बजाज समूह 10 लाख करोड़ रुपए के मार्केट कैप वाली कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गया है.
बजाज समूह (Bajaj Group) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. समूह ने 10 लाख करोड़ रुपए के मार्केट कैप वाली कंपनियों में शामिल हो गया है. इसी के साथ Bajaj देश की पांचवी कंपनी बन गई है, जिसका मार्केट कैप 10 लाख करोड़ के पार है. इस लिस्ट में रिलायंस, टाटा समूह, अडानी ग्रुप और HDFC पहले से शामिल हैं. अब इसमें बजाज का नाम भी जुड़ गया है.
इनकी रही अहम भूमिका
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बजाज समूह की इस सफलता में बजाज ऑटो का सबसे खास योगदान रहा है. बजाज ऑटो ने समूह के कंबाइंड वैल्यूएशन में करीब 75000 करोड़ रुपए जोड़े हैं. इसके बाद बजाज फाइनेंस और बजाज फिन्सर्व का नंबर आता है. इसने भी समूह को इस मुकाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है. बजाज फाइनेंस का मार्केट कैप करीब 60,000 करोड़ रुपए बढ़ा है. दरअसल, विधानसभा चुनाव के नतीजों से शेयर बाजार गदगद है. सोमवार के बाद आज मंगलवार को भी बाजार में तेजी बनी हुई है. इस तेजी का असर बजाज के मार्केट कैप पर भी पड़ा है. बजाज ग्रुप का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ रुपए के आंकड़ें को पार कर गया है.
ये भी पढ़ें - इस प्राइवेट बैंक के शेयरों में अभी बाकी है जान, 25% तक लगा सकता है छलांग
किसका, कितना मार्केट कैप
बजाज ऑटो लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है. खासकर, Triumph बाइक के लॉन्च के बाद से कंपनी के शेयरों में तेजी का माहौल है. पिछले एक महीने में इस शेयर ने 13.34% का रिटर्न दिया है. जबकि इस साल अब तक ये 71.49% ऊपर चढ़ चुका है. हालांकि मंगलवार को जरूर इसमें कुछ नरमी देखने को मिल रही है. 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के मार्केट कैप वाली कंपनियों की बात करें, तो इसमें पहले नंबर पर टाटा ग्रुप है. Tata समूह का मार्केट कैप 26.37 लाख करोड़ रुपए है. इसके बाद रिलायंस का नंबर आता है. मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 16.61 लाख करोड़ रुपए है. फिर HDFC 14.21 लाख करोड़, अडानी ग्रुप 11.94 लाख करोड़ और बजाज समूह का मार्केट कैप 10.01 लाख करोड़ रुपए है.
मेट गाला दुनियाभर के फैशन का सबसे बड़ा इवेंट है.इसमें दुनियाभर के नामी हस्तियां और फैशन डिजाइनर अपने हुनर का प्रदर्शन करते हैं.
मुकेश अंबानी परिवार का कोई इवेंट हो या कंपनी का कोई इवेंट वो हमेशा ही चर्चा में रहता है. विशेष तौर से अंबानी परिवार की ड्रेसेज को लेकर चर्चा हर कोई करता है. एक बार फिर ईशा अंबानी अपनी एक ऐसी ड्रेस को लेकर चर्चा में हैं जिसे बनाने में 10 हजार घंटे से ज्यादा का समय लगा है. ईशा अंबानी ने ये ड्रेस मेट गाला 2024 में पहना था. इस ड्रेस की चर्चा हर ओर हो रही है. क्या है इस ड्रेस में खास और क्या है ये इवेंट जहां उन्होंने इसे पहना इसके बारे में आज हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं.
आखिर क्या खास है ईशा अंबानी की इस ड्रेस में
ईशा अंबानी ने मेट गाला 2024 के इवेंट में इस ड्रेस को पहना था. फैशन की दुनिया के जाने माने इस इवेंट में दुनियाभर के नामी लोग इसमें शिरकत करते हैं. ईशा अंबानी ने इस इवेंट में साड़ी गाउन पहना था. उनके इस साड़ी गाउन को राहुल मिश्रा ने डिजाइन किया था, तो अनाइता श्रॉफ अजदानिया ने स्टाइल किया था. इस ड्रेस को नेचर की थीम पर डिजाइन किया गया था जिसमें फूल और तितलियां बनाई थी. इस साड़ी गाउन पर कई तरह की सिलाई तकनीक का इस्तेमाल किया गया था जिनमें फरीशा, जरदोजी, नक्सी और दबका जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया था.
