अब पैरेंट्स को भ्रमित करके कोर्स नहीं बेचेगा Byju’s, फीस भी 30 प्रतिशत तक घटाई

एडटेक कंपनी बायजूस (Byju's) ने अब अपनी सेल्स रणनीति में कुछ बदलाव किए हैं. इससे कंपनी के सेल्स कर्मचारियों भी राहत मिलेगी.

Last Modified:
Thursday, 09 May, 2024
BWHindi

मुश्किलों में घिरी एडटेक कंपनी बायजूस (Byju's) ने अब अपनी सेल्स रणनीति में कुछ बदलाव किए हैं. यह बदलाव बायजूस ने अपने गिरते रेवेन्यू और मनोबल को बढ़ाने के लिए ग्राहकों से अधिक सहानुभूति रखने वाले सेल्स अप्रोच को अपनाने का फैसला किया है. इतना ही नहीं, कंपनी ने अपने कोर्स की फीस घटाने का भी फैसला लिया है. 

फीस 30 प्रतिशत तर घटाई
बायजूस ने अपने कोर्स की फीस 30 प्रतिशत तक घटान का फैसला लिया है. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब एडटेक कंपनी के लिए सेल का पीक समय चल रहा है. टेस्ट प्रीपरेशन कराने वाली कंपनियों की सबसे अधिक सेल अप्रैल-जून तिमाही में ही होती है. जानकारी के अनुसार बायजूस के सीईओ और फाउंडर बायजू रवींद्रन (byju Raveendran) ने करीब 1500 सेल्स स्टाफ के साथ एक बैठक की और उनसे कोर्स बेचने के दौरान एक सहानुभूति वाला नजरिया अपनाने की अपील की, जबकि इससे पहले अभिभावकों को भ्रमित करके कोर्स बेचा जाता था. 

मैनेजर कोच की तरह करेंगे काम
जानकारी के अनुसार बायजूस ने अब पुश आधारित रणनीति की जगह पुल आधारित सेल्स रणनीति अपना लिया है. अब बच्चों और पैरेंट्स को रेस में पीछे छूट जाने का डर दिखाने की जगह प्यार और अच्छी समझ विकसित करने पर जोर दिया जाएगा. मैनेजर अब कोच के रूप में काम करेंगे और सेल्स टीम को सपोर्ट करेंगे, जबकि अभी तक मैनेजर्स सख्ती से केवल कोर्स का टारगेट पूरा कराने पर जोर दे रहे थे. मैनेजर्स कोर्स बेचने का नहीं, बल्कि अपनी टीम को सलाह देने काम करेंगे.

इसे भी पढ़ें-Bank of Baroda में है आपका खाता, तो ये खबर आपके लिए है बहुत जरूरी

कर्मचारियों के लिए आएगी ये पॉलिसी
बायजूस अपने सेल्स टीम के कर्मचारियों के लिए लचीले वर्किंग ऑवर्स की पॉलिसी लाई है.  जानकारी के अनुसार कर्मचारियों की अब पहले की तरह कॉल पर बिताए गए घंटों की संख्या की कोई ट्रैकिंग नहीं होगी. बायजू के फाउंडर ने कर्मचारियों से कहा है कि अगर वह रोजाना सिर्फ 1 घंटा खर्च करके रिजल्ट हासिल कर सकते हैं, तो वही करें. 
 

BW Hindi के व्हाट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें.


ब्रिटेन के सबसे अमीर शख्स Gopichand Hinduja के बारे में कितना जानते हैं आप?

हिंदुजा समूह के चेयरमैन गोपीचंद हिंदुजा लगातार छठवीं बार ब्रिटेन के सबसे अमीर व्यक्ति बने हैं.

Last Modified:
Monday, 20 May, 2024
BWHindia

भारतीय मूल के ब्रिटिश बिजनेसमैन गोपीचंद हिंदुजा (Gopichand Hinduja) ब्रिटेन के सबसे अमीर शख्स बन गए हैं. हालांकि, उनके लिए यह कोई नई बात नहीं है. यह लगातार छठा मौका है जब उन्हें खिताब दिया गया है. 'संडे टाइम्स रिच लिस्ट' के मुताबिक, हिंदुजा परिवार की नेटवर्थ 37.196 अरब पाउंड है. पिछले एक साल के दौरान में इसमें 2.196 अरब पाउंड का इजाफा हुआ है. गोपीचंद हिंदुजा 'हिंदुजा ग्रुप' (Hinduja Group) के चेयरमैन हैं. 

भारत में छह कंपनियां हैं लिस्टेड
गोपीचंद हिंदुजा को जीपी के नाम से भी जाना जाता है. 1940 में भारत में जन्मे GP पिछले साल बड़े भाई श्रीचंद हिंदुजा की मौत के बाद से हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. गोपीचंद ने मुंबई के जैन हिंद कॉलेज से 1959 में ग्रेजुएशन किया और फिर फैमिली बिजनेस का हिस्सा बन गए. आज हिंदुजा ग्रुप का कारोबार 48 देशों में फैला है. 150,000 से अधिक कर्मचारियों वाले इस समूह की भारत में छह लिस्टेड कंपनियां हैं. दिग्गज ऑटो कंपनी अशोक लीलैंड्स (Ashok Leyland) और प्राइवेट सेक्टर का इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) इसी समूह का हिस्सा हैं. समूह की बाकी लिस्टेड कंपनियों में GOCL Corporation, Gulf Oil Lubricants India, Hinduja Global Solutions और NDL Ventures शामिल हैं.

