पिछले साल पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के वक्त अमेरिका ने कहा था कि वो 2024 तक एक भारतीय को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में भेजेगा. गार्सेटी ने कहा कि हम उसी वायदे को पूरा करने को लेकर काम कर रहे हैं.
अब तक हथियारों से लेकर कई क्षेत्रों में कारोबार कर रहे भारत अमेरिका के बीच नए तरह का समन्वय शुरू होने जा रहा है. अमेरिका अब भारतीय एस्ट्रोनॉट को विशेष प्रशिक्षण देने जा रहा है. उन्होंने बताया कि ये भारत और अमेरिका के बीच किए गए कई वायदों में एक वायदा है. भारत में अमेरिका के दूत एरिक गार्सेटी ने ये बात यूएसआईबीसी की एक मीटिंग के बाद कही.
एरिक गार्सेटी ने कही क्या बात?
एरिक गार्सेटी ने कहा कि हम जल्द ही इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से निसार उपग्रह को प्रक्षेपित करने जा रहे हैं. ये उपग्रह पारिस्थिति तंत्र पृथ्वी की सतह, प्राकृतिक खतरों, समुद्र के स्तर में बढ़ोतरी और क्रायोस्फीयर सहित सभी तरह के संसाधनों की निगरानी करेगा. निसार उपग्रह भारत और अमेरिका के बीच एक संयुक्त साझेदारी में बना उपग्रह है. उन्होंने ये भी कहा कि शांति के क्षेत्र में हो या अंतरिक्ष के क्षेत्र में दोनों देशों ने मिलकर काम किया है.
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क्या बोले इसरो प्रमुख?
इसरो प्रमुख सोमनाथ ने इस मौके पर कहा कि मैं दोनों देशों शीर्ष नेतृत्व की दूरदर्शी सोच को सलाम करता हूं जिन्होंने इस तरह का समझौता किया है. उन्होंने कहा कि इस बात की खुशी है कि दोनों देश चंद्रमा को एक स्थाई जगह के तौर पर देखते हैं जहां जाकर दोनों लोग स्थायी रूप से काम कर सकते हैं. बेंगलुरु में आयोजित हुई इस बैठक में कई प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे. इसमें अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी और इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ मौजूद रहे.
इस मिशन पर काम कर रहा है भारत
पिछले साल अमेरिका की यात्रा पर गए थ तो अमेरिका ने कहा था कि 2024 के आखिरी तक एक भारतीय को इंटरनेशनल स्पेस सेंटर तक भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने उस वायदे को पूरा करने को लेकर काम करना शुरू कर दिया है. एरिक गार्सेटी ने ये बात भारतीय स्टार्टअप के लिए अवसरों की शुरूआत जैसे कार्यक्रम को लेकर कही.
गौतम अडानी भूटान में आने वाले समय में कई सेक्टरों में काम करने की तैयारी कर रही है. इसमें कनेक्टिविटी, ग्रीन हाइड्रो प्रोजेक्ट और बार्डर ट्रेड शामिल हैं.
भारत में पोर्ट से लेकर पावर सेक्टर तक काम करने वाले गौतम अडानी की उड़ान अब पड़ोसी देशों तक पहुंच गई है. इसी कड़ी में गौतम अडानी भारत के पड़ोसी भूटान में हाइड्रोप्रोजेक्ट की शुरूआत करने जा रहे हैं. अडानी समूह भूटान में 570 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट बनाने जा रहा है. दोनों के बीच रविवार को इस पर समझौता हो चुका है. गौतम अडानी ने इस समझौते के बाद ट्वीट करते हुए लिखा कि भूटान के पीएम से मुलाकात काफी सुखद रही.
ट्वीट करके गौतम अडानी ने क्या कहा?
अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘भूटान के महामहिम राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मिलकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. भूटान के लिए उनके दृष्टिकोण और बड़े कंप्यूटिंग केंद्रों और डेटा सुविधाओं सहित गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी के लिए महत्वाकांक्षी पर्यावरण अनुकूल मास्टरप्लान से प्रेरित हूं. इन परिवर्तनकारी पहलों के साथ-साथ कार्बन नेगेटिव राष्ट्र के लिए हरित ऊर्जा प्रबंधन पर सहयोग करने के लिए उत्साहित हूँ!
पिछले साल नवंबर में भी हो चुकी है मुलाकात
गौतम अडानी ने पिछले साल नवंबर में भी भूटान नरेश के साथ मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद भूटान नरेश ने कहा था कि वो अपने मित्र गौतम अडानी के लिए ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर में योगदान देने के लिए अवसरों की तलाश कर रहे हैं.
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अडानी से पहले पीएम मोदी से मिले थे भूटान के राजा
गौतम अडानी से भूटान नरेश ने पीएम मोदी से मुलाकात कर कई मामलों पर बातचीत की थी. इस मुलाकात में दोनों पक्षों के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई थी. दोनों देशों के बीच जिन क्षेत्रों में काम करने को लेकर साझेदारी हुई है उनमें कनेक्टिविटी के नए क्षेत्र, सीमा पार व्यापार को और आसान बनाना, ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्पेस टेक्नोलॉजी जैसी चीजें शामिल हैं.
