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गोसिप एंड टेल्स : चंदा कोचर के लिए क्या है जियो लाइफलाइन?
गोसिप एंड टेल्स में आपको चंदा कोचर की जामनगर यात्रा से लेकर शेयर बाजार और राजनेताओं आदि से संबंधित जानकारी साझा की जाएंगी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
गोसिप एंड टेल्स में आपको चंदा कोचर की जामनगर यात्रा, अनंत अंबानी की शादी की चर्चाओं से लेकर राजनीतिक पार्टियों की हलचल और एक पूर्व टीवी एंकर पर ईडी और सेबी की जांच तक कई रोचक जानकारियां प्राप्त होंगी. तो आइए पढ़ें आखिर क्या चल रहा है इन सत्ता के गलियारों में-
जुग जुग जियो चंदा कोचर
हाल में आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर को अरबपति मुकेश अंबानी के सबसे छोटे बेटे अनंत की प्री-वेडिंग पार्टी में मौज-मस्ती करते हुए देखा गया. कथित भ्रष्टाचार के मामलों में सीबीआई की जांच के दायरे में रही कोचर को भी इस समारोह में आमंत्रित किया गया था, जिसे लेकर मुंबई के कॉरपोरेट जगत में काफी चर्चा हो रही है. हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने कोचर और उनके पति की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को अवैध माना था और इसे सत्ता का दुरुपयोग बताया था. चर्चा है कि कोचर अपने गुरु केवी कामथ के साथ जियो फाइनेंशियल सर्विसेज में वरिष्ठ भूमिका निभा सकती हैं. कामथ जिन्होंने आईसीआईसीआई बैंक की स्थापना की, एमडीए के करीबी विश्वासपात्र हैं और वर्तमान में जियो फिन के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष हैं. गौरतलब है कि कोचर और वर्तमान सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच जब आईसीआईसीआई बैंक में काम करती थीं, तभी से कामथ की बहुत खास हैं. अब भी उन पर कामथ का आशीर्वाद है. कामथ ने बैंक के सीईओ के रूप में कोचर का पक्ष लिया था और बुच को बैंक की ब्रोकरेज और वित्तीय सेवा शाखा का एमडी बनाया. वहीं, जब से फरवरी के बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले ने सीबीआई को बैकफुट पर ला दिया है, तब से कोचर को 'जुग जुग जियो आशीर्वाद दिया जा रहा है.
जामनगर जम्बूरी
पॉपस्टार रिहाना की ठुमके, दिलजीत दोसांझ का पंजाबी टश्न, एकॉन का छम्मक छल्लो, अरिजीत सिंह, श्रेया घोषाल सहित बॉलीवुड के तमाम सितारों और क्रिकेटरों ने अनंत अंबानी के प्री-वेडिंग समारोह में धूम मचा दी है. सोशल मीडिया पर बिल गेट्स, मार्क जुकरबर्ग, जेरेड कुशनर, इविंका ट्रम्प तक सभी की इस समारोह में उपस्थिति दिखी. इनके लिए जामनगर के छोटे हवाई अड्डे को अस्थायी रूप से एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में बदल दिया गया था, लेकिन जंबोरी में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष दोनों के शीर्ष वो सभी नेता, उच्च रैंकिंग वाले वर्तमान और पूर्व नौकरशाह शामिल नहीं हुए, जो पिछले कई वर्षों से रिलायंस समूह के अध्यक्ष मुकेश अंबानी के खास रहे हैं. जनवरी 2023 में जब पीएम मोदी मुंबई में थे, उसी दिन अनंत और राधिका के सगाई समारोह में भी शामिल हुए थे और तब कई नेता भी उनके साथ इस समारोह में पहुंचे थे, लेकिन पिछले सप्ताहांत प्री-वेडिंग बैश के दौरान पीएम ने एक तत्काल कैबिनेट बैठक बुलाकर सभी नेताओं को उपस्थित रहने के लिए कहा. ऐसा कहा जा रहा है कि राहुल गांधी के अडानी अंबानी तंज के कारण कोई राजनेता इस समारोह में शामिल नहीं हुआ.
