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अब भारत ने इस सेक्टर में बनाया रिकॉर्ड, 31 महीने के उच्च लेवल पर पहुंचा
इससे पहले भारत ने मैन्युफैक्चरिंग में चीन को पछाड़ नंबर वन खिताब हासिल किया तो वहीं दूसरी ओर अब भारत ने इसी मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में जो ग्रोथ हासिल की है वो 31 महीने की सर्वाधिक है.
ललित नारायण कांडपाल 11 months ago
दुनियाभर के बाजार भले ही अलग तरह की परेशानियों से जूझ रहे हों लेकिन भारत में डिमांड ऐसी बनी हुई है कि देश की मैन्युफैक्चरिंग के आंकड़ों ने नया रिकॉर्ड बना दिया है. एसएंडपी ग्लोबल की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार मैन्युफैक्चरिंग PMI 58.7 जा पहुंचा है. ये आंकड़ा पिछले 31 महीने का सबसे ज्यादा आंकड़ा है. मैन्युफैक्चरिंग में बढ़त का असर आने वाले दिनों में जीडीपी ग्रोथ रेट पर भी पढ़ने की संभावना है.
आखिर कहां तक पहुंचा PMI इंडेक्स
एसएंडपी ग्लोबल द्वारा जारी किए गए मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स के मई के आंकड़ों ने नया रिकॉर्ड बनाया है. अप्रैल में ये आंकड़े जहां 57.2 पर थे वहीं दूसरी ओर मई में बढ़कर 58.7 के स्तर तक जा पहुंचे हैं. ये आंकड़े पिछले ढ़ाई साल के सबसे उच्च स्तर के आंकड़े हैं. वहीं आपको बता दें कि इसे लेकर रॉयटर्स ने 56.5 की गिरावट आंकी थी. दूसरी दिलचस्प बात ये भी है कि ये लगातार 23वें महीने में 50-अंक से ऊपर बना रहा है.
आखिर क्यों हुई है PMI में बढ़ोतरी
सबसे दिलचस्प सवाल ये है कि एक ओर जहां दुनिया की सभी बड़ी कंपनियों में आने वाले समय की कठिनाईयों को देखते हुए ले ऑफ किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर भारत में मांग में बढ़ोतरी देखी जा रही है. घरेलू बाजार के ऑर्डर में तेजी बनी हुई है. आंकड़े बता रहे हैं कि जनवरी 2021 के बाद से नए ऑर्डर सबसे तेज गति से बढ़े हैं, जबकि विदेशी मांग छह महीने में सबसे तेज गति से बढ़ी है. इससे जहां अर्थव्यव्सथा मजबूत होती है वहीं दूसरी ओर बाहरी व्यापार में वृद्धि अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को बढ़ावा देती है और वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति को बढ़ावा देती है.
डेटा ने दिखाया कि जनवरी 2021 के बाद से नए ऑर्डर सबसे तेज गति से बढ़े हैं, वहीं विदेशी मांग में भी पिछले छह महीने में तेज गति बनी हुई है. कंपनियों को मिल रहे ऑर्डर में 12 वर्षों में उच्चतम गति देखी जा रही है और इससे वस्तुओं की खरीद की मात्रा में तेजी देखी गई. नवंबर के बाद से मांग में तेजी दिखी है.
आखिर क्या होती PMI
परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स एक ऐसा आंकड़ा है जिससे ये पता चलता है कि आखिर देश में मैन्यूफैक्चरिंग की स्थिति क्या है. देश में मांग और आपूर्ति के बीच में कैसी स्थिति बनी हुई है. देश में अलग-अलग कारोबारी पहलुओं पर मैनेजरों की राय के बाद एक आंकड़ा तय किया जाता है. इसमें सैकड़ों मैनेजरों, से नए ऑर्डर, उद्योग से जुड़ी उम्मीदों, और रोजगार से जुड़े मामलों पर राय ली जाती है. साथ ही उन्हें पिछले माह की स्थिति से इस माह की स्थिति पर उन्हें राय देने को कहा जाता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस संस्था की सहयोगी निदेशक पोलीना डी लीमा ने कहा कि घरेलू ऑर्डर में तेजी से अर्थव्यवस्था को तेजी मिलती है. इससे बाहर व्यापार में भी बढ़ोतरी होती है. उन्होंने ये भी कहा कि मई में ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं.
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