आप जानते हैं किन Stocks में पैसा लगा रही हैं भारतीय महिलाएं?  जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे

पिछले कुछ सालों में भारत में निवेश को लेकर एक अलग तरह की सोच पैदा हुई है. इसी का नतीजा है कि भारतीय और विदेशी सार्वजनिक बाजारों में महिलाओं की भागीदारी में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

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Monday, 06 March, 2023
Indian Womens

शेयर बाजार जो हमेशा से ही एक खास तबके के लिए निवेश के साधन के तौर पर जाना जाता है. लेकिन पिछले कुछ सालों में शेयर बाजार को लेकर अलग-अलग उम्र और पेशे से जुड़े लोगों की दिलचस्‍पी इसमें देखने को मिल रही है. हालात ये हैं कि अब महिलाएं भी शेयर बाजार में जमकर पैसा निवेश कर रही हैं. हाल ही सामने आई एक इंवेस्‍टरमेंट फोरम वेस्टेड फाइनेंस की एक रिपोर्ट बताती है कि भारतीय महिलाएं कई विदेशी कंपनियों के शेयरों में निवेश कर रही हैं.ये प्रतिशत पिछले कुछ सालों से बढ़ता जा रहा है.

किन कंपनियों के शेयरों में कर रही हैं निवेश 
वेस्‍टेड फाइनेंस की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय महिलाएं  टेस्ला, अमेज़ॅन, ऐप्पल, गूगल, मेटा जो पहले फेसबुक के रूप में जाना जाता था, एनवीआईडीआईए और स्पॉटिफ़ जैसे टॉप शेयर हैं, जिनमें भारतीय महिलाएं निवेश कर रही हैं. रिपोर्ट ये भी बताती है कि भारत में पिछले कुछ समय में निवेश को लेकर सोच में बड़ा बदलाव हुआ है. इसके अलावा, भारतीय और विदेशी सार्वजनिक बाजारों में महिलाओं की भागीदारी में भी वृद्धि हुई है. पिछले एक साल से प्लेटफॉर्म पर महिला निवेशकों की संख्या में 108 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वेस्‍टेड फाइनेंस के आंकड़े बताते हैं कि Active खातों की संख्या केवल 15 प्रतिशत सामने आई है. 

किस उम्र की महिलाएं ज्‍यादा कर रही हैं निवेश 
निवेश संस्‍था की ये रिपोर्ट ये भी बता रही है कि भारत में मौजूदा जनरेशन की महिलाएं ज्यादा निवेश कर रही हैं. आंकड़ों में अगर देखें तो 60 प्रतिशत महिला निवेशक वो हैं जो 1981-1995 के बीच पैदा हुई हैं और 20 प्रतिशत हैं महिलाएं वो हैं जो जेनरेशनएक्स कहलाती हैं और 1965-1980 के बीच पैदा हुई हैं.

क्‍या बोले सर्वे कंपनी के प्रमुख  
वेस्टेड फाइनेंस के सह-संस्थापक और सीईओ वीरम शाह ने तकनीकी शेयरों में महिलाओं की रुचि को बढ़ाने पर कहा कि महिला निवेशक उन तकनीकी दिग्गजों की ओर अधिक झुक रही हैं और उन कंपनियों में निवेश करने में रुचि दिखा रही हैं जो उनके दैनिक जीवन का हिस्सा हैं. रिपोर्ट ये भी बता रही है कि अमेरिकी शेयर बाजार में महिला निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए अभी भी पर्याप्त गुंजाइश है. टेक शेयरों के अलावा, रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि जब निवेश की बात आती है तो ईटीएफ या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड महिलाओं के बीच पसंदीदा होते हैं. ईटीएफ किसी खास इंडेक्स, सेक्टर या कमोडिटी को ट्रैक करते हैं. वे काफी हद तक म्यूचुअल फंड की तरह काम करते हैं सिवाय इसके कि उन्हें नियमित स्टॉक की तरह स्टॉक एक्सचेंज में खरीदा या बेचा जा सकता है.
 
दुनियाभर के बाजार मंदी देख रहे हैं 
रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर के बाजार, कम प्रदर्शन कर रहे हैं और वो एक तरह की मंदी का सामना कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, S&P 500 इंडेक्स, वर्तमान में एक साल पहले 25.96 गुना और दो साल पहले 40 गुना की तुलना में 19.72 गुना के प्राइस टू अर्निंग (P/E) अनुपात पर कारोबार कर रहा है. एक वर्ष की अवधि (30 जनवरी, 2023 तक) में अल्फाबेट, टेस्ला और मेटा जैसे व्यक्तिगत शेयरों में भी क्रमशः 25 प्रतिशत, 43 प्रतिशत और 50 प्रतिशत की तेजी से गिरावट आई है. 
 


इस ऑटोमोबाइल कंपनी के सामने आए रिजल्‍ट, निवेशकों की हुई बल्‍ले बल्‍ले  

मारुति ने इस बार अपने निवेशकों के लिए 125 रुपये का डिविडेंड देने का ऐलान किया है जबकि पिछले साल 90 रुपये का डिविडेंड दिया था. 

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Friday, 26 April, 2024
Maruti

पिछले वित्‍त वर्ष की चौथी तिमाही के नतीजे लगातार सामने आ रहे हैं. जो कंपनियां अच्‍छा कर रही हैं वो अपने निवेशकों को डिविडेंड के तोहफे से नवाज रही हैं. अब इसी कड़ी में ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति के भी चौथी तिमाही के नतीजे सामने आ गए हैं. मारुति का शुद्ध मुनाफा जहां 48 प्रतिशत बढ़कर 3878 करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है वहीं दूसरी ओर कंपनी ने अपने निवेशकों की भी बल्‍ले बल्‍ले कर दी है और उन्‍हें डिविडेंड देने का ऐलान किया है. 

