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पूरी दुनिया को प्रभावित कर रही हमारी GDP की मजबूती, फिर IMF को क्यों नहीं भरोसा?
IMF का कहना है कि सुब्रमण्यन की ओर से व्यक्त किए गए विचार आईएमएफ में भारत के प्रतिनिधि के रूप में थे.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के लिए हर तरफ से पॉजिटिव खबरें मिल रही हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की तरफ से भी भारत के लिए 8 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया था, लेकिन अब IMF ने खुद को इससे अलग कर लिया है. IMF का कहना है कि यह अनुमान उसका नहीं है. दरअसल, IMF के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम के हाल ही में भारत की ग्रोथ को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि भारत 8 प्रतिशत की ग्रोथ से आगे बढ़ सकता है.
लगाया है इतना अनुमान
आईएमएफ ने कहा है कि सुब्रमण्यम उसके मंच पर भारत के प्रतिनिधि की भूमिका में थे और वो उनका निजी बयान था. IMF की प्रवक्ता जूली कोजैक के अनुसार, सुब्रमण्यन की ओर से व्यक्त किए गए विचार आईएमएफ में भारत के प्रतिनिधि के रूप में थे. यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष 8 प्रतिशत ग्रोथ वाले बयान से खुद को पूरी तरह अलग कर लिया है. आईएमएफ का कहना है कि वह अगले कुछ हफ्तों में दुनिया के इकोनॉमिक आउटलुक का नया संशोधन जारी करेगा. अभी जनवरी की आखिरी अपडेट के हिसाब से भारत की GDP ग्रोथ मिड टर्म में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
क्या कहा था सुब्रमण्यम ने?
सुब्रमण्यम ने पिछले महीने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा था कि मूल विचार यह है कि पिछले 10 साल में भारत ने जिस तरह की ग्रोथ की है, यदि हम पिछले 10 वर्षों में लागू की गई अच्छी नीतियों को दोगुना कर सकते हैं और सुधारों में तेजी ला सकते हैं, तो भारत यहां से 2047 तक निश्चित रूप से 8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है. अब आईएमएफ की प्रवक्ता ने उस अनुमान से खुद को अलग करते हुए स्पष्ट किया कि IMF में एक कार्यकारी निदेशक मंडल है, जो कार्यकारी निदेशकों से बना है. ये देशों या राष्ट्र के प्रतिनिधि हैं. यह निश्चित रूप से आईएमएफ कर्मचारियों के काम से अलग है.
World बैंक का भरोसा कायम
IMF ने भले ही भारत के 8 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान से खुद को अलग कर लिया हो, लेकिन वर्ल्ड बैंक का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से दौड़ती रहेगी. वर्ल्ड बैंक ने 2024 में भारतीय इकॉनमी की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. उसने अपने पहले अनुमान को संशोधित किया है. वर्ल्ड बैंक ने कहा कि भारत में सर्विस सेक्टर और इंडस्ट्री में लचीलापन जारी रहने के कारण GDP वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत तक पहुंच सकती है. हालांकि, मध्यम अवधि में विकास दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है. बता दें कि तमाम घरेलू या वैश्विक रिपोर्ट्स में भारत की GDP के लगातार मजबूत होने के अनुमान जताया गया है. ऐसे में IMF को 8 प्रतिशत ग्रोथ वाले बयान पर भरोसा क्यों नहीं है, यह अपने आप में एक सवाल है.
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