कई सेक्टर्स में फैला है कारोबार 
हिंदुजा समूह की नींव वैसे तो परमानंद हिंदुजा ने 1914 में रखी, लेकिन गोपीचंद ने अपने भाइयों के साथ मिलकर इसे बुलंदियों पर पहुंचाया. आज समूह का कारोबार कई अलग-अलग सेक्टर्स में फैला हुआ है. इसमें IT, ऑटो, मीडिया, ऑयल एंड स्पेशिएल्टी केमिकल्स, बैंकिंग एंड फाइनेंस, पावर जनरेशन, रियल एस्टेट और हेल्थकेयर प्रमुख हैं. हिंदुआ समूह ने ही अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल को खरीदा है. जूनियर अंबानी की इस कर्ज में डूबी कंपनी को खरीदने की दौड़ में कई दिग्गज शामिल थे, लेकिन बाजी हिंदुजा समूह के हाथ लगी. 

ईरान से भी रहा है गहरा संबंध
जिस ईरान को लेकर इस समय पूरी दुनिया में चर्चा है, वहां 1919 में हिंदुजा समूह की मौजूदगी थी. करीब 60 सालों तक ईरान ही इस समूह का हेडक्वार्टर रहा, लेकिन 1979 में इस्लामिक क्रांति के चलते हिंदुजा ग्रुप ने ब्रिटेन को अपना ठिकाना बनाया. ब्रिटेन की राजधानी लंदन को समूह ने अपने मुख्यालय बनाया. इस ग्रुप की शुरुआत भले ही मर्चेंट बैंकिंग और ट्रेड से हुई थी, मगर आज कई सेक्टर्स में मौजूद है. 1971 में परमानंद दीपचंद के निधन के बाद गोपीचंद हिंदुजा ने भाइयों के साथ मिलकर कारोबार को आगे बढ़ाया. 

छोटे भाई भारत में हैं चेयरमैन 
भारत के ऑटो सेक्टर में समूह की कंपनी अशोक लीलैंड का अपना एक अलग स्थान है. इस कंपनी ने 1997 में देश की पहली CNG बस उतारी थी. 1994 में हिंदुजा ग्रुप की भारत के बैंकिंग सेक्टर में IndusInd Bank के रूप में एंट्री हुई. हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशंस और गल्फ ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड समूह की दो प्रमुख कंपनियां हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कारोबार का मालिकाना हक सामूहिक रूप से सभी चार भाइयों - श्रीचंद, गोपीचंद, प्रकाश और अशोक के पास रहा है. भाइयों में श्रीचंद पी हिंदुजा सबसे बड़े थे, जिनका पिछले साल निधन हो गया. सबसे छोटे भाई अशोक भारत में हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन हैं.
 


विमान बनाने वाली इस कंपनी पर आखिर चीन ने क्यों लगाए प्रतिबंध? क्या और बढ़ने वाला है तनाव?

ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव की स्थिति पहले से ही खराब थी लेकिन इस पूरे मामले ने दोनों देशों के बीच इस तनाव को एक शिखर पर पहुंचा दिया है. 

Last Modified:
Monday, 20 May, 2024
BWHindia

अमेरिका और चीन के बीच चला आ रहा तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अब इस मामले में ताजा तनाव तब देखने को मिला है जब चीन ने अमेरिका की तीन कंपनियों पर बैन लगा दिया है. चीन के द्वारा लगाए गए इस बैन का असर ये होगा कि आने वाले दिनों में अब ये तीनों अमेरिकी कंपनियां चीन में नया निवेश नहीं कर पाएंगी. चीन ने इन कंपनियों के सीनियर अधिकारियों के वर्क परमिट को भी रद्द कर दिया है. 

आखिर क्‍या है ये पूरा मामला 
अमेरिका की ओर से जिन तीन कंपनियों पर बैन लगाया गया है उनमें 
जनरल एटोमिक एयरोनॉटिकल सिस्‍टम शामिल है जिसे अविश्‍वनीय कंपनियों की सूची में डाल दिया है. बाकी दो कंपनियों में जनरल डॉयनैमिक लैंड सिस्‍टम और बोइंग डिफेंस शामिल है. दरअसल इस तनाव की शुरुआत अमेरिका के द्वारा चीन के सामान पर 25 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के बाद हुई है. अमेरिका के द्वारा लगाई गई 25 प्रतिशत इस ड्यूटी के कारण अब चीन से अमेरिका आने वाले स्‍टील और एल्‍यूमिनियम  पर 25 प्रतिशत, सेमीकंडक्‍टर पर 50 प्रतिशत, इलेक्‍ट्रॉनिक व्हिकिल पर 100 प्रतिशत और सोलर पैनल पर 50 प्रतिशत का चार्ज लगाया गया है. माना जा रहा है कि अमेरिका ने ये कदम इसलिए उठाया है क्‍योंकि चीन इन सामानों के उद्योगों को लेकर अपना वर्चस्‍व कायम करना चाहता है. 