अडानी समूह ने किया पेन्ना सीमेंट का अधिग्रहण
गौतम अडानी ने सीमेंट सेक्टर में अपनी ताकत को और बढ़ाते हुए हाल ही में पेन्ना सीमेंट इंडस्ट्रीज लिमिटेड को खरीदने का ऐलान किया. अंबुजा सीमेंट ने 100 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण 10.422 करोड़ रुपये में किया. इस अधिग्रहण के साथ अंबुजा सीमेंट के सालाना सीमेंट उत्पादन की क्षमता प्रति वर्ष 14 मिलियन टन बढ़कर 89 मिलियन टन प्रति वर्ष हो गई है.
शैलेन्द्र शेट्टी RPSG Lifestyle Media के तहत ओपन मैगजीन, फॉर्च्यून और विभिन्न नई मीडिया संपत्तियों की देखरेख करेंगे.
एबीपी (ABP) के शैलेन्द्र Chief Business Officer के रूप में आरपी संजीव गोयनका लाइफस्टाइल मीडिया (RPSG Lifestyle Media) में शामिल हुए हैं. इस नए संस्थान में शैलेन्द्र शेट्टी अपने साथ रणनीतिक व्यवसाय विकास, डिजिटल सेल्स और टीम लीडरशिप में प्रचुर अनुभव लेकर आए हैं. वह आरपीएसजी लाइफस्टाइल मीडिया में ओपन मैगजीन, फॉर्च्यून और विभिन्न न्यू मीडिया असेट्स की देखरेख करेंगे.
एबीपी में 3, एनडीटीवी में 7 साल का अनुभव
शेट्टी ने एबीपी नेटवर्क में नेशनल सेल्स डायरेक्टर डिजिटल के रूप में लगभग तीन साल काम किया. उनके करियर में द स्वे (The Sway) के को-फाउंडर और सीडर्स मीडिया (Seeders Media) में एक भागीदार के रूप में एंटरप्रेन्योरियल वेंचर्स भी शामिल है, जो तीन साल का संयुक्त कार्यकाल है. इससे पहले शेट्टी ने जिरका डिजिटल सॉल्यूशंस (Zirka Digital Solutions) में सीनियर वीपी (Senior VP) के रूप में 5 साल और एडेम (Aidem) में 4 साल तक काम किया. उन्होंने एनडीटीवी (NDTV) में भी 7 साल काम किया है, जहां वे एक प्रमुख लीडर के रूप में उभरे और स्टार में 2 साल की अवधि शामिल है.
यहां से की करियर की शुरुआत
अपने करियर की शुरुआत में शेट्टी ने जिलॉग सिस्टम्स (Zilog Systems) में एक एप्लिकेशन डेवलपर के रूप में काम किया और मीडिया उद्योग में आने से पहले 6 साल गैर-मीडिया भूमिकाओं में बिताए.
आरपीएसजी ग्रुप ने अपनी एडिटोरियल टीम को किया मजबूत
बता दें, इससे पहले जाबिर मर्चेंट (Jabir Merchant) कॉनडे नास्ट (Conde Nast) से आरपीएसजी लाइफस्टाइल मीडिया में शामिल हुए थे, जिसकी रिपोर्ट सबसे पहले e4m.com ने दी थी. पिछले साल, जमाल शेख को आरपीएसजी ग्रुप के लाइफस्टाइल मीडिया बिजनेस के सीओओ (COO) के रूप में नियुक्त किया गया था और उन्होंने प्रीमियम लाइफस्टाइल पत्रिका एस्क्वायर और वेडिंग वर्टिकल, मेनिफेस्ट लॉन्च किया था, जिसमें एक पत्रिका, डिजिटल सगाई, ऑनलाइन अनुभव और बहुत कुछ शामिल होगा. इसके अतिरिक्त, समूह ने चैती नरूला और सोनल नेरुरकर जैसी नियुक्तियों के साथ अपनी संपादकीय टीम को मजबूत किया है. वहीं, अब शेट्टी के व्यापक अनुभव और लीडरशिप से आरपीएसजी मीडिया के लिए और अधिक विकास और नवाचार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
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ट्वीट करने वाले विनीत के इस ट्वीट को अब तक 700 से ज्यादा लोग कमेंट कर चुके हैं 723 लोग अपनी वॉल पर रिट्वीट कर चुके हैं.
देश का एविएशन सेक्टर भले ही तेजी से आगे बढ़ रहा हो और एविएशन कंपनियां नए विमानों को लेकर बड़े-बड़े सौदे कर रही हों लेकिन विमान कंपनियों की सर्विस का बुरा हाल है. कुछ ऐसा ही खराब सर्विस से एक बिजनेस क्लास में सफर करने वाले यात्री को तब रूबरू होना पड़ा जब उन्होंने पांच लाख की टिकट खरीदी और बावजूद उसके न तो उन्हें अच्छा खाना मिला और न ही उन्हें सीट मिली और ना ही उनकी सीट का म्यूजिक सिस्टम अच्छा मिला. उन्होंने पांच लाख रुपये का ये टिकट एयर इंडिया की फ्लाइट में लिया था जिससे उन्होंने दिल्ली से नेवॉर्क की यात्रा की . उन्होंने हमेशा याद रहने वाले इस खराब सफर को सोशल मीडिया पर बयां किया है.
