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बेंगलुरु को 'तालाब' बनाने में किसका हाथ? सामने आए कई बड़ी कंपनियों के नाम
बारिश थमते ही आलोचनों में घिरा प्रशासन काम पर लगा. अब उसने नालियों पर किए गए लगभग 700 अतिक्रमणों की पहचान की है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
बारिश जहां गर्मी से राहत दिलाती है, वहीं, सरकार और प्रशासन के दावों की असलियत भी उजागर करती है. हाल ही में जब बेंगलुरु में आसमान से 'राहत' की बारिश बरसी, तो उसे 'आफत' बनते देर नहीं लगी. इसकी वजह थी, प्रशासन की खोखली तैयारी और झूठे दावे. शहर के अधिकांश इलाके पानी में डूब गए. पॉश कॉलोनियों में घुटनों से ऊपर पानी भर गया. अब यह सामने आया है कि प्रशासन की लापरवाही के साथ-साथ खुद को जिम्मेदार कहने वालीं कुछ कंपनियां भी शहर को 'तालाब' बनाने के लिए दोषी हैं.
700 अतिक्रमणों की पहचान
बारिश थमते ही आलोचनों में घिरा प्रशासन काम पर लगा. अब उसने नालियों पर किए गए लगभग 700 अतिक्रमणों की पहचान की है. अतिक्रमण करने वालों में कई हाई-प्रोफाइल बिल्डर्स, डेवलपर्स और टेक कंपनियां भी शामिल हैं. प्रशासन ने अतिक्रमण करने वालों की बाकायदा एक लिस्ट तैयार की है और उन पर कार्रवाई की जाएगी. लिस्ट सामने आने के बाद लोगों की तरफ से सभी पर सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है. क्योंकि ऐसे अतिक्रमणकारियों की वजह से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
इन्होंने किया अतिक्रमण
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सूची में विप्रो, प्रेस्टीज, इको स्पेस, Bagmane Tech Park, कोलंबिया एशिया अस्पताल और दिव्याश्री विलास शामिल हैं. वहीं, पूर्वी बेंगलुरु में नालपद एकेडमी ऑफ इंटरनेशनल स्कूल के परिसर में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया है. यह स्कूल कांग्रेस नेता मोहम्मद नलपद का है. बता दें कि नलपद ने जलभराव के लिए भाजपा सरकार को दोषी ठहराया था.
बिना सूचना के तोड़फोड़
शहर के रिहायशी इलाकों में तोड़फोड़ पिछले एक हफ्ते से चल रही है. यह भी सामने आया है कि बेंगलुरु के पूर्वी हिस्से में, एक चार मंजिला इमारत की चहारदीवारी तोड़ दी गई, जबकि उसमें रहने वाले अपने घरों के अंदर थे. कई निवासियों ने बताया कि उन्हें तोड़फोड़ करने को लेकर कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई और इसके बारे में तभी पता चला जब उन्होंने बुलडोजर को देखा.
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