बाइडन ने इस मामले को लेकर किया ट्वीट 
इस बैन की जानकारी खुद अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने X पर पोस्‍ट करके दी है. उन्‍होंने ट्वीट करते हुए कहा कि 
मैंने अभी-अभी चीन में बनी वस्तुओं पर कई प्रकार के टैरिफ लगाए हैं: 
स्टील और एल्यूमीनियम पर 25%,
सेमीकंडक्‍टर(अर्धचालकों) पर 50%,
ईवी पर 100%,और सौर पैनलों पर 50%. 
चीन इन उद्योगों पर अपना दबदबा बनाने पर आमादा है.
मैं यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हूं कि अमेरिका उनमें विश्व का नेतृत्व करे.  

अपनी स्‍पीच में बाइडेन ने कही ये अहम बात 
जो बाइडेन ने इस मामले में व्‍हाइट हाउस में दी गई एक स्‍पीच में जो बातें कहीं वो बता रही हैं कि बाइडेन चुनाव से पहले अमेरिका के हितों को लेकर माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि कुछ समय के लिए ये प्रतिस्‍पर्धा सही है लेकिन लंबे समय के लिए इसे बिल्‍कुल सही नहीं कहा जा सकता है. उन्‍होंने कहा कि अमेरिकी कर्मचारी किसी से भी आगे निकल सकते हैं. ये टैरिफ पिछले राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के टॉप पर आते हैं. वहीं अमेरिका के इन टैरिफ के बाद चीन ने कहा कि वो अपने हितों को लेकर काम करेगा. 


सरकारी खजाने में आएंगे करोड़ों रुपये, RBI जल्द कर सकता है डिविडेंड का ऐलान

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सरकार को एक बड़ा डिविडेंड ट्रांसफर करने की योजना बना रहा है. इससे केंद्र के खजाने में काफी बढ़ोतरी होगी.

Last Modified:
Monday, 20 May, 2024
BWHindia

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सरकार को एक बड़े डिविडेंड (लाभांश) देने की योजना बना रहा है. ये राशि इतनी अधिक होगी कि इससे केंद्र सरकार के खजाने में काफी बढ़ोतरी होने की संभावना है. ऐसे में वित्त वर्ष 2024-25 सरकारी खजाने के लिए शानदार साबित हो सकता है. वहीं, पिछले हफ्ते ही आरबीआई ने ट्रेजरी बिल के माध्यम से सरकार की उधारी में 60,000 करोड़ रुपये की भारी कटौती की घोषणा भी की है. तो चलिए अब जानते हैं आरबीआई सरकार को कब और कितना डिविडेंड देने जा रहा है? 

कब मिलेगा डिविडेंड?
जानकारी के अनुसार आरबीआई मई के अंत तक डिविडेंड की घोषणा कर सकती है. इससे पहले RBI ने पिछले हफ्ते सरकारी ट्रेजरी बिल की नीलामी की समयसीमा में बदलाव का ऐलान किया था. साथ ही ट्रेजरी बिल के लिए ली जाने वाली उधारी की राशि में भी करीब 60 हजार रुपये की अहम कटौती का ऐलान किया है. बता दें, ट्रेजरी बिल एक तरह से शॉर्ट टर्म अवधि बॉन्ड होते हैं.सरकार इन ट्रेजरी बिल को जारीकर बाजार से पैसे उधार लोती है. इनकी ट्रेजडी बिल की मैच्योरिटी अवधि आमतौर पर 90 दिन, 182 दिन और 364 दिन की होती है.

कितना मिलेगा डिविडेंड?
जानकारी के अनुसार सरकार के लोन मैनेजर के रूप में आरबीआई सरकारी खजाने में करीब 1 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर करने की योजना बना रहा है. इसके अतिरिक्त आरबीआई ने आगामी ऑपरेशन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सरकार की पिछली उधारी के 60,000 करोड़ रुपये समय से पहले चुकाने की योजना बना रही है.

केंद्र वित्तीय स्थिति होगी मजबूत
एक्सपर्ट्स के अनुसार इन घटनाक्रमों से यह भी पता चलता है कि केंद्र की वित्तीय स्थिति में जल्द ही काफी सुधार देखने को मिल सकता है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य आर्थिक सलाहकार कनिका पसरीचा ने हाल ही में एक रिसर्च नोट में कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई वित्त वर्ष 2025 में सरकार को 1,000 अरब रुपये (1 लाख करोड़ रुपये) का सरप्लस अमाउंट ट्रांसफर करेगा.
 

BW Hindi के व्हाट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें.

पिछले वर्ष सरकारी खजाने में आए थे 87 हजार 400 करोड़
इससे पहले रिजर्व बैंक ने पिछले वित्त वर्ष में सरकारी खजाने को 87 हजार 400 करोड़ रुपये ट्रांसफर किया था. यूनियन बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष में भी डिविडेंड से मिलने वाली रकम उसी तरह बजट अनुमान से ज्यादा रह सकती है, जैसे पिछले वित्त वर्ष में निकली थी.
 


40 साल बाद फिर अंतरिक्ष पहुंचा भारतीय, जानिए कौन हैं वो शख्स और क्या है मिशन?

जेफ बेजॉस ने अपने स्पेस टूरिज्म बिजनेस को एक बार फिर शुरू किया है. 6 लोगों को न्यू शेपर्ड रॉकेट से स्पेस भेजा है. इन 6 लोगों में से एक आंध्र प्रदेश के गोपी थोटाकुरा भी हैं.