देश का पैसा देश में ही रहेगा
ग्रेपवाइन का कहना है कि अंबानी शुरुआत में अनंत और राधिका की प्री-वेडिंग पार्टी मोरक्को में आयोजित करना चाहते थे, लेकिन पीएम मोदी ने उस योजना पर पानी फेर दिया. कुछ महीने पहले अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने बड़े अमीर परिवारों से आग्रह किया था कि वे विदेश में शादियां आयोजित करने का विचार छोड़कर भारत में इसका आयोजन करें. इससे देश का पैसा देश में ही रहेगा. मोदी जी ने कहा था कि उन्हें पता चला है कि इस शादी के सीजन में लगभग 5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है. ऐसा कहा जा रहा है कि अंबानी ने रिहाना और अन्य अंतर्राष्ट्रीय सितारों पर लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च किए थे, लेकिन प्री-वेडिंग पार्टी पर उनके खर्च का अधिकांश हिस्सा भारतीय अर्थव्यवस्था में वापस आ गया है. वहीं, रिलायंस के शेयर के कारण शेयर बाजार लगातार ऊपर की ओर बढ़ने लगे थे और जामनगर में पार्टी शुरू होते ही एक नई ऊंचाई पर पहुंच गए. यहां तक कि चुनाव से पहले प्री-वेडिंग पार्टी और चुनाव के बाद शादी के समय के लिए भी अंबानी की प्रशंसा की जा रही है.
पूर्व टीवी एंकर फरार, सेबी करेगी जांच?
शेयर बाजार, सट्टेबाजी किंगपिन और हवाला ऑपरेटर हरि टिबरेवाल पर ईडी की हालिया छापेमारी के बाद एक प्रमुख अंग्रेजी बिजनेस न्यूज चैनल के पूर्व वित्तीय विश्लेषक और एंकर अब फरार हैं. ईडी की जांच से पता चला है कि टिबरेवाल दुबई से शेयरों में हेराफेरी करता था और कंपनी प्रमोटरों के पैसे को वाइट करता था. अब यह पता चला है कि पूर्व टीवी एंकर, टिबरेवाल और कंपनी के प्रमोटरों के बीच एक माध्यम था. कोविड के बाद टीवी एंकर ने मुंबई में एक पूरी टीम के साथ एक फाइनेंशियल एजवाइजरी कम रीसर्च फर्म शुरू की थी. उन्होंने कंपनियों के लिए प्रचार पाने के लिए प्रमुख टीवी एंकरों के साथ अपने पिछले संबंधों का इस्तेमाल किया और उनके हालिया परिचालन में एक बफैलो मीट पैकेजिंग कंपनी और एक मोबाइल एक्सेसरीज कंपनी शामिल थी. जिसे उन्होंने एसएमई एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने में मदद की. उनकी एएमसी कंपनी ने हाल ही में सेबी लाइसेंस भी जीता था. हालांकि, टिबरेवाल पर ईडी की कार्रवाई के बाद अब पूर्व टीवी एंकर भी सेबी की जांच के दायरे में आ गए हैं और आने वाले हफ्तों में इन पर बड़ी कार्रवाई की उम्मीद है.
चुनावी बोंड खत्म होने से खुलेंगे कई राज
चीफ जस्टिस आफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की बेंच द्वारा 15 फरवरी को इलेक्टोरल बोंड्स को खत्म करने और दान दाताओं के नामों का खुलासा करने के फैसले से कई राजनीतिक पार्टियों के गुमनाम राज खुलने की संभावना है. खासकर जब राष्ट्रीय चुनाव नजदीक हों. जानकारी के अनुसार यह अरबों, डॉलरों की गैर-सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनियां हैं, जिन्होंने कई राजनेताओं को धन दान दिया है.
