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Adani Group को Loan की अब कोई टेंशन नहीं, ये 3 जापानी बैंक भी आए आगे
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी समूह को भारी -भरकम नुकसान पहुंचाया था. समूह ने विदेशों में रोड शो आयोजित करके लेंडर्स और इन्वेस्टर्स का भरोसा जीतने का प्रयास किया था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
अडानी समूह (Adani Group) हिंडनबर्ग रिपोर्ट को अब काफी पीछे छोड़ आया है. जहां निवेशकों का भरोसा समूह में बढ़ रहा है वहीं, उसे लोन देने वालों की लाइन लग गई है. जापान के तीन मशहूर बैंक, मित्सुबिशी UFJ फाइनेंशियल ग्रुप, सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग और मिजुहो फाइनेंशियल ग्रुप (Mitsubishi UFJ Financial Group, Sumitomo Mitsui Banking and Mizuho Financial Group) ने भी अडानी समूह को फाइनेंशियल सपोर्ट का आश्वासन दिया है. ये तीनों बैंक अब तक ग्रुप के लेंडर नहीं हैं, यानी इन्होंने अब तक अडानी को कोई लोन नहीं दिया है.
विस्तार से फिर फोकस
एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि जापान के इन बैंकों ने अडानी समूह को आश्वासन दिया है कि वे उसकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में सहायता प्रदान करेंगे. अडानी ग्रुप अब फिर से विस्तार योजना पर फोकस कर रहा है. साथ ही उसका पूरा जोर कर्ज चुकाने पर भी है. ऐसे में जापान के ये बैंक उसके बड़े काम आ सकते हैं. इनसे लोन लेकर समूह पहले से चल रहे कर्ज चुका सकता है या विस्तार योजनाओं पर खर्च कर सकता है.
विदेशों में किए थे रोड शो
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी समूह को भारी -भरकम नुकसान पहुंचाया था. समूह ने विदेशों में रोड शो आयोजित करके लेंडर्स और इन्वेस्टर्स का भरोसा जीतने का प्रयास किया था, जिसमें वह काफी हद तक सफल रहा है. स्टॉक मार्केट में अडानी की कंपनियों के चढ़ते शेयर इस बात का सबूत है कि ग्रुप पर भरोसा बढ़ रहा है. वहीं, Standard Chartered और Barclays सहित समूह के मौजूदा लेंडर्स ने भी इसके ऑपरेशन में विश्वास जताया है. यानी अब अडानी को लोन की कोई परेशानी नहीं है.
GQG करेगा और निवेश!
उधर, अडानी एंटरप्राइजेज (AEL), अदानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स और अडानी टोटल गैस में 15,446 करोड़ रुपए का निवेश करने वाले GQG Partners ने भी समूह की कंपनियों में निवेश बढ़ाने के संकेत दिए हैं. अडानी समूह की कंपनियां इन्फ्रास्ट्रक्चर और यूटिलिटी सेक्टर में बड़े पैमाने पर परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रही हैं, और इसके लिए उसे फंड की जरूरत है. इसके साथ ही समूह ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए लगभग 800 मिलियन डॉलर जुटाने के लिए बातचीत कर रहा है. अपने सीमेंट कारोबार की क्षमता बढ़ाने पर भी ग्रुप का फोकस है. यानी अडानी को आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर फंड की जरूरत होगी. गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह पर कर्ज की बात करें, तो 31 मार्च, 2023 तक यह 2.27 ट्रिलियन रुपए था. जिसमें 29% हिस्सा अंतरराष्ट्रीय बैंकों और 32% भारतीय बैंकों और NBFC का है.
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