आखिर क्‍या कह रहे हैं आंकड़े? 
कंपनी की चौथी तिमाही के आंकड़े बता रहे हैं कि उसने अपने ऑपरेशन से 31 मार्च 2024 को खत्‍म हुई तिमाही तक 140933 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है. अगर इस मुनाफे को पिछले साल के आंकड़ों से तुलना करें तो उसमें 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. पिछले साल ये मुनाफा 117523 करोड़ रुपये था. कंपनी ने इस मुनाफे को देखते हुए अपने निवेशकों को 125 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का ऐलान किया है. 

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कंपनी की सेल में हुआ इतना इजाफा 
मारुति की सेल के आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि कंपनी ने पूरे साल में 2135323 कारों को बेचा है. अगर कंपनी की इस सेल को 2022 से तुलना करें तो उसमें 8.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. कंपनी ने 1852256 कारों को घरेलू बाजार में बेचा है जबकि 283067 कारों को एक्‍सपोर्ट किया है. कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार उसकी ऑपरेशनल प्रॉफिट में 51.5 प्रतिशत का उछाल आया है. इसके साथ ये 3956 करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है. वहीं अगर टैक्‍स से पहले प्रॉफिट की बात करें तो उसमें 53.6 प्रतिशत उछाल के साथ 4997.8 करोड़ रुपये रहा है. 

कंपनी इतना देने जा रही है डिविडेंड 
कंपनी की ओर से चौथी तिमाही के नतीजों को जारी करने के बाद 5 रुपये की फेस वैल्‍यू पर 125 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड देने का ऐलान किया गया है. जबकि 2022-23 में कंपनी ने 90 रुपये का डिविडेंड दिया था. वहीं ओवरऑल प्रदर्शन की बात करें तो पूरे साल में नेट प्रॉफिट 64.1 प्रतिशत उछाल के साथ 13209.4 करोड़ रुपये रहा है. ऑपरेशनल प्रॉफिट 63.5% उछाल के साथ 13378.8 करोड़ रुपए रहा.  नेट सेल्स 19.9% उछाल के साथ 134937.8 करोड़ रुपए रही. 
 


कौन हैं Kotak के फाउंडर, जिन्होंने एक दिन में गंवाए 10 हजार करोड़?

आरबीआई (RBI) की कार्रवाई के बाद कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) के शेयरों में भारी गिरावट आई है.

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Friday, 26 April, 2024
Kotak Mahindra

आरबीआई (RBI) की कार्रवाई के बाद कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) के शेयरों में भारी गिरावट आई है. इससे एक ही दिन में बैंक के फाउंडर को करीब 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक नुकसान उठाना पड़ा. क्या आप जानते हैं कोटक महिंद्रा बैंक के फाउंडर कौन हैं और उन्होंने कैसे इस बैंक को शुरू किया, अगर नहीं? तो चलिए हम आपको बताते हैं.

26 साल की उम्र में रखी बैंक की नींव
15 मार्च 1959 को गुजरात के एक कारोबारी परिवार में जन्मे उदय कोटक (Uday Kotak) एक जाने माने बैंकर हैं. इन्होंने मुंबई के सिडनम कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली. उसके बाद मुंबई के ही 'जीएल बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज' से एमबीए (MBA) किया. उन्होंने महज 26 साल की उम्र में कोटक महिंद्रा बैंक की नींव रख दी थी. उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद 'कोटक कैपिटल मैनेजमेंट फाइनेंस लिमिटेड' से बिल डिस्काउंट सर्विस की शुरुआत की, फिर महिंद्रा ग्रुप (Mahindra Group) का साथ मिलने के बाद यह कंपनी 'कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड' हो गई. बिल डिस्काउंट के काम के साथ शुरू हुई फर्म ने बाद में लोन पोर्टफोलियो, स्टॉक ब्रोकरिंग, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, इंश्योरेंस और म्यूचुअल फंड्स में विस्तार किया. 

ऐसे पड़ा था बैंक का नाम कोटक महिंद्रा
उदय कोटक (Uday Kotak) ने साल 1985 में अपने दोस्त महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन (Mahindra Group) आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) के साथ 30 लाख रुपये के निवेश से एक कंपनी शुरू की थी, जिसके एंजल इंवेस्टर आनंद महिंद्रा थे, जिन्होंने तब 1 लाख रुपये का निवेश किया था. इस कारण कंपनी का नाम कोटक महिंद्रा रखा गया और 22 मार्च 2003 को कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड को आरबीआई से बैंकिंग लाइसेंस भी मिल गया, ये भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में पहली कंपनी थी, जिसे बैंकिंग के लिए हरी झंडी मिली थी. आज इस बैंक का मार्केट कैपिटलाइजेशन 3.66 लाख करोड़ रुपये हो गया है. आपको बता दें, अब इस बैंक में आनंद महिंद्रा की कोई हिस्सेदारी नहीं है. 

 बैंकर नहीं क्रिकेटर बनना चाहते थे उदय कोटक 
उदय कोटक का सपना बैंकर बनने का नहीं, बल्कि क्रिकेटर बनने का था. क्रिकेट में करियर बनाने के लिए उन्होंने 1970 के दशक में दिग्गज क्रिकेट कोच रमाकांत आचरेकर (Ramakant Achrekar) से ट्रेनिंग भी ली थी, जिनके शिष्यों की लिस्ट में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) भी शामिल हैं. लेकिन 20 साल की उम्र में मैदान में खेलने के दौरान बॉल से उनके सिर पर चोट लग गई और उनका ऑपरेशन हुआ, जिस कारण उन्हें क्रिकेट छोड़ना पड़ा. इसके बाद वह अपने परिवारिक बिजनेस को भी छोड़ वह बैंकिंग सेक्टर में पहुंच गए.

बीते साल एमडी पद से दिया था इस्तीफा
बैंक के मालिक उदय कोटक (Uday Kotak) ने बीते 1 सितंबर 2023 को मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था. अब वे गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में बैंक से जुड़े हैं अपनी समझ और काबिलियत की दम पर उदय कोटक ने तमाम मुश्किलों से जूझते हुए बैंक को टॉप बैंकों की कतार में लाकर खड़ा कर दिया. 

