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जिस हिंडनबर्ग ने Adani को पहुंचाया था नुकसान, उसके आरोपों पर क्या बोला अमेरिका?
इस साल जनवरी में आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे, जिसके चलते समूह को काफी नुकसान उठाना पड़ा था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago
गौतम अडानी (Gautam Adani) के नेतृत्व वाले अडानी समूह (Adani Group) के लिए अमेरिका से अच्छी खबर आई है. अमेरिका की जो बाडेन (Joe Biden) सरकार ने हिंडनबर्ग रिसर्च मामले में एक तरह से अडानी ग्रुप को क्लीन चिट दे दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि अडानी समूह पर शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए कॉरपोरेट धोखाधड़ी के आरोप प्रासंगिक नहीं थे. इस खबर से अडानी समूह के शेयरों में उछाल देखने को मिला है. खबर लिखे जाने तक Adani Enterprises के शेयर 9% से अधिक की तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे.
DFC से मिला इतना लोन
अमेरिकी सरकार के अडानी को क्लीन चिट देने के बाद ही यूएस एजेंसी International Development Finance Corp (DFC) ने श्रीलंका में एक कंटेनर टर्मिनल के लिए अडानी ग्रुप को 55.3 करोड़ डॉलर का लोन जारी किया है. डीएफसी के अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि DFC इस बात से संतुष्ट है कि शॉर्ट-सेलर की रिपोर्ट में लगाए गए आरोप अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड पर लागू नहीं होते हैं. अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिकी एजेंसी यह सुनिश्चित करने के लिए फर्म की निगरानी करना जारी रखेगी कि यूएस सरकार अनजाने में वित्तीय कदाचार या अन्य अनुचित व्यवहार का समर्थन न कर दे.
पहली बार हुआ है ऐसा
अडानी ग्रुप श्रीलंका के कोलंबो पोर्ट में डीप वॉटर कंटेनर टर्मिनल बना रहा है. दरअसल, दक्षिण एशिया में चीन के दबदबे को कम करने के लिए भारत और अमेरिका मिलकर काम कर रहे हैं. DFC के अडानी समूह को लोन देने के फैसले को इसी नजरिये से देखा जा रहा है. श्रीलंका में बन रहे वेस्ट टर्मिनल कंटेनर में अडानी पोर्ट एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड (Adani Ports and Special Economic Zone Ltd) की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है. यह पहला मौका है जब यूएस गवर्नमेंट ने अडानी ग्रुप के किसी प्रोजेक्ट को अपनी किसी एजेंसी के मध्यम से फंड दिया है. बता दें कि कोलंबो पोर्ट हिंद महासागर में सबसे बड़ा और व्यस्त ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है.
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बढ़ेगा समूह में विश्वास
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यूएस सरकार से एक तरह से क्लीन चिट मिलना और उसकी एजेंसी का अडानी समूह को लोन जारी करना समूह के लिए अच्छे संकेत हैं. इससे अडानी ग्रुप को लेकर निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा, जो हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के चलते प्रभावित हुआ था. वहीं, DFC की बात करें, तो यह अमेरिका के सरकार की एक डेवलपमेंट फाइनेंस एजेंसी है जिसे डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में शुरू किया गया था. इसका मकसद अमेरिका की विदेश नीति के लक्ष्यों के साधने के साथ विकासशील देशों की सहायता करना है.
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