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भारत में सस्ता, तो दुनिया में इतना महंगा हो सकता है चावल
भारत ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर बैन लगा दिया है. DGFT की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार गैर-बासमती चावल का निर्यात पूरी तरह से बंद हो गया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
पूरी दुनिया को लगभग 40 प्रतिशत चावल निर्यात करने वाले भारत ने एक बड़ा कदम उठाते हुए गैर-बासमती चावल पर बैन लगा दिया है. भारत सरकार के इस कदम के बाद अब घरेलू बाजार में जहां चावल की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर दुनिया के बाजारों में चावलों के दामों में जबरदस्त इजाफा हो सकता है. जानकारों का कहना है कि भारत में चावल के दामों में कमी के मुकाबले दुनिया के बाजारों में दामों में कई गुना ज्यादा इजाफा हो सकता है.
कितना हो सकता है दामों में इजाफा
दरअसल रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद चावल के दामों में पूरी दुनिया में काफी इजाफा हो गया था. उस परिस्थिति में भारत की ओर से एक्सपोर्ट किए गए चावल ने सप्लाई चैन को बहाल करते हुए दामों को बढ़ने से रोका हुआ था. लेकिन अब भारत की ओर से चावल के निर्यात पर रोक के बाद वहां एक बार फिर दामों में बढ़ोतरी हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिंगापुर जैसे देशों के बाजार में चावल के दामों में 50 डॉलर प्रति मीट्रिक टन का इजाफा हो सकता है. ये इजाफा 100 डॉलर तक भी जा सकता है या उससे भी ज्यादा. मीडिया रिपोर्ट में ये बात वहां के एक मंडी कारोबारी के हवाले से कही गई है. इस बैन के बाद अब सभी लोग ये देख रहे हैं कि आखिर कितना इजाफा होता है. इसी तरह से बैंकाक के एक कारोबारी ने भी इसी तरह की बात कही है.
भारत में सस्ता हो सकता है चावल
हालांकि DGFT ( Directorate General of Foreign Trade) की ओर से नॉन-बासमती चावल पर जो बैन लगाया गया है, उस अधिसूचना में इसका कोई कारण नहीं बताया गया है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि दामों में होते इजाफे को रोकने के लिए सरकार की ओर से ये कदम उठाया गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 19 जुलाई तक बाजार में चावल की कीमत 40 रुपये तक जा पहुंची है, जो पिछले साल से 11.3 प्रतिशत ज्यादा है. चावल निर्यात में अगर भारत की हिस्सेदारी देखें तो वो कोई 40 प्रतिशत की है. जो 2023 में बढ़कर 41प्रतिशत तक जा पहुंची है. अब इस बैन के बाद भारत में कीमतों में कमी आने की उम्मीद है.
दुनिया भर में कितना होता है भारत से एक्सपोर्ट
भारत के एक्सपोर्ट बैन करने का असर इस बात से समझा जा सकता है कि भारत का पिछले कुछ सालों में चावल का एक्सपोर्ट कितना रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अगर 2019 से इसके आंकड़ों पर नजर डालें तो 2019-20 में जहां भारत 5 लाख मीट्रिक टन चावल का निर्यात कर रहा था, वहीं 2020-21 में ये निर्यात बढ़कर लगभग 12 लाख मीट्रिक टन को पार कर गया. इजाफे का ये सिलसिला तब से लगातार जारी है और 2021-22 में ये 15 लाख टन से भी ज्यादा को पार गया. इसी तरह से 2022-23 में ये आंकड़ा लगभग 16 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा पहुंच गया है.
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