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कोटक पर आरबीआई ने क्यों की कार्रवाई?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डेटा सुरक्षा समेत अन्य चिंताओं को लेकर कोटक महिंद्रा बैंक को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने से रोक दिया है. आरबीआई के अनुसार कोटक महिंद्रा बैंक जैसे अपनी आईटी इन्वेंट्री को मैनेज करता है और डेटा सिक्योरिटी का उसका जो तरीका है, उसमें गंभीर कमियां पाई गई थीं और और तय समय में इन्हें सुधारने में बैंक नाकाम रहा. दिसंबर 2023 को समाप्त तिमाही के नतीजों में बताया था कि उसके बचत खातों में 98 प्रतिशत लेनदेन डिजिटल तरीके से या बैंक शाखाओं पर पहुंचे बिना किए गए हैं.

इतना हुआ नुकसान 
आरबीआई ने बुधवार को डिजिटल चैनलों के माध्यम से नए ग्राहकों को जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने से रोक दिए जाने के बाद कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर लगभग 11 प्रतिशत तक गिर गए. बैंक के शेयर एनएसई पर गुरुवार को 197.80 (10.73) की गिरावट के साथ 1,645.00 रुपये के भाव पर बंद हुए. वहीं शुक्रवार को 1,614.95 रुपये पर बंद हुए. बैंक में 26 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़े शेयरधारक और संस्थापक उदय कोटक को इस बिकवाली से खासा नुकसान उठाना पड़ा है. गुरुवार को उदय कोटक की संपत्ति में 1.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 10,831.6 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया. एक रिपोर्ट के अनुसार 24 अप्रैल 2024 तक उनकी संपत्ति 14.4 अरब डॉलर (1,19,980 करोड़ रुपये) थी. 

मार्केट कैप हुआ कम, एलआईसी को भी नुकसान
कोटक महिंद्रा बैंक के मार्केट कैप में करीब 39,768.36 करोड़ रुपये की गिरावट आई. शुक्रवार को इसका मार्केट कैप महज 3,21,000 करोड़ रुपये रह गया. बैंक में एलआईसी की 6.46 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ बीमा कंपनियों की 8.69 प्रतिशत हिस्सेदारी है, ऐसे में बीमा कंपनियों को करीब 3456 करोड़ और एलआईसी को भी करीब 2569 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. 


Swiggy सेबी में जल्‍द दाखिल कर सकता है पेपर, बाजार में आ सकता है IPO

 फूड डिलीवरी कंपनी बाजार में 1 बिलियन डॉलर का आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है. इस आईपीओ के लिए उसे अपने निवेशकों की अनुमति गुरुवार को मिल चुकी है. 

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Friday, 26 April, 2024
Swiggy

फूड डिलीवरी सेक्‍टर की बड़ी कंपनी Swiggy के आने वाले आईपीओ के लिए अपने शेयरहोल्‍डर्स से अनुमति मिलने के बाद अब कंपनी अगले कुछ दिनों में सेबी में अपना आवेदन दाखिल करने की तैयारी कर रही है. सेबी में आवेदन दाखिल करने के बाद अप्रूवल मिलते ही कंपनी अपने आईपीओ को बाजार में उतार सकती है. कंपनी बाजार में 1.25 बिलियन डॉलर का आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है. 

कंपनी गोपनीय तरीके से फाइल कर सकती है DRHP 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी इस बार इसे गोपनीय तरीके से फाइल करने की तैयारी कर रही है. कंपनी ने इससे पहले नवंबर 2022 में रेग्‍यूलेटर के पास दाखिल किया था. सामान्‍य तरीके से दाखिल किए जाने पर DRHP (Draft Red Hearing Prospectus) की अवधि एक साल होती है. लेकिन अगर इसी प्रोस्‍पेक्‍टस को गोपनीय तरीके से फाइल किया जाता है तो इसकी अवधि 18 महीने होती है. 

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एक दिन बाद आई है ये अहम खबर 
वोडाफोन आईडिया के एफपीओ की बाजार में लिस्टिंग के बाद गुरुवार को स्विगी के निवेशकों ने उसे ये आईपीओ लाने की अनुमति दे दी थी. स्विगी इस आईपीओ के जरिए 1.25 बिलियन की राशि जुटाने की तैयारी कर रही है. इसमें ऑफर फॉर सेल के जरिए 6664 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है जबकि फ्रेश इश्‍यू के जरिए 3750 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है. स्विगी अपने इस आईपीओ में एंकर निवेशकों के जरिए 750 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है. हालांकि इस मीडिया रिपोर्ट पर स्विगी की ओर से कोई भी बात नहीं कही गई है. 

इस रूट से आने वाली दूसरी कंपनी है स्विगी 
सेबी में गोपनीय तरीके से पेपर दाखिल करने वाली स्विगी दूसरी कंपनी है. इससे पहले सॉफ्ट बैंक के सपोर्ट से काम करने वाली ओयो(OYO) इससे पहले इस रूट के जरिए अपने पेपर दाखिल कर चुकी है. इस रूट में आम आदमी को जानकारी नहीं मिल पाती है. उसे जानकारी तभी मिल पाती है जब इसे लेकर DHRP दाखिला हो जाता है. 

कितना रहा है स्विगी का मुनाफा 
स्विगी के मुनाफे पर नजर डालें तो आईपीओ से पहले, स्विगी ने दिसंबर 2023 तक नौ महीनों के लिए 207 मिलियन डॉलर का घाटा दर्ज किया. यह घाटा उसी अवधि के दौरान 1.02 बिलियन डॉलर के राजस्व पर था, जबकि पहले वित्तीय वर्ष 2022-23 में राजस्व 1.05 बिलियन डॉलर था. जबकि पिछले वित्तिय वर्ष 2023 में ये 45 प्रतिशत बढ़कर 8625 करोड़ रुपये हो गया था. जबकि इसका शुद्ध घाटा 4179 करोड़ हो गया था. वहीं जोमैटो के राजव्‍स की बात करें तो वो वित्त वर्ष 2013 में 66 प्रतिशत बढ़कर 7,761 करोड़ रुपये हो गया, जबकि शुद्ध घाटा 971 करोड़ रुपये तक कम हो गया। हालाँकि, जोमैटो पिछली तीन तिमाहियों से लाभदायक रहा है और 26 अप्रैल को इसका मूल्यांकन 20 बिलियन डॉलर को पार कर गया. 
 


