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वैश्विक चुनौतियों के बीच JP Morgan के बॉस ने भारत-अमेरिका की दोस्ती पर दिया बड़ा बयान
जैमी डिमन ने कहा कि कई कारणों से ग्लोबल कंपनियां चीन से किनारा कर रही हैं, यह भारत के लिए अच्छा मौका है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago
अमेरिकी फाइनेंशियल कंपनी जेपी मॉर्गन (JP Morgan) के बॉस जैमी डिमन (Jamie Dimon) ने भारत और अमेरिका के रिश्तों (Indo-US Relation) को लेकर बड़ी बात कही है. डिमन का कहना है कि तमाम वैश्विक चुनौतियों के बावजूद इंडो-यूएस के रिश्ते मजबूत होते रहेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका बेस्ट नेचुरल पार्टनर हैं और उनकी दोस्ती आने वाले 100 सालों तक टिकी रहने वाली है. बता दें कि हाल ही में JP Morgan ने भारत के सरकारी बॉन्ड्स को अपने बेंचमार्क इमर्जिंग-मार्केट इंडेक्स में शामिल किया है.
चीन से तनाव एक मौके की तरह
जेपी मॉर्गन के चेयरमैन और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर जैमी डिमन (Jamie Dimon) का मानना है कि अमेरिका और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में अमेरिका और भारत के पास अपनी दोस्ती को अगले लेवल पर ले जाने का शानदार मौका है. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि कई कारणों से ग्लोबल कंपनियां चीन से किनारा कर रही हैं, यह भारत के लिए अच्छा मौका है. जैमी डिमन ने भारत सरकार की कुछ योजनाओं की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि भारत ने कई मोर्चों पर अच्छा काम किया है. इनमें आधार, GST सुधार और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च शामिल है.
यूएस के कर्ज का किया जिक्र
JP Morgan के बॉस ने कहा कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था अभी ठीक चल रही है और भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है. लेकिन भविष्य बहुत अलग नजर आ रहा है. यूएस पर पहले ही बहुत कर्ज चढ़ चुका है. खासकर, यूक्रेन युद्ध की वजह से महंगाई बेतहाशा बढ़ी है. अमेरिका और चीन के बीच भी तनाव बढ़ रहा है. डिमन ने कहा कि हम लंबे समय से दोनों देशों के रिश्तों में मजबूती की वकालत करते रहे हैं. दोनों देश अगले 100 साल तक बेस्ट नेचुरल पार्टनर रहेंगे और इसमें कोई शक नहीं है.
पहले से बेहतर हुए हैं रिश्ते
अमेरिकी फाइनेंशियल कंपनी के चेयरमैन ने PM मोदी के कामकाज की भी तारीफ की. बता दें कि भारत और अमेरिका के रिश्तों में पिछले कुछ सालों में काफी मजबूती आई है. दरअसल, अमेरिका अच्छे से समझता है कि एशिया में अपनी मौजूदगी के लिए उसे भारत के साथ की जरूरत है. एशिया में चीन के खिलाफ केवल भारत ही मजबूती से खड़ा हो सकता है और अमेरिका भारत के साथ आकर चीन पर दबाव बना सकता है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि भारत अमेरिका से रिश्तों की खातिर पुराने दोस्तों को दरकिनार कर रहा है. यूएस की आपत्ति के बावजूद भारत ने मुश्किल वक्त में रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखा था.
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