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रघुराम राजन ने बताई वो सबसे बड़ी गलती, जो Bharat को नहीं करनी चाहिए
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर का मानना है कि भारत को मजबूत अर्थव्यवस्था के बारे में हो रहे प्रचार पर विश्वास नहीं करना चाहिए.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को लेकर हर तरफ से पॉजिटिव खबरें सामने आ रही हैं. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (S&P) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की ग्रोथ रेट का अनुमान बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है. इस बीच, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि भारत अपनी मजबूत आर्थिक वृद्धि को लेकर बनाए जा रहे माहौल पर विश्वास करके एक बड़ी गलती कर रहा है.
पहले ये करना जरूरी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व RBI गवर्नर ने कहा कि भारत को अपनी क्षमता को पूरा करने के लिए अभी महत्वपूर्ण संरचनात्मक समस्याओं को ठीक करने की जरूरत है. ऐसे में भारत अपनी मजबूत आर्थिक वृद्धि के बारे में "प्रचार" पर विश्वास करके बड़ी गलती कर रहा है. रघुराम राजन ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती वर्कफोर्स की शिक्षा और कौशल में सुधार करना होगा. इसे ठीक किए बिना, भारत को अपनी युवा आबादी के लाभों को हासिल करने के लिए संघर्ष करना होगा.
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नेता यही तो चाहते हैं
राजन ने कहा कि भारत द्वारा की जा सकने वाली सबसे बड़ी गलती ऐसे प्रचार पर विश्वास करना है. प्रचार को वास्तविक बनाने के लिए हमें अभी कई और साल कड़ी मेहनत करनी होगी. इस प्रचार पर विश्वास करना कुछ ऐसा है, जैसे नेता चाहते हैं कि आप विश्वास करें. क्योंकि वे चाहते हैं कि आप यह विश्वास करें कि हम लक्ष्य तक पहुंच चुके हैं, लेकिन ऐसा नहीं है और ये एक गंभीर गलती होगी. गौरतलब है कि तीसरी तिमाही में भारत की विकास दर सभी उम्मीदों को पार करते हुए 8.4 प्रतिशत रही है.
इस लक्ष्य को किया खारिज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को एक विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को खारिज करते हुए, पूर्व RBI बॉस ने कहा कि उस लक्ष्य की बात करना बकवास है. अगर आपके बहुत सारे बच्चे हाई स्कूल की शिक्षा प्राप्त नहीं करते हैं और ड्रॉप-आउट दर ज्यादा है. राजन ने कहा - हमारे पास एक बढ़ता हुआ कार्यबल यानी वर्कफोर्स है, लेकिन यह तभी फायदा देगा जब अभी अच्छी नौकरियों में कार्यरत हों. उन्होंने कहा कि भारत को सबसे पहले कार्यबल को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के योग्य बनाना होगा और मौजूद कार्यबल के लिए नौकरियां उत्पन्न करनी होंगी.
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