Decoding: मोदी 3.0 से पहले निवेशक अपने पोर्टफोलियो को कैसे करें तैयार?

यदि मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में आती है, तो कुछ खास सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा फोकस किया जाएगा.

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Friday, 26 April, 2024
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मोदी सरकार (Modi Government) के अब तक के कार्यकाल में शेयर बाजार (Stock Market) ने ऊंची उड़ान भरी है. इस उड़ान का सीधा संबंध विश्वास से है. मौजूदा सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे निवेशकों का भारत पर विश्वास मजबूत हुआ है. हमारी इकॉनमी को लेकर लगातार सामने आ रहीं पॉजिटिव खबरें इसका सबूत हैं कि अर्थव्यवस्था के लिहाज से देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. ऐसे में यदि मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में आती है, तो इस विश्वास का और मजबूत होना तय है. 

अपडेट करें अपना पोर्टफोलियो  
हमारी अर्थव्यवस्था पर विश्वास और बढ़ेगा, तो हमारे शेयर बाजार में भी मजबूती आएगी. खासतौर पर कुछ सेक्टर्स ऐसे हैं, जो Modi 3.0 में उल्लेखनीय  वृद्धि हासिल कर सकते हैं. सरकार ने विकसित भारत @2047 के अपने डॉक्यूमेंट में कुछ सेक्टर्स का उल्लेख किया है. अगर मोदी सत्ता में लौटते हैं, तो उन सेक्टर्स पर ज्यादा तेजी से काम किया जाएगा. ऐसे में संबंधित सेक्टर्स से जुड़ी कंपनियों की आर्थिक सेहत बेहतर होगी और उसका असर शेयर बाजार पर भी पड़ेगा. लिहाजा, यदि आप भविष्य में अपने पोर्टफोलियो को मजबूत होते देखना चाहते हैं, तो उसे @2047 के विजन डॉक्यूमेंट के हिसाब से अभी से अपडेट करना शुरू कर दें.

इन सेक्टर्स पर रहेगा फोकस
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में मैन्युफैक्चरिंग, लेबर रिफॉर्म एवं एग्रीकल्चर रिफॉर्म, फूड प्रोसेसिंग, पावर और ग्रीन एनर्जी सेक्टर्स पर खासा जोर रहेगा. सरकार भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर विकसित करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है. कृषि और लेबर रिफॉर्म भी उसकी प्राथमिकता में शुमार है. प्रधानमंत्री मोदी कई मौकों पर कृषि सुधारों की बात कर चुके हैं. पिछले साल एक कार्यक्रम में PM मोदी ने कहा था कि फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुड़ा ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जिसमें भारत ने तरक्की न की हो. हमारा फूड प्रोसेसिंग सेक्टर एक नई इंडस्ट्री के रूप में उभरा है. पिछले 9 सालों से इस सेक्टर में 50 हजार करोड़ का विदेशी निवेश आया है. कृषि निर्यात में प्रोसेस्ड फूड की भागीदारी 13% से बढ़कर 23% हो गई है. हम एग्रो एक्सपोर्ट के मामले में दुनिया में 7वें नंबर पर आ गए हैं. इसके साथ ही सरकार पावर और ग्रीन एनर्जी पर भी काफी काम कर रही है.

इंफ़्रा-एग्री के टॉप स्टॉक्स
यदि मोदी 3.0 सरकार बनती है, तो इन सेक्टर्स में सुधार से जुड़ी योजनाओं को पंख लग जाएंगे. Infrastructure Sector के कुछ प्रमुख स्टॉक्स की बात करें, तो इसमें Larsen & Toubro, Reliance Infrastructure, GMR Airports Infrastructure, IRB Infrastructure Developers, Hindustan Construction Company, Hindalco, ITC, का नाम शामिल है. IRB इन्फ्रास्ट्रक्चर का शेयर काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. 100 रुपए से कम कीमत वाले स्टॉक में इस साल अब तक 65.95% का उछाल आ चुका है. इसी तरह, एग्रीकल्चर सेक्टर में Coromandel International, Chambal Fertilizers, Bayer CropScience,  Gujarat Narmada Valley Fertilizers Chemicals और Bombay Burmah Trading Corporation के शेयर अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं.

फूड-पावर के टॉप स्टॉक्स
वहीं, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के प्रमुख स्टॉक्स की बात करें, तो इसमें Britannia Industries, Jubilant Foodworks, Godrej Agrovet, ADF Foods Ltd और Hindustan Foods शामिल हैं. जुबिलेंट फूडवर्क्स एक भारतीय कंपनी है, जो भारत में Domino's Pizza चलाती है. पावर और ग्रीन एनर्जी सेक्टर की कई कंपनियां स्टॉक मार्केट में लिस्टेड हैं और उन्होंने अच्छा-खासा रिटर्न दिया है. उदाहरण के तौर पर Suzlon Energy ने पिछले एक साल में 406.71% का रिटर्न दिया है. दिवंगत कारोबारी तुलसी तांती की इस कंपनी का पोर्टफोलियो काफी मजबूत है. इन सेक्टर्स की प्रमुख कंपनियों में JSW Energy, Adani Green Energy, NTPC, Adani Power, Power Grid Corporation of India, Tata Power, NHPC और BF Utilities का नाम भी शामिल है.


BMW ने लॉन्‍च की लग्‍जरी EV, जानते कितनी है कीमत और क्‍या हैं फीचर?

BMW की इस लग्‍जरी कार में सनरूफ से लेकर 4 जोन क्‍लाइमेट कंट्रोल, 360 डिग्री कैमरा, और वेगांजा में तैयार स्‍पोर्टस सीटें मिलती हैं. 

