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रेलवे को चुस्त-दुरुस्त करने की तैयारी! IRCTC और RailTel के विलय पर DIPAM देगा ग्रीन सिग्नल
IRCTC और RailTel दोनों ही बिल्कुल अलग तरह के कामकाज वाली कंपनियां हैं. IRCTC रेलवे में सिर्फ e-टिकटिंग और कैटरिंग का कामकाज देखती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: रेलवे की दो कंपनियों IRCTC और RailTel Corporation of India के विलय को लेकर सरकार एक कदम आगे बढ़ी है. रेलवे मंत्रालय ने इन दोनों कंपनियों के विलय को लेकर फैसला डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक असेट मैनेजमेंट यानी DIPAM के कंधों पर डाल दिया है.
IRCTC और RailTel का विलय
Economic Times में छपी खबर के मुताबिक रेलवे मंत्रालय ने इन दोनों कंपनियों के विलय को लेकर DIPAM के विचार मांगे हैं. एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि विलय का ये मामला DIPAM पर छोड़ा गया है क्योंकि ये लिस्टेड संस्था का मामला है. अगर IRCTC और RailTel का विलय हो जाता है तो इसे रेलवे की रीस्ट्रक्चरिंग की शुरुआत के तौर पर माना जा सकता है. इन दोनों कंपनियों के विलय का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय में पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने दिया था, जो कि वर्तमान में प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवाइजरी कमेटी में सदस्य हैं.
दोनों के कामकाज बिल्कुल अलग
IRCTC और RailTel दोनों ही बिल्कुल अलग तरह के कामकाज वाली कंपनियां हैं. IRCTC रेलवे में सिर्फ e-टिकटिंग और कैटरिंग का कामकाज देखती है. जबकि RailTel ट्रेन संचालन और एडमिनिस्ट्रेशन नेटवर्क सिस्टम के आधुनिकीकरण के अलावा देश के सभी हिस्सों में राष्ट्रव्यापी ब्रॉडबैंड टेलीकॉम और मल्टीमीडिया नेटवर्क प्रदान करने में सबसे आगे है.
इस बारे में एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि रेलवे यह सुनिश्चित करना चाहता है कि अलग अलग क्षेत्रों में काम करने वाली दोनों कंपनियों के विलय से कोई नया मुद्दा पैदा न हो, जिससे उनके कामकाज पर कोई असर पड़े और निवेशकों के लिये चिंता का कारण बने. एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि दोनों के पास बहुत अलग परिचालन क्षेत्र हैं, RailTel धीरे-धीरे ब्रॉडबैंड स्पेस में रेलवायर और डेटा सेंटर लीजिंग के जरिये आगे बढ़ रहा है
रेलवे रीस्ट्रक्चरिंग और भी कई प्रस्ताव
संजीव सान्याल ने पिछले साल रेलवे की रीस्ट्रक्चरिंग को लेकर कई सुझाव दिये थे. उन सुझावों का मकसद था कि रेलवे को कैसे ज्यादा दुरुस्त और चुस्त बनाया जा सके साथ ही रेलवे के अंदर कामकाज के दोहराव को रोका जा सके. पिछले साल सितंबर में, रेलवे बोर्ड ने इन सुझावों को लागू करने का फैसला किया और इसे कैबिनेट सचिवालय को मासिक प्रगति रिपोर्ट पेश करनी है.
CRIS का भी अधिग्रहण
रेलवे की रीस्ट्रक्चरिंग को लेकर इस विलय के अलावा दूसरा प्रस्ताव ये भी था कि CRIS यानी सेंट्रल रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम का IRCTC अधिग्रहण कर ले. लेकिन इस अधिग्रहण को लेकर रेलवे के भीतर चिंताएं भी हैं, क्योंकि CRIS का काम काफी फैला हुआ है, इसका कामकाज IRCTC के ठीक उलट है. ये खरीद, माल ढुलाई सूचना प्रणाली, ट्रैक प्रबंधन प्रणाली के संचालन को भी देखता है, जो उसके कुछ मुख्य कामों में से एक हैं. लेकिन दूसरी तरफ IRCTC केवल ई-टिकटिंग और कैटरिंग तक ही सीमित है. इसके अलावा संजीव सान्याल ने दो कंपनियों को बंद करने का भी प्रस्ताव दिया था. सान्याल ने सेंट्रल ऑर्गनाइजेशन फॉर मॉडर्नाइजेशन ऑफ वर्कशॉप (COFMOW) और सेंट्रल ऑर्गनाइजेशन फॉर रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन (CORE) को बंद करने की सिफारिश की थी, जिन्हें लागू किया जा रहा है.
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