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ICICI बैंक में इन लोन पर कम हुई ब्याज दर, जानिए कितनी हो जाएगी EMI
दरअसल समझने की बात ये भी है कि क्या हर लोन MCLR के दायरे में आता है. कौन-कौन से लोन हैं जो इसकी जद में आते हैं और कौन-कौन से नहीं हैं.
ललित नारायण कांडपाल 11 months ago
जब से दुनिया भर में ब्याज दरें बढ़ी हैं तब से हर कोई यही उम्मीद कर रहा है कि आखिर ये ब्याज दरें कब कम होंगी. हर दो महीने बाद होने वाली RBI की ब्याज दरों पर कर्ज लेने वाले ज्यादातर लोगों की नजर बनी रहती है. इस बार RBI ने तो नहीं लेकिन आईसीआईसीआई ने अपने कई प्रकार के कर्ज पर ब्याज दर को कम कर दिया है. बैंक ने अपनी MCLR दर की समीक्षा की है. MCLR वही दर है जिससे होम लोन से लेकर दूसरे लोन की ब्याज दर तय होती है.
कितनी हैं ICICI बैंक की MCLR दरें
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ICICI बैंक ने MCLR की दरों की जो समीक्षा की है उसके अनुसार बैंक ने 3 महीने के लिए तो ब्याज दरों में कमी कर दी है जबकि 6 महीने और एक साल के लिए ब्याज दरों में इजाफा कर दिया है. बैंक ने एक महीने की MCLR को 8.50% से घटाकर 8.35% कर दिया है और इसने तीन महीने की MCLR को 15 आधार अंकों (bps) से घटाकर 8.55% से 8.40% कर दिया है. वहीं बैंक ने MCLR को छह महीने और एक साल के कार्यकाल पर क्रमशः 5 बीपीएस बढ़ाकर 8.75% और 8.85% कर दिया है.
RBI पॉलिसी रेपो रेट और ICICI बैंक एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट
ICICI बैंक की वेबसाइट के अनुसार, 8 फरवरी, 2023 से प्रभावी RBI पॉलिसी रेपो रेट 6.50% है. जबकि सितंबर में इसे EBLR 9.25% p.a.p.m कर दिया गया था जो 30 सितंबर, 2022 से प्रभावी था. MCLR की दरों के कम होने के बाद ज्यादातर लोगों पर ईएमआई का बोझ कम हो जाएगा. यही नहीं इसके कारण उनकी ऋण दरों को बढ़ी हुई रेपो दर की तुलना में उस स्तर तक बढ़ने में समय लगेगा. जब भी ब्याज दर बढ़ती हैं या दरें गिरना शुरू होती हैं, वे ईबीएलआर में ट्रांजिशन की योजना बना सकते हैं.
2016 से बदला जा चुका है तरीका
आरबीआई की ओर से 1 अप्रैल, 2016 से MCLR प्रणाली के साथ ब्याज दरों को निर्धारित करने के लिए आधार दर प्रणाली को बदल दिया गया है. जिन लोगों ने 1 अप्रैल, 2016 से पहले कर्ज लिया है वो अभी भी पिछली आधार दर और बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (बीपीएलआर) सिस्टम के अंतर्गत अपना कर्ज चुका रहे हैं. हालांकि व्यवस्था ये भी है कि अगर उन्हें लगता है कि एमसीएलआर से लाभ है तो वो इस पर स्विच कर सकते हैं.
क्या ऋण को MCLR से जोड़ना अनिवार्य है?
आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट के अनुसार अगर आपने ऑटो लोन या ट्रैवल लोन लिया है तो इससे जोड़ने की जरुरत है अगर आपने होम लोन या बिजनेस लोन लिया है तो इसे जोड़ना जरुरी नहीं है. आरबीआई ने 01 अक्टूबर, 2019 से होम लोन, बिजनेस लोन और वर्किंग कैपिटल लोन, आदि के लिए एमसीएलआर की जगह बाहरी बेंचमार्किंग प्रणाली की शुरुआत की है. यह नई उधार दर प्रणाली केवल फ्लोटिंग ब्याज दरों वाले ऋणों के लिए लागू है ना कि फिक्स रेट कर्ज के लिए. साथ ही एक्सटर्नल बेंचमार्किंग सिस्टम बैंकों में चालू रहेगा.
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