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Friday, 26 April, 2024
BMW

BMW ने भारत में अपनी एक और इलेक्ट्रिक कार लॉन्‍च कर दी है. BMW ने इस इलेक्ट्रिक कार i5 को भारत में CBU रूट से उतारा है. इस कार में कंपनी ने कई नई तकनीक का इस्‍तेमाल किया है. ये कार भारत में केवल M60*Drive के साथ भारत में ग्राहकों के लिए मौजूद होगी. इससे पहले कंपनी के पास भारत में इलेक्ट्रिक कार के चार मॉडल मौजूद हैं. इस नए मॉडल के साथ अब कंपनी के पास कुल पांच इलेक्ट्रिक मॉडल हो गए हैं. 

क्‍या है इस कार के खास फीचर? 
इलेक्ट्रिक कार का सबसे बड़ा फीचर होता है उसका बैटरी पैक. इस बैटरी पैक को पावरफुल बनाते हुए कंपनी ने उसे 83.9 KWH की ताकत वाला बनाया है. लेकिन इसे इस्‍तेमाल करने वाला 81.2 KWh तक ही इस्‍तेमाल कर पाएगा. ये कार एक बार में चार्ज होने पर 516 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है. इस कार में कंपनी ने दो इलेक्ट्रिक मोटर दिए हैं. कार के हर एक्‍सल पर एक मोटर जिसका ज्‍वॉइंट आउटपुट करीब 601 hp है. जबकि कार के टॉर्क 795 NM का होगा. 

सिर्फ 3.8 सेकेंड में हासिल कर लेती है 100 km की स्‍पीड 
अब अगर कार की स्‍पीड या उसकी पॉवर की बात करें तो ये कार सिर्फ 3.8 सेकेंड में 0-100 किलोमीटर तक की स्‍पीड हासिल कर सकती है. जबकि इस कार की टॉप स्‍पीड की बात करें तो वो 230 KPH है. कंपनी कार के साथ 11 KW तक का चार्जर भी दे रही है. इसके अलावा कंपनी 22 किलोवॉट का एसी चार्जर भी मुहैया करा रही है. BMW का कहना है कि 250 KW की डीसी चार्जिंग क्षमता मिलती है. इसे 10 से 80 प्रतिशत तक चार्ज होने में सिर्फ 30 मिनट से कम समय लगता है. 

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इतनी है कार की कीमत
BMW की ओर से लॉन्‍च की गई इस कार की कीमत 12.5 करोड़ रुपये कंपनी की ओर से तय की गई है. कंपनी भारत में इसे कलर में पेश कर रही है. इस कार को कंपनी ने भारत में, अल्पाइन व्हाइट फिनिश में पेश करेगी. मेटैलिक एक्सटीरियर पेंट शेड्स में ऑक्साइड ग्रे और मिनरल व्हाइट, केप यॉर्क ग्रीन, फाइटोनिक ब्लू, ब्लैक सैफायर, सोफियोस्टो ग्रे, जैसे कलर शामिल हैं. कंपनी के इंटीरियर की बात करें तो इसमें 12.3 इंच का डिजिटल इंस्‍ट्रूमेंट दिया गया है, और 14.9 इंच का इंफोटेनमेंट टचस्‍क्रीन दिया है. ये BMW के लेटेस्‍ट आईड्राइव 8.5 आईएस पर काम करता है. 


Elon Musk ने दिया ‘धोखा’ महिला ने गंवाए 41 लाख, आखिर कैसे?

साउथ कोरिया की एक महिला एलन मस्क (Elon Musk) से दोस्ती के चक्कर में धोखाधड़ी का शिकार हो गई. 

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Friday, 26 April, 2024
Elon Musk

आजकल लोग ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) और डीपफेक ()DeepFake का तेजी के शिकार हो रहे हैं. डीपफेक से जुड़ा ऐसा ही एक मामला अब टेस्ला (Tesla) के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) के नाम पर भी हो गया है. साउथ कोरिया की एक महिला नकली एलन मस्क से दोस्ती के चक्कर में धोखाधड़ी की शिकार हो गई. तो चलिए आपको बताते हैं क्या है ये पूरा मामला?

इंस्टाग्राम से हुई शुरुआत 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक फर्जी एलन मस्क ने साउथ कोरिया की एक महिला से दोस्ती की और उससे करीब 50,000 डॉलर (करीब 42 लाख रुपये) का चूना लगाया हैं. महिला ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि जुलाई 2023 में एलन मस्क ने उसे इंस्टाग्राम पर जोड़ा था. महिला ने बताया कि वह मस्क की बहुत बड़ी प्रशंसक रही है, इसलिए उसे उनके साथ इंस्टाग्राम पर जुड़कर बहुत खुशी हुई, हालांकि उसे थोड़ा संदेह भी हुआ था, लेकिन उसकी चिकनी-चुपड़ी बातें में वह फंस गई. नकली मस्क ने अपनी पहचान के लिए उसे अपना आईडी कार्ड और अपने ऑफिस की कुछ तस्वीरें भी भेजी थी, जिसे देखकर वह उस पर भरोसा करने लगी. 

मस्क ने ऐसे अपनी बातों में फंसाया
मस्क ने महिला को गीगाफैक्ट्री, काम पर जाने के लिए हेलीकॉप्टर की सवारी और उसे अमीर बनाने का वादा किया. महिला ने कहा कि नकली मस्क ने अपने बच्चों के बारे में भी बात की थी. साथ ही ये बताया था कि कैसे उन्होंने टेस्ला में काम करने के लिए हेलीकॉप्टर लिया. उसने यह भी बताया कि वह प्रशंसकों से खुद ही संपर्क करते हैं. उसने भरोसा बढ़ाने के लिए दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति से अप्रैल 2023 में हुई एक बैठक के बारे में भी बात की और बताया कि राष्ट्रपति ने उसे साउथ कोरिया में टेस्ला कारखाने बनाने के लिए कहा है.  

