छंटनी के फेर में फंसी Amazon ने दिया ऐसा तर्क, किसी को हजम नहीं होगा 

केंद्रीय श्रम मंत्रालय के नोटिस का अमेजन इंडिया ने जवाब दिया है. इसमें कंपनी ने कहा है कि उसने किसी को जबरन नहीं निकाला.

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Friday, 25 November, 2022
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भारत में कर्मचारियों को नौकरी से निकालने को लेकर बुरी फंसी Amazon ने केंद्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा के समन का जवाब दिया है. हालांकि, इस जवाब में उसने जो तर्क दिया है, वो शायद ही किसी को हजम हो. अमेजन का कहना है कि उसने किसी कर्मचारी को जबरन बर्खास्त नहीं किया, बल्कि कर्मचारी अपनी मर्जी से इस्तीफा दे रहे हैं. बता दें कि पुणे की एक कर्मचारी यूनियन की याचिका पर केंद्र सरकार के श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने Amazon से जवाब तलब किया था.

NITES ने लगाई है गुहार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रम मंत्रालय के नोटिस पर अमेजन इंडिया के एक सीनियर अधिकारी ने कंपनी का पक्ष रखते हुए कहा कि किसी को जबरन नौकरी से नहीं निकाला गया है. कर्मचारी अपनी इच्छा से इस्तीफे दे रहे हैं. नेसेंट इन्‍फॉर्मेशन टेक्‍नोलॉजी एम्‍प्‍लॉयीज सीनेट (NITES) यूनियन ने अपनी याचिका में कहा है कि अमेजन ने कर्मचारियों की छंटनी के मामले में नियमों का पालन नहीं किया है. वह श्रम कानून तोड़कर कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही है. 

30 नंबर तक करना है रिजाइन
दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने 10000 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया था. इसके बाद खबर आई थी कि कंपनी भारत में भी बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छुट्टी करने वाली है. उसने स्टाफ से 30 नवंबर तक रिजाइन करने और इसके बदले में पहले से निर्धारित रकम लेने को कहा है. इसके बाद NITES ने केन्द्रीय श्रम मंत्रालय को पूरे मामले से अवगत कराते हुए कहा कि चूंकि कंपनी के इस फैसले से कई लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है, इसलिए यह कदम जांच के दायरे में होना चाहिए. 

अगले साल तक चलेगा दौर
हाल ही में Amazon के सीईओ एंडी जस्सी ने कहा था कि कंपनी 2023 तक कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी. उन्होंने कहा था कि अमेज़नका सालाना प्लानिंग प्रोसेस के अगले साल तक जारी रहेगा और तब तक छंटनी चलती रह सकती है. शीर्ष नेतृत्व विभिन्न स्तर पर छंटनी के लिए कार्यबल का विश्लेषण करेगा. जस्सी के अनुसार, पिछले कई वर्षों के दौरान हमने तेजी से हायरिंग की है. जबकि इस साल का रिव्यू कठिन है, क्योंकि अर्थव्यवस्था की हालात बेहद चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. प्रभावित कर्मचारियों को 2023 की शुरुआत में फैसले से अवगत करा दिया जाएगा. 


Elon Musk ने दिया ‘धोखा’ महिला ने गंवाए 41 लाख, आखिर कैसे?

साउथ कोरिया की एक महिला एलन मस्क (Elon Musk) से दोस्ती के चक्कर में धोखाधड़ी का शिकार हो गई. 

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Friday, 26 April, 2024
Elon Musk

आजकल लोग ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) और डीपफेक ()DeepFake का तेजी के शिकार हो रहे हैं. डीपफेक से जुड़ा ऐसा ही एक मामला अब टेस्ला (Tesla) के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) के नाम पर भी हो गया है. साउथ कोरिया की एक महिला नकली एलन मस्क से दोस्ती के चक्कर में धोखाधड़ी की शिकार हो गई. तो चलिए आपको बताते हैं क्या है ये पूरा मामला?