आखिर क्या है ये पूरा मामला?
दरअसल एक नामी कंपनी में काम करने वाले विनीत को आफिस के काम से नेवॉर्क जाना था. 12 घंटे के इस सफर के लिए उन्होंने एयर इंडिया को चुना जिसके लिए उन्होंने 5 लाख रुपये की बिजनेस क्लॉस की टिकट भी खरीदी. लेकिन वो क्या जानते थे उनका ये सफर एक बूरे सपने की तरह हमेशा उन्हें याद रहने वाला है.उन्होंने एक्स पर 15 जून की रात 9.22 मिनट पर इस पोस्ट को हॉरर सफर का नाम दिया है.
अपने ट्वीट में क्या लिखते हैं विनीत?
विनीत अपने ट्वीट में पूरे सफर की इस कहानी को बयां करते हुए लिखते हैं…डरावनी कहानी नई दिल्ली से नेवार्क (एआई 105) से एयरइंडिया की बिजनेस क्लास उड़ान के साथ. कुछ वर्षों तक अमीरात के साथ उड़ान भरने के बाद, मैं हाल ही में एयर इंडिया में चला गया क्योंकि वे एनवाई, शिकागो और लंदन के लिए सीधी उड़ानें मुहैया कराते हैं. जो अक्सर मेरी यात्रा के गंतव्य होते हैं. कल की फ्लाइट किसी बुरे सपने से कम नहीं थी..ऑफिशियल यात्रा के लिए बिजनेस क्लास बुक की गई सीटें साफ-सुथरी नहीं थीं, घिसी-पिटी थीं और 35 में से कम से कम 5 सीटें काम नहीं कर रही थीं.
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वो आगे लिखते हैं कि उड़ान में 25 मिनट की देरी और उड़ान भरने के 30 मिनट बाद, मैं सोना चाहता था (सुबह 3.30 बजे) और मुझे एहसास हुआ कि मेरी सीट फ्लैट बिस्तर पर नहीं जाती है, क्योंकि यह काम नहीं कर रहा है... क्रू से अनुरोध किया और 10 मिनट की कोशिश के बाद, वे मुझे दूसरी सीट पर ले गए जो काम कर रही थी. कुछ घंटों के बाद उठा, खाना परोसा जा चुका था और वह कच्चा था (एयर इंडिया में कभी इसका सामना नहीं हुआ था), फल बासी थे (जहाज पर सवार सभी लोग वापस लौट आए). टीवी/स्क्रीन ने कभी काम नहीं किया. ऐसा नहीं है कि मैंने देखा होगा, बस कोशिश की और इसमें दिखाई दिया कि त्रुटि नहीं दिखाई दी. इस सब के बाद, ताबूत में आखिरी कील यह है कि उन्होंने मेरा सामान तोड़ दिया. ख़राब खाना, घिसा पिटा खाना, गंदे सीट कवर, 500000 रुपये का नॉन वर्किंग टीवी (राउंड ट्रिप), मेरा सामान क्षतिग्रस्त. मेरे पास सस्ती कीमत पर एतिहाद था, लेकिन एआई को चुना क्योंकि यह सीधी उड़ान सेवा प्रदान करता है.
एयर इंडिया ने इस पर क्या कहा?
हर एयरलाइन की तरह एयर इंडिया ने भी उनकी इस शिकायत एक गंभीर सा दिखने वाला एक ट्वीट करते हुए जवाब लिखा…एयर इंडिया ने लिखा….डियर सर आपको जिस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा हम नहीं चाहते हैं किसी पैसेंजर के साथ ऐसा हो. आप हमें अपनी बुकिंग डिटेल को मैसेज कीजिए,सीट नंबर और डीबीआर, फाइल रिफरेंस नंबर. हम जल्द ही इस मामले को देखेंगे.
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने दी अपनी प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर उनके ट्वीट करने के साथ ही कई लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कई बातें कही. उनके इस ट्वीट को अब तक 700 से ज्यादा लोग कमेंट कर चुके हैं, 723 लोग अपनी वॉल पर रिट्वीट कर चुके हैं, साढ़े तीन हजार लोग लाइक कर चुके हैं,9 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं. उनके इस ट्वीट पर अपनी बात कहते हुए एक शख्स लिखते हैं कि ‘उम्मीद है कि आपकी वापसी के समय वे आपको नए बी777 में बैठा देंगे, अन्यथा वे आपको भागीदार एयरलाइन में बदलने का सुझाव देंगे’.