वीडियो कॉल के दौरान किया प्यार का किया इजहार
नकली मस्क महिला को वीडियो कॉल भी करता था, जोकि एक डीपफेक वीडियो था. महिला ने बताया कि एक दिन वीडियो कॉल में मस्क' ने यह तक कहा था कि ' तुम्हें पता है, मैं तुमसे प्यार करता हूं?' 

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अमीर बनने सपना दिखाया
महिला का भरोसा जीतने के बाद नकली मस्क ने उससे अपने कोरियाई कर्मचारी के स्थानीय बैंक खाते में 70 मिलियन कोरियाई वोन (लगभग 50,000 डॉलर) ट्रांसफर करने के लिए कहा. उसने कहा कि इस पैसे को निवेश करके वह उसे अमीर बना देगा. आपको बता दें, इससे पहले एक और नकली एलन मस्क ने असली एलन मस्क का ध्यान खींचा था. 2022 में, चीन में एक व्यक्ति मस्क होने का दिखावा करते हुए टिकटॉक वीडियो पोस्ट कर रहा था. उस समय मस्क ने कहा था कि अगर वह लड़का असली है तो वह उससे मिलना चाहेंगे क्योंकि इन दिनों डीपफेक के साथ असली और नकली का अंतर बताना मुश्किल हो गया है.
 


पति-पत्नी के झगड़े के बीच Raymond ग्रुप की इन कंपनियों ने उठाया बड़ा कदम, बढ़ेगा विवाद  

रेमंड समूह की तीन कंपनियों ने गौतम सिंघानिया की पत्नी नवाज मोदी को बोर्ड से बाहर कर दिया है.

Last Modified:
Friday, 26 April, 2024
file photo

रेमंड ग्रुप (Raymond Group) के मालिक गौतम सिंघानिया और उनकी पत्नी नवाज मोदी (Gautam Singhania & Nawaz Modi) के बीच चल रहे विवाद में एक नया मोड़ आ गया है. रेमंड ग्रुप की तीन कंपनियों - JK इन्वेस्टर्स, रेमंड कंज्यूमर केयर और स्मार्ट एडवाइजरी एंड फिनसर्व ने नवाज को अपने बोर्ड से बाहर कर दिया है. पिछले महीने हुई EGM में यह फैसला लिया गया था, लेकिन कंपनियों ने इसकी जानकारी अभी दी है.  

यह कंपनी भी कर सकती है बाहर
समूह की लिस्टेड कंपनी Raymond ने अब तक नवाज मोदी को अपने बोर्ड से बाहर करने के लिए कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही वो भी बाकी तीन कंपनियों की राह पर चल सकती है. नवाज मोदी ने पिछले साल अपने पति पर मारपीट सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद से वह अलग रह रही हैं. गौतम सिंघानिया और नवाज ने पिछले साल ही तलाक लेने की भी घोषणा की थी. 

नाराज नवाज ने कही ये बात
नवाज मोदी को जून 2015 में JK इन्वेस्टर्स का डायरेक्टर बनाया गया था. जबकि दिसंबर 2020 में उन्हें रेमंड कंज्यूमर केयर और अक्टूबर 2017 में स्मार्ट एडवाइजरी एंड फिनसर्व के बोर्ड में शामिल किया गया था. नवाज ने तीनों कंपनियों के बोर्ड से हटाये जाने पर नाराजगी जाहिर की है. एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने सिंघानिया के कारनामों की पोल खोलनी शुरू की है, तब से उनके साथ दुर्व्यवहार हो रहा है. पहले उनके साथ मारपीट हुई और अब उन्हें कंपनियों के बोर्ड से बेदखल कर दिया गया है.

मांगी है इतनी हिस्सेदारी
जानकारी के मुताबिक, तीनों कंपनियों के शेयरहोल्डर्स ने लिखा था कि वे डायरेक्टर के रूप में नवाज मोदी का भरोसा खो चुके हैं. उन्होंने कंपनियों के बोर्ड से शेयरहोल्डर मीटिंग बुलाकर नवाज को बाहर करने की मांग की थी. इसके मद्देनजर 31 मार्च को मीटिंग बुलाई गई और उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए नवाज को इन कंपनियों के बोर्ड से हटा दिया गया. पिछले साल यह खबर आई थी कि नवाज मोदी ने अपने पति से कानूनी रूप से अलग होने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी है. नवाज ने गौतम सिंघानिया की 1.4 बिलियन डॉलर (करीब 11 हजार करोड़ रुपए) की कुल संपत्ति में 75% हिस्सेदारी मांगी है. गौतम सिंघानिया अपनी वाइफ की शर्त से कुछ हद तक सहमत हैं, लेकिन उन्होंने एक फैमिली ट्रस्ट बनाने का सुझाव दिया है. हालांकि, नवाज मोदी इसके लिए तैयार नहीं हैं.  


ICICI ने ब्‍लॉक किए 17000 क्रेडिट कार्ड, अगर आपके पास भी है तो जान लीजिए वजह? 

बैंक की ओर से कहा गया है जिनके भी क्रेडिट कार्ड इसमें ब्‍लॉक हुए हैं उन्‍हें जल्‍द ही नया कार्ड जारी कर दिया जाएगा. इन कार्ड की सुरक्षा में सेंध लगी है. 

Last Modified:
Friday, 26 April, 2024
ICICI BANK

देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंकों में शामिल आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने 17000 क्रेडिट कार्ड को ब्‍लॉक कर दिया है. बैंक की ओर से कहा गया है कि जिसके भी क्रेडिट कार्ड को ब्‍लॉक किया गया है उन्‍हें नए कार्ड जल्‍द जारी किए जाएंगे. बैंक की ओर से ये कदम इनकी जानकारी के गलत हाथों में लगने के कारण बैंक को ऐसा कदम उठाना पड़ा है. 