इंस्टाग्राम से हुई शुरुआत 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक फर्जी एलन मस्क ने साउथ कोरिया की एक महिला से दोस्ती की और उससे करीब 50,000 डॉलर (करीब 42 लाख रुपये) का चूना लगाया हैं. महिला ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि जुलाई 2023 में एलन मस्क ने उसे इंस्टाग्राम पर जोड़ा था. महिला ने बताया कि वह मस्क की बहुत बड़ी प्रशंसक रही है, इसलिए उसे उनके साथ इंस्टाग्राम पर जुड़कर बहुत खुशी हुई, हालांकि उसे थोड़ा संदेह भी हुआ था, लेकिन उसकी चिकनी-चुपड़ी बातें में वह फंस गई. नकली मस्क ने अपनी पहचान के लिए उसे अपना आईडी कार्ड और अपने ऑफिस की कुछ तस्वीरें भी भेजी थी, जिसे देखकर वह उस पर भरोसा करने लगी. 

मस्क ने ऐसे अपनी बातों में फंसाया
मस्क ने महिला को गीगाफैक्ट्री, काम पर जाने के लिए हेलीकॉप्टर की सवारी और उसे अमीर बनाने का वादा किया. महिला ने कहा कि नकली मस्क ने अपने बच्चों के बारे में भी बात की थी. साथ ही ये बताया था कि कैसे उन्होंने टेस्ला में काम करने के लिए हेलीकॉप्टर लिया. उसने यह भी बताया कि वह प्रशंसकों से खुद ही संपर्क करते हैं. उसने भरोसा बढ़ाने के लिए दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति से अप्रैल 2023 में हुई एक बैठक के बारे में भी बात की और बताया कि राष्ट्रपति ने उसे साउथ कोरिया में टेस्ला कारखाने बनाने के लिए कहा है.  

वीडियो कॉल के दौरान किया प्यार का किया इजहार
नकली मस्क महिला को वीडियो कॉल भी करता था, जोकि एक डीपफेक वीडियो था. महिला ने बताया कि एक दिन वीडियो कॉल में मस्क' ने यह तक कहा था कि ' तुम्हें पता है, मैं तुमसे प्यार करता हूं?' 

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अमीर बनने सपना दिखाया
महिला का भरोसा जीतने के बाद नकली मस्क ने उससे अपने कोरियाई कर्मचारी के स्थानीय बैंक खाते में 70 मिलियन कोरियाई वोन (लगभग 50,000 डॉलर) ट्रांसफर करने के लिए कहा. उसने कहा कि इस पैसे को निवेश करके वह उसे अमीर बना देगा. आपको बता दें, इससे पहले एक और नकली एलन मस्क ने असली एलन मस्क का ध्यान खींचा था. 2022 में, चीन में एक व्यक्ति मस्क होने का दिखावा करते हुए टिकटॉक वीडियो पोस्ट कर रहा था. उस समय मस्क ने कहा था कि अगर वह लड़का असली है तो वह उससे मिलना चाहेंगे क्योंकि इन दिनों डीपफेक के साथ असली और नकली का अंतर बताना मुश्किल हो गया है.
 


पति-पत्नी के झगड़े के बीच Raymond ग्रुप की इन कंपनियों ने उठाया बड़ा कदम, बढ़ेगा विवाद  

रेमंड समूह की तीन कंपनियों ने गौतम सिंघानिया की पत्नी नवाज मोदी को बोर्ड से बाहर कर दिया है.

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Friday, 26 April, 2024
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रेमंड ग्रुप (Raymond Group) के मालिक गौतम सिंघानिया और उनकी पत्नी नवाज मोदी (Gautam Singhania & Nawaz Modi) के बीच चल रहे विवाद में एक नया मोड़ आ गया है. रेमंड ग्रुप की तीन कंपनियों - JK इन्वेस्टर्स, रेमंड कंज्यूमर केयर और स्मार्ट एडवाइजरी एंड फिनसर्व ने नवाज को अपने बोर्ड से बाहर कर दिया है. पिछले महीने हुई EGM में यह फैसला लिया गया था, लेकिन कंपनियों ने इसकी जानकारी अभी दी है.  

