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RBI गवर्नर ने दी बैंकों को सावधान रहने की सलाह, जानिए क्या है मामला?
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों को अपनी आक्रामक रणनीतियों और ज्यादा से ज्यादा लोन प्रदान के प्रति सावधान रहने को कहा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
बैंकों द्वारा तेजी से वृद्धि करने के लिए अक्सर काफी बड़ी-बड़ी रणनीतियों का इस्तेमाल किया जाता है. ज्यादा से ज्यादा लोन उपलब्ध करवाया जाना भी ऐसी ही एक रणनीति होती है जिसके द्वारा बैंक अपनी वृद्धि सुनिश्चित करते हैं. हाल ही में पब्लिक और प्राइवेट क्षेत्र के बैंकों के बोर्ड मेंबर्स को संबोधित करते हुए भारत के केंद्रीय बैंक RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों को सावधान रहने की सलाह दी है.
किस चीज के प्रति किया सावधान?
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों को अपनी आक्रामक रणनीतियों और ज्यादा से ज्यादा लोन प्रदान के प्रति सावधान करते हुए कहा कि कुछ बैंक जांच प्रक्रियाओं के दौरान अपने द्वारा दिए गए लोन को छिपाने के लिए काफी इनोवेटिव तरीकों का सहारा ले रहे हैं. इतना ही नहीं गवर्नर ने यह भी कहा कि जब बैंकों द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे ऐसे किसी तरीके की तरफ इशारा किया जाता है तो बैंक उस तरीके को दूसरे तरीके से बदल लेते हैं लेकिन वह लगातार अपने द्वारा दिए गए लोन छिपाने की कोशिश करते हैं.
पिछले एक दशक में बढ़ी NPA की संख्या
बैंकिंग सिस्टम और कॉर्पोरेट गवर्नेंस को सुदृढ़ बनाने के बारे में बैंक बोर्ड से बात करते हुए RBI गवर्नर ने आगे कहा कि ऐसे स्मार्ट तरीकों के इस्तेमाल से किसे फायदा होता है? मैंने इस बात का जिक्र इसलिए किया है ताकि आप सभी ऐसे तरीकों पर ध्यान रख सकें. तेजी से वृद्धि करने के लिए बैंकों द्वारा भारी मात्रा में लोन उपलब्ध करवाए जाते हैं और बैंकों द्वारा दिए गए इन लोन को छिपाने की वजह से ही पिछले एक दशक के दौरान NPA (नॉन-परफोर्मिंग एसेट्स) में बहुत तेजी से बढ़ोत्तरी देखने को मिली थी.
2016 में की थी विशेष जांच
साल 2016 में RBI ने बैंकों की एक विशेष जांच की थी जिसे AQR (एसेट क्वालिटी रिव्यु) के नाम से जाना जाता है. इस जांच का मकसद ऐसे सभी लोन अकाउंट्स की पहचान करना था जिन्हें नॉन-परफोर्मिंग एसेट की श्रेणी में रखा जा सके. इस जांच के बाद ‘Bad Loans’ की मात्र में बहुत ज्यादा बढ़ोत्तरी देखने को मिली थी. NPA रेशो (सकल NPA 4.41% और नेट NPA 1.16%) का हवाला देते हुए RBI गवर्नर ने कहा कि 16.1% के Capital Adequacy रेट की बदौलत बैंकिंग सेक्टर स्थिर और मजबूत बना हुआ है और इस वक्त किसी तरह की मुश्किलों की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए.
डायरेक्टर्स को दी ये सलाह
RBI गवर्नर ने बैंकों के बोर्ड मेंबर्स को महत्त्वपूर्ण सलाह देते हुए कहा कि बिजनेस से संबंधित कोई भी फैसला लेने से पहले बोर्ड मेंबर्स को मैनेजमेंट से उपलब्ध जानकारी ले लेनी चाहिए. बैंकों के डायरेक्टरों को यह याद रखना चाहिए उनकी वफादारी बैंक से है किसी और से नहीं. डायरेक्टरों को संभावित या फिर वास्तविक ट्रांजेक्शनों पर भी नजर रखनी चाहिए.
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