ये भी पढ़ें: इस बिजनेसमैन की बेटी ने छोड़ा म्यूजिक, कारोबार पर करना चाहती हैं फोकस
ईशा अंबानी की ज्वैलरी ने खींचा सभी का ध्यान
नेचर की थीम पर बनाए गए इस साड़ी गाउन के लिए ज्वैलरी को भी नेचर की थीम पर तैयार किया गया था. इसमें कमल के फूल की थीम पर बनाए गए हाथ के कंगन, तोते की थीम पर बनी कान की बालियां और फूल चोकर जैसी चीजें शामिल थी. ईशा अंबानी ने भारतीय संस्कृति पर आधारित एक क्लच भी पहना हुआ था, जिसकी सभी ओर चर्चा हो रही है. इस साल चौथी बार है जब ईशा अंबानी मेट गाला इवेंट में शामिल हुई हैं. वो 2017 में सबसे पहली बार इसमें शामिल हुई थी. उसके बाद 2019 और फिर 2023 में वो इस अंतराष्ट्रीय इवेंट में शामिल हो चुकी हैं.
आलिया भट्ट सहित कई नामी सितारों की भी है चर्चा
मेट गाला 2024 में इस बार ईशा अंबानी की ड्रेस के साथ आलिया भट्ट की ड्रेस की चर्चा हो रही है. आलिया की ड्रेस को सब्यसाची मुखर्जी ने तैयार किया है. उन्होंने इस ड्रेस में सूक्ष्म शिल्प कौशल, हाथ की कढ़ाई, कीमती पत्थर और झालरों का इस्तेमाल किया है. ये सभी 1920 के दशक की शैली है जिसका इस्तेमाल ड्रेस में किया गया है. आलिया ने अपनी ड्रेस की मेकिंग के बारे में बताया कि उसे बनाने में 1905 घंटे ( 2 महीने 20 दिन ) और 163 कारीगरों की जी तोड़ मेहनत शामिल है.
भारत की कई कंपनियां हैं जो एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला से किसी न किसी रूप में जुड़ी हुई हैं.
दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला (Tesla) के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) पिछले महीने भारत आने वाले थे. उनकी इस यात्रा में टेस्ला की भारत में एंट्री को लेकर बड़ी घोषणाएं होनी थीं. माना जा रहा था कि मस्क यह भी स्पष्ट कर सकते हैं कि टेस्ला का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट किस राज्य में लगाया जाएगा. संभावित राज्यों की लिस्ट में महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और राजस्थान शामिल हैं. हालांकि, मस्क ने ऐन मौके पर अपनी 21-22 अप्रैल की भारत यात्रा को टाल दिया.
क्या पड़ोसी चीन है इसकी वजह?
एलन मस्क की तरफ से कहा गया है कि वह इस साल के अंत तक भारत आने की कोशिश करेंगे, लेकिन इसकी संभावनाएं अब कम ही नजर आ रही हैं. टेस्ला की भारत में एंट्री पर भी फिलहाल शंका के बदल मंडराने लगे हैं. मोदी सरकार ने नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति पेश करके टेस्ला की राह आसान कर दी थी, इसके बावजूद मस्क का भारत से दूरी बना लेना किसी की समझ नहीं आ रहा है. चीन ने मस्क के भारत दौरे से ठीक पहले ग्लोबल टाइम्स के माध्यम से जो दुष्प्रचार किया था, वो भी टेस्ला की भारत में एंट्री टलने की एक वजह हो सकती है.
इनका है टेस्ला से कोई न कोई नाता
टेस्ला का भारत आना जहां हमारे EV ईको-सिस्टम और अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है. वहीं, इससे उन कंपनियों को भी बूस्ट मिल सकता है, जो टेस्ला की सप्लायर हैं. एलन मस्क की भारत यात्रा की खबर से ही इन कंपनियों के शेयरों में उछाल आना शुरू हो गया था. सोना BLW प्रिसिजन फोर्जिंग्स, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, समवर्धन मदरसन इंटरनेशनल, सुप्रजीत इंजीनियरिंग, वैरोक इंजीनियरिंग और बॉश लिमिटेड भारत में Tesla की आपूर्तिकर्ता कंपनियां हैं. इसके अलावा, गुडलक इंडिया, संधार टेक्नोलॉजीज और भारत फोर्ज भी टेस्ला की कंपोनेंट सप्लायर है.
इतना टूट गया Sona Blw का शेयर
माना जा रहा था कि मस्क के टेस्ला को लेकर घोषणा के बाद उससे किसी न किसी रूप में जुड़ीं लिस्टेड कंपनियों के शेयर तूफानी तेजी से दौड़ सकते हैं, लेकिन टेस्ला चीफ का दौरा रद्द होने से तूफानी तेजी की उम्मीद भी टूट गई. Varroc Engineering के शेयर उस समय बढ़त के साथ 512 रुपए के भाव से ऊपर ट्रेड कर रहे थे, लेकिन पिछले करीब 15 दिनों इसे इसमें नरमी का रुख है. बीते 5 कारोबारी दिनों में यह शेयर 3.26% टूट चुका है. मस्क की यात्रा की खबर के बाद Sona Blw Precision Forgings का शेयर बढ़त के साथ 676.50 रुपए पर पहुंच गया था. आज यह 605.05 रुपए के भाव पर उपलब्ध है. पिछले पांच सत्रों में ही इस शेयर ने 4.45% का नुकसान उठाया है.