महाराष्ट्र में पक रही खिचड़ी
मुंबई पुलिस द्वारा चेंबूर में एक रियल एस्टेट बिल्डर की गिरफ्तारी से हड़कंप मच गया है. ऐसा कहा जा रहा है कि बिल्डर एक सोशल मीडिया हैंडल के पीछे था, जिसने सत्ताधारी सरकार में एक उच्च पदस्थ राजनेता के संबंधों, उनके ओएसडी द्वारा विदेशी यात्राओं पर बड़े खर्च आदि बातों का खुलासा किया था. अब जिस राजनेता ने अपने कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में बिल्डर की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में पुलिस को सूचना देकर उसे गिरफ्तार करवाया था, वह अपने ओएसडी पर तुच्छ आरोप लगाकर उसे बेनकाब करने के लिए उन्हीं चालों और सोशल मीडिया का उपयोग कर रहा है. इस अंदरूनी कलह की खबर नई दिल्ली तक पहुंच गई है.
बीजेपी में मंथन
पिछले गॉसिप एंड टेल्स में यह बताया गया था कि सोनिया गांधी अपनी रायबरेली वाली सीट छोड़ देंगी, क्योंकि उनके जीत की संभावना खत्म हो गई थी. वहीं, भाजपा के कुछ मौजूदा सांसदों को डर था कि इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा. ये सब सच हो गया है. इस बार ऐसी चर्चाएं हैं कि जिन लोगों को भाजपा से दो बार राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया है, उन्हें तीसरा मौका नहीं मिलेगा और उन्हें लोकसभा चुनाव लड़कर सीट जीतनी होगी या बस पार्टी के लिए काम करना होगा.
एक एक करके बीएसई का दामन छोड़ रहे कर्मचारी
पिछले एक साल में बीएसई से कई पुराने कर्मचारी बाहर निकल चुके हैं. वहीं अब हाल ही में शामिल हुए कुछ कर्मचरी भी कंपनी छोड़कर जा रहे हैं. चीफ इंफार्मेशन सिक्योरिटी आफिसर बालाजी वेंकटेश इसका एक ताजा उदाहरण हैं. वह एक बड़े पद पर थे, जो सीधे सीईओ को रिपोर्ट करते थे. इसके बाद अविनाश खारकर, जिन्हें लिस्टिंग नियमों के महत्वपूर्ण काम की देखरेख के लिए नियुक्त किया गया था. लगभग एक साल में ही खारकर भी यहां से चले गए. बीएसई संस्थान के सीईओ अंबरीश दत्ता भी अपनी टीम के कई सदस्यों के साथ चले गए हैं. पूर्व आईपीएस अधिकारी नंदकुमार सरवड़े, जिन्होंने 2008 में आईसीआईसीआई बैंक के साथ भी काम किया था, अब बीएसई बोर्ड में शामिल हो गए हैं. इस बीच बीएसई द्वारा टेक बिजनेस की अनवैल्यूड सेल को उजागर करने वाला एक पत्र भी सेबी की जांच के दायरे में है.
डिपॉजिटरी के अधिकारियों को सता रहा डर
डिपॉजिटरी के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर अब बोर्ड में पुनर्नियुक्ति की मांग नहीं कर रहे हैं. हाल ही में रेगुलेटर ने विभिन्न आधारों पर डिपॉजिटरी को कुछ कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं. यह कार्वी जैसी असफलता का डर है, जो डिपॉजिटरी के अधिकारियों को दूसरा कार्यकाल लेने से रोक रहा है. कार्वी डिफॉल्ट मामले में सेबी ने ब्रोकर के खातों को फ्रीज करने के लिए एनएसडीएल को एक निर्देश जारी किया था और बैंकों को अंतर्निहित शेयरों पर अपने ग्रहणाधिकार को निष्पादित करने की अनुमति नहीं दी थी. सैट ने न केवल सेबी के आदेश को रद्द कर दिया, बल्कि एनएसडीएल पर भारी जुर्माना भी लगाया. एनएसडीएल ने अब सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि अगर उसे जुर्माना भरने के लिए कहा गया तो उसका परिचालन प्रभावित होगा और उसे यह बंद भी करना पड़ सकता है. यह एक अनिश्चित स्थिति है क्योंकि रेगुलेटर की मनमानी के कारण डिपॉजिटरी के आईपीओ में देरी हुई है. ऐसे में अधिकांश टॉप कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ने की बात कही है.
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