होम / बिजनेस / RCap के अधिग्रहण के लिए HINDUJA ने किया नियमों का उल्लंघन!, जानिए क्या है पूरा मामला?
RCap के अधिग्रहण के लिए HINDUJA ने किया नियमों का उल्लंघन!, जानिए क्या है पूरा मामला?
2021 में भारत की संसद ने देश के बीमा क्षेत्र में 74 प्रतिशत तक FDI की अनुमति दी थी. लेकिन हिंदुजा ग्रुप ने इससे ज्यादा का विदेशी निवेश का इस्तेमाल किया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि यूरोप के सबसे धनी परिवारों में से एक हिंदुजा ग्रुप, जिसकी कुल संपत्ति 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है, उसने भारत की एक दिवालिया कंपनी के अधिग्रहण के लिए 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का उधार लिया होगा? भारत के बीमा विकास और विनियामक प्राधिकरण (IRDA) का मानना है कि रिलायंस कैपिटल (RCap) के अधिग्रहण के लिए हिंदुजा ग्रुप के 9,661 करोड़ रुपये का बिड स्ट्रक्चर के कई नॉर्म्स और इसके साथ ही देश के फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) नॉर्म्स का उल्लंघन होने की संभावना है. हिंदुजा ग्रुप का यह सौदा तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक कि IRDA और अन्य रेगुलेटरी अथॉरिटी अंतिम मंजूरी नहीं दे देते हैं.
संदेह के घेरे में है पूरी डील
हिंदुजा समूह अपना भारतीय कारोबार मुख्य रूप से मॉरीशस, लंदन और स्विटजरलैंड से आने वाली विदेशी होल्डिंग कंपनियों के माध्यम से संचालित करता है। आरकैप (RCap) के के साथ हुई डील में मॉरीशस स्थित इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) और मुंबई में पंजीकृत AASIA एंटरप्राइजेज LLP (AELLP) ने 9,661 करोड़ रुपये की बोली लगाई है, जिसे हाल ही में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने मंजूरी दी है. लेकिन IRDA का मानना है कि डील उन मानदंडों का उल्लंघन करती है जिनका पालन भारत में अन्य बीमा कंपनियां करती हैं.
ED ने क्यों नहीं किया संजय सिंह की जमानत का विरोध? 6 महीने बाद मिली बेल
SVP एसपीवी नॉर्म्स का हुआ उल्लंघन
आईआरडीए का कहना है, हिंदुजा का बिड स्ट्रक्चर बीमा सेक्टर में भारत के एफडीआई नॉर्म्स और इंश्योरेंस बिजनेस के अधिग्रहण पर IRDA के नियमों के मेजर रेगुलेटरी क्लॉज का उल्लंघन करती है. रिलायंस जनरल इंश्योरेंस (RGIC) और रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस (RNLIC) RCap के अंतर्गत आते हैं, जो सीधे IRDA के दायरे में आता है. IRDA को यह भी पता चला है कि बोली लगाने वाली संस्थाओं में से एक AELLP की कोई बिजनेस एक्टिविटी नहीं है और इसके शेयरों के साथ-साथ इसकी हिस्सेदारी (धन जुटाने के लिए) गिरवी रखी जाएगी. इसके साथ ही IRDA का कहना है कि यह आरकैप को भी एक एसपीवी में बदल देगा, जो IRDA के रजिस्ट्रेशन रेगुलेशन के नियम 6(3)(iv) के तहत आएगा.
शेयर होल्डर की जानकारी रखी गुप्त
डील संरचना के आधार पर IRDA का कहना है कि IIHL के 600 शेयरधारक हैं, जो अब तक गुप्त हैं तथा उनसे संबंधित आंकड़े सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं किए गए हैं. IRDA ने RCL के एडमिनिस्ट्रेटर नागेश्वर राव वाई को बताया कि इंडिकेटिव ट्रांजेक्शन स्ट्रक्चर केवल सांकेतिक है और इसमें बदलाव हो सकता है. इसलिए आपसे अनुरोध है कि इस डील में शामिल सभी संस्थाओं के विवरण के साथ-साथ पूरी डील की पूरी जानकारी प्रदान करें.
RCap में हुआ 100 प्रतिशत FDI
2021 में भारत की संसद ने देश के बीमा क्षेत्र में 74 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति दी थी. लेकिन हिंदुजा ग्रुप की RCap के लिए लगाई गई बोली में आरकैप का इंश्योरेंस बिजनेस का 100 प्रतिशत मालिकाना हक विदेशी संस्थाओं के पास चला गया. हिंदुजा द्वारा लगाई बोली पर अपनी चिंताओं को जाहिर करते हुए IRDA द्वारा लिखे गए एक पत्र के अनुसार, RCap का पूर्ण स्वामित्व भारत से बाहर की संस्थाओं के पास होगा.
टैग्स