इनमें भी देखने को मिली है सुस्ती
Samvardhana Motherson International के शेयर का मौजूदा हाल देखकर लगता है कि ये शेयर वहीं का वहीं खड़ा है. 21-22 अप्रैल से पहले कंपनी का शेयर 3.35% चढ़कर 124.85 रुपए पर पहुंच गया था और आज इसकी कीमत 124.25 रुपए है. पिछले 5 दिनों में ही ये करीब 6 प्रतिशत की डुबकी लगा चुका है. Suprajit Engineering के शेयरों में 15 दिनों से ज्यादा से नरमी देखने को मिल रही है. बीते 5 सत्रों में ये शेयर 1.63% और एक महीने में 3.49% कमजोर हो चुका है. आज इस शेयर की कीमत 415.60 रुपए है, जबकि 22 अप्रैल को 425.40 रुपए थी. इसी तरह, बॉश लिमिटेड, Sandhar Technologies और Bharat Forge के शेयरों में भी कमजोरी आई है. संधार का शेयर बीते एक महीने में 5.89% और Bosch Ltd का 5.83% गिर चुका है.
फायदे की आस में चढ़े थे शेयर
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर टेस्ला भारत में प्लांट लगाती है, तो इन कंपनियों को सीधे तौर पर फायदा होगा. उन्हें टेस्ला से अभी की तुलना में ज्यादा ऑर्डर मिलेंगे. यानी उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और इससे उनके शेयरों में उछाल आना लाजमी है. यही वजह रही कि जैसे ही मस्क की भारत यात्रा की खबर सामने आई इन कंपनियों के शेयरों में तेजी दिखाई दी और अब ये तेजी कुछ हद तक थम गई है. बता दें कि Sandhar Technologies ने टेस्ला के मॉडल 3 के लिए वाइपर सिस्टम एसेंबली के लिए 2 कंपोनेंट्स बनाए था. उसके बाद से कंपनी लगातार टेस्ला के साथ जुड़ी हुई है. इसी तरह, Varroc Engineering और टेस्ला का रिश्ता भी काफी पुराना है. कंपनी को टेस्ला ने पहला ऑर्डर 2017 में दिया था. वैरोक इंजीनियरिंग ने टेस्ला के कुछ मॉडल के लिए पूरा लाइटिंग सिस्टम उपलब्ध कराया था.
देश के एक बड़े बिजनेसमैन की बेटी ने अपने शौक को अलविदा कह दिया है. यह जानकारी उनकी बेटी ने खुद सोशल मीडिया के जरिए दी है.
बड़े बिजनेसमैन और सेलिब्रिटी के बच्चों के शौक अपने पैरेंट्स से बिल्कुल अलग होते हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं जिसमें बच्चों ने अपने पैरेंट्स के नक्शे कदम पर न चलकर अपनी अलग राह चुनी. इसी कड़ी में एक नाम है अनन्या बिरला का, अनन्या बिरला म्यूजिक इंडस्ट्री में जाना पहचाना नाम हैं. उनके कई म्यूजिक एल्बम आ चुके हैं. अब उन्होंने इस इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया है. अनन्या बिड़ला ने अपने बिजनेस पर पूरा ध्यान लगाने के लिए संगीत से ब्रेक लेने की घोषणा की है, उन्होंने यह जानकारी एक इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए दी.
बिजनेस पर फोकस करना चाहती हैं अनन्या
अनन्या ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक लॉन्ग पोस्ट शेयर किया है. इसमें उन्होंने लिखा कि दोस्तों, यह सबसे मुश्किल फैसला रहा है. मैं एक ऐसे लेवल पर पहुंच गई हूं जहां मेरे बिजनेस और म्यूजिक के बीच बैलेंस बनाना लगभग नामुमकिन होता जा रहा है और यह मुझपर इस तरह से असर डाल रहा है कि मैं जाहिर नहीं कर सकती. आप सभी के प्यार के लिए शुक्रिया. अनन्या ने आगे लिखा कि पिछले कुछ सालों में मैंने जो म्यूजिक रिलीज किया है, मुझे उम्मीद है कि एक दिन हम अपने ही लोगों के बनाए गए इंग्लिश सॉन्ग की तारीफ कर पाएंगे क्योंकि हमारे अपने देश में बहुत टैलेंट है. फिर से थैंक्यू. अब समय आ गया है कि मैं अपनी सारी एनर्जी बिजनेस वर्ल्ड पर फोकस करूं.
पीएम मोदी ने डाला वोट, रिकॉर्ड मतदान की अपील, चुनाव आयोग को इस बात के लिए दी बधाई
इस बिजनेसमैन की बेटी हैं अनन्या
अनन्या बिरला देश के जाने-माने बिजनेसमैन कुमार मंगलम बिरला की बेटी हैं. अनन्या का म्यूजिक इंडस्ट्री से शौक किसी से छिपा नहीं है. अनन्या सिंगर हैं और उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में कई गाने गाए हैं. अनन्या ने फेमस सिंगर अरमान मलिक के साथ भी गाना गाया है. वह इस इंडस्ट्री में पिछले कई सालों से हैं. साथ ही वह फैशन इंडस्ट्री से भी जुड़ी रही हैं.