Last Modified:
Monday, 20 May, 2024
BWHindia

बिजनेसमैन और पायलट गोपी थोटाकुरा, अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस के ब्लू ओरिजिन के एनएस -25 मिशन पर एक पर्यटक के रूप में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बन गए. थोटाकुरा को एनएस-25 मिशन के लिए चालक दल के छह सदस्यों में से एक के रूप में चुना गया था, जिससे वह 1984 में भारतीय सेना के विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष पर्यटक और दूसरे भारतीय बन गए.

गोपी थोटाकुरा के साथ 5 और लोग गए

गोपी थोटाकुरा के अलावा ब्लू ओरिजिन ने 5 और लोगों को स्पेस में घूमने के लिए भेजा है. इनमें मेसन एंजेल, सिल्वेन चिरोन, केनेथ एल. हेस, कैरोल स्कॉलर, गोपी थोटाकुरा और अमेरिका में पूर्व एयरफोर्स कैप्टन एड ड्वाइट शामिल हैं. कंपनी ने सोशल मीडिया पर बताया कि ब्लू ओरिजिन की सातवीं ह्यूमन स्पेसफ्लाइट NS-25 रविवार सुबह पश्चिम टेक्सास में लॉन्च साइट वन से रवाना हुई. इसके पहले भी ब्लू ऑरिजिन ने न्यू शेपर्ड रॉकेट पर 31 लोगों को स्पेस की सैर कराई है. इस रॉकेट का नाम पहले अंतरिक्ष में जाने वाले अमेरिकी यात्री एलन शेपर्ड के नाम पर रखा गया था.   

ये भी पढ़ें- ‘आइसक्रीम मैन’ ने दुनिया को कहा अलविदा, पीछे छोड़ गए हैं करोडों की दौलत

कौन हैं गोपी थोटाकुरा?

गोपी स्पेस में बतौर टूरिस्ट बनकर जाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. वह 1984 में भारतीय सेना के विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय भी बन चुके हैं. थोटाकुरा पेशे से एक बिजनेसमैन हैं और एक पायलट हैं. वह प्रिजर्व लाइफ कॉर्प नाम की कंपनी के को-फाउंडर हैं. अमेरिका के जॉर्जिया की यह कंपनी वेलनेस और हेल्थ के क्षेत्र में काम करती है. गोपी अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जेट पायलट के रूप में काम कर चुके हैं.

कहां से पढ़ें हैं गोपी थोटाकुरा

गोपी थोटाकुरा ने बेंगलुरु स्थित प्राइवेट स्कूल सरला बिड़ला अकादमी में पढ़ाई की. स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने फ्लोरिडा के डेटोना बीच में एम्ब्री-रिडल एरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी से एयरोनॉटिकल साइंस में ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की. इसके साथ उन्होंने दुबई में एमिरेट्स एविएशन यूनिवर्सिटी में एविएशन मैनेजमेंट की पढ़ाई की है. ब्लू ओरिजिन के अनुसार, कॉमर्शियल जेट के अलावा गोपी बुश, एरोबेटिक और सीप्लेन, ग्लाइडर और हॉट एयर बैलून भी उड़ाते हैं.

पहले भी बिजनेस मैन कर चुके है अंतरिक्ष यात्रा 

ब्लू ऑरिजिन से लोगों को स्पेस का टूर कराने वाले अरबपति और अमेजन के मालिक जेफ बेजोस 20 जुलाई 2021 में खुद स्पेस ट्रैवल करके आए थे. बेजोस के साथ उनके भाई मार्क, 18 साल के डच टीनेजर ओलिवर डेमेन और 82 साल की वैली फैंक शामिल थीं. ये लोग 10 से 12 मिनट तक स्पेस में रहे थे. इस उड़ान के बाद उन्होंने स्पेस टूरिज्म की शुरूआत की थी. इसके अलावा ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैन्सन के वर्जिन स्पेस शिप (VSS) यूनिटी स्पेसप्लेन की फ्लाइट सफल रही थी, वे 85 किमी तक गए थे.
 


‘आइसक्रीम मैन’ ने दुनिया को कहा अलविदा, पीछे छोड़ गए हैं करोड़ों की दौलत

कर्नाटक के छोटे से शहर मुल्की में फल बेचने वाले रघुनंदन कामत ने मुंबई आकर रेस्टोरेंट में काम किया. फिर पाव भाजी और आइसक्रीम बेचकर आज 400 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी कर दी है.

Last Modified:
Monday, 20 May, 2024
BWHindia

देश के आइसक्रीम मैन नाम से मशहूर रघुनंदन कामथ का निधन हो गया. वह देश की बड़ी आइसक्रीम चेन Naturals Ice Cream के मालिक और फाउंडर थे. उनकी उम्र 75 साल थी. बीते कुछ दिनों से वह बीमार चल रहे थे. शुक्रवार को उन्होंने मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में अंतिम सांस ली. रघुनंदन कामथ के निधन की जानकारी कंपनी के सोशल मीडिया हैंडल से शनिवार रात को दी गई. कंपनी की ओर से किए गए पोस्ट में कहा गया है कि नेचुरल्स आइसक्रीम के फाउंडर, रघुनंदन कामथ का निधन हो गया है. वास्तव में यह हमारे लिए बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण दिन है.