एक अन्य शख्स उनके इस ट्वीट पर अपनी बात लिखते हुए कहते हैं कि ‘मुंबई से NYC जाते समय मुझे भी ऐसा ही अनुभव हुआ लेकिन सौभाग्य से नए विमान में मेरी वापसी की उड़ान शानदार रही. मुझे उम्मीद है कि जब उनके पास अपना पूरा नया बेड़ा आ जाएगा तो वे इन जर्जर विमानों को बंद कर देंगे.’
अभी तक बिकवाली कर रहे विदेशी निवेशकों का भरोसा भारतीय शेयर बाजार पर फिर से देखने को मिल रहा है.
केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद भारतीय शेयर बाजार पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई (FPI) का भरोसा फिर एक बार लौटता नजर आ रहा है. डोमेस्टिक और ग्लोबल मार्केट्स के पॉजिटिव ट्रेंड के बीच FPI ने 14 जून को खत्म सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों में 11,730 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश/नेट इनफ्लो किया है. डिपॉजिटरी डेटा से यह जानकारी मिली है. इससे पिछले यानी 3 से 7 जून के सप्ताह के दौरान एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 14,794 करोड़ रुपये (1.77 अरब डॉलर) निकाले थे.
शेयर बाजार में डाले इतने पैसे
घरेलू और वैश्विक बाजारों के सकारात्मक रुख के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 14 जून को समाप्त सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों में 11,730 करोड़ रुपए का निवेश किया है. इससे पिछले यानी तीन से सात जून के सप्ताह के दौरान एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 14,794 करोड़ रुपये (1.77 अरब डॉलर) निकाले थे. ताजा निवेश के बाद इस महीने अबतक FPI की शेयरों से शुद्ध निकासी 3,064 करोड़ रुपये रही है.
इससे पहले मई में FPI ने चुनावी नतीजों से पहले शेयरों से 25,586 करोड़ रुपये निकाले थे. वहीं मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में निरंतर वृद्धि की चिंताओं के कारण अप्रैल में उन्होंने 8,700 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी. वहीं FPI ने मार्च में शेयरों में 35,098 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था, जबकि जनवरी में उन्होंने 25,743 करोड़ रुपये निकाले थे. इस महीने 14 जून तक एफपीआई ने डेट या बॉन्ड बाजार में 5,700 करोड़ रुपये डाले हैं. कुल मिलाकर इस साल अबतक एफपीआई शेयरों से शुद्ध रूप से 26,428 करोड़ रुपए निकाले चुके हैं. इस दौरान उन्होंने बॉन्ड बाजार में 59,373 करोड़ रुपए डाले हैं.
इस वजह से बढ़ी उम्मीद
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि जून के पहले सप्ताह में उतार-चढ़ाव के बाद बाजार में स्थिरता लौटी है. मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इस बार की सरकार सहयोगी दलों पर निर्भर है, लेकिन लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सत्ता में आने से नीतिगत सुधारों और आर्थिक वृद्धि के जारी रहने की उम्मीद बनी है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका में उम्मीद से कम मुद्रास्फीति के आंकड़ों ने भी इस साल दर कटौती की उम्मीद बढ़ा दी है.
इस सप्ताह कमाई का मौका आने वाला है. इस बार एक या दो नहीं 9 कंपनियों के आईपीओ इस सप्ताह खुलेंगे. इनमें निवेश करके आप अच्छी कमाई कर सकते हैं.
लोकसभा चुनाव के कारण सुस्त सप्ताह के बाद प्राइमरी मार्केट अब फिर से एक्टिव होने वाला है. अगले हफ्ते 2, 5, 7 नहीं पूरे 9 आईपीओ ओपन होंगे. वहीं एक कंपनी शेयर बाजार में डेब्यू करेगी. पिछले हफ्ते, Ixigo IPO, जिसने अपर प्राइस बैंड पर 740.10 करोड़ रुपए से ज्यादा जुटाए हैं को निवेशकों की ओर से अच्छा रिस्पांस मिला है. ऐसे में जिन कंपनियों के आईपीओ आने वाले हैं वो भी काफी एक्साइटिड हैं. आइए उन आईपीओ की लिस्ट को देखते हैं, जो इस हफ्ते ओपन होने वाले हैं.
Aasaan Loans IPO- NBFC एक्मे फिनट्रेड इंडिया का IPO 19 जून को खुलने जा रहा है. इसके लिए प्राइस बैंड 114 से 120 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. लॉट साइज 125 शेयर है. इस IPO को Aasaan Loans IPO भी कहा जा रहा है. कंपनी का इरादा 132 करोड़ रुपये जुटाने का है. IPO की क्लोजिंग 21 जून को होगी. शेयरों की लिस्टिंग BSE, NSE पर 26 जून को होगी.
Falcon Technoprojects India IPO- 13.69 करोड़ रुपये का यह पब्लिक इश्यू 19 जून को खुलेगा और 21 जून को क्लोज होगा. प्राइस बैंड 92 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 1200 शेयर है. शेयरों की लिस्टिंग NSE SME पर 26 जून को होगी.