बिजनेस में रही है भागेदारी
ऐसा नहीं है म्यूजिक इंडस्ट्री में रहते हुए अनन्या बिजनेस पर ध्यान न देती हों. इस दौरान भी वह बिरला समूह के कामकाज को भी संभालती रही हैं. वह स्टार्टअप स्वतंत्र माइक्रोफिन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की फाउंडर हैं. उनकी इस कंपनी ने पिछले साल सचिन बंसल की कंपनी चैतन्य इंडिया का अधिग्रहण किया था. उन्होंने यह सौदा करीब 1500 करोड़ रुपये में किया था. अनन्या ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिकन स्कूल ऑफ बॉम्बे और सैईद बिजनेस स्कूल जैसे संस्थानों से पढ़ाई की है.
कितनी है उनकी नेटवर्थ?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अनन्या बिड़ला की कुल संपत्ति लगभग 13 बिलियन डॉलर आंकी गई है. यह भारतीय करेंसी में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. वह अपने व्यावसायिक उद्यमों से महत्वपूर्ण आय अर्जित करती हैं. अनन्या बिड़ला ने अपनी मुंबई के अमेरिकन स्कूल ऑफ बॉम्बे से अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की थी. इसके बाद उन्होंने यूके में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से इकोनॉमी और मैनेजमेंट में ग्रेजुएशन किया. वे एक सिंगर और बिजनेसमैन के अलावा एक मेंटल हेल्थ एडवोकेट भी हैं.
चीन में सरकार से लेकर आम जनता तक लगातार सोना खरीदते जा रहे हैं. इस वजह से सोने की डिमांड बढ़ रही है.
सोने (Gold) की कीमतें नई ऊंचाई पर बनी हुई हैं. कल यानी छह मई को भी इसके दाम में इजाफा दर्ज हुआ. सोने की कीमत 71 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच चुकी है. वहीं, चांदी का भाव 80 हजार रुपए प्रति किलो से अधिक चल रहा है. वैसे, तो सोने की कीमतों में उछाल के कई कारण होते हैं, लेकिन इसका एक कारण हमारा पड़ोसी चीन भी है. दरअसल, चीन की सरकार से लेकर आम जनता तक ऐसे सोना खरीद रहे हैं, जैसे ये पीली धातु धरती से खत्म होने वाली है. चीन में लगातार बढ़ रही डिमांड के चलते सोने की कीमतों में तेजी आ रही है.
रियल एस्टेट के बुरे हाल
चीन इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है. रियल एस्टेट से लेकर शेयर मार्केट तक में उसकी स्थिति खराब है. इसलिए चीन ने अब पूरा फोकस सोना खरीदने पर लगा दिया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में सोने की कीमत 2400 डॉलर प्रति औंस के हाई पर पहुंचने के पीछे चाइना कनेक्शन की बात कही गई है. इसमें कहा गया है कि सोने की वैश्विक कीमत अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, क्योंकि चीनी निवेशक और उपभोक्ता रिकॉर्ड तेजी के साथ सोने में निवेश कर रहे हैं. चीन के गोल्ड रिजर्व (China Gold Reserve) में लगातार 17वें महीने में बढ़ोतरी हुई है.
इसलिए लगा रहे दांव
Gold Market में पहले से ही चीन का दबदबा है और अब उसने अपने सोने के भंडार में लगातार वृद्धि करना शुरू कर दिया है. पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने लगातार 17वें महीने अपने गोल्ड रिजर्व में बढ़ोतरी की है. चाइना गोल्ड एसोसिएशन का कहना है कि चीन में सोने की खपत पहली तिमाही में 6 फीसदी बढ़ी है. दरअसल, सोने को निवेश का सुरक्षित विकल्प माना जाता है. इसलिए चीन के लोग रियल एस्टेट और शेयर बाजार के बजाए सोने में पैसा लगा रहे हैं. क्योंकि उन्हें पता है कि सोने में लगा पैसा उन्हें कुछ न कुछ रिटर्न देकर ही जाएगा.
सोना सबसे अच्छा विकल्प
अक्सर जब भी वैश्विक तौर पर उथल-पुथल होती है, सोने के दाम बढ़ जाते हैं. जैसा कि इजरायल-ईरान संघर्ष के दौरान देखने को मिला था. अमेरिकी फर्म स्पार्टन कैपिटल सिक्योरिटीज के चीफ मार्केट इकोनॉमिस्ट पीटर कार्डिलो ने इजरायल-हमास युद्ध के समय कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उथल-पुथल के दौरान इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो की सुरक्षा के लिए सोना अच्छा विकल्प है. तब से अब तक सोने के भाव काफी बढ़ चुके हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि इजरायल और ईरान के बीच स्थिति ज्यादा खराब हो जाती तो सोना और भी महंगा हो सकता था.
कौन तय करता है Gold Price?