यह कंपनी भी कर सकती है बाहर
समूह की लिस्टेड कंपनी Raymond ने अब तक नवाज मोदी को अपने बोर्ड से बाहर करने के लिए कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही वो भी बाकी तीन कंपनियों की राह पर चल सकती है. नवाज मोदी ने पिछले साल अपने पति पर मारपीट सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद से वह अलग रह रही हैं. गौतम सिंघानिया और नवाज ने पिछले साल ही तलाक लेने की भी घोषणा की थी. 

नाराज नवाज ने कही ये बात
नवाज मोदी को जून 2015 में JK इन्वेस्टर्स का डायरेक्टर बनाया गया था. जबकि दिसंबर 2020 में उन्हें रेमंड कंज्यूमर केयर और अक्टूबर 2017 में स्मार्ट एडवाइजरी एंड फिनसर्व के बोर्ड में शामिल किया गया था. नवाज ने तीनों कंपनियों के बोर्ड से हटाये जाने पर नाराजगी जाहिर की है. एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने सिंघानिया के कारनामों की पोल खोलनी शुरू की है, तब से उनके साथ दुर्व्यवहार हो रहा है. पहले उनके साथ मारपीट हुई और अब उन्हें कंपनियों के बोर्ड से बेदखल कर दिया गया है.

मांगी है इतनी हिस्सेदारी
जानकारी के मुताबिक, तीनों कंपनियों के शेयरहोल्डर्स ने लिखा था कि वे डायरेक्टर के रूप में नवाज मोदी का भरोसा खो चुके हैं. उन्होंने कंपनियों के बोर्ड से शेयरहोल्डर मीटिंग बुलाकर नवाज को बाहर करने की मांग की थी. इसके मद्देनजर 31 मार्च को मीटिंग बुलाई गई और उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए नवाज को इन कंपनियों के बोर्ड से हटा दिया गया. पिछले साल यह खबर आई थी कि नवाज मोदी ने अपने पति से कानूनी रूप से अलग होने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी है. नवाज ने गौतम सिंघानिया की 1.4 बिलियन डॉलर (करीब 11 हजार करोड़ रुपए) की कुल संपत्ति में 75% हिस्सेदारी मांगी है. गौतम सिंघानिया अपनी वाइफ की शर्त से कुछ हद तक सहमत हैं, लेकिन उन्होंने एक फैमिली ट्रस्ट बनाने का सुझाव दिया है. हालांकि, नवाज मोदी इसके लिए तैयार नहीं हैं.  


ICICI ने ब्‍लॉक किए 17000 क्रेडिट कार्ड, अगर आपके पास भी है तो जान लीजिए वजह? 

बैंक की ओर से कहा गया है जिनके भी क्रेडिट कार्ड इसमें ब्‍लॉक हुए हैं उन्‍हें जल्‍द ही नया कार्ड जारी कर दिया जाएगा. इन कार्ड की सुरक्षा में सेंध लगी है. 

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Friday, 26 April, 2024
ICICI BANK

देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंकों में शामिल आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने 17000 क्रेडिट कार्ड को ब्‍लॉक कर दिया है. बैंक की ओर से कहा गया है कि जिसके भी क्रेडिट कार्ड को ब्‍लॉक किया गया है उन्‍हें नए कार्ड जल्‍द जारी किए जाएंगे. बैंक की ओर से ये कदम इनकी जानकारी के गलत हाथों में लगने के कारण बैंक को ऐसा कदम उठाना पड़ा है. 

आखिर क्‍या रही है इसकी वजह? 
बैंक के प्रवक्‍ता ने इसे लेकर कहा है कि पिछले कुछ दिनों में जारी किए गए 17000 क्रेडिट कार्ड हमारे डिजिटल चैनलों में गलत हाथों में मैप हो रहे थे. इन क्रेडिट कार्ड की जानकारी गलत हाथों में पहुंचने के कारण बैंक को इस तरह का कदम उठाना पड़ा है. 17000 बैंक के कुल क्रेडिट कार्ड का 0.1 प्रतिशत है. आईसीआईसी देश के टॉप फाइव बड़े प्राइवेट बैंकों में शामिल है. 