Durlax Top Surface IPO- कंपनी का इरादा 40.80 करोड़ रुपये जुटाने का है. यह IPO भी 19 जून को खुलकर 21 जून को बंद होगा. प्राइस बैंड 65 से 68 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 2000 शेयर है. शेयरों की लिस्टिंग NSE SME पर 26 जून को होगी.
DEE Piping Systems IPO- 418.01 करोड़ रुपये के इस IPO में 19 जून से लेकर 21 जून तक पैसे लगा सकेंगे. प्राइस बैंड 193 से 203 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 73 शेयर है. शेयरों की लिस्टिंग BSE और NSE पर 26 जून को होगी.
GEM Enviro IPO- यह इश्यू भी 19 जून को खुलेगा और 21 जून को क्लोज होगा. कंपनी 44.93 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. प्राइस बैंड 71 से 75 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 1600 शेयर है. शेयरों की लिस्टिंग BSE SME पर 26 जून को होगी.
Winny Immigration IPO- इश्यू 20 जून को खुलेगा और 24 जून को क्लोज होगा. प्राइस बैंड 140 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 1000 शेयर है. कंपनी का इरादा 91.28 करोड़ रुपये जुटाने का है. शेयरों की लिस्टिंग NSE SME पर 27 जून को होगी.
Dindigul Farm Product IPO (EnNutrica IPO)- 34.83 करोड़ रुपये का यह इश्यू 20 जून को खुलकर 24 जून को क्लोज होगा. 51 से 54 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय हुआ है. मिनिमम लॉट साइज 2000 शेयर है. शेयरों की लिस्टिंग BSE SME पर 27 जून को होगी.
Medicamen Organics IPO- यह IPO 21 जून को खुलेगा और 25 जून को बंद होगा. प्राइस बैंड 32 से 34 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 4000 शेयर है. कंपनी 10.54 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. शेयर NSE SME पर 28 जून को लिस्ट होंगे.
Stanley Lifestyles IPO- लग्जरी फर्नीचर ब्रांड स्टेनली लाइफस्टाइल्स IPO के जरिए 537 करोड़ रुपये जुटाना चाहता है. कंपनी का पब्लिक इश्यू 21 जून को खुलने वाला है. इसके लिए प्राइस बैंड 351-369 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 40 शेयर तय किया गया है. इश्यू की क्लोजिंग 25 जून को होगी. शेयरों की लिस्टिंग BSE और NSE पर 28 जून को हो सकती है.
इस कंपनी की होगी लिस्टिंग
शेयर बाजार में नए सप्ताह में जो एक कंपनी लिस्ट होगी वह Ixigo की पेरेंट कंपनी Le Travenues Technology है. इसका IPO 10 जून को खुलकर 12 जून को बंद हुआ. शेयरों की लिस्टिंग BSE और NSE पर 18 जून को होगी. IPO 98.10 गुना सब्सक्राइब हुआ.
पेटीएम कंपनी की रीस्ट्रक्चरिंग में जुटी हुई है. कंपनी छंटनी के साथ ही अन्य कारोबार भी बेचने की तैयारी में है.
संकट के दौर से गुजर रही पेटीएम (Paytm) ने अपने मूवी और इवेंट टिकटिंग बिजनेस को बचने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमाटो (Zomato) से बातचीत की जा रही है. फिनटेक कंपनी पेटीएम ने यह फैसला रीस्ट्रक्चरिंग के तहत लिया है. पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा बैन लगाए जाने के बाद पेटीएम के कारोबार को तगड़ा झटका लगा है. ऐसे में वह गिरती हुई सेल्स को संभालने के लिए एक साथ कई विकल्प पर काम कर रही है.
1500 करोड़ में हो सकती है डील
दिग्गज ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो फिनटेक फर्म पेटीएम से मूवी टिकटिंग और इवेंट बिजनेस को खरीदने पर बातचीत कर रही है. सामने आई जानकारी की मानें, यह डील लगभग 1,500 करोड़ रुपये हो सकती है. दरअसल, जोमैटो के मालिक दीपिंदर गोयल अपने बिजनेस को डबल करना चाहते हैं.वहीं, फिनटेक फर्म पेटीएम मौजूदा ब्रिकी में भारी गिरावट के बाद रणनीतिक बदलाव के तहत अपने मूवी और इवेंट टिकटिंग डिवीजन को बेचने की तैयारी कर रही है.
फाइनेंशियल सर्विस पर पेटीएम का फोकस
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मूवी और इवेंट टिकटिंग बिजनेस) को बेचने के लिए पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस (One97 Communications) और जोमाटो के बीच बातचीत शुरू हो चुकी है. मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मूवी और इवेंट टिकटिंग बिजनेस को बैचकर कंपनी UPI पेमेंट सेगमेंट में अपनी खोई हुई इज्जत को वापस हासिल करने का प्रयास करेगी. इस बिजनेस को बेचने के लिए जोमाटो के अलावा अन्य विकल्प पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है.