जब सोने की बात निकली है, तो यह भी जान लेते हैं कि इसकी कीमत कैसे तय होती है. दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा सोने की कीमत तय की जाती है. वह यूएस डॉलर में सोने की कीमत प्रकाशित करता है. यह कीमत बैंकरों और बुलियन व्यापारियों के लिए एक वैश्विक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है. भारत में, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आयात शुल्क और अन्य लागू टैक्स को जोड़कर यह तय करता है कि रिटेल विक्रेताओं को सोना किस दर पर दिया जाएगा.
Bharat यहां से करता है इम्पोर्ट
भारत के लिए स्विट्जरलैंड सोने के आयात का सबसे बड़ा स्रोत है. यहां से हमारे कुल गोल्ड आयात की हिस्सेदारी करीब 41 प्रतिशत है. इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात से भारत लगभग 13 फीसदी और दक्षिण अफ्रीका से करीब 10 प्रतिशत सोना आयात करता है. भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Gold कंज्यूमर है. देश में सोने का आयात मुख्य रूप से ज्वैलरी इंडस्ट्री की मांग पूरी करने के लिए किया जाता है. देश के कुल आयात में सोने की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत से ज्यादा की है.
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग आज हो रही है. 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 93 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं.
शेयर बाजार (Stock Market) कल उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार करता नजर आया. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) सेंसेक्स 17.39 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 73,895.54 पर बंद हुआ. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 33.15 अंक फिसलकर 22,442.70 पर आ गया. सेंसेक्स की कंपनियों में कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों ने 5% की बढ़त हासिल की. RBI की कार्रवाई के बाद यह पहली बार है जब बैंक का शेयर इतनी तेजी से आगे बढ़ा. इसी तरह, TCS, हिंदुस्तान यूनिलीवर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, सन फार्मा और इंडसइंड बैंक के शेयरों में भी बढ़त दर्ज हुई. PSU बैंकों के शेयर जरूर कल गिरावट के साथ कारोबार करते दिखाई दिए. चलिए जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.
इनमें आ सकती है तेजी
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए APL Apollo Tubes, Radico Khaitan, Fortis Healthcare, Zydus Lifesciences और Triveni Turbine पर तेजी का रुख दर्शाया है. इसका मतलब है कि इन शेयरों के भाव आज उछल सकते हैं और दांव लगाकर आपके लिए मुनाफा कमाने की गुंजाइश भी बन सकती है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श ज़रूर कर लें, अन्यथा नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
ये भी पढ़ें - सोने की चढ़ती कीमतों का आखिर क्या है China कनेक्शन, जानें पूरी कहानी
इन पर भी रखें नजर
MACD ने DOMS Industries के साथ ही आज Info Edge (India), Craftsman Automation, Blue Star, Aavas Financiers और Safari Industries में मंदी के संकेत दिए हैं. यानी कि इन शेयरों में आज गिरावट देखने को मिल सकती है. लिहाजा इनमें निवेश को लेकर सावधान रहें. अब बात करते हैं उन शेयरों की जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में Godrej Properties, Rainbow Children's Medicare, Prestige Estate, Brigade Enterprises, Asahi India Glass, Sterling and Wilson Renewable और Supreme Industries का नाम शामिल है. जबकि Zee Entertainment Enterprises के शेयर में बिकवाली का दबाव दिखाई दे रहा है.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
यदि आपका घर उन लोकसभा क्षेत्रों में से किसी में है जहां आज मतदान होना है, तो आपके यहां बैंक बंद रहेंगे.
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के तीसरे चरण में आज यानी 7 मई को 93 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की इन लोकसभा सीटों पर होने वाले मतदान के चलते बैंकिंग गतिविधियां प्रभावित रहेंगी. कहने का मतलब है कि जिन शहरों में आज तीसरे चरण के तहत मतदान होना है, वहां बैंकों में छुट्टी रहेगी. बता दें कि लोकसभा चुनाव के इस चरण में 94 सीटों पर वोटिंग होनी थी, लेकिन गुजरात के सूरत लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के निर्विरोध चुने जाने से वहां मतदान नहीं होगा.
MP में इतनी प्रतिष्ठा दांव पर
तीसरे चरण में मध्य प्रदेश की 9 सीटों पर चुनाव होना है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के राजनीतिक भविष्य का फैसला आज होने वाले मतदान से होगा. मध्य प्रदेश की भोपाल, मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, राजगढ़ और बैतूल सीट पर वोटिंग होनी है. शिवराज सिंह चौहान विदिशा और ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से चुनावी मैदान में हैं. जबकि राजगढ़ से कांग्रेस लीडर और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मैदान में हैं.