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आखिर कैसे सामने आया ये पूरा मामला? 
दरअसल ये पूरा मामला आईसीआईसीआई के आईमोबाइल पे ऐप के जरिए हुई. बैंक के कस्‍टमर ने सोशल मीडिया पर शिकायत की कि ऐप पर कई लोगों के क्रेडिट कार्ड की सुरक्षा को लेकर आशंका जाहिर की.  मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूजरों ने ये भी बताया कि कार्ड के अंदर की जानकारी जैसे सीवीवी जैसी जानकारी को आसानी से देखा जा सकता है. जानकारी को आसानी से देखा जा सकता है. कोई भी किसी की डिटेल तक आसानी से पहुंच सकता है. यही नहीं लोगों ने ये भी शिकायत की कि वो किसी भी वयक्ति के पेमेंट ऐप पर पहुंच सकते हैं. लोगों की शिकायत के बाद इन क्रेडिट कार्ड को तुरंत बंद कर दिया है. 

 इस्‍तेमाल होने पर बैंक देगा मुआवजा 
बैंक की ओर से कहा गया है कि अगर किसी का क्रेडिट कार्ड ऐसे गलत इस्‍तेमाल होता है तो उसे बैंक की ओर से मुआवजा दिया जाएगा. हालांकि बैंक ने ये भी कहा है कि अभी तक किसी भी तरह के गलत इस्‍तेमाल का मामला सामने नहीं आया है. एक यूजर ने तो यहां तक लिखा कि वो इसके जरिए अमेजन पे पर मौजूद क्रेडिट कार्ड की डिटेल तक आसानी से पहुंच पा रहे हैं. उन्‍होंने ये भी लिखा कि ओटीपी के बावजूद इंटरनेशनल ट्रांजैक्‍शन तक संभव है.


चुनावी नतीजों से पहले जमकर निवेश कर रहे छोटे इनवेस्टर्स, जानिए बाजार का हाल?

बाजार में बड़े इनवेस्टर्स जहां लोकसभा चुनावों के नतीजे आने तक इंतजार करना चाहते हैं. वही, छोटे इनवेस्टर्स जमकर निवेश कर रहे हैं. 

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Friday, 26 April, 2024
Share Market

लोकसभा चुनाव(LOKSABHA ELECTION 2024) के नतीजे आने में अभी एक महीने से ज्यादा समय बाकी है. ऐसे में आम धारणा यह है कि मार्केट सीमित दायरे में बना रहेगा या थोड़ी कमजोरी दिखा सकता है. वहीं, ऐसी स्थिति में भी छोटे इनवेस्टर्स जमकर निवेश कर रहे हैं. तो चलिए आपको जानकारी देते हैं कि ये कहां और क्यों निवेशक कर रहे हैं?

छोटे इनवेस्टर कर रहे भारी निवेश
बाजार के ट्रेंड को लेकर मार्केट पार्टिसिपेंट कन्फ्यूज्ड हैं. इसकी वजह छोटे निवेशकों की ओर से होने वाला भारी निवेश है. मार्च में स्मॉलकैप और मिडकैप में बड़ी गिरावट के तुरंत बाद यह माना गया था कि ज्यादातर इनवेस्टर्स सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे और लार्जकैप में अपने निवेश को शिफ्ट करेंगे. लेकिन कुछ ही निवेशकों ने ऐसा किया. अच्छी क्वालिटी वाले स्टॉक्स का प्रदर्शन अच्छा रहा है, लेकिन इससे वह काफी महंगे हो गए हैं, लेकिन इसका स्मॉलकैप और मिडकैप वाले निवेशकों पर कोई असर नहीं पड़ा है.  

