसंख्‍या की स्थिति का आंकलन किया गया है. रिपोर्ट बता रही है कि हिंदू जहां कम हुए वहीं मुस्लिमों की आबादी बढ़ी है. 

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Thursday, 09 May, 2024
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देश के लोकसभा चुनाव में बीजेपी कांग्रेस अलग-अलग मामलों के जरिए वोटरों को अपने पक्ष में लाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. कभी विरासत टैक्‍स तो कभी आरक्षण चुनावों में बार बार सियासी माहौल को गर्मा रहे हैं. इस बीच चौथे चरण से पहले सामने आई पीएम इकोनॉमिक काउंसिल की रिपोर्ट ने इस चुनाव में एक बार फिर हिंदू मुस्लिम का तड़का लगा दिया है. रिपोर्ट कहती है कि हिंदुओ की संख्‍या में कमी हुई है जबकि मुस्लिमों की संख्‍या में इजाफा हुआ है. यही नहीं भारत के पड़ोसी देशों में भी बहुसंख्‍यक आबादी में कमी आई है. 

आखिर क्‍या कह रही है पीएम काउंसिल की रिपोर्ट? 
पीएम इकोनॉमिक काउंसिल की रिपोर्ट कहती है कि देश में 1950 से लेकर 2015 के बीच जनसंख्‍या के आंकड़ों में बड़ा बदलाव आया है. रिपोर्ट कहती है कि हिंदुओ की आबादी में 7.82 प्रतिशत की कमी आई है जबकि मुसलमानों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट बताती है कि भारत, नेपाल, म्‍यांमार जैसे देशों में हिंदु और बौद्धों की आबादी में कमी हुई है जबकि पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश और अफगानिस्‍तान जैसे देशों में मुस्लिमों की आबादी में बड़ा इजाफा हुआ है. पीएम इकोनॉमिक काउंसिल की रिपोर्ट कहती है कि इस समिति ने 167 देशों में 1950 से लेकर 2015 तक की आबादी का अध्‍ययन किया है. 

जानिए मुस्लिम देशों में कितनी बढ़ी आबादी
पीएम इकोनॉमिक काउंसिल की रिपोर्ट ये भी बताती है कि पिछले 65 सालों में भारत, नेपाल और म्‍यांमार में रहने वाले बहुसंख्‍यक हिंदुओ और बौद्धों की आबादी में 22 प्रतिशत की कमी हुई है जबकि ये फॉर्मूला मुस्लिम देशों में लागू नहीं हो रहा है. मुस्लिम आबादी वाले 38 देशों की आबादी में इजाफा हुआ है. पाकिस्तान में 1950 में मुस्लिम आबादी 77.45 फीसद थी, जो 2015 में बढ़कर 80.36 फीसद पहुंच गई. मुस्लिम आबादी में सबसे तेज बढ़ोतरी बांग्लादेश में देखने को मिली, यहां 65 सालों में 74.24 से बढ़कर 88.02 फीसद तक पहुंच गई. अफगानिस्तान में भी मुस्लिम आबादी 88.75 फीसद से बढ़कर 89.01 फीसद पहुंच गई. वहीं मालदीव में मुस्लिम आबादी में मामूली गिरावट दर्ज की गई है, जो 99.83 फीसद से घटकर 98.36 फीसद पर आ गई है. 

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म्‍यांमार में ऐसे बदल गई तस्‍वीर 
म्‍यांमार ऐसा देश है जहां बौद्ध आबादी बड़ी संख्‍या में रहती है. रिपोर्ट कहती है म्‍यांमार में बौद्ध आबादी 78.53 फीसदी घटकर 70.80 प्रतिशत रह गई है. वहीं श्रीलंका में बौद्धों की आबादी पर नजर डालें तो 64.28 से बढ़कर 67.65 प्रतिशत तक जा पहुंची है. वहीं अगर भूटान में देखें तो वहां भी बौद्धों की स्थिति में इजाफा हुआ है. ये आबादी 71.44 प्रतिशत से 84.07 प्रतिशत तक पहुंच गई है. वहीं भारत में हिंदुओं की संख्‍या 84.30 फीसदी से घटकर 81.26 प्रतिशत तक पहुंच गई है. वहीं आंकड़े ये भी बता रहे हैं मुस्लिम के साथ सिक्‍ख और ईसाई की आबादी में भी इजाफा हुआ है. 6.58 फीसदी और 5.38 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. जबकि पारसी और जैन की आबादी में क्रमश बढ़ोतरी हुई है. 

