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अनिल अंबानी को SC ने दिया बड़ा झटका, हाथ से निकले 8 हजार करोड़ रुपये, क्या है मामला?
एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी के दिन अभी बदलने शुरू ही हुए थे कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बड़ा झटका लगा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
अनिल अंबानी का कारोबार बीते कुछ दिनों में वापसी करता हुआ नजर आ रहा था और उनकी कंपनियों के शेयर तूफानी तेजी से भाग रहे थे. लेकिन बुधवार को उनके लिए एक बुरी खबर आ गई और ये झटका अनिल अंबानी को सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगा. दिल्ली मेट्रो से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने डीएमआरसी को राहत दी है. इससे पहले अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली मेट्रो यूनिट, दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (DAMEPL) के पक्ष में कोर्ट ने फैसला दिया था. जिसमें DMRC को DAMEPL को 8,000 करोड़ रुपये देने को कहा गया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अब डीएमआरसी को राहत दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के फैसले को बरकरार रखा.
अनिल अंबानी के हाथ से निकले 8,000 करोड़ रुपये
कर्ज में डूबे दिग्गज कारोबारी अनिल अंबानी की मुश्किलें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद और बढ़ गई हैं. दिल्ली मेट्रो से जुड़े 14 साल से चल रहे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जहां अनिल अंबानी को झटका दिया है, तो वहीं DMRC को राहत दी है. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली बेंच ने कहा कि डीएमआरसी द्वारा जमा की गई राशि वापस कर दी जाएगी. Reliance Infra और DMRC के बीच विवाद तब शुरू हुआ, जब साल 2012 में दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो ने Delhi Metro की कमियों का हवाला देते हुए एग्रीमेंट तोड़ दिया था.
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अब तक मामले में आए ये मोड़
सुप्रीम कोर्ट ने डीएमआरसी की ओर से दाखिल क्यूरेटिव याचिका को मंजूरी देते हुए अनिल अंबानी को ये बड़ा झटका दिया है. पूरे मामले को समझें तो सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के फैसले पर सहमति जताते हुए उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें हाई कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के खिलाफ आर्बिट्ररल अवॉर्ड पेटेंट इलैगिलिटी से ग्रस्त था. DMRC और DAMEPL ने 2008 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से सेक्टर 21 द्वारका तक 30 वर्षों के लिए एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन को डिजाइन, स्थापित, कमीशन, संचालित और बनाए रखने के लिए एग्रीमेंट किया था.
DMRC की क्यूरेटिव याचिका स्वीकार
इस मामले में आर्बिट्रेशन अवॉर्ड ने पहले DAMEPL के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसे चुनौती देते हुए डीएमआरसी हाई कोर्ट पहुंची थी, जहां बेंच ने आर्बिट्रेशन अवॉर्ड के आदेश को रद्द कर दिया था. इसके बाद अनिल अंबानी की कंपनी ने साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां अनिल अंबानी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए ऑरिजिनल आर्बिट्रल अवॉर्ड को बरकरार रखा गया. इस पर DMRC ने क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी, जिसे बुधवार को मंजूरी दे दी गई. ऑरिजिनल आर्बिट्रल अवॉर्ड की राशि अब तक बढ़कर 8000 करोड़ रुपये हो गई है. जो DAMEPL अब DMRC को लौटाएगी.
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