Zomato का दूसरा सबसे बड़ा अधिग्रहण
अगर यह डील फाइनल होता है, तो यह जोमैटो की दूसरी सबसे बड़ी खरीद होगी. कंपनी ने इससे पहले 2021 में किक कॉमर्स प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट का अधिग्रहण किया गया था, जो 4,447 करोड़ रुपये का ऑल-स्टॉक डील था. पेटीएम के इवेंट और मूवी टिकटिंग बिजनेस में जोमैटो की दिलचस्पी रणनीतिक रूप से फिट बैठती है, जो फूड, ग्रॉसरी और एंटरटेनमेंट सहित कई कैटेगरी में कंज्यूमर डिमांड को पूरा करने के इसके बड़े उद्देश्य को पूरा करती है. वन 97 कम्युनिकेशंस ने 2017 में इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर (OML) बैक्ड ऑनलाइन टिकटिंग और इवेंट प्लेटफॉर्म इनसाइडर डॉट इन को 35 करोड़ में खरीदा था.
जोमाटो का बिजनेस और हो जाएगा बड़ा
पेटीएम ने मूवी और इवेंट टिकटिंग बिजनेस के आंकड़ों की जानकारी तो नहीं दी है. मगर, मार्च, 2024 में मार्केटिंग सर्विस बिजनेस के जरिए कंपनी को 17.4 अरब डॉलर की सालाना सेल्स हासिल हुई थी. इसमें मूवी और इवेंट टिकटिंग के साथ ही क्रेडिट कार्ड मार्केटिंग एवं गिफ्ट वाउचर्स बिजनेस भी शामिल है. यदि जोमाटो के साथ पेटीएम की डील सफल हो जाती है तो कंपनी ट्रेवल, डील्स और कैशबैक बिजनेस पर फोकस कर सकेगी. इसकी मदद से पेटीएम को अपनी सेल्स और मर्चेंट बेस बढ़ाने में मदद मिलेगी. उधर, जोमाटो का डिजिटल बिजनेस भी बड़ा हो जाएगा.
राजनाथ सिंह के डिफेंस एक्सपोर्ट बढ़ाने की खबर के साथ ही डिफेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में तेजी आई है.
मोदी 3.0 में जिन सेक्टर्स पर सरकार का सबसे ज्यादा जोर रहेगा उनमें डिफेंस भी शामिल है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि सरकार डिफेंस एक्सपोर्ट को लेकर काफी गंभीर है. उन्होंने बताया कि सरकार अगले पांच सालों में डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ाकर 50000 करोड़ रुपए तक करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. सरकार की इस तैयारी से डिफेंस सेक्टर के लगभग सभी शेयरों में उछाल देखने को मिल रहा है.
इन कंपनियों के शेयर चढ़े
इस सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को डिफेंस सेक्टर्स से कंपनियों के शेयरों में ज़बरदस्त तेजी देखने को मिली. इस दौरान, पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के शेयर सबसे ज्यादा 20 प्रतिशत तक चढ़ गए. PTC Industries, BEML, Bharat Electronics, MTAR Technologies, Bharat Dynamics, ideaForge Technology, Zen Technologies, Astra Microwave Products और Hindustan Aeronautics में भी तेजी देखने को मिली. पारस डिफेंस के शेयर 1,156.90 रुपए पर बंद हुए, जो इसका 52 हफ्तों का उच्च स्तर भी है.
PTC का रिकॉर्ड शानदार
रिटर्न की बात करें, तो पीटीसी का रिकॉर्ड अब तक शानदार रहा है. बीते एक साल में यह शेयर अपने निवेशकों को 294.65% का रिटर्न दे चुका है. जबकि इस साल अब तक इसमें 123.46% की तेजी आई है. वहीं, पारस ने एक साल में 109.19 फीसदी का रिटर्न दिया है. जबकि पिछले सिर्फ 1 महीने में यह आंकड़ा 60 प्रतिशत से अधिक निकल गया है. इस शेयर में पैसा लगाने वालों का पैसा बीते 5 दिनों में 27% तक बढ़ गया है. बता दें कि भारत 85 देशों को डिफेंस इक्विपमेंट भेजता है. अब मोदी सरकार डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ाकर 50000 करोड़ करना चाहती है.
पारस डिफेंस की स्थिति मजबूत
पारस डिफेंस मुख्य रूप से डिफेंस और स्पेस इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स और सॉल्यूशंस प्रदान कराती है. डिजाइन, डेवलपमेंट, मैन्युफैक्चरिंग और टेस्टिंग में लगी इस कंपनी के प्रमोटरों के पास मार्च 2024 तक कंपनी में 58.94 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. इस कंपनी प्रमुख ग्राहकों में DRDO, ISRO, डिफेंस शिपयार्ड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, लार्सन एंड टुब्रो और टाटा ग्रुप शामिल हैं. पारस डिफेंस ने पिछले कुछ सालों में कई नए क्षेत्रों में प्रवेश करके सात नई सहायक कंपनियों की स्थापना की है. कंपनी फिलहाल ड्रोन, मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) और ड्रोन रोधी प्रणालियों पर फोकस कर रही है.