कहां हुआ था जन्म

रघुनंदन कामथ का जन्म कर्नाटक के मंगलुरु के एक गांव में हुआ था. वह 6 भाई बहनों में एक थे. उनके पिता एक फल विक्रेता थे.छोटी ही उम्र में उन्होंने अपने पिता का साथ देना शुरू कर दिया था. जहां उन्होंने फलों को लेकर कई बारीकियां अपने पिता से सीखी, जो उनके लिए आने वाले समय में काफी काम आईं. 14 साल की उम्र में, उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी. मुंबई आकर अपने भाई के रेस्तरां में काम करना शुरू कर दिया. उसके कुछ दिनों के बाद उन्होंने अपनी राह को अलग कर लिया.

ये भी पढ़ें-  लोकसभा चुनाव: आज जनता सुनाएगी 'मन की बात', 5वें चरण में होगा इनकी किस्मत का फैसला

ऐसे बनें देश के आइसक्रीम मैन

14 फरवरी 1984 को उन्होंने कुछ लोगों के साथ मिलकर आइसक्रीम का बिजनेस शुरू किया. उन्होंने जुहू में एक आइसक्रीम पार्लर की शुरूआत की. सबसे पहले उन्होंने 12 फ्लेवर्स की आइसक्रीम रखी. जल्द ही आइसक्रीम की डिमांड में बढ़ती गई. करीब 10 साल के बाद उन्होंने 1994 में 5 और आउटलेट ओपन किए. मौजूदा समय में नेचुरल आइसक्रीम के 15 शहरों में 165 से अधिक आउटलेट हैं. खास बात तो ये है कि उन्होंने आइसक्रीम बनाने की तकनीक अपनी मां से सीखी थी. कामथ ने प्रोडक्शन को बेहतर करने के लिए नई मशीनें भी तैयार कराई थी. जिसका उन्हें काफी फायदा हुआ.

नेचुरल स्वाद बना ग्राहकों की पहली पसंद

अपने फ्लवेर की सफलता और जनता की सकारात्मक प्रतिक्रिया से उत्साहित होकर, रघुनंदन श्रीनिवास ने खुद को पूरी तरह से आइसक्रीम इंडस्ट्री के लिए समर्पित करने का फैसला किया. इस दौरान उन्होंने अपने प्रोडक्ट की गुणवत्ता में काफी सुधार किया. समय के साथ, नेचुरल्स एक सिंगल स्टोर से पूरे देश में फैल गया. 2020 तक भारत भर में 135 स्थानों पर नेचुरल्स आइसक्रीम पहुंच गई थी. नेचुरल्स आइसक्रीम की सफलता का एक प्रमुख कारण आर्टिफिशियल टेस्ट की जगह नेचुरल स्वाद है. इसी वजह से ये आइसक्रीम पसंद करने वालों की पहली चॉइस हो गई.

400 करोड़ रुपये की हो गई कंपनी

कंपनी का रेवेन्यू लगभग 400 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया था. अपने प्रोडक्ट्स में आर्टिफिशियल टेस्ट की जगह नेचुरल स्वाद पेश करने वाले रघुनंदन श्रीनिवास कामथ के आइसक्रीम ब्रांड की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि फल विक्रेता के बेटे को देश में 'आइसक्रीम मैन ऑफ इंडिया' के नाम से पहचाना जाने लगा. बहरहाल अब, रघुनंदन दुनिया को अलविदा कह चुके हैं, लेकिन उन्होंने नेचुरल्स आइसक्रीम के जरिए जो स्वाद लोगों को दिया, वो हमेशा उनकी याद दिलाता रहेगा.
 


4 जून तक घटती-बढ़ती रहेगी बाजार की चाल, ऐसे बनाएं निवेश की रणनीति

शेयर बाजार में 18 मई को उछाल देखने को मिला, जबकि 11 मई को खत्म सप्ताह में इसमें गिरावट आई थी.

Last Modified:
Monday, 20 May, 2024
BWHindia

चुनावी मौसम में शेयर बाजार (Stock Market) में उतार-चढ़ाव जारी है. कभी बाजार गोता लगाता है, तो कभी तेजी से भागने लगता है. शनिवार को स्पेशल सेशन के दौरान मार्केट में तेजी देखने को मिली. सेंसेक्स 342.22 अंक उछलकर 74,005.94 और निफ्टी 98.15 अंकों की मजबूती के साथ 22,502 पर पहुंच गया. आज यानी सोमवार को लोकसभा चुनाव के चलते बाजार में छुट्टी है. अब मंगलवार को पता चलेगा कि शनिवार की तेजी बरकरार रहती है या नहीं. बाजार में लगातार आ रहे इस उतार-चढ़ाव ने निवेशकों को कन्फ्यूज कर दिया है. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि पैसा लगाया जाए या नहीं? 

उतार-चढ़ाव सामान्य बात है
बाजार के जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान प्रमुख सूचकांकों में उतार-चढ़ाव सामान्य है और ऐसा अभी जारी रहेगा. चुनाव के नतीजों के बाद ही बाजार की दिशा का पता चल सकेगा. 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे, तब तक बाजार में उतार-चढ़ाव का माहौल बना रहने की संभावना काफी ज्यादा है. हालांकि, चुनाव के नतीजे लगभग तय माने जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद बाजार में कुछ हद तक स्थिरता परिणाम घोषित होने के बाद ही देखने को मिलेगी. 

