होम / बिजनेस / नारायण मूर्ति बोले, ‘अगर बनना है नंबर वन अर्थव्यवस्था, तो युवाओं को करना होगा ये काम’
नारायण मूर्ति बोले, ‘अगर बनना है नंबर वन अर्थव्यवस्था, तो युवाओं को करना होगा ये काम’
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में भारत की वर्क प्रोडक्टिविटी सबसे कम है. उन्होंने इस पर चिंता जताते हुए इसे बढ़ाने की जरुरत पर जोर दिया.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 6 months ago
इंफोसिस के फाउंडर और पूर्व चेयरमैन नारायण मूर्ति अक्सर देश के समसामयिक विषयों पर अपनी बेबाक राय रखते रहते हैं. इस बार उन्होंने देश की वर्क प्रोडक्टिविटी को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं की वर्क प्रोडक्टिविटी कम से कम 12 घंटे होनी चाहिए. उन्होंने युवाओं को नसीहत देते हुए कहा कि अगर हमें चीन जैसी अर्थव्यवस्था को टक्कर देनी है तो हमें भी जर्मनी और जापान की तरह वैसे ही काम करना होगा. जैसे उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के बाद काम किया.
ये करना होगा काम
इंफोसिस के सीएफओ मोहनदास पई के साथ पॉडकास्ट में बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमें कई स्तर पर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि जब तक हम अपनी वर्क प्रोडक्टिविटी को लेकर काम नहीं करते हैं, जब तक हम सरकार के स्तर पर भ्रष्टाचार को कम नहीं करते हैं, जब तक किसी भी तरह के फैसले लेने के लिए लगने वाले समय को कम नहीं करते हैं, तब तक हम चीन जैसी बड़ी अर्थवयवस्था का मुकाबला नहीं कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद हर जर्मन और जापानी ने तय किया था कि वो देश के लिए अतिरिक्त काम करेगा. जब तक हम ऐसा नहीं सोचेंगे कि हम देश के लिए काम कर रहे हैं तब तक ऐसा नहीं हो पाएगा.
ढृढ़ संकल्प शक्ति का देना होगा परिचय
नारायणमूर्ति ने इस पॉडकास्ट में अपनी बात रखते हुए कहा कि देश के युवाओं को ढृढ़ संकल्प शक्ति का परिचय देना होगा. उन्होंने कहा कि हर सरकार उतनी ही अच्छी होती है जितनी कि लोगों की संस्कृति अच्छी होती है. इसलिए हमें ढृढ़ संकल्प शक्ति को अपनी संस्कृति बनाना होगा. हमें अनुशासन और ढृढ़ संकल्प शक्ति को अपनी पहचान बनाना होगा. उन्होंने कहा कि जब तक हम लोग ऐसा नहीं करेंगे तब तक सरकार भी कुछ नहीं कर सकती है. नारायण मूर्ति वो शख्स हैं जिन्होंने इंफोसिस की स्थापना की है और इस कंपनी को देश का दूसरा सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर निर्यातक देश बनाया है.
12 घंटे काम करें युवा
इस पॉडकासट में जब उनसे पूछा गया कि आपका युवाओं के लिए क्या संदेश है तो उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार दुनिया भर में भारत को बड़ा सम्मान मिला है. उन्होंने कहा कि अगर आपको सम्मान को बढ़ाना है तो आपको अपने प्रदर्शन को बेहतर करना होगा. बेहतर प्रदर्शन आपको सम्मान दिलाता है, और सम्मान से शक्ति मिलती है. हमारे सामने चीन इसका उदाहरण है. हमें तय करना होगा कि अगले 20 साल हमें कम से कम 12 घंटे काम करना है.ताकि भारत नंबर एक या दो जीडीपी बन सके.
टैग्स