अब इसपर जमकर हो रही है सियासत 
लोकसभा चुनाव के मौसम में इस रिपोर्ट के सामने आते ही देश में सियासत भी जमकर हो रही है. केन्‍द्रीय मंत्री और बीजेपी के फायरब्रैंड नेता गिरीराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश को धर्मशाला बना दिया है. उन्‍होंने कहा कि ये देश को इस्‍लामिक स्‍टेट बनाना चाह रहे हैं. उन्‍होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग देश को भ्रमित कर रहे हैं. लेकिन सच्‍चाई किसी से छिप नहीं पाएगी. सबसे खास बात उन्‍होंने कहा कि आजादी के वक्‍त देश में हिंदु 90 प्रतिशत था, आज हम 70 प्रतिशत पर आ गए हैं. पहले मुसलमान 8 प्रतिशत था जो आज 20 प्रतिशत हो गया है. उन्‍होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये मुस्लिम को आरक्षण देना चाहते हैं. ये देश को इस्‍लामिक स्‍टेट बनाना चाह रहे हैं. 

प्रियंका गांधी ने भी साधा निशाना 
इस मामले के सामने आने के बाद प्रियंका गांधी ने भी इस पर अपनी बात कहने में देरी नहीं लगाई. प्रियंका गांधी ने कहा कि हम लोगों को उन मुद्दों पर बात करनी चाहिए जो हमसे जुड़े कोर मुद्दे हों. अब वो भले ही महंगाई हो, बेरोजगारी हो या महिला सुरक्षा के मामले हों. वहीं राजद के नेता तेजस्‍वी यादव ने कहा कि 2021 में जनगणना होनी थी लेकिन 2024 तक नहीं हुई है. उन्‍होंने कहा कि लोगों में नफरत फैलाई जा रही है. ये लोग लोगों को भ्रमित कर रहे हैं. 10 साल तक लोगों को ठगा है और आगे भी ठगने की तैयारी कर रहे हैं. 
 


अब पैरेंट्स को भ्रमित करके कोर्स नहीं बेचेगा Byju’s, फीस भी 30 प्रतिशत तक घटाई

एडटेक कंपनी बायजूस (Byju's) ने अब अपनी सेल्स रणनीति में कुछ बदलाव किए हैं. इससे कंपनी के सेल्स कर्मचारियों भी राहत मिलेगी.

Last Modified:
Thursday, 09 May, 2024
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मुश्किलों में घिरी एडटेक कंपनी बायजूस (Byju's) ने अब अपनी सेल्स रणनीति में कुछ बदलाव किए हैं. यह बदलाव बायजूस ने अपने गिरते रेवेन्यू और मनोबल को बढ़ाने के लिए ग्राहकों से अधिक सहानुभूति रखने वाले सेल्स अप्रोच को अपनाने का फैसला किया है. इतना ही नहीं, कंपनी ने अपने कोर्स की फीस घटाने का भी फैसला लिया है. 

फीस 30 प्रतिशत तर घटाई
बायजूस ने अपने कोर्स की फीस 30 प्रतिशत तक घटान का फैसला लिया है. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब एडटेक कंपनी के लिए सेल का पीक समय चल रहा है. टेस्ट प्रीपरेशन कराने वाली कंपनियों की सबसे अधिक सेल अप्रैल-जून तिमाही में ही होती है. जानकारी के अनुसार बायजूस के सीईओ और फाउंडर बायजू रवींद्रन (byju Raveendran) ने करीब 1500 सेल्स स्टाफ के साथ एक बैठक की और उनसे कोर्स बेचने के दौरान एक सहानुभूति वाला नजरिया अपनाने की अपील की, जबकि इससे पहले अभिभावकों को भ्रमित करके कोर्स बेचा जाता था. 

मैनेजर कोच की तरह करेंगे काम
जानकारी के अनुसार बायजूस ने अब पुश आधारित रणनीति की जगह पुल आधारित सेल्स रणनीति अपना लिया है. अब बच्चों और पैरेंट्स को रेस में पीछे छूट जाने का डर दिखाने की जगह प्यार और अच्छी समझ विकसित करने पर जोर दिया जाएगा. मैनेजर अब कोच के रूप में काम करेंगे और सेल्स टीम को सपोर्ट करेंगे, जबकि अभी तक मैनेजर्स सख्ती से केवल कोर्स का टारगेट पूरा कराने पर जोर दे रहे थे. मैनेजर्स कोर्स बेचने का नहीं, बल्कि अपनी टीम को सलाह देने काम करेंगे.