घबराने वाली बात नहीं है
एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को इस उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए निवेश रणनीति तैयार करनी चाहिए. उनका यह भी कहना है कि भारतीय बाजार को लेकर कोई बड़ी चिंता नहीं दिख रही है, इसलिए घबराने वाली कोई बात नहीं है. यदि भाजपा गठबंधन की सरकार अगर फिर से बनती है, तो इससे मार्केट को बूस्ट मिलेगा. क्योंकि पिछले कुछ हफ्तों से बिकवाली कर रहे विदेशी निवेशक फिर से मार्केट में खरीदारी शुरू करेंगे. लेकिन यदि चुनाव के नतीजे अनुमान से उलट आते हैं, तो बाजार को झटका लगेगा मगर मार्केट इस झटके से 2-3 हफ्तों में उबर जाएगा.

शॉर्ट टर्म के बारे में न सोचें
विशेषज्ञ निवेशकों को फिलहाल शॉर्ट टर्म के लिए निवेश नहीं करने की सलाह दे रहे हैं. उनका कहना है कि इस समय लंबी अवधि के लिए ही निवेश करना उचित होगा. खासकर ऐसी कंपनियों में पैसा लगाया जा सकता है जिनकी वैल्यूएशन अट्रैक्टिव लेवल पर है. इसके अलावा, निवेशकों को एकमुश्त में निवेश करने से बचना चाहिए. यानी कि उन्हें एक साथ अपने पूरे पैसे नहीं लगाने चाहिए, बल्कि धीरे-धीरे निवेश करना चाहिए. साथ ही किसी एक स्टॉक में पूरा पैसा लगाने से बेहतर होगा कि अलग-अलग स्टॉक्स में निवेश किया जाए. 


विभव कुमार की गिरफ्तारी के बाद सामने आए केजरीवाल बोले, कल 12 बजे आ रहा हूं

इस पूरे प्रकरण के बाद से अभी तक केजरीवाल का कोई बयान नहीं आया था. यही नहीं लखनऊ में उन्‍होंने जिस तरह से माइक को अपने से दूर किया उसे लेकर विपक्ष निशाना साध रहा है. 

Last Modified:
Saturday, 18 May, 2024
BWHindia

केजरीवाल के पीए विभव कुमार की अपनी ही पार्टी की राज्‍यसभा सांसद स्‍वाति मालीवाल से मारपीट के बाद हुई गिरफ्तारी के मामले में अब केजरीवाल सामने आए हैं. केजरीवाल ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कभी किसी को जेल में डाल रहे हैं कभी किसी को जेल में डाल रहे हैं. अब मेरे पीए को जेल में डाल दिया है. केजरीवाल ने कहा है कि वो कल अपने सभी नेताओं के साथ बीजेपी दफ्तर आ रहे हैं बीजेपी जितनों को चाहे उतनों को गिरफ्तार कर सकती है. 

आप के पीछे पड़ गई है बीजेपी 
आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये हमारे पीछे पड़ गए हैं. उन्‍होंने कहा कि पहले सतेन्‍द्र जैन को जेल भेजा उसके बाद मनीष को फिर संजय को और उसके बाद मुझे जेल भेज दिया. लेकिन इनका मन अभी भी नहीं भरा है. अब इन्‍होंने मेरे पीए को भी जेल में डाल दिया. उन्‍होंने कहा कुछ दिन बाद ये राघव को जेल में डाल देंगे और उसके बाद सौरभ को फिर आतिशि को जेल भेज देंगे. 

ये भी पढ़ें: सिंगापुर, हांगकांग के बाद अब इस पड़ोसी देश ने इन मसालों पर लगाया बैन, बताई ये वजह

हमने 24 घंटे बिजली दी इसीलिए हो रही है कार्रवाई 
उन्‍होंने कहा कि हमारे खिलाफ बीजेपी वाले इसलिए कार्रवाई कर रहे हैं क्‍योंकि हमने दिल्‍ली की जनता को फ्री अस्‍पताल दिए, 24 घंटे बिजली दी और उसके बाद अच्‍छे स्‍कूल बनाकर दिए. उन्‍होंने कहा कि पहले दिल्‍ली में 10 घंटे का पावर कट हुआ करता था लेकिन आज 24 घंटे बिजली आ रही है. अब ये किसी राज्‍य में ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो इसलिए ये दिल्‍ली के मोहल्‍ल क्‍लीनिक अस्‍पताल और इलाज को रोकना चाहते हैं. 

कल 12 बजे आ रहा हूं बीजेपी हेडक्‍वॉर्टर 
उन्‍होंने कहा कि मैं पीएम से कहना चाहता हूं कि आप जेल जेल खेल रहे हैं. कभी आप मुझे जेल में डालते हैं कभी सतेन्‍द्र को तो कभी मनीष को जेल में डाल रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि मैं कल को अपने सभी सांसदों और विधायकों के साथ बीजेपी हेडक्‍वॉर्टर आ रहा हूं. जिस जिस को आप जेल में डालना चाहते हो जेल में डाल दो, एक साथ सभी को जेल में डाल दो. 
 

