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नहीं हुई मन की, अब हड़ताल पर जाएंगे लाखों बैंककर्मी; जानें क्या चाहते हैं बैंकर्स
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बैंककर्मी अगले महीने से हड़ताल पर जाने की योजना बना रहे हैं,. इसमें प्राइवेट बैंक भी शामिल हो सकते हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago
बैंक कर्मियों (Bankers) की कुछ मांगें पिछले काफी समय से लंबित हैं, जिन पर सरकार ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है. इसमें सबसे प्रमुख हैं वेतनवृद्धि और 5-डेज वर्किंग. हालांकि, खबरें जरूर आई हैं कि सरकार लोकसभा चुनाव से पहले इस दिशा में कोई कदम उठा सकती है. इस बीच, ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉई एसोसिएशन (AIBEA) ने 4 दिसंबर से 11 दिसंबर तक हड़ताल का ऐलान किया है. इस हड़ताल से देशभर के बैंकों का कामकाज प्रभावित हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, AIBEA ने दिसंबर में 6 दिवसीय हड़ताल की योजना है.
इस तरह होगी हड़ताल
4 दिसंबर को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और पंजाब एंड सिंध बैंक में हड़ताल रहेगी. 5 दिसंबर को बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) और बैंक ऑफ इंडिया (BOI) में हड़ताल की योजना है. इसी तरह, 6 दिसंबर को केनरा बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी हड़ताल का हिस्सा रह सकते हैं. 7 दिसंबर को इंडियन बैंक और यूको बैंक में हड़ताल रहेगी. 8 दिसंबर को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र, 11 दिसंबर को प्राइवेट बैंक भी हड़ताल में शामिल हो सकते हैं. बता दें कि 9 और 10 दिसंबर को बैंकों में साप्ताहिक रहेगा.
क्या है एसोसिएशन की मांग?
यह हड़ताल बैंकों में अवॉर्ड स्टाफ की पर्याप्त भर्ती सुनिश्चित करने, बैंकिंग क्षेत्र में स्थायी नौकरियों की आउटसोर्सिंग को रोकने के लिए हो रही है. AIBEA महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कुछ वक्त पहले कहा था कि बैंकों द्वारा नौकरियों की आउटसोर्सिंग निचले स्तर पर भर्ती में कमी के अलावा ग्राहकों की गोपनीयता और उनके पैसे को खतरे में डाल रही है. अगले महीने होने वाली हड़ताल से देशभर में बैंकिंग सेवाएं बाधित होने की आशंका है. गौरतलब है कि बैंक कर्मचारी लंबे समय से सैलरी बढ़ाए जाने और हर शनिवार को छुट्टी रखने की मांग कर रहे हैं. 5-डेज वर्किंग से कामकाज कैसे प्रभावित नहीं होगा, इसके लिए उन्होंने डिटेल्ड प्लान भी सौंपा है.
पहले दे चुके हैं ये प्रस्ताव
इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की ओर से वेतन में 15% बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया था. साथ ही सप्ताह में पांच दिन कामकाज का प्रस्ताव भी सरकार के पास विचाराधीन है. इससे पहले बैंक कर्मचारी यूनियनों द्वारा सभी शनिवारों को साप्ताहिक अवकाश घोषित करने की मांग को लेकर 28 जुलाई को एक बैठक हुई थी, जिसमें बैंक इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) ने मांग को स्वीकार कर लिया था. इसके बाद प्रस्ताव को मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेज दिया गया था. अब यदि वित्त मंत्रालय भी इसे मंजूरी दे देता है तो बैंक सप्ताह में सिर्फ पांच दिन ही खुलेंगे और बैंकर्स को पहले और चौथे शनिवार को काम नहीं करना पड़ेगा. बता दें कि मौजूदा व्यवस्था के तहत रविवार के अलावा बैंक महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को बंद रहते हैं.
कैसी होगी व्यवस्था?
5-डेज वर्किंग के प्रस्ताव के अमल में आने के बाद बैंकों में 45 मिनट अधिक कामकाज किया जाएगा. ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA) ने भरोसा दिलाया है कि 5-डेज वर्किंग से बैंकों का कामकाज प्रभावित नहीं होगा, क्योंकि सप्ताह में 5 कार्यदिवस की समयावधि में 45 मिनट तक बढ़ोतरी की जा सकती है. वहीं, माना जा रहा है कि सरकार को इस प्रस्ताव से कोई आपत्ति नहीं है और जल्द ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से इसे हरी झंडी मिल सकती है. गौरतलब है कि बैंक कर्मचारी लंबे समय से 5-डेज वर्किंग और सैलरी बढ़ाने की मांग करते आ रहे हैं.
बैंकर्स ने दिया ये तर्क
बैंक कर्मचारियों का कहना है कि बीते कुछ समय में काम का बोझ काफी बढ़ गया है. जब LIC सहित कई कंपनियां हफ्ते में 5 दिन कामकाज की पॉलिसी अपना रही हैं, तो बैंकों में भी इसे अमल में लाया जा सकता है. पिछले साल बैंक यूनियनों की तरफ से सरकार के सामने काम के घंटे बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया था. इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) को लिखे पत्र में ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA) ने इस प्रस्ताव के संबंध में बताते हुए कहा था कि रोजाना काम के घंटे को करीब आधा घंटा बढ़ाकर हफ्ते में 5 दिन काम की पॉलिसी लागू की जा सकती है. यानी बैंकों के कामकाज का समय आधा घंटा पहले शुरू किया जा सकता है, इससे हफ्ते में 5 दिन की नीति से कोई नुकसान नहीं होगा.
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