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कर्मचारियों के लिए आएगी ये पॉलिसी
बायजूस अपने सेल्स टीम के कर्मचारियों के लिए लचीले वर्किंग ऑवर्स की पॉलिसी लाई है.  जानकारी के अनुसार कर्मचारियों की अब पहले की तरह कॉल पर बिताए गए घंटों की संख्या की कोई ट्रैकिंग नहीं होगी. बायजू के फाउंडर ने कर्मचारियों से कहा है कि अगर वह रोजाना सिर्फ 1 घंटा खर्च करके रिजल्ट हासिल कर सकते हैं, तो वही करें. 
 

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महंगा फोन रखने का ऐसा बढ़ रहा है शौक कि टूट गए हैं पिछले सारे रिकॉर्ड

महंगे फोन की सेल के आंकड़ों को देखें तो उसमें सबसे ज्‍यादा सैमसंग और एप्‍पल जैसे फोन शामिल हैं. एप्‍पल में जहां उसका आईफोन 15 अपना असर दिखा रहा है वहीं सैमसंग का गैलेक्‍सी 24 अपना असर दिखा रहा है.

Last Modified:
Thursday, 09 May, 2024
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भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था में कभी महंगी कारों की डिमांड नए रिकॉर्ड बना रही है तो कभी लोगों की स्‍पेंडिंग पावर (खर्च करने की शक्ति) के आंकड़े सभी को चौंका रहे हैं. अब इसी कड़ी में महंगा फोन रखने का शौक भारतीयों को कुछ ऐसा चढ़ा है कि उसके आंकड़ों ने भी नया रिकॉर्ड बना दिया है. ऐसा पहली बार देखने में आ रहा है कि लग्‍जरी फोन की सेल के आंकड़े 20 प्रतिशत को पार कर गए हैं. 

क्‍या कह रही है ये रिपोर्ट? 
इस मामले में काउंटरपाइंट रिसर्च की रिपोर्ट के आंकड़े कह रहे हैं कि सैमसंग इस मामले में सबसे ऊपर कारोबार कर रही है. सैमसंग का मार्केट शेयर 25 प्रतिशत तक जा पहुंचा है. इसमें सबसे ज्‍यादा डिमांड सैमसंग के Galaxy S24 की है. जिसे लोग उसके फीचर के कारण पसंद कर रहे हैं. खास बात ये भी है कि इसका Gen AI फीचर सभी को पसंद आ रहा है. रिसर्च डेटा बता रहा है कि सबसे ज्‍यादा मिड टायर शहरों में रहने वाले लोग प्रीमियम फोन की तरह आगे बढ़ रहे हैं. इस सेल के बढ़ने के जो कारण सामने आए हैं उनमें बेहतर फाइनेंस स्‍कीम, व्‍यापार के लिए बेहतर स्‍कीम, बेहतर कैमरा और एआई फीचर शामिल हैं. 

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कंपनी की इस अधिकारी ने कही ये बात 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, काउंटरपार्ट रिसर्च की एनॉलिस्‍ट शिल्‍पी जैन ने कहा कि भारत का मोबाइल फोन बाजार Q1 में सबसे टॉप पर इसलिए पहुंचा है क्‍योंकि लोग अपने पुराने फोन से प्रीमियम फोन की ओर शिफ्ट हो रहे हैं. काउंटरपार्ट का आंकड़ा ये भी बता रहा है कि अगर मात्रा के मामले में देखें तो एप्‍पल के फोन को सबसे ज्‍यादा लोगों ने खरीदा है. इस ग्रोथ को मुख्‍य रुप से एप्पल के फोन की सेल ही ड्राइव का रही है. इसमें भी एप्‍पल की आईफोन 15 सीरिज शामिल है. विशेषतौर पर एप्‍पल के ऑफलाइन चैनल के जरिए ये ज्‍यादा बिक रहे हैं. 