 


अब मिलेगा ट्रेन का कंफर्म टिकट, Jio का ये का ऐप करेगा मदद 

Jio के Rail App की मदद से ट्रेन टिकट बुकिंग से लेकर पीएनआर स्टेटस तक चेक किया जा सकता है. 

Last Modified:
Saturday, 18 May, 2024
BWHindia

जियो (Jio) ने पूरी टेलीकॉम इंडस्ट्री को ही पलटकर रख दिया है. वहीं, मुकेश अंबानी की कंपनी जिये अब ट्रेन बुकिंग की सुविधा भी दे रही है. दरअसल, जिलो ने Jio Rail App लॉन्च किया था, लेकिन अधिकतर लोगों को इसकी जानकारी नहीं है. इस ऐप का इस्तेमाल ट्रेन की टिकट बुकिंग के लिए होता है. केवल बुकिंग ही नहीं ये आपको कंफर्म ट्रेन टिकट दिलाने में मदद करता है. तो चलिए जानते हैं कैसे इस ऐप का इस्तेमाल किया जा सकता है?

कौन कर सकता है Jio Rail App का इस्तेमाल?
आपको बता दें, Jio Rail App का यूज हर कोई नहीं कर पाता है. इस ऐप को अभी केवल जियो फोन यूजर्स के लिए ही रोलआउट किया गया है. साथ ही इसने IRCTC के साथ हाथ भी मिलाया है. ट्रेन की टिकट बुक करने के लिए इस ऐप में बहुत सारे ऑप्शन, लेकिन सबसे खास इसमें ये है कि आपको बिना मेहनत किए कंफर्म टिकट मिल जाता है. 

पीएनआर स्टेटस भी कर सकते हैं चेक
बुकिंग के अलावा यूजर्स को अन्य बहुत सारे ऑप्शन दिए जाते हैं. जैसे आप इसी ऐप में PNR Status की जानकारी भी हासिल कर सकते हैं. यानी आपको ट्रेन का समय से लेकर हर जानकारी मोबाइल स्क्रीन पर मिल जाएगी. पीएनआर स्टेटस चेक करने के लिए आपको पहले टिकट बुकिंग करनी होगी. ऐसा करने के बाद आप आसानी से सभी जानकारी हासिल कर सकते हैं.

इसे भी पढ़ें-IFC ने इस बैंक को दिया करोड़ों का फंड, अब महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर, जानें कैसे?

जियो यूजर्स ऐसे करें बुकिंग 
इस ऐप को सभी जियो फोन में रोलआउट किया गया है. ऐसे में आपको सबसे पहले Jio Phone में 'Jio Rail App' में जाना होगा. यहां जाने के बाद आपको स्टेशन का चयन करना होगा. यानी किस स्टेशन से लेकर आप किस स्टेशन तक यात्रा करना चाहते हैं और इसके बाद आपको तारीख का चयन करना होगा. एक बार सभी चीजें चुनने के बाद आपको ट्रेन और सीट भी चुननी होगी. इसके बाद आसानी से आपको कंफर्म टिकट मिल जाएगा. 

कैंसिल का भी ऑप्शन
सबसे अहम बात ये भी है कि इस ऐप की मदद से यूजर टिकट बुक करने के साथ ही कैंसिल भी कर सकते हैं. साथ ही रेल टिकट बुकिंग का भुगतान करने के लिए यूजर डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
 


सिंगापुर, हांगकांग के बाद अब  इस पड़ोसी देश ने इन मसालों पर लगाया बैन, बताई ये वजह 

भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे ज्‍यादा मसालों का निर्यात करता है. भारत ने पिछले साल 75 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया है. 

Last Modified:
Saturday, 18 May, 2024
BWHindia

भारतीय मसालों पर सिंगापुर हांगकांग से शुरू हुआ संकट खत्‍म होने का नाम नहीं ले रहा है. इन सरकारों के बैन लगाने के बाद अब भारत के पड़ोसी नेपाल ने भी कुछ मसालों पर बैन लगा दिया है. नेपाल फूड टेक्‍नोलॉजी और क्‍वॉलिटी कंट्रोल डिपार्टमेंट ने इस बाबत गाइडलाइन जारी की है. नेपाल वो देश है जिसे पेट्रोल, डीजल से लेकर कई बुनियादी सामान भारत सप्‍लाई करता है. सिंगापुर-हांगकांग ने इन मसालों पर बैन इसलिए लगाया था क्‍योंकि वहां एमडीएच और एवरेस्‍ट मसालों में एथिलीन ऑक्‍साइड पाया गया था. 

नेपाल ने किन मसालों पर लगाया है बैन 
नेपाल सरकार की ओर से उन मसालों पर बैन नहीं लगाया है जिन पर सिंगापुर और हांगकांग ने बैन लगाया था. नेपाल ने जिन मसालों पर बैन लगाया है इनमें मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और मिक्‍स मसाला करी पाउडर के साथ साथ फिश करी मसाला जैसे प्रोडक्‍ट शामिल हैं. नेपाल सरकार के फूड विभाग की जांच में इन मसालों में एथिलीन ऑक्‍साइड की मात्रा तय सीमा से ज्‍यादा पाई गई है. इसलिए वहां की सरकार ने इनके इंपोर्ट और सेल में बैन लगा दिया है. नेपाल की फूड क्‍वॉलिटी कंट्रोल इकाइयों ने इंपोटर्स और ट्रेडर्स से इन प्रोडक्‍ट को वापस लेने को कहा है. 

