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Mutual Fund कंपनियों में धोखाधड़ी को लेकर SEBI सख्त, नियमों में किया बड़ा बदलाव
SEBI ने म्यूचुअल फंड को संचालित करने वाले नियमों में बदलाव किया. इसके तहत AMCs को संभावित बाजार दुरुपयोग रोकने के लिए एक Regulatory Framework स्थापित करना जरूरी बनाने का फैसला किया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 weeks ago
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) के डायरेक्टर बोर्ड ने म्यूचुअल फंड को संचालित करने वाले नियमों में बड़ा बदलाव किया. इसके तहत एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को संभावित बाजार दुरुपयोग रोकने के लिए एक ‘संस्थागत व्यवस्था’ (Regulatory Framework) स्थापित करना जरूरी बनाने का फैसला किया गया है. यह संस्थागत व्यवस्था पहचान और संभावित बाजार दुरुपयोग की रोकथाम के अलावा सिक्योरिटीज में ‘फ्रंट-रनिंग’ और धोखाधड़ी वाले लेनदेन पर नजर रखेगी. यहां फ्रंट-रनिंग का मतलब कीमत को प्रभावित करने वाली संवेदनशील जानकारी के आधार पर ब्रोकर का कारोबार करना है.
धोखाधड़ी पर नकेल कसने की तैयारी
सेबी ने डायरेक्टर बोर्ड की बैठक के बाद जारी एक बयान के मुताबिक, नियामक चाहता है कि AMC गलतियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले ‘व्हिसिल ब्लोअर’ तंत्र बनाकर पारदर्शिता को बढ़ावा दे. सेबी के डायरेक्टर बोर्ड की पिछले डेढ़ महीने में यह पहली बैठक है. इसके पहले 15 मार्च को बैठक हुई थी. AMC से संबंधित गड़बड़ी में फ्रंट रनिंग, भेदिया कारोबार और संवेदनशील जानकारी का दुरुपयोग शामिल हैं. जब कोई ब्रोकर या निवेशक गोपनीय जानकारी के आधार पर किसी कारोबार में शामिल होता है, उसे ‘फ्रंट रनिंग’ कहते हैं. यह ऐसी संवेदनशील जानकारी होती है, जिससे परिसंपत्ति की कीमत प्रभावित होती है.
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इन दो मामलों के बाद आया फैसला
यह निर्णय SEBI द्वारा Axis AMC और LIC से संबंधित दो ‘फ्रंट-रनिंग’ मामलों में जारी आदेश के बीच आया है. Axis AMC मामले में ब्रोकर-डीलरों, कुछ कर्मचारियों और संबंधित संस्थाओं को AMC के कारोबारों को ‘फ्रंट-रनिंग’ में लिप्त पाया गया था. वहीं LIC मामले में, बीमा कंपनी के एक कर्मचारी को सौदों की ‘फ्रंट-रनिंग’ करते हुए पाया गया था. SEBI ने बयान में कहा कि हाल में सामने आए मामलों को ध्यान में रखते हुए निदेशक मंडल ने संभावित बाजार दुरुपयोग की पहचान और निवारण के लिए AMC को एक व्यवस्थित संस्थागत तंत्र स्थापित करने के लिए SEBI (म्यूचुअल फंड) विनियम, 1996 में संशोधन को मंजूरी दी.
AMFI रोडमैप तैयार करेगा
म्यूचुअल फंड निकाय 'एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया' (AMFI) सेबी के परामर्श से ऐसे Regulatory Framework के लिए विस्तृत मानकों को तय करेगा. इसके अतिरिक्त, SEBI ने म्यूचुअल फंड के लिए समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रायोजक की समूह कंपनियों की प्रतिभूतियों के संबंध में निष्क्रिय योजनाओं के लिए विवेकपूर्ण मानदंडों को सुव्यवस्थित किया है. वर्तमान में, म्यूचुअल फंड योजनाओं को प्रायोजक की समूह कंपनियों में अपने नेट एसेट वैल्यू (NAV) का 25 प्रतिशत से अधिक निवेश करने की अनुमति नहीं है.
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