HAL पर बुलिश ब्रोकरेज
इसी तरह, पब्लिक सेक्टर की डिफेंस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) के शेयरों पर ब्रोकरेज फर्म बुलिश नजर आ रही हैं. डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर की इस कंपनी के शेयर कल 1.73% की तेजी के साथ 5,188 रुपए पर बंद हुए. इससे कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 3.47 लाख करोड़ रुपए हो गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के शेयरों में तेजी की उम्मीद जताते हुए इसे Buy रेटिंग दी है. फर्म ने इसका टार्गेट प्राइज 5725 रुपए रखा है. इस हिसाब से देखें तो HAL के शेयरों में लगभग 10% की रैली आ सकती है. बता दें कि 31 मार्च 2024 को समाप्त तिमाही में HAL का नेट प्रॉफिट 52% बढ़कर 4309 करोड़ रुपए रहा. कंपनी ने तिमाही के दौरान 17600 करोड़ रुपए के ऑर्डर भी प्राप्त किए, जो एक साल पहले की तुलना में 135% अधिक है.
एनपीपीएन ने हाल ही में हुई 124 वीं बैठक में ये फैसला लिया गया था. एनपीपीए आम लोगों के द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के दामों का निर्धारण करती है.
महंगाई के इस दौर में जहां आरबीआई लगातार उसे कम करने की कोशिश कर रहा है वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर दवओं को लेकर अच्छी खबर सामने आई है. आज से 54 दवाओं के दाम कम हो गए हैं. नेशनल फॉर्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी की हालिया बैठक में जिन 54 दवाओं के दामों को कम करने का निर्णय लिया गया था वो आज से लागू हो गया है. इनमें 8 विशेष दवाएं भी शामिल हैं.
किन बीमारियों की दवाएं हुई हैं सस्ती
एनपीपीएन ने हाल ही में हुई 124 वीं बैठक में ये फैसला लिया गया था. एनपीपीए आम लोगों के द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के दामों का निर्धारण करती है.एनपीपीए की इस बैठक में 54 दवा फॉर्मूलेशन और 8 विशेष दवाओं के दाम को कम करने का फैसला लिया गया था. जिन दवाओं के दामों में कमी हुई है उनमें हार्ट, एंटीबॉयोटिक, मल्टी विटामिन, और डायबिटिज जैसी दवाएं शामिल हैं जिनके दामों में कमी हुई है. इससे पहले हुई बैठक में भी कुछ दवाओं को सस्ती करने का निर्णय किया गया था जिनमें लीवर, गैस, एसिडिटी की दवाएं, पेन किलर और एलर्जी की दवाएं शामिल हैं.
इतने करोड़ लोगों को हुआ इससे फायदा
एनपीपीए की बोर्ड बैठक में लिए गए इस फैसले से करोड़ों लोगों को फायदा होगा. अगर देखा जाए तो अकेले डायबिटिज के ही 10 करोड़ मरीज हैं, इसी तरह से दूसरी बीमारियों के मरीजों की संख्या भी बड़ी है. वहीं अगर दूसरी बीमारी के मरीजों की संख्या पर नजर डालें तो उनकी संख्या भी लाखों करोड़ों में हैं. एनपीपीए के इस फैसले से उन्हें भी फायदा होने की उम्मीद है.
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Tata Power उच्च क्षमता वाले फास्ट चार्जिंग पॉइंट्स के साथ अपने राष्ट्रव्यापी ई-बस चार्जिंग नेटवर्क को मजबूत किया है. साथ ही 30 राज्य सरकारों के परिवहन निगमों को अरपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है.
भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनियों में से एक और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग सेवाओं के प्रदाता टाटा पावर (Tata Power) ने प्रमुख महानगरीय क्षेत्रों में 850 से अधिक चार्जिंग पॉइंट तैनात करके ई-मोबिलिटी की दिशा में देश के परिवर्तन का नेतृत्व करना जारी रखा है. इसके अलावा दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, जम्मू, श्रीनगर, धारवाड़, लखनऊ और गोवा जैसे बड़े शहरों में 30 से अधिक बस डिपो में चार्जिंग पॉइंट्स स्थापित किए गए हैं.
देशभर में 2300 से अधिक पब्लिक ई बसों का संचालन
टाटा पावर ने देश भर में 2,300 से अधिक पब्लिक ई-बसों का संचालन किया है. यह विशाल चार्जिंग नेटवर्क 1 लाख टन से अधिक टेलपाइप कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन को रोक रहा है. टाटा पावर ने देश भर में विभिन्न बस डिपो का डिजाइन और निर्माण किया है. टाटा पावर के चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में 180 से 240 किलोवाट रेंज में उच्च क्षमता वाले फास्ट चार्जर शामिल हैं, जो औसतन 1 से 1.5 घंटे में चार्ज कर सकते हैं. इनकी फास्ट चार्जिंग क्षमताएं सार्वजनिक परिवहन बसों की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करती हैं.
