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क्या भारत छोड़कर पाकिस्तान जा रही है Xiaomi? कंपनी ने खुद दिया जवाब
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शाओमी की 68.2 करोड़ डॉलर (5551 करोड़ रुपए से अधिक) की राशि को फ्रीज कर दिया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
चीन की स्मार्टफोन कंपनी शाओमी (Xiaomi) क्या भारत से अपना कारोबार समेटना चाहती है? क्या कंपनी चीन के सदाबहार दोस्त पाकिस्तान जाने की तैयारी में है? इन सभी सवालों के जवाब मिल गए हैं. दरअसल, शाओमी अपनी गतिविधियों के चलते भारतीय एजेंसियों के रडार पर है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उसकी 68.2 करोड़ डॉलर (5551 करोड़ रुपए से अधिक) की राशि को फ्रीज कर दिया है. ED ने विदेशी मुद्रा कानूनों (फेमा) के उल्लंघन के आरोप में यह कार्रवाई की है, जिसे फेमा के तहत नियुक्त अथॉरिटी ने भी सही ठहराया है.
रिपोर्ट को बताया गलत
इस कार्रवाई के बाद से कहा जा रहा था कि नाराज चीनी कंपनी भारत से अपना कारोबार समेटकर पाकिस्तान जा सकती है. अब कंपनी ने बयान जारी कर इन खबरों को गलत बताया है. शाओमी का कहना है कि वो भारत छोड़कर कहीं नहीं जा रही. Xiaomi ने पाकिस्तान जाने की साउथ एशिया इंडेक्स की रिपोर्ट को 'झूठा और निराधार' बताया. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि शाओमी अपना ऑपरेशन भारत से पाकिस्तान शिफ्ट कर सकती है.
ट्वीट का दिया जवाब
Xiaomi ने साउथ एशिया इंडेक्स के ट्वीट के जवाब में लिखा है, 'यह ट्वीट पूरी तरह से झूठा और निराधार है. Xiaomi ने 2014 में भारत में प्रवेश किया था और महज एक साल के भीतर हमने अपनी मेक इन इंडिया यात्रा शुरू कर दी. हमारे 99 प्रतिशत स्मार्टफोन और हमारे 100 प्रतिशत TV भारत में निर्मित होते हैं. हम अपनी प्रतिष्ठा को झूठे और गलत दावों से बचाने के लिए सभी उपाय करेंगे'.
This tweet is completely false & baseless. Xiaomi entered India in 2014 & in less than a year, we embarked on our Make in India journey.
— Xiaomi India (@XiaomiIndia) October 7, 2022
99% of our smartphones & 100% of our TVs are made in India. We'll take all measures to protect our reputation from false & inaccurate claims.
कोर्ट से नहीं मिली राहत
इस बीच, कर्नाटक हाई कोर्ट ने Xiaomi की 68.2 करोड़ डॉलर की संपत्ति पर से रोक हटाने से इनकार कर दिया है. ED का कहना है कि चीनी कंपनी ने रॉयल्टी के नाम पर करोड़ों रुपए भारत से बाहर भेजे हैं. रॉयल्टी तीन कंपनियों को भेजी गई है. इसमें एक चीन स्थित मूल कंपनी शाओमी और अमेरिका स्थित दो अन्य कंपनियां शामिल हैं. जबकि अमेरिका स्थिति दोनों कंपनियों का भारत में शाओमी के कामकाज से कोई संबंध नहीं है. अब शाओमी का कहना है कि उसका रॉयल्टी के रूप में अमेरिकी कंपनी क्वॉलकॉम को भुगतान करना पूरी तरह से वैध है. शाओमी ने कहा कि उसके द्वारा पूछे गए कानूनी व तथ्यामक सवालों का अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है. वह अपने हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी.
करार का दिया हवाला
शाओमी का कहना है कि 'शाओमी इंडिया' उसके समूह की कंपनी है, जिसने मोबाइल फोन बनाने के उद्देश्य से लाइसेंस IP के लिए अमेरिका की चिप सेट कंपनी क्वालकॉम के साथ एक कानूनी समझौता किया था. शाओमी ने कहा कि वह और क्वॉलकॉम दोनों मानते हैं कि यह वैध वाणिज्यिक समझौता है. चीनी कंपनी के मुताबिक, यूएस कंपनी को भुगतान उसके फोन के इंडियन वर्जन में इस्तेमाल किए जा रहे स्टैंडर्ड एसेंशियल पेटेंट्स और आईपी के लिए किया गया है. यह भुगतान केवल भारत में हुई फोन बिक्री के लिए किया गया था और कंपनी ने सभी नियमों का पालन किया है.
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