इन कंपनियों के फोन की इतनी रही है सेल 
वहीं ये रिपोर्ट बता रही है कि बाकी फोन की बाजार में कितनी डिमांड रही है. यही नहीं 2024 की पहली तिमाही में 5G स्‍मार्टफोन की शिपमेंट में अब तक की सबसे ज्‍यादा 71 प्रतिशत की सेल देखने को मिली है. एप्‍पल और सैमसंग से परे दूसरे ब्रैंड की बात करें तो उनमें वीवो की डिमांड 19 प्रतिशत रही है. वीवो के Nothing 2s फोन के कारण इसकी ग्रोथ 144 प्रतिशत तक देखने को मिली है. वहीं Xiomi की ग्रोथ में 28 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है जबकि Realme की ग्रोथ में 20 प्रतिशत और 18 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. 
 


Bank of Baroda में है आपका खाता, तो ये खबर आपके लिए है बहुत जरूरी

RBI से मिली राहत के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) कहा कि वह अब सभी रेग्यूलेटरी दिशानिर्देशों का पालन करेगा. 

Last Modified:
Thursday, 09 May, 2024
BWHindia

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) को एक बड़ी राहत दी है. अगर आप भी बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के ग्राहक हैं, तो ये खबर आपके लिए भी बहुत जरूरी है. दरअसल, आरबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा के बॉब वर्ल्ड ऐप (Bob World App) के जरिये नए ग्राहकों को जोड़ने पर लगी पाबंदी हटा दी है. इससे बैंक की कई मुश्किलें आसान हो जाएंगी. आपको बता दें, करीब 7 महीने बाद बैंक के बॉब वर्ल्ड ऐप से ये पाबंदी हटी है और अब वह नए ग्राहक जोड़ पाएगा. 

जोड़ा पाएंगे नए ग्राहक
बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) ने शेयर बाजार को जानकारी दी है कि आरबीआई ने 8 मई, 2024 को एक सर्कुलर जारी करके उनके बैंक के बॉब वर्ल्ड पर लगाए गए प्रतिबंधों को तत्काल प्रभाव से हटाने का फैसला लिया है. अब वह लागू दिशानिर्देशों और मौजूदा कानूनों के ह‍िसाब से इस ऐप के जरिये ग्राहकों को जोड़ सकते हैं. बैंक ने कहा कि अब बॉब वर्ल्ड ऐप पर नए कस्‍टमर को शामिल करना दोबारा शुरू कर देगा.

रेग्यूलेटरी न‍ियमों के पालन के ल‍िए तैयार 
बैंक ने कहा क‍ि अब वह बॉब वर्ल्ड ऐप पर नए ग्राहकों को शामिल करना दोबारा शुरू कर देगा. इसके साथ ही बैंक रेग्‍युलेटरी दिशान‍ियमों का पालन और अनुपालन सुन‍िश्‍च‍ित करने के लिए भी पूरी तरह से तैयार है. 

क्यों लगा था प्रतिबंध
पिछले साल जुलाई में जानकारी सामने आई थी कि बैंक के कुछ कर्मचारी बॉब वर्ल्‍ड (bob World) पर फर्जी तरीके से लोगों का अकाउंट खुलवा रहे थे. रिपोर्ट के अनुसार बैंक के भोपाल जोनल ऑफ‍िस के कुछ कर्मचारियों ने अलग-अलग लोगों के मोबाइल नंबर के साथ कुछ बैंक खातों को ल‍िंक कर द‍िया और उन्हें मोबाइल ऐप पर रजिस्टर कर लिया. ऐसा उन्होंने बॉब वर्ल्‍ड (bob World) के रजिस्ट्रेशन की संख्या बढ़ाने के लिए किया था.

अक्टूबर में लगा था प्रतिबंध
आरबीआई ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को उसके मोबाइल ऐप ‘बॉब वर्ल्ड' के जरिये नए कस्टमर जोड़ने से 10 अक्टूबर, 2023 को रोक दिया था. यह कदम सुपरविजन चिंताओं के बाद उठाया गया था. आरबीआई ने पिछले सप्ताह आरबीआई ने ईकॉम और इंस्टा ईएमआई कार्ड के जरिये कर्ज देने पर बजाज फाइनेंस पर भी प्रतिबंध हटा दिया था. वहीं, इससे पहले कोटक महिंद्रा बैंक पर ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग के जरिये नए ग्राहकों को जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर प्रतिबंध लगाया था.

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कौन हैं खचाखच भरे स्टेडियम में KL Rahul पर गुस्सा जाहिर करने वाले Sanjiv Goenka?

संजीव गोयनका जिस तरह केएल राहुल से बातें कर रहे हैं, वो क्रिकेट फैंस को पसंद नहीं आया है.

