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महंगा Petrol आम जनता का नसीब, फिर टूट गई दाम घटने की उम्मीद!
ऑयल मार्केटिंग कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एमडी ने दाम घटने की खबरों को अटकलबाजी करार दिया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 3 months ago
बीते कुछ दिनों से मीडिया में खबर चल रही है कि लोकसभा चुनाव से पहले पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel Price) पर सरकार बड़ी राहत दे सकती है. तेल के दाम कम से कम 10 रुपए घट सकते हैं. लेकिन सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के चेयरमैन ने ऐसी खबरों को महज अटकलबाजी करार दिया है. यानी आम जनता को पेट्रोल पर होने वाले खर्च में कमी की उम्मीद छोड़ देनी चाहिए. उसे महंगा तेल ही खरीदना पड़ेगा, फिर चाहे कच्चे तेल के दाम कितने भी नीचे क्यों न आ जाएं. बता दें कि सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने कच्चे तेल के बढ़ते दामों का हवाला देकर ही पेट्रोल-डीजल रिकॉर्डतोड़ महंगा किया था.
वैश्विक स्तर पर स्थिति अस्थिर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक जी. कृष्णकुमार का कहना है कि ईंधन उत्पादों की खुदरा कीमतों में कटौती की मीडिया रिपोर्ट्स अटकलबाजी हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमारे फ्यूल प्रोडक्ट की रिटेल कीमतों में कटौती की खबरें काल्पनिक हैं. वैश्विक स्तर पर स्थिति अस्थिर है, इसलिए मामले की संवेदनशीलता के कारण फिलहाल यह टिप्पणी करना मुश्किल होगा कि कीमतें कब और क्या बदली जाएंगी. कृष्णकुमार ने बताया कि BPCL ने दिसंबर तिमाही के लिए कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट में 82% की वृद्धि दर्ज की है.
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माल भाड़े में हुई है वृद्धि
लाल सागर संकट पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हूती विद्रोही बाब-अल-मंडब स्ट्रेट के जरिए कॉमर्शियल जहाजों पर हमले कर रहे हैं. जिससे वैश्विक सप्लाई चेन प्रभावित हुई है. बाब-अल-मंडब चोकपॉइंट से प्रतिदिन 7 मिलियन बैरल (एमबीपीडी) कच्चा तेल, कंडेनसेट और रिफाइंड ऑयल प्रोडक्ट गुजरते हैं. कई प्रमुख शिपिंग कंपनियों ने अब इस प्राइमरी ईस्ट-वेस्ट ट्रेड रूट से हटने का फैसला किया है. हूती विद्रोहियों के हमले के चलते वैसे तो भारत में कच्चे तेल के फ्लो पर कोई असर नहीं पड़ा है, लेकिन रूट बदलने की वजह से माल भाड़े में वृद्धि हुई है. गौरतलब है कि एक साल से ज्यादा समय से पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर हैं. इससे पहले, तेल कंपनियों ने बेतहाशा मूल्यवृद्धि की थी.
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