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अब इस कंपनी ने भी अपने कर्मचारियों के ChatGPT इस्तेमाल पर लगाया प्रतिबंध
Microsoft और Google के बाद कई कंपनियां अपने AI को विकसित करने में लगी हुई हैं. वो मानती हैं कि अगर उनके कर्मचारी दूसरी कंपनी के AI का इस्तेमाल करते हैं तो उनकी इंटीलैक्चुअल प्रॉपर्टी लीक हो सकती है.
ललित नारायण कांडपाल 11 months ago
भले ही Google और Microsoft ने ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को लॉन्च करके बाजी मार ली हो लेकिन एक के बाद एक कई नामी कंपनियां इसके इस्तेमाल को लेकर बैन लगा रही है. अब तक कई नामी कंपनियां अपने कर्मचारियों पर इसके इस्तेमाल को लेकर बैन लगा चुकी हैं. उनका मानना है कि जबकि वो अपना खुद का AI लॉन्च करने की प्रक्रिया में हैं तो ऐसे में इसके कारण उनकी तकनीक लीक हो सकती है. इसे लेकर मौजूदा समय में कई नामी कंपनियां काम कर रही हैं.
अब किस कंपनी ने लगाया इस्तेमाल पर बैन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नामी टेक कंपनी Apple ने अब अपने कर्मचारियों के Chatgpt के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर कहा गया है कि Apple भी अपना AI लाने पर काम कर रहा है. इसलिए उसे आशंका है कि वो उसके कर्मचारियों द्वारा बाहरी AI का इस्तेमाल करने के कारण कहीं उसकी तकनीक लीक न हो जाए. इस डर के कारण Apple ने ये कदम उठाया है. ये डेवलपमेंट तब हुआ है जब Open AI, Apple के आईओएस फोन के लिए पहले ही एप बना चुका है.
अब तक कौन-कौन सी कंपनी लगा चुकी है बैन
Apple ही ऐसी कंपनी नहीं है जिसने अभी तक इस तरह का कदम उठाया है. इससे पहले Samsung, Amazon , JP Morgan और Deutsche bank जैसे संस्थान इससे पहले ही Chatgpt के इस्तेमाल पर पूरी तरह से बैन लगा चुके हैं. हाल के दिनों में, OpenAI ने चैटजीपीटी के लिए एक Incognito Mode (गुप्त मोड) शुरू करने की घोषणा की. यह मोड सुनिश्चित करता है कि AI मॉडल की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए यूजरों की बातचीत की हिस्ट्री या उपयोग को संग्रहीत नहीं करता है.
Microsoft और Google जैसी कंपनियां लॉन्च कर चुकी हैं AI
अब तक बाजार में सबसे पहले बाजार में Microsoft और Google जैसी कंपनियां अपने AI लॉन्च कर चुकी हैं. इन AI के गलत इस्तेमाल को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी सभी कंपनियो के प्रमुखों के साथ बातचीत कर चुके हैं. अब तक OpenAI चैटजीपीटी को लॉन्च कर चुका है जो कि गूगल की तरह एक सर्च इंजन है. लेकिन ये गूगल से काफी तेज है. इस तकनीक को लेकर पूरी दुनिया में जहां सक्रियता दिखाई दे रही है वहीं दूसरी ओर इससे पैदा होने वाले खतरों को लेकर भी सभी सरकारें चिंतित हैं.
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