ये भी पढ़ें: जानते हैं Google CEO को पसंद है दिल्‍ली,मुंबई और बेंगलुरु का कौन सा खाना? ये है इसका जवाब

भारतीय मसाला बोर्ड भी कर रहा है कार्रवाई 
हांगकांग और सिंगापुर का मामला सामने आने के बाद भारतीय मसाला बोर्ड ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है. एफएसएसएआई देश में रैंडम तरीके से मसालों की जांच कर रहा है, जिससे इस प्रकार के मामलों की कभी भविष्‍य में पुनरावृत्ति ना हो सके. सबसे दिलचस्‍प बात ये है कि भारतीय मसाला बोर्ड ने कुछ कंपनियों को मसालों को एक्‍सपोर्ट करने से भी मना कर दिया है. हालांकि जिन कंपनियों के प्रोडक्‍ट पर बैन लगा है उनमें से ज्‍यादातर का कहना है कि उनके प्रोडक्‍ट पूरी तरह से सुरक्षित हैं. 

सबसे ज्‍यादा मसालों का एक्‍सपोर्ट करता है भारत 
भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे ज्‍यादा मसालों का एक्‍सपोर्ट करता है. दुनियाभर में 109 मसाले हैं जिनका अलग-अलग देशों में इंपोर्ट एक्‍सपोर्ट होता है. उनमें से अकेले 75 का उत्‍पादन अकेले भारत करता है. पिछले साल भारत ने 75 हजार करोड़ रुपये के मसालों का निर्यात किया है. 
 


सिंगापुर हांगकांग के बाद अब  इस पड़ोसी देश ने इन मसालों पर लगाया बैन, बताई ये वजह 

भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे ज्‍यादा मसालों का निर्यात करता है. भारत ने पिछले साल 75 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया है. 

Last Modified:
Saturday, 18 May, 2024
BWHindia

भारतीय मसालों पर सिंगापुर हांगकांग से शुरू हुआ संकट खत्‍म होने का नाम नहीं ले रहा है. इन सरकारों के बैन लगाने के बाद अब भारत के पड़ोसी नेपाल ने भी कुछ मसालों पर बैन लगा दिया है. नेपाल फूड टेक्‍नोलॉजी और क्‍वॉलिटी कंट्रोल डिपार्टमेंट ने इस बाबत गाइडलाइन जारी की है. नेपाल वो देश है जिसे पेट्रोल, डीजल से लेकर कई बुनियादी सामान भारत सप्‍लाई करता है. सिंगापुर-हांगकांग ने इन मसालों पर बैन इसलिए लगाया था क्‍योंकि वहां एमडीएच और एवरेस्‍ट मसालों में एथिलीन ऑक्‍साइड पाया गया था. 

नेपाल ने किन मसालों पर लगाया है बैन 
नेपाल सरकार की ओर से उन मसालों पर बैन नहीं लगाया है जिन पर सिंगापुर और हांगकांग ने बैन लगाया था. नेपाल ने जिन मसालों पर बैन लगाया है इनमें मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और मिक्‍स मसाला करी पाउडर के साथ साथ फिश करी मसाला जैसे प्रोडक्‍ट शामिल हैं. नेपाल सरकार के फूड विभाग की जांच में इन मसालों में एथिलीन ऑक्‍साइड की मात्रा तय सीमा से ज्‍यादा पाई गई है. इसलिए वहां की सरकार ने इनके इंपोर्ट और सेल में बैन लगा दिया है. नेपाल की फूड क्‍वॉलिटी कंट्रोल इकाइयों ने इंपोटर्स और ट्रेडर्स से इन प्रोडक्‍ट को वापस लेने को कहा है. 

ये भी पढ़ें: जानते हैं Google CEO को पसंद है दिल्‍ली,मुंबई और बेंगलुरु का कौन सा खाना? ये है इसका जवाब

भारतीय मसाला बोर्ड भी कर रहा है कार्रवाई 
हांगकांग और सिंगापुर का मामला सामने आने के बाद भारतीय मसाला बोर्ड ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है. एफएसएसएआई देश में रैंडम तरीके से मसालों की जांच कर रहा है, जिससे इस प्रकार के मामलों की कभी भविष्‍य में पुनरावृत्ति ना हो सके. सबसे दिलचस्‍प बात ये है कि भारतीय मसाला बोर्ड ने कुछ कंपनियों को मसालों को एक्‍सपोर्ट करने से भी मना कर दिया है. हालांकि जिन कंपनियों के प्रोडक्‍ट पर बैन लगा है उनमें से ज्‍यादातर का कहना है कि उनके प्रोडक्‍ट पूरी तरह से सुरक्षित हैं. 

सबसे ज्‍यादा मसालों का एक्‍सपोर्ट करता है भारत 
भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे ज्‍यादा मसालों का एक्‍सपोर्ट करता है. दुनियाभर में 109 मसाले हैं जिनका अलग-अलग देशों में इंपोर्ट एक्‍सपोर्ट होता है. उनमें से अकेले 75 का उत्‍पादन अकेले भारत करता है. पिछले साल भारत ने 75 हजार करोड़ रुपये के मसालों का निर्यात किया है.