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अफवाहों के प्रभाव को रोकने के लिए ZEE ने बनाई समिति, रिटायर्ड जज करेंगे अध्यक्षता
ZEE का कहना है कि गलत सूचनाओं, बाजार की अफवाहों और अटकलों के व्यापक प्रसार का संज्ञान के कारण कंपनी के बारे में नकारात्मक जनमत बना है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 months ago
Zee Entertainment Enterprises Limited (ZEEL) को लेकर पिछले कुछ समय से कई तरह की खबरें सामने आ रही हैं, इनमें कुछ खबरें ऐसी भी हैं जो कंपनी की छवि को प्रभावित करती हैं. इसके मद्देनजर कंपनी ने तीन सदस्यीय स्वतंत्र सलाहकार समिति के गठन का फैसला लिया है, जिसकी अध्यक्षता इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज डॉ सतीश चंद्रा (Dr. Satish Chandra) करेंगे. समिति में कंपनी के स्वतंत्र निदेशक उत्तम अग्रवाल और पी वी रमण मूर्ति भी शामिल रहेंगे. यह समिति गलत सूचनाओं, बाजार की अफवाहों और अटकलों के व्यापक प्रसार की समीक्षा करने और संज्ञान लेने में कंपनी को सक्षम बनाएगी.
इस तरह से किया है प्रभावित
ZEE का कहना है कि गलत सूचनाओं, बाजार की अफवाहों और अटकलों के व्यापक प्रसार का संज्ञान के कारण कंपनी के बारे में नकारात्मक जनमत बना है और इसके परिणामस्वरूप निवेशकों की संपत्ति में गिरावट आई है. इसे ध्यान में रखते हुए कंपनी के बोर्ड ने डॉ. सतीश चंद्र की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र सलाहकार समिति का गठन किया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सतीश चंद्र के साथ-साथ बोर्ड के दो सदस्य, उत्तम अग्रवाल और डॉ. पीवी रमण मूर्ति भी इस समिति का हिस्सा होंगे. सतीश चंद्र 2015 में इलाहाबाद हाई कोर्ट से रिटायर हुए थे.
मार्गदर्शन करेगी समिति
समिति स्वतंत्र रूप से कंपनी के सभी हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए बोर्ड द्वारा उठाए जाने वाले उपायों और भविष्य की कार्रवाई पर मार्गदर्शन प्रदान करेगी. बोर्ड समय-समय पर उपरोक्त मामलों पर समिति से विशेषज्ञ मार्गदर्शन भी प्राप्त करेगा. गौरतलब है कि हाल ही में Sony के साथ मर्जर डील टूटने के बाद से ZEE को लेकर मीडिया में कई तरह की खबरें चल रही हैं. उदाहरण के तौर पर हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) को लेकर बड़ा दावा किया गया था. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि सेबी ने अपनी जांच में पाया है कि ZEE ने अपने अकाउंट्स से लगभग 2000 करोड़ रुपए के फंड का डायवर्जन किया. बाद में ZEE ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह गलत और झूठी करार दिया.
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