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RBI बेचेगा 50,000 करोड़ की कीमत वाले VRRR, क्या है पूरा मामला?
इस नीलामी की शुरुआत RBI द्वारा 6 अक्टूबर को की जाएगी और इस नीलामी का आयोजन दोपहर 2:30 से लेकर 3 बजे के लिए किया जाएगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago
भारत का केंद्रीय बैंक RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) को लेकर इस वक्त एक काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. माना जा रहा है कि RBI द्वारा 14 दिनों की अवधी वाले VRRR (वेरिएबल रेट रिवर्स) नीलामी का आयोजन करने जा रहा है और इसकी कीमत 50,000 करोड़ रूपए बताई जा रही है.
क्या है पूरा मामला?
VRRR से संबंधित की जाने वाली इस नीलामी की शुरुआत RBI द्वारा 6 अक्टूबर को की जाएगी और इस नीलामी का आयोजन दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से लेकर 3 बजे के बीच आधे घंटे के लिए किया जाएगा. आपको बता दें कि RBI द्वारा की गई इस बिक्री के बाद फंड्स का रिवर्सल किया जाएगा और यह रिवर्सल 20 अक्टूबर 2023 को किया जाएगा. यह साड़ी जानकारी हाल ही में भारत के केंद्रीय बैंक द्वारा खुद साझा की गई है. आपको बता दें कि केंद्रीय बैंक द्वारा रिवर्स रेपो रेट ऑक्शन तभी की जाती है जब बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी की अधिकता को खत्म करना होता है.
रातों-रात बढ़ गए रेट
पिछले कुछ दिनों से बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी की स्थिति काफी टाइट बनी हुई है. आपको बता दें कि ऐसा इसलिए है क्योंकि I-CRR के रिवर्सल के बावजूद एडवांस टैक्स पेमेंट और GST का भुगतान किया गया था. इसकी वजह से रातों-रात रेट्स रेपो-रेट से ऊपर पहुंच गए और फैसिलिटी रेट की सीमा के करीब जा पहुंचे. इससे पहले जब बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी की अधिकता हुई थी तो अगस्त के महीने में RBI ने बैंकों से कहा था कि वह अपने NDTL (नेट डिमांड एवं टाइम लायबिलिटी) में 10% का I-CRR बनाकर रखें.
लिक्विडिटी के अधिक होने से क्या होता है?
RBI द्वारा यह फैसला लिक्विडिटी की अधिकता को खत्म करने के नजरिये से उठाया गया था और आपको बता दें कि 2000 के नोटों को वापस लेने का फैसला भी RBI द्वारा इसीलिए लिया गया था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लिक्विडिटी की अधिकता से ब्याज दरों पर दबाव पड़ता है और उनमें गिरावट देखने को मिलती है, क्योंकि बैंकों के पास लोन देने के लिए अधिक फंड मौजूद होते हैं. इसके साथ-साथ इकॉनमी में पैसों की पूर्ती पर भी इसका प्रभाव पड़ता है.
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