यहां भी होनी है वोटिंग
महाराष्ट्र की कुल 11 सीटों पर आज वोटिंग होगी. इसी तरह, उत्तर प्रदेश की 10, पश्चिम बंगाल की 4 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा. असम की 4, बिहार की 5, छत्तीसगढ़ की 7, दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव की 2, गोवा की 2, गुजरात की 26, जम्मू और कश्मीर की 1 और कर्नाटक की 14 सीटों पर इस चरण में वोट डाले जाएंगे. अखिलेश यादव के पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ रही हैं. उनकी सीट पर भी आज ही वोटिंग होनी है. इसी तरह, सपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव के भाग्य का भी आज फैसला होना है. वह फिरोजाबाद सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
इन शहरों में बंद रहेंगे बैंक
मध्यप्रदेश के भोपाल, मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, राजगढ़ और बैतूल, असम में कोकराझार (आरक्षित), धुबरी, बारपेटा और गुवाहाटी, बिहार में झाझानपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और खगड़िया, छत्तीसगढ़ में सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा, बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर, गोवा के कुछ शहरों, गुजरात में कच्छ, बनासकांठा, पाटन, महेसाणा, साबरकांठा, गांधीनगर, अहमदाबाद पूर्व, अहमदाबाद पश्चिम, सुरेंद्रनगर, राजकोट, पोरबंदर, जामनगर, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, आणंद, खेड़ा, पंचमहल, दाहोद, वडोदरा, छोटा उदयपुर, भरूच, बारडोली, सूरत, नवसारी और वलसाड में बैंक आज बंद रहेंगे. इसी तरह, कर्नाटक में चिक्कोडी, बेलगाम, बागलकोट, बीजापुर, गुलबर्गा, रायचूर, बीदर, कोप्पल, बेल्लारी, हावेरी, धारवाड़, उत्तर कन्नड़, दावणगेरे और शिमोगा, महाराष्ट्र में रायगढ़, बारामती, उस्मानाबाद, लातूर, सोलापुर, माधा, सांगली, सतारा, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर और हाटकन्नांगले में आज बैंकों में कामकाज नहीं होगा.
उत्तर प्रदेश में हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, बरेली और संभल, पश्चिम बंगाल में मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण, जंगीपुर और मुर्शिदाबाद, संघ शासित प्रदेश में दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव के साथ ही जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में अनंतनाग और राजौरी में भी बैंक बंद रहेंगे.
Indegen आईपीओ को हर कैटेगिरी में निवेशक का जबरदस्त रिस्पांस मिला है. जहां इंस्टीट्यूशनल बॉयर्स ने जमकर खरीददारी की वहीं रिटेल निवेशकों ने भी जमकर खरीदा है.
इस हफ्ते आने वाले तीन आईपीओ में Indegen आईपीओ को जबरदस्त रिस्पांस मिला है. खुलने के पहले ही दिन आईपीओ पूरी तरह से स्ब्सक्राइब हो चुका है. निवेशक इस आईपीओ में 8 तारीख की शाम तक निवेश कर सकते हैं. 1800 करोड़ रुपये से ज्यादा के इस आईपीओ पर निवेशक बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं. खास बात ये है कि इस आईपीओ का ग्रे मार्केट प्राइस बेहतर बना हुआ है.
किस कैटेगिरी में कितना हुआ सब्सक्राइब
Indegen आईपीओ को हर तरह के निवेशक ने बड़े पैमाने पर सब्सक्राइब किया. ये आईपीओ गैर-संस्थागत निवेशकों की श्रेणी में 4.13 गुना सब्सक्राइब हुआ, जबकि रिटेल निवेशक के हिस्से में आईपीओ 1.50 गुना सब्सक्राइब हुआ और योग्य संस्थागत खरीदारों का हिस्सा 5% सब्सक्राइब हुआ. खुद Indegen के कर्मचारियों ने भी बड़े पैमाने पर निवेश करते हुए 1.31 गुना सब्सक्राइब किया. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, इंडीजीन आईपीओ पहले दिन 1.67 गुना सब्सक्राइब हुआ.
ये भी पढ़ें:नोएडा के इस लग्जरी प्रोजेक्ट में क्या आपने भी किया है निवेश, NCLT ने लिया ये एक्शन
इतना है प्राइज बैंड
1,841.76 करोड़ रुपए के इस आईपीओ के तहत 750 करोड़ रुपए के फ्रेश शेयर जारी किए जाएंगे. कंपनी के इन्वेस्टर्स और प्रमोटर्स ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए 2.93 करोड़ शेयरों की बिक्री करेंगे. इंडेजीन ने 430-452 रुपए का प्राइज बैंड तय किया है. लाइफ साइंसेज इंडस्ट्री को डिजिटल सर्विसेज उपलब्ध कराने वाली इस कंपनी ने 3 मई को एंकर निवेशकों से 548.77 करोड़ रुपए जुटाए थे.
जानिए कब हो रहा है बाजार में लिस्ट
इस आईपीओ के लिए जो लिस्ट होने की तारीख है वो हम आपको बताएंगे. लेकिन पहले जानिए कि 8 तारीख तक इसमें पैसा लगाया जा सकता है. उसके बाद 9 मई तक इसमें अलॉटमेंट किया जाएगा. 10 मई को उन लोगों को रिफंड कर दिया जाएगा जिन्हें आईपीओ अलॉट नहीं होगा. इसी तरह से बाजार में इसके लिस्ट होने की तारीख 13 मई तय की गई है. उस दिन पता चलेगा आईपीओ को बेहतर रिस्पांस मिलने के बाद ये लिस्ट कितने पर होता है.