आखिर क्‍या रही है इसकी वजह? 
बैंक के प्रवक्‍ता ने इसे लेकर कहा है कि पिछले कुछ दिनों में जारी किए गए 17000 क्रेडिट कार्ड हमारे डिजिटल चैनलों में गलत हाथों में मैप हो रहे थे. इन क्रेडिट कार्ड की जानकारी गलत हाथों में पहुंचने के कारण बैंक को इस तरह का कदम उठाना पड़ा है. 17000 बैंक के कुल क्रेडिट कार्ड का 0.1 प्रतिशत है. आईसीआईसी देश के टॉप फाइव बड़े प्राइवेट बैंकों में शामिल है. 

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आखिर कैसे सामने आया ये पूरा मामला? 
दरअसल ये पूरा मामला आईसीआईसीआई के आईमोबाइल पे ऐप के जरिए हुई. बैंक के कस्‍टमर ने सोशल मीडिया पर शिकायत की कि ऐप पर कई लोगों के क्रेडिट कार्ड की सुरक्षा को लेकर आशंका जाहिर की.  मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूजरों ने ये भी बताया कि कार्ड के अंदर की जानकारी जैसे सीवीवी जैसी जानकारी को आसानी से देखा जा सकता है. जानकारी को आसानी से देखा जा सकता है. कोई भी किसी की डिटेल तक आसानी से पहुंच सकता है. यही नहीं लोगों ने ये भी शिकायत की कि वो किसी भी वयक्ति के पेमेंट ऐप पर पहुंच सकते हैं. लोगों की शिकायत के बाद इन क्रेडिट कार्ड को तुरंत बंद कर दिया है. 

 इस्‍तेमाल होने पर बैंक देगा मुआवजा 
बैंक की ओर से कहा गया है कि अगर किसी का क्रेडिट कार्ड ऐसे गलत इस्‍तेमाल होता है तो उसे बैंक की ओर से मुआवजा दिया जाएगा. हालांकि बैंक ने ये भी कहा है कि अभी तक किसी भी तरह के गलत इस्‍तेमाल का मामला सामने नहीं आया है. एक यूजर ने तो यहां तक लिखा कि वो इसके जरिए अमेजन पे पर मौजूद क्रेडिट कार्ड की डिटेल तक आसानी से पहुंच पा रहे हैं. उन्‍होंने ये भी लिखा कि ओटीपी के बावजूद इंटरनेशनल ट्रांजैक्‍शन तक संभव है.


चुनावी नतीजों से पहले जमकर निवेश कर रहे छोटे इनवेस्टर्स, जानिए बाजार का हाल?

बाजार में बड़े इनवेस्टर्स जहां लोकसभा चुनावों के नतीजे आने तक इंतजार करना चाहते हैं. वही, छोटे इनवेस्टर्स जमकर निवेश कर रहे हैं. 

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Friday, 26 April, 2024
Share Market

लोकसभा चुनाव(LOKSABHA ELECTION 2024) के नतीजे आने में अभी एक महीने से ज्यादा समय बाकी है. ऐसे में आम धारणा यह है कि मार्केट सीमित दायरे में बना रहेगा या थोड़ी कमजोरी दिखा सकता है. वहीं, ऐसी स्थिति में भी छोटे इनवेस्टर्स जमकर निवेश कर रहे हैं. तो चलिए आपको जानकारी देते हैं कि ये कहां और क्यों निवेशक कर रहे हैं?

छोटे इनवेस्टर कर रहे भारी निवेश
बाजार के ट्रेंड को लेकर मार्केट पार्टिसिपेंट कन्फ्यूज्ड हैं. इसकी वजह छोटे निवेशकों की ओर से होने वाला भारी निवेश है. मार्च में स्मॉलकैप और मिडकैप में बड़ी गिरावट के तुरंत बाद यह माना गया था कि ज्यादातर इनवेस्टर्स सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे और लार्जकैप में अपने निवेश को शिफ्ट करेंगे. लेकिन कुछ ही निवेशकों ने ऐसा किया. अच्छी क्वालिटी वाले स्टॉक्स का प्रदर्शन अच्छा रहा है, लेकिन इससे वह काफी महंगे हो गए हैं, लेकिन इसका स्मॉलकैप और मिडकैप वाले निवेशकों पर कोई असर नहीं पड़ा है.  

म्य़ूचुल फंड और सीधे शेयरों में निवेश
बड़े इन्वेस्टर्स चुनावों के नतीजों के बाद की तस्वीर का इंतजार करना चाहते हैं क्योंकि अभी वैल्यूएशन ज्यादा है. हालांकि यह चीज मार्केट को ऊपर जाने से रोक नहीं पा रही है. इसकी बड़ी वजह छोटे इनवेस्टर्स का उत्साह है, जो म्य़ूचुअल फंडो के जरिए और सीधे शेयरों में पैसा  लगा रहे हैं.

इंडिया नेस्टले का दूसरा सबसे बड़ा बाजार
नेस्ले इंडिया (NESTLE INDIA) के चौथी तिमाही के नतीजे एनालिस्ट्स की उम्मीद से बेहतर आए हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि किटकैट (KITKAT) की वजह से कंपनी के कनफेक्शनरी सेगमेंट की ग्रोथ स्ट्रांग रही है. इस ग्रोथ की बदौलत इंडिया नेस्ले के ग्लोबल बिजनेस में दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है. कंपनी के मिल्कमेड सहित दूध आधारित प्रोडक्ट्स का प्रद्र्शन बुहुत अच्छा रहा है. खास बात यहा है कि इनफ्लेशनरी प्रेशर के बावजूद ऐसा प्रदर्शन देखने को मिला है. 

जोमेटो में भारी निवेश

जोमेटे कंपनी का स्टाक अब तक 258 फीसदी बढ़ गया है. इसके स्टाक में लगभग 17 लाख छोटे निवेशकों ने 11, 550 करोड़ रुपये लगाए हैं. पिछले 6 महीने में इसके स्टाल में 73 प्रतिशत की तेजी आई है. शुक्रवार को भी खबर लिखने तक 2 प्रतिशत की उछाल के साथ इसकी कीमत 188.40 रुपये पर थी.  

