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सरकार अब करेगी इन बैंकों को प्राइवेटाइज, जानिये क्या है पूरा मामला!
भारत सरकार द्वारा पब्लिक सेक्टर के बैंकों को प्राइवेटाइज करने के लिए एक नई कमेटी के गठन का फैसला लिया जा सकता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत सरकार जल्द ही पब्लिक सेक्टर के कुछ बैंकों को निजी हाथों में सौंप सकती है. मामले से जुड़े लोगों की मानें तो सरकार द्वारा एक ऐसा पैनल तैयार किया जा रहा है जो प्राइवेटाइज किये जाने वाले बैंकों की एक नई लिस्ट तैयार करेगा.
क्यों हो रही है प्राइवेटाइजेशन?
राज्य की उधारदाता कंपनियों के प्रॉफिटेबल हो जाने और एकीकरण के कई राउंड्स के बाद इनकी संख्या में कमी होने की वजह से भारत सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया है. साल 2021 के अप्रैल में नीति आयोग द्वारा विनिवेश विभाग (Disinvestment Department) को राज्यों द्वारा चलाये जाने वाले दो बैंकों, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank Of India) और इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) को प्राइवेटाइज करने का सुझाव दिया गया था. हालांकि बाद में सरकार किसी भी तय नतीजे पर नहीं पहुंच सकी थी.
कमेटी में कौन होगा शामिल?
मामले से जुड़े एक अधिकारी ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया है कि भारत सरकार द्वारा पब्लिक सेक्टर के बैंकों को प्राइवेटाइज करने के लिए एक नई कमेटी के गठन का फैसला लिया जा सकता है. यह कमेटी प्राइवेटाइज किये जाने वाले बैंकों की नई लिस्ट जारी कर सकती है. इस कमेटी में DIPAM (डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट), RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) और नीति आयोग के अधिकारियों को शामिल किया जा सकता है. मामले से जुड़े अधिकारी ने कहा कि बैंक प्राइवेटाइजेशन सरकार के एजेंडा में तो मौजूद है ही लेकिन अब सभी बैंक प्रॉफिटेबल हो चुके हैं. इसलिए एक बार फिर से जांच करके यह पता कर लेना जरूरी है कि संभावित इन्वेस्टर्स और अन्य कारणों की बदौलत किन उधारदाताओं को लिस्ट में शामिल किया जा सकता है?
किन बैंकों का हो सकता है प्राइवेटाइजेशन?
पिछले एक साल के दौरान निफ्टी के पब्लिक सेक्टर बैंक इंडेक्स में 65.4% की बढ़त देखने को मिली है जबकि निफ्टी 50 में इस समय के दौरान सिर्फ 16% की ही बढ़त दर्ज की गयी है. मना जा रहा है कि सरकार का यह प्राइवेटाइजेशन कार्यक्रम मुख्य रूप से राज्यों द्वारा चलाये जाने वाले बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank Of Maharashtra) और UCO बैंक जैसे 12 छोटे बैंकों पर ही आधारित होगा और SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया), PNB (पंजाब नेशनल बैंक) और बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) जैसे बड़े बैंकों को इस कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जाएगा.
प्राइवेटाइजेशन के लिए लाना था बिल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 की बजट स्पीच में सरकार की विनिवेश योजना के अनुसार राज्यों द्वारा चलाये जाने वाले 2 बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की घोषणा की थी. इसी साल सरकार द्वारा संशोधित बैंकिंग लॉ बिल को भी लिस्ट किया गया था जिस अभी तक संसद में पेश नहीं किया गया है. इस बिल के द्वारा अधिग्रहण और बिजनेस के ट्रान्सफर से संबंधित बैंकिंग कंपनी एक्ट्स 1970 और 1980 में बदलाव किया जाना था. इसके साथ ही इस बिल के द्वारा बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 में भी कुछ बदलाव किये जाने थे ताकि राज्यों द्वारा चलाये जाने वाले दो बैंकों का प्राइवेटाइजेशन किया जा सके.
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