दिल्ली में सबसे अधिक चार्जिंग स्टेशन
टाटा पावर के पास दिल्ली में सबसे अधिक ईवी चार्जिंग पॉइंट हैं, इसके बाद मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, जम्मू और श्रीनगर में कंपनी ने ईवी चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए हैं. टाटा पावर ई-मोबिलिटी को अपनाने को बढ़ावा देने में सबसे आगे है. टाटा पावर विभिन्न ओईएम (OEM) ऑपरेटरों के साथ गठजोड़ करके DTC, BEST, BMTC, JSCL, SSCL, BRTS-AJL जैसी 30 राज्य सरकारों के परिवहन निगमों को सेवाएं प्रदान करके तेजी से आगे बढ़ रही है. टाटा पावर ने चार्जिंग बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एंड-टू-एंड सेवाएं प्रदान की हैं, , जो सर्वोत्तम चार्जिंग अनुभव सुनिश्चित करती है. टाटा पावर सभी व्यवसाय संचालन को सुचारू रूप से चलाने को सुनिश्चित करने के लिए सीवेज उपचार संयंत्र और नियामक एनओसी मंजूरी जैसी सेवाएं भी प्रदान करता है.
2040 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध
भारत के शुद्ध शून्य लक्ष्यों के अनुरूप, टाटा पावर 2040 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है. देश में चल रहे हरित ऊर्जा परिवर्तन में अग्रणी के रूप में टाटा पावर रूफटॉप सोलर, होम ऑटोमेशन, स्मार्ट मीटरिंग और ईवी चार्जिंग सहित हरित ऊर्जा समाधानों की एक व्यापक श्रृंखला पेश करता है. इसी तरह टाटा पावर भी एक स्थायी जीवन शैली अपनाने को बढ़ावा देने का प्रयास करता है. इस प्रतिबद्धता को टाटा पावर के ‘सस्टेनेबल इज अटेनेबल’ अभियान में रेखांकित किया गया है. हरित ऊर्जा समाधानों को अपनाने को बढ़ावा देना और स्थिरता को एक जन आंदोलन में बदलना इस अभियान का लक्ष्य है.
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बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं, इनमें से टीएमसी इस बार 29 सीटें जीतने में कामयाब रही जबकि 12 सीटें बीजेपी ने जीती है. जबकि कांग्रेस एक सीट जीतने में कामयाब रही है.
बंगाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और 5 बार लोकसभा सांसद सहित कई पदों पर रहने वाले अधीर रंजन चौधरी ने बंगाल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है. अधीर रंजन चौधरी भी इस बार टीएससी उम्मीद वार यूसूफ पठान से चुनाव हा गए थे. हालांकि उन्होंने उसी वक्त इस पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी जब कांग्रेस टीएमसी से बंगाल में साथ में चुनाव लड़ने की बात कर रही थी. लेकिन तब पार्टी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया. लेकिन अभी पार्टी ने उन्हें अपने पद पर बने रहने को कहा है.
लगभग 1 लाख वोटों से हार गए थे चुनाव
अधीर रंजन चौधरी 2019 से लेकर 2024 तक लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं. लेकिन इस बार उनके लोकसभा क्षेत्र मुर्शिदाबाद से टीएमसी ने पूर्व क्रिकेटर यूसूफ पठान को उनके खिलाफ उतार दिया था. दोनों के बीच हुए इस कड़े मुकाबले में अधीर रंजन चौधरी को हार का सामना करना पड़ा था. यूसूफ पठान को 524516 वोट मिले जबकि अधीर रंजन चौधरी को 439494 वोटों से ही संतोष करना पड़ा.
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हमेशा ही टीएमसी के विरोध में रहे हैं अधीर रंजन
अधीर रंजन चौधरी हमेशा ही टीएमसी से गठबंधन के पक्ष में नहीं थे. अधीर रंजन हमेशा से ही टीएमसी के विरोध में रहे हैं. लेकिन ममता से उनके विरोध के साथ अपनी पार्टी से भी इस बार उनके मतभेद सामने आ गए थे. इस बार जब कांग्रेस पार्टी ममता बेनर्जी से गठबंधन को लेकर बात कर रही थी उस वक्त अधीर रंजन चौधरी इसके पक्ष में नहीं थे. अधीर रंजन उस वक्त नाराज हो गए थे जब ममता बेनर्जी ने ये तक कह दिया था कि सबसे पुरानी पार्टी 40 सीट जीतेगी या नहीं ये कहा नहीं जा सकता है. उन्होंने ये भी कहा था कि ममता बेनर्जी बीजेपी से डर गई हैं इसलिए ऐसा कह रही हैं.
इस साल किसने कितनी सीटें जीतीं?
बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं, इनमें से टीएमसी इस बार 29 सीटें जीतने में कामयाब रही जबकि 12 सीटें बीजेपी ने जीती है. जबकि कांग्रेस एक सीट जीतने में कामयाब रही है. बीजेपी को इन चुनावों में 6 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है. इसी तरह अगर 2019 के नतीजों पर नजर डालें तो टीएमसी ने 22 सीटें जीतने में कामयाब रही थी जबकि 18 सीटें टीएमसी ने जीती थी. जबकि 2 सीटें कांग्रेस ने जीती थी.