इंडसइंड बैंक(INDUSIND BANK ) का प्रदर्शन
बेहतर नतीजों की उम्मीद में इंडसइंड के शेयरों में 25 अप्रैल को करीब 2 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली थी. वहीं शुक्रवार को इसके शेयर 1 प्रतिशत गिरकर नीचे आ गए हैं. बैंक का प्रॉफिट चौथी तिमाही में साल दर साल आधार पर 15 प्रतिशत बढ़ा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रतिद्वंदी बैंकों के मुकाबले इस बैंक की कमाई थोड़ी नरम रही है, लेकिन बैंक की असेट क्वालिटी इंप्रूव हुई है. इसमें आगे और इंप्रुवमेंट होगी. 

इस कंपनी के प्रोडक्ट की हाई डिमांड
2024 की चौथी तिमाही में किरलोस्कर प्लेमॉटिक(KIRLOSKER PNEUMATIC) 
कंपनी का प्रॉफिट करीह 2 गुना हो गया, जिसका असर कंपनी के स्टॉक्स पर भी पड़ा है एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस कंपनी के प्रोडक्ट्स के लिए डिमांड स्ट्रांग है. इस साल नए ऑर्डर की बुकिंग 1,770 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई है. यह पिछले साल के मुकाबले करीब 500 करोड़ रुपये ज्यादा है. इसका टोटल एक्सपेंस 27 प्रतिशत बढ़कर 406.81 करोड़ रुपये पहुंच गया है. इसकी वजह रॉ मैटेरियल की ऊंची कीमते हैं. 


भारत के BPO सेक्टर को लेकर इस CEO ने दी चेतावनी, कहा AI से खत्‍म हो सकता है सेक्‍टर 

ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) को लेकर एक ओर जहां सुरक्षा को लेकर आशंका जताई जा रही है, वहीं दूसरी ओर उससे नौकरियां जाने की बात भी कही जा रही है.

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Friday, 26 April, 2024
BPO

 दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही एआई तकनीक को लेकर ये तो आशंका जताई ही जा रही है कि इससे नौकरी जाएगी. लेकिन अब टाटा कंसेल्‍टेंसी के सीईओ ने बीपीओ इंडस्‍ट्री को लेकर जो बात कही है उसने इस सेक्‍टर के लोगों को चिंता में डाल दिया है. टीसीएस के सीईओ ने कहा है कि आने वाले समय में इनकमिंग कॉल वाले बीपीओ के लिए एक बड़ा संकट पैदा हो सकता है. क्‍योंकि तकनीक ऐसे सॉफ्टवेयर को लेकर काम कर रही है कि जिसमें चैटबोट ही सभी समस्‍याओं का समाधान करने की स्थिति में होंगे. 

आखिर कैसे पड़ेगा इसका कॉल सेंटर इंडस्‍ट्री पर असर 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टीसीएस के सीईओ कृतिवासन ने कहा कि जेनरेटिव एआई इस तकनीक में सक्षम है कि वो इंसान के काम को चैटबोट को जरिए कर सके. उन्‍होंने कहा कि आज दुनिया भर में ऐसी तकनीक पर काम हो रहा है जिसमें इनकमिंग कॉल के लिए चैटबोट को इन सुविधाओं से लैस किया जा सके जो उनके जवाबों का हल दे सकें. इसलिए अगर ऐसा होता है तो ये अपने आप में इस सेक्‍टर के लिए एक बड़ा बदलाव होगा. 

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नौकरियों पर होगा क्‍या असर? 
टीसीएस सीईओ से जब इस पूरी तकनीक के आने का नौकरियों पर असर को लेकर बात पूछी गई तो उन्‍होंने कहा कि टेक्‍नीकल वर्कफोर्स की ज्‍यादा जरूरत होगी, ऐसे में हमें अपनी वर्कफोर्स को ज्‍यादा प्रशिक्षित करना होगा. मौजूदा समय में टीसीएस सॉफ्टवेयर क्षेत्र में काम करने वाली एक बड़ी कंपनी है जिसके पास 6 लाख से ज्‍यादा वर्कफोर्स है, और कंपनी का रेवेन्‍यू 30 अरब डॉलर के आसपास है. उनका ये भी मानना है कि एआई का तत्‍कालिक लाभ से ज्‍यादा दीर्घकालिक लाभ होगा. आंकड़े बता रहे हैं कि देश में 15 लाख इंजीनियरिंग छात्रों में से केवल 20 प्रतिशत यानी 3 लाख प्रोफेशनल ही नौकरी पाने में सक्षम होते हैं. उन्‍होंने ये भी कहा कि हमें ज्‍यादा से ज्‍यादा कॉलेजों में जाना होगा जिससे ग्‍लोबल डिमांड को पूरा कर पाएंगे. 

भारत के बीपीओ सेक्‍टर की ये है स्थिति 
बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग कारोबार का मकसद है किसी भी कंपनी को उसकी तकनीक, डेटा या दूसरे समाधानों को सस्‍ती दरों पर मुहैया कराना. सबसे बड़ी बात ये है कि भारत में ये इंडस्‍ट्री 1990 से काम कर रही है. इस सेक्‍टर में 30 लाख से ज्‍यादा युवा काम कर रहे हैं. ये कई तरह की सर्विसेज को मुहैया कराता है इसमें बैक ऑफिस संचालन, ग्राहक सेवा, डेटा एंट्री, सामाग्री मॉडरेशन, तकनीकी सहायता, जैसे क्षेत्र हैं. इस सेक्‍टर की प्रमुख कंपनियों में विप्रो(Wipro), टाटा कंसल्‍टेंसी सर्विसेज (TCS), सन टेक इंडिया (Sun tech india), फ्लैटवर्ल्‍ड सॉल्‍यूशन (Flatworld Solution), फॉयरसोर्स सॉल्‍यूशन (firesource Solution), हिंदुजा ग्‍लोबल सॉल्‍यूशन (Hinduja Global Solution), फ्यूजन बीपीओ(Fusion BPO) जैसी कंपनियां काम कर रही हैं.