वोडाफोन-आइडिया (Vi) ने अपने 4जी नेटवर्क को अपग्रेड और 5G को रोलआउट करने के लिए यूरोपीय कंपनियों के साथ बातचीत तेज कर दी है. माना जा रहा है कि खरीद ऑर्डर जून-जुलाई में जारी हो सकता है.
वोडाफोन आइडिया (Vi) ने हाल ही में सफल फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) पूरा किया है और अब वह अपने 4G नेटवर्क को अपग्रेड करने की योजना बना रही है. इस अपग्रेड के लिए कंपनी ने नोकिया और एरिक्सन के साथ बातचीत तेज कर दी है. उम्मीद है कि जून-जुलाई 2024 में ही इन कंपनियों को नेटवर्क अपग्रेड का ऑर्डर दे दिया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी दौरान Vodafone-Idea, 5G नेटवर्क के लिए भी इन कंपनियों के साथ शुरुआती एग्रीमेंट कर सकती है.
चुनाव के बाद जारी हो सकता है पर्चेजिंग ऑर्डर!
इस टेलीकॉम कंपनी ने हाल ही में 18,000 करोड़ रुपये का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) सफलता पूर्वक पूरा किया है. कंपनी इस फंड में से कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए लगभग 13,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसमें से आधे से अधिक 4जी विस्तार के लिए होगा. उम्मीद है कि जून में स्पेक्ट्रम नीलामी और चुनाव समाप्त होने के बाद खरीद का ऑर्डर जारी किया जाए. एरिक्सन के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम भारत में सभी ग्राहकों के साथ जुड़े हुए हैं, लेकिन हमारी व्यावसायिक चर्चाओं पर टिप्पणी नहीं करते हैं.
कार खरीदने की सोच रहे हैं, तो Honda दे रहा है भारी भरकम डिस्काउंट, जानिए ऑफर
₹25,000 करोड़ जुटा रही है कंपनी
FPO के जरिए फंड जुटाने के अलावा टेलीकॉम कंपनी कर्ज के जरिए ₹25,000 करोड़ जुटाने की कोशिश कर रही है. इसके अलावा कंपनी ने प्रेफरेंशियल शेयर इश्यू के जरिए प्रमोटर यूनिट से ₹2,075 करोड़ जुटाने की पहले ही मंजूरी दे दी थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वोडाफोन-आइडिया को 5G शुरू करने से पहले 4 नेटवर्क को अपग्रेड करना होगा. वोडाफोन आइडिया के 4G नेटवर्क में चीनी वेंडर्स की बड़ी हिस्सेदारी है, लेकिन चीनी फर्म को 5G नेटवर्क के लिए अनुमति नहीं है. इसलिए टेलीकॉम कंपनी को पहले यूरोपीय वेंडर्स के माध्यम से 4G नेटवर्क को अपग्रेड करना होगा और फिर 5G रोलआउट की योजना बनानी होगी.
वोडाफोन-आइडिया पर 2,10,000 करोड़ का कर्ज
वोडाफोन आइडिया वित्तीय दिक्कतों से जूझ रही है, जिसपर 2,10,000 करोड़ का कर्ज है. वोडाफोन आइडिया अपने कॉम्पिटिटर्स (Jio और Airtel) के साथ कॉम्पिटिशन करने के लिए अपनी सर्विस और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करना चाहती है. कंपनी अभी रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसे बड़े कॉम्पिटिटर्स से काफी पीछे है.
पतंजलि के विज्ञापनों को लेकर बाबा रामदेव को पिछले कुछ वक्त से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
विज्ञापनों में बड़े-बड़े दावे करने के चलते जहां बाबा रामदेव (Baba Ramdev) को सुप्रीम कोर्ट से कड़ी फटकार लगी थी. वहीं, उत्तराखंड सरकार ने भी उनकी कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी. राज्य सरकार ने पतंजलि की दिव्य फार्मेसी (Divya Pharmacy) के 14 उत्पादों पर बैन लगाते हुए उनके लाइसेंस रद्द कर दिए थे. इसके साथ ही उत्तराखंड की लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने बाबा की कंपनी के खिलाफ हरिद्वार की एक अदालत में कानूनी कार्यवाही भी शुरू कर दी है.
पीएमओ से मिले थे निर्देश
अब सवाल यह उठता है कि राज्य सरकार ने खुद ही रामदेव की कंपनी के बड़े-बड़े दावों पर आपत्ति जताते हुए कार्रवाई की या फिर इसके आदेश कहीं और से आए थे? एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय यानी PMO के निर्देश के बाद ही उत्तरखंड सरकार हरकत में आई थी. दरअसल, पीएमओ को भेजी गई एक शिकायत में कहा गया था पतंजलि आयुर्वेद आयुष उत्पादों के बारे में भ्रामक विज्ञापनों से जुड़े कानून का लगातार उल्लंघन कर रही है, लिहाजा कंपनी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए.