Last Modified:
Thursday, 09 May, 2024
BWHindia

इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग 2024 (IPL 2024) में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और लखनऊ सुपर जायंट्स के बीच कल हुआ मैच चर्चा का विषय बन गया है. इस मैच में सनराइजर्स हैदराबाद ने 10 विकेट से धमाकेदार जीत दर्ज की. हैदराबाद के ट्रेव‍िस हेड और अभ‍िषेक शर्मा ने 58 गेंदों में 166 रनों का टार्गेट हासिल कर लिया. यह 10 ओवर वाले पुरुषों के T20 क्रिकेट में अब तक का सबसे बड़ा स्कोर है. हालांकि, खिलाड़ियों के प्रदर्शन से ज्यादा चर्चा लखनऊ सुपर जायंट्स के मालिक के व्यवहार को लेकर हो रही है.  

सबकुछ ऑन कैमरा हुआ
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें लखनऊ सुपर जायंट्स के माल‍िक संजीव गोयनका (Sanjiv Goenka) टीम के कप्तान केएल राहुल (KL Rahul) पर नाराजगी जाहिर करते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि संजीव टीम के प्रदर्शन से खुश नहीं है, इसके लिए वह कप्तान केएल राहुल पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. गुस्सा, नाराजगी जाहिर करने तक तो ठीक था, लेकिन संजीव ने यह सबकुछ ऑन कैमरा किया, इससे क्रिकेट फैंस भड़क उठे हैं. उन्होंने संजीव गोयनका के व्यवहार पर भी सवाल उठाए हैं.

कमरे की बात बाहर आ गई
संजीव गोयनका को डांट लगाता देखकर कमेंटेटर भी यह कहने से नहीं चूके कि इस तरह की बातचीत ड्रेस‍िंग रूम के अंदर होनी चाहिए. यानी उन्हें भी लगता है कि लखनऊ सुपर जायंट्स ने मालिक ने जो कुछ किया वो सही नहीं है. इस पूरे एपिसोड में केएल राहुल गोयनका के सामने असहाय नजर आ रहे हैं. वैसे गोयनका का गुस्सा केवल केएल राहुल तक सीम‍ित नहीं रहा, उन्होंने टीम के हेड कोच जस्ट‍िन लेंगर को भी खूब सुनाया. वीडियो में टीम के मालिक जिस तरह से हाथ हिला-हिलाकर बात कर रहे हैं, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके शब्द कितने चुभने वाले होंगे. 

ये हैं समूह की लिस्टेड कंपनियां
संजीव गोयनका RPSG Group के चेयरमैन हैं. इस समूह का कारोबार कई सेक्टर्स में फैला हुआ है. RPSG समूह की पावर से लेकर कार्बन ब्लैक, आईटीईएस, कंज्यूमर एंड रिटेल, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, एजुकेशन एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर, नेचुरल रिसोर्सेज और स्पोर्ट्स तक में मौजूदगी है. ग्रुप की छह कंपनियां स्टॉक मार्केट में लिस्टेड हैं, जबकि 7 कंपनियां लिस्टेड नहीं हैं. CESC, Firstsource Solutions, PCBL, Saregama, Spencers Retail और RPSG Ventures, RPSG की ये कंपनियां शेयर बाजार में लिस्ट हैं. समूह की कई कंपनियों में 50,000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं.

इतनी है गोयनका की नेटवर्थ
गोयनका की दौलत की बात करें, तो फोर्ब्स बिलेनियर्स इंडेक्स (Forbe's Billionaires Index) के अनुसार आरपीएसजी ग्रुप के चेयरमैन संजीव गोयनका की नेटवर्थ 3.5 अरब डॉलर है और उनके कोलकाता मुख्यालय वाले ग्रुप का रिवेन्यु करीब 4.3 अरब डॉलर है. संजीव गोयनका के बेटे शाश्वत गोयनका (Shashwat Goenka) ग्रुप की सुपरमार्केट चेन स्पेंसर एंड स्नैक्स ब्रैंड Too Yumm की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. Sanjiv Goenka ने आईपीएल की लखनऊ सुपर जायंट टीम खरीदने के लिए मोटी रकम खर्च की है. अकेले KL Rahul को अपने पाले में लाने के लिए ही उन्होंने 17 करोड़ रुपए खर्च किए थे. RSPG प्रमुख ने फुटबाल में भी पैसा लगाया हुआ है. उनके पास एटलेटिको डी कोलकाता (ATK) फुटबॉल क्लब में भी बहुमत हिस्सेदारी है.