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विदेशी यात्रा के लिए चुकाने होंगे ज्यादा पैसे, इन बातों का रखें विशेष ध्यान!
विदेश भेजे जाने वाले पैसों या विदेशी यात्राओं में खर्च होने वाले पैसों को ज्यादा बेहतर तरीके से ट्रैक किया जा सकेगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
1 जून 2023 से आपको अपने विदेशी यात्रा के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे. बजट 2023 में LRS (Liberalised Remittance Scheme) के अंतर्गत विदेशों में भेजे जाने वाले पैसों पर TCS (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) रेट को 5% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया था. इसकी वजह से विदेशी यात्रा पैकेज की बुकिंग पर भी TCS रेट 5% से बढ़कर 20% हो गया है.
क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स LRS में होंगी शामिल
वित्त मंत्रालय ने हाल ही में भारत के केंद्रीय बैंक RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) से विदेशी यात्रा की बुकिंग में क्रेडिट कार्ड द्वारा की गयी पेमेंट्स को केंद्रीय बैंक के LRS में शामिल करने के लिए बातचीत की थी. वित्त मंत्रालय द्वारा यह फैसला इसलिए लिया जा रहा है ताकि विदेशी यात्रा की बुकिंग पर होने वाला खर्च TCS से न बच पाए. पिछले महीने लोकसभा में फाइनेंस बिल पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था – जानकारी में यह बात सामने आई है कि क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स द्वारा विदेशी यात्रा पैकेज की बुकिंग को LRS में शामिल नहीं किया जाता जिसकी वजह से यह पेमेंट्स TCS से बच जाती हैं. RBI से अनुरोध है कि वह इस मामले पर ध्यान दें और विदेशी यात्रा के लिए क्रेडिट कार्ड्स द्वारा की गयी पेमेंट्स को LRS की सीमाओं में शामिल करें.
LRS से दूर होगी ये परेशानियां
अगर RBI विदेशी यात्राओं के लिए क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स को LRS में शामिल कर लेता है तो क्रेडिट कार्ड द्वारा किये गए सभी ट्रांजेक्शनों पर लगभग 20% का TCS लगाया जाएगा. विदेशी यात्राओं की बुकिंग के लिए क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स को LRS में शामिल करने से दो प्रमुख समस्याओं का समाधान हो जाएगा. पहला, लोकल ट्रेवल एजेंट या फिर विदेशी ट्रेवल एजेंट से विदेशी यात्रा की बुकिंग करवाने पर एक समान टैक्स लगेगा. दूसरा, विदेश भेजे जाने वाले पैसों या विदेशी यात्राओं में खर्च होने वाले पैसों को ज्यादा बेहतर तरीके से ट्रैक किया जा सकेगा और साथ ही ज्यादा टैक्स भी इकट्ठा हो पायेगा.
आसान नहीं होगा आगे का रास्ता
क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शनों को LRS में शामिल करना बिलकुल आसान नहीं होगा. पढ़ाई या मेडिकल जैसे उद्दश्यों पर होने वाले खर्च को 20% के TCS से बाहर रखा जाएगा. सबसे प्रमुख काम उन ट्रांजेक्शनों की पहचान करना होगा जिनपर भारी भरकम TCS लगाया जाना चाहिए और साथ ही उन ट्रांजेक्शनों की पहचान करना भी जिन्हें TCS से बाहर रखा जाना चाहिए. प्रमुख चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म वेद जैन और एसोसिएट्स के पार्टनर अंकित जैन ने बताया कि, बैंकों के लिए हर ट्रांजेक्शन पर ध्यान देना काफी थकाऊ और मुश्किल काम होगा. LRS के अंतर्गत इस वक्त एक व्यक्ति बच्चों समेत अपने परिवार के हर व्यक्ति के लिए 2,50,000 डॉलर्स जितने पैसे भेज सकता है. अभी तक क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शनों को LRS में शामिल नहीं किया जाता है.
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
इस बात का ध्यान रखें कि TCS अपने आप में कोई टैक्स नहीं है. इसे एक वित्त वर्ष में टैक्स देने वाले व्यक्ति की कुल टैक्स देयता के हिसाब से एडजस्ट किया जा सकता है. यात्रा पैकेजों पर 20% का TCS लगने से कैश का आउटफ्लो बढ़ेगा. अगर किसी यूजर के पास TCS से बचने के लिए पर्याप्त टैक्स देयता नहीं है तो उसे रिफंड के लिए फाइल करना पड़ेगा जिसमें कई महीनों का समय लग सकता है. अंकित जैन ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि टैक्स रिटर्न का ऑडिट किये जाने पर क्रेडिट कार्ड यूजर्स के पास अपनी आय को सही ठहराने के सबूत मौजूद होने चाहिए.
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