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क्या इस सेक्टर से हो गया है विदेशी निवेशकों का मोह भंग? आंकड़े तो यही बता रहे
विदेशी निवेशकों ने इस साल के पहले महीने में कई सेक्टर्स में बिकवाली की है, लेकिन एक सेक्टर के उन्होंने सबसे ज्यादा शेयर बेचे हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 3 months ago
भारत की दमकती अर्थव्यवस्था ने विदेशी निवेशकों को यहां निवेश के लिए आकर्षित किया है. हमारे शेयर बाजार (Stock Market) में भी विदेशी निवेशकों ने अच्छा-खासा पैसा लगाया हुआ है. इन इन्वेस्टर्स का निवेश अलग-अलग सेक्टर्स में है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने पिछले साल नवंबर और दिसंबर में भारतीय शेयर बाजार में अरबों डॉलर का निवेश किया था, लेकिन इस साल की शुरुआत में उन्होंने खरीदारी के बजाए बिकवाली पर जोर दिया.
इस शेयर में कम हुई दिलचस्पी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जनवरी में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने कुल सात सेक्टर्स में 40,300 करोड़ रुपए (4.8 अरब डॉलर) की बिकवाली की. इनमें से एक सेक्टर ऐसा रहा, जहां उन्होंने बिकवाली पर सबसे ज्यादा जोर दिया. पिछले महीने इन निवेशकों ने फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में 30,000 करोड़ रुपए से अधिक की बिकवाली की. जबकि दिसंबर में उन्होंने इस सेक्टर में 29000 करोड़ रुपए की खरीदारी की थी. FPIs ने अपने पोर्टफोलियो से HDFC बैंक के शेयरों को कम करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई. जनवरी में इस प्राइवेट बैंक के शेयरों में काफी गिरावट देखने को मिली थी.
दूसरे नंबर पर रहे ये सेक्टर
फाइनेंशियल सेक्टर के बाद विदेशी निवेशकों ने सबसे ज्यादा बिकवाली ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर गुड्स सेक्टर में की. FPIs ने जनवरी में ऑटोमोबाइल सेक्टर से 2067 करोड़ रुपए निकाले, यानी इस मूल्य के शेयर बेचे. जबकि कंज्यूमर गुड्स सेक्टर में उन्होंने 2657 करोड़ की बिकवाली की. इसी तरह, कैमिकल सेक्टर से उन्होंने 1127, मेटल्स एंड माइनिंग से 1627 और मीडिया एंड एंटरटेनमेंट सेक्टर से 1746 करोड़ रुपए की बिकवाली की. इसी तरह, पिछले साल दिसम्बर में भी विदेशी इन्वेस्टर्स ने मीडिया एंड एंटरटेनमेंट सेक्टर में 1248 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे. इस दौरान, सबसे ज्यादा बिकवाली ZEE एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज में देखने को मिली.
यहां खरीदारी पर रहा जोर
वहीं, खरीदारी की बात करें, तो जनवरी में एफपीआई ने IT, ऑयल एंड गैस, पावर, कैपिटल गुड्स सेक्टर और टेलीकॉम में 4,485 करोड़ रुपए की खरीदारी की. पिछले साल नवंबर से विदेशी निवेशक इस सेक्टर में 10,400 करोड़ रुपए का निवेश कर चुके हैं. इस तरह से देखा जाए तो उन्हें इस सेक्टर से बेहतर रिटर्न की ज्यादा उम्मीद है. इसलिए वह लगातार इसमें लिवाल बने हुए हैं. गौरतलब है कि भारतीय स्टॉक मार्केट की चाल बहुत हद तक विदेशी निवेशकों के रुख पर निर्भर करती है.
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