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बजट 2024 से ऐन पहले GTRI ने कारों को लेकर कही ये जरूरी बात, क्या है पूरा मामला?
भारत ने ASEAN, जापान और कोरिया के साथ किये गए समझौतों में कारों के टैरीफ या उनकी इम्पोर्ट ड्यूटी में कोई कटौती नहीं की थी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 3 months ago
जैसा की हम सभी जानते हैं कि कल यानी 1 फरवरी 2024 को बजट पेश किया जाना है और बजट पेश किये जाने से ऐन पहले GTRI (ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव) ने कुछ ऐसा कहा है जिसे सुनकर आप चौंक जायेंगे. GTRI ने हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत को ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के तहत ऑटोमोबाइल सेक्टर में मौजूद इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती नहीं करनी चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
GTRI का कहना है कि ऐसे फैसलों का असर स्पष्ट रूप से सेक्टर पर पड़ेगा और इससे भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र में मौजूद कंपनियों के बंद होने का खतरा बढ़ जाता है. इसके साथ ही GTRI ने यह भी कहा है कि भारत ने ASEAN (दक्षिणपूर्वी एशियाई राष्ट्रों की संस्था), जापान और कोरिया के साथ किये गए मुक्त व्यापार समझौते में कारों के टैरीफ या उनकी इम्पोर्ट ड्यूटी में कोई कटौती नहीं की थी. GTRI ने सुझाव देते हुए कहा कि भारत को इलेक्ट्रिक कारों सहित ऑटोमोबाइल क्षेत्र के टैरिफ में FTA के माध्यम से कटौती नहीं करनी चाहिए. इससे ऑटो क्षेत्र में मौजूद उन प्रमुख कंपनियों पर काफी खराब प्रभाव पड़ सकता है, जिन्होंने देश में अरबों-खरबों रुपए इन्वेस्ट किये हैं.
क्यों नहीं देनी चाहिए कटौती?
इसके साथ ही GTRI ने यह भी कहा है कि इस एक कदम से इन कंपनियों पर दबाव काफी बढ़ सकता है और यह उन्हें देश से बाहर जाने के लिए मजबूर कर सकता है. इसके साथ ही GTRI के को फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने यह भी बताया है कि ब्रिटेन को भी इन कटौतियों का कोई फायदा नहीं होने वाला है, क्योंकि ब्रिटेन द्वारा ज्यादातर कारें EU (यूरोपीय संघ) और चीन से खरीदे गए पुर्जों को जोड़कर असेंबल की जाती हैं. साथ ही GTRI का कहना है कि अगर भारत द्वारा ब्रिटेन को शुल्क में छूट दी जाती है तो उसे जापान और कोरिया जैसे अपने अन्य पार्टनर्स को भी यह छूट देनी पड़ेगी.
सरकार को क्या करना चाहिए?
आपको बता दें कि इस वक्त भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है और इस वक्त ये बातचीत अपनी एडवांस स्टेज में चल रही है. इस समझौते के दौरान ब्रिटेन द्वारा शुल्क में छूट की मांग की जा रही है. अजय श्रीवास्तव ने यह भी कहा है कि सरकार को वर्तमान टैरिफ व्यवस्था और अतिरिक्त PLI के माध्यम से इंडस्ट्री को समर्थन देना चाहिए.
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