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Israel-Hamas संघर्ष में इस Coffee बनाने वाली कंपनी का निकला तेल, हर रोज लग रहे झटके
इजरायल और हमास को लेकर एक जंग सोशल मीडिया पर भी लड़ी जा रही है. इस जंग के चलते स्टारबक्स को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago
इजरायल-हमास संघर्ष ने कई कंपनियों के कारोबार को प्रभावित किया है. अब इसमें प्रसिद्ध कॉफी ब्रैंड स्टारबक्स (Starbucks) भी शामिल हो गया है. इस अमेरिकी कंपनी को महज कुछ दिनों में ही 11 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है. दरअसल, कंपनी के एक ट्वीट के बाद से उसके बहिष्कार को लेकर कैंपेन चलाया जा रहा है, जिससे Starbucks के शेयर पिछले 19 दिनों में 8.96 प्रतिशत टूट चुके हैं. इस अमेरिकी कंपनी पर फिलिस्तीनियों के प्रति सहानुभूति रखने का आरोप है.
कंपनी की सेल भी हुई प्रभावित
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्टारबक्स के शेयरों में लगातार 12 कारोबारी सत्रों में गिरावट आई है, जो 1992 में Starbucks के सार्वजनिक होने के बाद से अब तक का सबसे लंबा रिकॉर्ड है. Starbucks के शेयर लगभग 95.80 डॉलर पर ट्रेड कर रहे हैं. जबकि इसका वार्षिक उच्च स्तर 115 डॉलर है. शेयरों में गिरावट के साथ ही कंपनी को खराब सेल का भी सामना करना पड़ा है. इन सब कारणों के चलते कंपनी की मार्केट वैल्यू में लगभग 11 बिलियन डॉलर की कमी आई है. हालांकि, स्टारबक्स ने आरोपों से इनकार किया है, लेकिन उसके बहिष्कार का आंदोलन थमा नहीं है.
कॉस्ट कटिंग पर हुई मजबूर
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि स्टारबक्स के लिए विभाजनकारी वैश्विक मुद्दों के बीच अपनी ब्रैंड प्रतिष्ठा को बनाए रखना बेहद चुनौतीपूर्ण है. बायकॉट कैंपेन के चलते Starbucks को बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ा है. जिसके परिणामस्वरूप कंपनी ने नवंबर के अंत में श्रमिकों को निकाल दिया था. स्टारबक्स को खर्चों में कटौती के लिए ये कदम उठाना पड़ा था. बता दें कि स्टारबक्स सिग्नेचर एस्प्रेसो ड्रिंक्स, जैसे कि कैपेचिनो, अमेरिकानो, लैट्टेस के लिए फेमस है. इसके अलावा, उसके कैफे मोचा, जावा चिप फ्रैप्पेचिनो, सिग्नेचर हॉट चॉकलेट और कैरामल मचियाटो को भी काफी पसंद किया जाता है. स्टारबक्स ने अपना पहला स्टोर साल 1971 में खोला था, इसके बाद से कंपनी लगातार आगे बढ़ती गई. आज इसके दुनियाभर में 36,000 से ज्यादा स्टोर हैं. भारत में स्टारबक्स को टाटा ग्रुप चलाता है.
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इनकी मेहनत से निखरी कंपनी
अब जब स्टारबक्स की बात निकली है, तो फिर उस शख्स की बात करना भी जरूरी हो जाता है, जिसने Starbucks को सफलता के इस मुकाम तक पहुंचाया. हॉवर्ड स्कूल्ज (Howard Schultz) Starbucks Coffee के चेयरमैन रहे हैं. सितंबर में उनके कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से इस्तीफा देने की खबर सामने आई थी. कंपनी ने उन्हें Lifelong Chairman Emeritus का दर्जा दिया है. स्कूल्ज की बेहतर रणनीति की बदौलत ही स्टारबक्स आज इस मुकाम पर है कि बच्चे भी उसका नाम जानते हैं. हॉवर्ड स्कूल्ज का जन्म साल 1953 में न्यूयॉर्क में हुआ. परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, इसलिए उन्होंने कम उम्र में ही नौकरी शुरू कर दी. इस बीच, पिता की जॉब चले जाने से परिवार पर आर्थिक परेशानियों का पहाड़ टूट गया, लेकिन स्कूल्ज हालातों से लड़ते रहे.
एंट्री-लेवल सेल्समैन की नौकरी
स्कूल्ज के सपने बड़े थे और वो उन सपनों को पूरा करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने आगे पढ़ने का फैसला किया. लेकिन पैसों की कमी उनकी इस राह में बाधा थी, इस बाधा को दूर करने के लिए उन्होंने स्कॉलरशिप हासिल की. वह अपने परिवार में यूनिवर्सिटी जाने वाले पहले व्यक्ति थे. हॉवर्ड स्कूल्ज ने Xerox में एंट्री-लेवल सेल्समैन की नौकरी की, ताकि परिवार को संभाल सकें और अपने सपनों को पूरा कर सकें.
इस तरह आया आइडिया
कुछ समय बाद उन्होंने उन्होंने एक कॉफी रोस्टर में नौकरी की. बता दें कि स्टारबक्स पहले कॉफी रोस्टर था, जो बाद में कॉफी शॉप बना. हॉवर्ड वहां कॉफी बीन्स बेचा करते थे. हालांकि, जल्द ही अपनी काबिलियत के बल पर उन्होंने बड़ा पद हासिल किया. एक बार वह किसी दूसरे कॉफी हाउस गए, जहां का वातावरण उन्हें बेहद पसंद आया. इसके बाद उनके मन में एक ऐसा कॉफी हाउस खोलने की इच्छा हुई, जहां लोग साथ बैठकर कॉफी पी सकें. उन्होंने अपने मालिकों के सामने यह प्रस्ताव रखा, लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया. हावर्ड को मालिकों का यह रुख नागवार गुजरा और उन्होंने नौकरी छोड़कर खुद की कॉफी आउटलेट शुरू की.
तेजी से विस्तार कर रही है कंपनी
1984 में जब हावर्ड को यह पता चला कि स्टारबक्स को बेचा जा रहा है, तो उन्होंने उसे खरीद लिया और फिर अपने सपने पूरे करने में जुट गए. उन्होंने देश-विदेश में कंपनी की शाखाएं खोलीं. नए-नए आइडियाज के दम पर उन्होंने स्टारबक्स को लोगों के बीच फेमस कर दिया. आज स्टारबक्स तेजी विस्तार कर रही है. कुछ समय पहले कंपनी ने 318 नए आउटलेट्स खोले थे. इसके साथ दुनियाभर में उसके आउटलेट्स की संख्या बढ़कर 36,000 हो गई है. भारत में स्टारबक्स ने टाटा ग्लोबल बेवरेजेज के साथ अक्टूबर 2012 में एंट्री ली थी.
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