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दिसंबर तक कम हो सकती है महंगाई, जानिए किसने कही ये बात
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस साल दिसंबर पर महंगाई दर के 5.7 प्रतिशत तक आने की उम्मीद है. ये दर आरबीआई के सुरक्षित दायरे के अंदर है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago
महंगाई एक ऐसा विषय है जो हर मौसम में आम आदमी से जुड़ी रहती है. इसके कम होने या ज्यादा से सबसे ज्यादा फर्क आम आदमी को पड़ता है. इसी महंगाई को लेकर वित्त सचिव का एक बयान सामने आया है जिसमें कहा गया है कि दिसंबर तक महंगाई कम हो सकती है. मौजूदा समय में महंगाई रिजर्व बैंक के सेफ दायरे से ज्यादा है. अगस्त में रिटेल महंगाई की दर 7.44% बनी हुई है. वित्त सचिव टीवी सोमनाथ ने कहा है कि महंगाई को कम करने के लिए सीजनल फैक्टर कम होने लगे हैं, ऐसे में राहत मिल सकती है.
खाद्य पदार्थों में हो सकती है कमी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दरअसल हमारे देश में जुलाई से लेकर सितंबर-अक्टूबर तक महंगाई बढ़ जाती है क्योंकि अनियमित बारिश के कारण कई राज्यों में आलू, प्याज, टमाटर की फसलें खराब हो जाती हैं. सप्लाई कम होने और डिमांड ज्यादा होने के कारण महंगाई बढ़ने लग जाती है. ये सिलसिला तब तक चलता है जब तक नई फसल से आपूर्ति नहीं हो जाती है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि आने वाली दिसंबर तिमाही में महंगाई गिरकर 5.7 प्रतिशत हो जाएगी जो वित्तीय वर्ष 2024 में घटकर 5.4 प्रतिशत हो जाएगी. वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने कहा है कि भारत 2025-26 तक अपने राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 प्रतिशत से नीचे पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. जबकि इस वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को 5.9 प्रतिशत लाने का लक्ष्य रखा गया है.
खाद्य पदार्थो की महंगाई के कारण हुई थी महंगाई
देश में इस साल भी जुलाई से लेकर सितंबर तक महंगाई देखने को मिली. जुलाई और अगस्त में तो खाद्य पदार्थों की कीमतों ने परेशान कर दिया था. बारिश के कारण खराब हुई टमाटर की फसल के कारण बाजार में टमाटर की कीमत 300 रुपये को पार कर गई थी. इसी तरह कई अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में भी कमी देखने को मिली थी. यही नहीं इसी महंगाई को रोकने के लिए केन्द्र सरकार अब तक गेहूं और चावल के निर्यात पर भी पूरी तरह से बैन लगाया जा चुका है.
रेपो रेट के स्थिर रहने के संकेत
मौजूदा महंगाई दर को देखते हुए ज्यादा विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार भी आरबीआई रेपो रेट को एक बार फिर स्थिर रख सकता है. अभी तक पिछले दो टर्म से आरबीआई रेपो रेट को 6.50 के दायरे में रखे हुए है. जबकि उससे पहले लगातार इसमें इजाफा हो रहा था.
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