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क्या 31 जुलाई के बाद किया जा सकता है आयकर रिटर्न में संशोधन? जानिए क्या है इसका जवाब
31 जुलाई के बीतने के बाद अब कई लोग ऐसे हैं जो ये जानना चाहते हैं कि क्या वो अपनी रिटर्न को संशोधित कर सकते हैं. अगर कर सकते है तो इसके लिए क्या उन्हें क्या करना होगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले 31 जुलाई तक अपना रिटर्न फाइल कर चुके हैं. लेकिन कई लोग ऐसे हैं जिन्हें कुछ संशोधन बाद में याद आते हैं. ऐसे में उनका ये सवाल रहता है कि क्या वो इन्हें बाद में भी कर सकते हैं. क्या इसके लिए उन्हें किसी तरह का जुर्माना देना होगा. ऐसी रिटर्न को कब तक फाइल किया जा सकता है. ऐसे ही कुछ सवालों के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
क्या बाद में किया जा सकता है संशोधन?
कई करदाता अक्सर अपने आईटीआर में गलतियां करते हैं. ऐसी गलतियाँ कुछ आय, कटौतियों, कर देनदारियों की गलत रिपोर्टिंग, गलत आईटीआर फॉर्म के चयन आदि से संबंधित हो सकती हैं. ऐसी त्रुटियों या चूक के कारण कर विभाग से पूछताछ हो सकती है या आईटीआर को दोषपूर्ण माना जा सकता है. ऐसी गलतियों को सुधारने और सटीक रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए, संशोधित आईटीआर दाखिल करने की विंडो अभी भी सभी करदाताओं के लिए खुली है.
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए संशोधित आईटीआर ऐसे संशोधन के बाद देय करों को माफ करने के बाद बिना किसी जुर्माने के 31 दिसंबर तक दाखिल किया जा सकता है. हालाँकि, जानकारों का मानना है कि ऐसे संशोधनों को जल्द से जल्द कर देना चाहिए. इससे पहले कि आईटी विभाग कोई नोटिस आपको संशोधन कर देना चाहिए.
रिफंड मिलने के बाद किया जा सकता है संशोधन
कई मामलों में ऐसा भी देखा जाता है कि आईटीआर फाइल करने के बाद कैंडिडेट को रिफंड भी मिल जाता है. लेकिन उसके बाद भी लोगों को जरूरत महसूस होती है कि उन्हें आईटीआर को संशोधित करना है. ऐसे मामलों में संशोधित आईटीआर का उद्देश्य मूल प्रस्तुतिकरण में पाई गई किसी भी अशुद्धि को सुधारना है. जैसे ही सही जानकारी उपलब्ध हो जाती है और प्रारंभिक रिटर्न में विसंगतियों की पहचान हो जाती है, तुरंत संशोधित रिटर्न दाखिल करने की सलाह दी जाती है.
भले ही प्राप्त रिफंड राशि प्रारंभिक दावे से मेल खाती हो, फिर भी कर अधिकारियों को सटीक आय विवरण प्रदान करना आवश्यक है, क्योंकि रिफंड जमा होने के बाद भी नोटिस जारी किए जा सकते हैं. यदि, रिटर्न को संशोधित करने पर, रिफंड राशि कम हो जाती है, तो कर विभाग अतिरिक्त धनराशि की मांग कर सकता है. इसके विपरीत, यदि संशोधित रिटर्न पहले प्राप्त की तुलना में अधिक रिफंड राशि इंगित करता है, तो अतिरिक्त राशि विधिवत वापस कर दी जाएगी.
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