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पहले फेज की वोटिंग जारी, Vote करने से पहले जान लीजिए ये अपडेट
कुल सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले चरण में आज 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 weeks ago
देश के पर्व यानी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के लिए पहले चरण की वोटिंग आज हो रही है. इससे ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उस मुद्दे पर सुनवाई की, जो लगभग हर चुनाव में गर्माया रहता है. कोर्ट ने करीब 5 घंटे तक सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. दरअसल, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100 प्रतिशत क्रॉस-चेकिंग की मांग को लेकर अदालत में याचिका दायर की गईं हैं. इसी पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कल करीब 5 घंटे तक सुनवाई की.
ज्यादा वोट का आरोप
क्रॉस-चेकिंग की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं की तरफ से सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण, गोपाल शंकरनारायण और संजय हेगड़े ने पैरवी की. प्रशांत भूषण एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की तरफ से पेश हुए. जबकि, चुनाव आयोग की ओर से एडवोकेट मनिंदर सिंह और केंद्र सरकार की की तरफ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में मौजूद रहे. एडवोकेट भूषण ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि केरल में मॉक पोलिंग के दौरान भाजपा को ज्यादा वोट का हवाला दिया. चुनाव आयोग के वकील मनिंदर सिंह से इसे झूठी और बेबुनियाद खबर बताया.
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आयोग ने दिया ये हवाला
अदालत ने चुनाव आयोग से पूछा कि क्या वोटिंग के बाद मतदाताओं को VVPAT से निकली पर्ची नहीं दी जा सकती? इस पर आयोग ने कहा कि ऐसे करने में बहुत बड़ा जोखिम है. इससे मतदान की गोपनीयता से समझौता होगा और बूथ के बाहर इसका दुरुपयोग भी किया जा सकता है. इस दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आयोग द्वारा अपनाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी हासिल की. इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
लगातार उठती रही है मांग
बता दें कि EVM पर विपक्षी दल लगातार सवाल उठाते रहे हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले करीब 21 विपक्षी दलों के नेताओं ने भी सभी EVM में से कम से कम 50 प्रतिशत VVPAT मशीनों की पर्चियों से वोटों के मिलान की मांग की थी. मई 2019 में भी सभी EVM और VVPAT पर्चियों के मिलान की मांग वाली याचिका लगाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसके अलावा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने भी जुलाई 2023 में वोटों के मिलान की याचिका लगाई थी, जिसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया था. अब ऐसी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई है.
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