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वेदांता को सेबी ने दिया झटका, इस कंपनी को 77 करोड़ भुगतान करने का आदेश
वेदांता के प्रमुख निदेशकों पर बाजार प्रतिबंध लगा दिया गया है, इसमें चेयरमैन, सीएफओ, सीईओ और पूर्णकालिक निदेशकों को दो महीने के लिए बाजार में प्रवेश करने से रोक दिया गया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 months ago
बाजार नियामक सेबी ने भारत की अग्रणी खनन कंपनी वेदांता को लाभांश भुगतान (Overdue Dividend) में देरी करने के एवज में केयर्न यूके (Cairn UK) को 77.62 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. सेबी ने वेदांता के कई अधिकारियों को जिसमें कंपनी के अध्यक्ष से लेकर प्रबंध निदेशक सहित कई सीनियर अधिकारियों को दो महीने तक प्रतिभूति बाजार में जाने से रोक दिया है.
इन अधिकारियों पर हुई है सेबी की कार्रवाई
सेबी ने वेदांता के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नवीन अग्रवाल, पूर्णकालिक निदेशक तरुण जैन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी थॉमस अल्बनीस और मुख्य वित्तीय अधिकारी जीआर अरुण कुमार सहित वेदांता के प्रमुख निदेशक मंडल को दो महीने के लिए प्रतिभूति बाजार तक पहुंच से रोक दिया है. सेबी ने गैर-कार्यकारी निदेशक प्रिया अग्रवाल और स्वतंत्र निदेशकों के वेंकटरमणन, ललिता डी गुप्ते, अमन मेहता, रवि कांत और एडवर्ड टी स्टोरी को एक महीने के लिए बाजार में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया.
आखिर क्या है ये पूरा विवाद?
सेबी का आदेश वेदांता और केयर्न यूके से जुड़े पहले के (Retrospective tax dispute) विवाद से उपजा है. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल में केयर्न-वेदांता के बीच कर विवाद बढ़ गया था. दरअसल 2022 में, भारत ने अतीत में भारतीय संपत्तियों की बिक्री पर कराधान को लेकर चले आ रहे 17 विवादों को समाप्त कर दिया था. सरकार की सेटलमेंट स्कीम ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दौरान 2012 में आयकर अधिनियम में पेश किए गए दुरुपयोग विरोधी प्रावधान को लागू करके 28 मई 2012 से पहले की गई कर मांगों को रद्द करने की मांग की थी.
सेबी ने खारिज कर दिया वेदांता का तर्क
सेबी का मामला पूर्वव्यापी कर (Retrospective tax dispute) विवाद पर आधारित था जहां भारत सरकार ने 31 मार्च 2016 तक भारत में केयर्न यूके की संपत्तियों को जब्त कर लिया था, जिससे केयर्न यूके को भुगतान रोक दिया गया था. वेदांता ने तर्क दिया कि उस पर आयकर विभाग ने रोक लगाई थी. सेबी ने वेदांता की दलीलों को खारिज कर दिया और कहा कि आयकर विभाग के आदेश ने लाभांश हस्तांतरण (Dividend Transfer) पर रोक नहीं लगाई है. सेबी का यह फैसला वेदांता लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के 2019 और 2017 के पिछले फैसलों के बाद अक्टूबर 2022 में मामले की फिर से जांच करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद आया है.
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