ये भी पढ़ें - उतार-चढ़ाव वाले बाजार में लाल रंग में क्यों डूबे नजर आए सरकारी बैंकों के शेयर?
इन्होंने की थी शिकायत
इसके बाद PMO से कार्रवाई के निर्देश मिले और उत्तराखंड की लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने पतंजलि आयुर्वेद की दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों का लाइसेंस रद्द कर दिया. इसके अलावा, कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी शुरू कर दी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि बाबा की कंपनी के खिलाफ दोनों एक्शन यानी पहले उत्पाद पर प्रतिबंध और फिर कानूनी कार्यवाही पीएमओ के निर्देश पर हुए हैं. आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. वी के बाबू ने पीएमओ से शिकायत में कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद बार-बार Drugs and Magic Remedies कानून 1954 का उल्लंघन कर रही है. अब उत्तराखंड की ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी ने बाबू को भेजे जवाब में बताया कि PMO ने उनकी शिकायत की जांच और उचित कार्रवाई करने को कहा था.
कार्रवाई नहीं कर रही थी सरकार?
यह दावा भी किया जा रहा है कि बाबू पिछले दो साल से रामदेव की कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे, लेकिन राज्य सरकार कार्रवाई नहीं कर रही थी. इसके बाद उन्होंने पीएमओ के साथ ही सुप्रीम कोर्ट से इसमें हस्तक्षेप करने की मांग की थी. बता दें कि पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को जमकर फटकार लगाई थी. कोर्ट ने लगातार तीन बार बाबा की माफी को भी स्वीकार करने से इंकार कर दिया था. इसके बाद पतंजलि ने बड़े फॉन्ट में अख़बारों में माफीनामा प्रकाशित करवाया था.
इस मामले में कोर्ट की ओर से एक आरई की नियुक्ति की गई है. ये आरई इस बात की प्रमुखता से देखरेख करेंगे कि इसमें निवेश करने वालों को किसी तरह की परेशानी न हो.
रियल स्टेट सेक्टर में धीरे धीरे हो रही ग्रोथ के बीच नोएडा के एक लग्जरी प्रोजेक्ट के लिए बुरी खबर सामने आई है. दरअसल नोएडा के सेक्टर 124 में रियल स्टेट कंपनी ATS अपना लग्जरी प्रोजेक्ट बना रही है. एटीएस के इस लग्जरी प्रोजेक्ट पर भुगतान में देरी करने का आरोप है जिसके चलते एनसीएलटी ने बड़ी कार्रवाई की है. एनसीएलटी ने इस मामले में अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है.
आखिर कौन सा है एटीएस का ये प्रोजेक्ट?
रियल स्टेट कंपनी एटीएस इस क्षेत्र की जानी मानी कंपनी है. एटीएस नोएडा के सेक्टर 124 में अपनी लग्जरी हाउसिंग योजना एटीएस नाइटब्रिज बना रही है. लेकिन अब एनसीएलटी ने इस कंपनी के खिलाफ आरई की नियुक्ति कर दी है जो इस मामले की निगरानी करेगा. दरअसल एटीएस हाईट्स प्राइवेट लिमिटेड पर कर्जदाताओं के 285 करोड़ रुपये और 47 करोड़ रुपये के भुगतान में डिफॉल्ट का आरोप है.
ये भी पढ़ें; जेट एयरवेज के चेयरमैन को मिली राहत, इस आधार कोर्ट ने दी जमानत
इस कंपनी की शिकायत पर शुरू हुई है प्रक्रिया
एनसीएलटी में इस मामले की शिकायत एएसके इंडिया रियल एस्टेट स्पेशल अपॉर्च्यूनिटीज फंड प्राइवेट लिमिटेड, एएसके इन्वेसटमेंट मैनेजर्स लिमिटेड और एएसके ट्रस्टीशिप सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, ने की है. एएसके ट्रस्टीशिप सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के बारे में बताया गया है कि वह एएसके इंडिया रियल एस्टेट स्पेशल अपॉर्च्यूनिटीज फंड और एएसके इंडिया रियल एस्टेट स्पेशल अपॉर्च्यूनिटीज फंड-2 की इन्वेस्टमेंट मैनेजर है.
क्या प्रोजेक्ट पर लगाई गई है रोक?
एनसीएलटी ने इस मामले में गौरव कटियार को आरई नियुक्त किया है. एनसीएलटी ने इस प्रोजेक्ट पर किसी भी प्रकार की रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है. एनसीएलटी की ओर से कहा गया है कि ना तो प्रोजेक्ट में देरी होनी चाहिए और न ही इस प्रोजेक्ट में निवेश करने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी होनी चाहिए. वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में एटीएस की प्रमोटर गीतांबर अंगद ने दलील दी है कि 285 करोड़ और 47 करोड़ रुपये के जिस डिफॉल्ट की बात की है वो डेट नहीं है बल्कि इक्विटी है. लेकिन एनसीएलटी ने इसे स्वीकार नहीं किया.