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रिटेल क्रान्ति और ई-कॉमर्स की भूमिका पर क्या बोले SME Forum के प्रेसिडेंट?
SME फोरम के प्रेसिडेंट ने कहा कि उन्हें लगता है कि भारत में हर उत्पादक को उसकी मार्केट से जोड़ा जाना चाहिए.
पवन कुमार मिश्रा 8 months ago
देश की राजधानी दिल्ली में आज समर्थ कार्यक्रम की सफलता का जश्न मनाया गया. इस मौके पर ‘होमग्रोन हीरोज’ (Homegrown Heroes) नामक पुस्तक का विमोचन भी किया गया. इस कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान SME Forum के प्रेजिडेंट विनोद कुमार ने भारत में रिटेल क्रान्ति की बात कही. आइए विनोद से जानते हैं कि आखिर भारत के रिटेल क्षेत्र में क्रान्ति किस प्रकार होगी?
रिटेल के क्षेत्र में कैसे हो रही है क्रान्ति?
बिजनेसवर्ल्ड से खास बातचीत के दौरान SME फोरम के प्रेसिडेंट इस विषय पर बात की और कहा की उन्हें लगता है की भारत में हर वह व्यक्ति जो किसी भी चीज का उत्पादन कर रहा है, उसे उसकी मार्केट से जोड़ा जाएगा और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है. विनोद ने कहा कि उत्पादन करने वाले को उसी मार्किट से जोड़ना ही अपने आप में बहुत बड़ी बात है क्योंकि ज्यादातर उत्पादक अपनी मार्केटों तक ही नहीं पहुंच पाते हैं.
उत्पादक को चाहिए तय मार्केट
जब हर एक उत्पादक अपनी तय मार्केट में पहुंच जाता है तो उसके लिए उससे बड़ी कोई क्रान्ति नहीं हो सकती है. इसके बाद सब कुछ कंज्यूमर पर और कंज्यूमर की जरूरतों पर निर्भर करता है. भारत में पिछले कुछ समय के दौरान ई-कॉमर्स सेक्टर में भी काफी बड़े बदलाव देखने को मिले हैं ऐसे में एक सवाल यह भी है कि भारत के रिटेल क्षेत्र की क्रान्ति में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स क्या भूमिका निभाते हैं?
ज्यादा से ज्यादा मार्केटप्लेस
इस बारे में बात करते हुए विनोद ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत में लाखों नए मार्केटप्लेसों की शुरुआत होगी और मैं चाहूंगा कि एक उत्पादक ज्यादा से ज्यादा मार्केटप्लेसों पर अपनी मौजूदगी दर्ज करवाए. हर मार्केट के कुछ तय कस्टमर्स होते हैं, अब मान लीजिये कि हर मार्केट में 50 लाख से १ करोड़ कस्टमर्स हैं और एक उत्पादक 8-9 मार्केटों में उपलब्ध है तो उसे उसके उत्पाद के लिए ऑडियंस मिलेगी.
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