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TATA के लिए फायदे का सौदा साबित होगी Bisleri डील, इस तरह भरेगी झोली
टाटा समूह मिनरल वॉटर कंपनी बिसलेरी को खरीदने जा रहा है. यदि सबकुछ ठीक रहा, तो दो साल के भीतर यह डील पूरी हो जाएगी
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
मिनरल वॉटर की पहचान बन चुकी बिसलेरी अब टाटा समूह की होने वाली है. बिसलेरी के चेयरमैन रमेश चौहान अपने इस कारोबार को इसलिए बेच रहे हैं, क्योंकि उनकी बेटी जयंती चौहान को इसे चलाने दिलचस्पी नहीं है. Tata के लिए यह डील हर लिहाज से फायदे का सौदा हो सकती है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह टाटा ग्रुप के लिए सही समय पर सही सौदा है.
रिवेन्यु और प्रॉफिट बढ़ेगा
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इक्विटी रिसर्च फर्म नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का मानना है कि यदि बिसलेरी का अधिग्रहण होता है, तो यह टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (TCPL) के लिए फायदे का सौदा होगा. नुवामा का अनुमान है कि वित्तवर्ष 23 में बिसलेरी को 2,500 करोड़ रुपए का राजस्व (Revenue) और टैक्स काटने के बाद 220 करोड़ रुपए का प्रॉफिट हो सकता है. फर्म के मुताबिक, बिसलेरी के अधिग्रहण से TCPL के राजस्व और मुनाफे में 18 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है.
मजबूत होगा पोर्टफोलियो
रिसर्च फर्म का यह भी कहना है कि अगर TCPL केवल कर्ज के जरिए बिसलेरी का अधिग्रहण करती है, तो ब्याज लागत बिसलेरी के मुनाफे को प्रभावित कर सकती है. नुमावा ने कहा कि टाटा कंज्यूमर के पास पहले से ही प्रीमियम-एंड में हिमालयन और हाइड्रेशन सेगमेंट में टाटा कॉपर प्लस वॉटर और टाटा ग्लूको+ जैसे ब्रांड हैं. ऐसे में बिसलेरी के आने से न केवल उसका पोर्टफोलियो मजबूत होगा, बल्कि बाजार पर पकड़ भी बढ़ेगी.
विन-विन सिचुएशन
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि टाटा बेहद कारगर रणनीति के आगे बढ़ रही है. कंपनी सोच-समझकर चुनिंदा कंपनियों का अधिग्रहण कर रही है. टाटा समूह ने Himalayan नेचुरल मिनरल वॉटर ब्रैंड खरीदा था, इसके बाद FY22 में Himalayan के खाते में प्रॉफिट आया. इससे पता चलता है कि टाटा समूह किस ढंग से किसी कंपनी को प्रॉफिटेबल कंपनी बनाने में माहिर है. ऐसे में पहले से ही अच्छी स्थिति में चल रही बिसलेरी को समूह और ऊंचाई पर पहुंचा सकता है और इसका सीधा फायदा उसे ही होगा. यानी बिसलेरी खरीदना TATA के लिए विन-विन सिचुएशन है.
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