म्य़ूचुल फंड और सीधे शेयरों में निवेश
बड़े इन्वेस्टर्स चुनावों के नतीजों के बाद की तस्वीर का इंतजार करना चाहते हैं क्योंकि अभी वैल्यूएशन ज्यादा है. हालांकि यह चीज मार्केट को ऊपर जाने से रोक नहीं पा रही है. इसकी बड़ी वजह छोटे इनवेस्टर्स का उत्साह है, जो म्य़ूचुअल फंडो के जरिए और सीधे शेयरों में पैसा  लगा रहे हैं.

इंडिया नेस्टले का दूसरा सबसे बड़ा बाजार
नेस्ले इंडिया (NESTLE INDIA) के चौथी तिमाही के नतीजे एनालिस्ट्स की उम्मीद से बेहतर आए हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि किटकैट (KITKAT) की वजह से कंपनी के कनफेक्शनरी सेगमेंट की ग्रोथ स्ट्रांग रही है. इस ग्रोथ की बदौलत इंडिया नेस्ले के ग्लोबल बिजनेस में दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है. कंपनी के मिल्कमेड सहित दूध आधारित प्रोडक्ट्स का प्रद्र्शन बुहुत अच्छा रहा है. खास बात यहा है कि इनफ्लेशनरी प्रेशर के बावजूद ऐसा प्रदर्शन देखने को मिला है. 

जोमेटो में भारी निवेश

जोमेटे कंपनी का स्टाक अब तक 258 फीसदी बढ़ गया है. इसके स्टाक में लगभग 17 लाख छोटे निवेशकों ने 11, 550 करोड़ रुपये लगाए हैं. पिछले 6 महीने में इसके स्टाल में 73 प्रतिशत की तेजी आई है. शुक्रवार को भी खबर लिखने तक 2 प्रतिशत की उछाल के साथ इसकी कीमत 188.40 रुपये पर थी.  

इंडसइंड बैंक(INDUSIND BANK ) का प्रदर्शन
बेहतर नतीजों की उम्मीद में इंडसइंड के शेयरों में 25 अप्रैल को करीब 2 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली थी. वहीं शुक्रवार को इसके शेयर 1 प्रतिशत गिरकर नीचे आ गए हैं. बैंक का प्रॉफिट चौथी तिमाही में साल दर साल आधार पर 15 प्रतिशत बढ़ा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रतिद्वंदी बैंकों के मुकाबले इस बैंक की कमाई थोड़ी नरम रही है, लेकिन बैंक की असेट क्वालिटी इंप्रूव हुई है. इसमें आगे और इंप्रुवमेंट होगी. 

इस कंपनी के प्रोडक्ट की हाई डिमांड
2024 की चौथी तिमाही में किरलोस्कर प्लेमॉटिक(KIRLOSKER PNEUMATIC) 
कंपनी का प्रॉफिट करीह 2 गुना हो गया, जिसका असर कंपनी के स्टॉक्स पर भी पड़ा है एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस कंपनी के प्रोडक्ट्स के लिए डिमांड स्ट्रांग है. इस साल नए ऑर्डर की बुकिंग 1,770 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई है. यह पिछले साल के मुकाबले करीब 500 करोड़ रुपये ज्यादा है. इसका टोटल एक्सपेंस 27 प्रतिशत बढ़कर 406.81 करोड़ रुपये पहुंच गया है. इसकी वजह रॉ मैटेरियल की ऊंची कीमते हैं. 


भारत के BPO सेक्टर को लेकर इस CEO ने दी चेतावनी, कहा AI से खत्‍म हो सकता है सेक्‍टर 

ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) को लेकर एक ओर जहां सुरक्षा को लेकर आशंका जताई जा रही है, वहीं दूसरी ओर उससे नौकरियां जाने की बात भी कही जा रही है.

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Friday, 26 April, 2024
BPO

 दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही एआई तकनीक को लेकर ये तो आशंका जताई ही जा रही है कि इससे नौकरी जाएगी. लेकिन अब टाटा कंसेल्‍टेंसी के सीईओ ने बीपीओ इंडस्‍ट्री को लेकर जो बात कही है उसने इस सेक्‍टर के लोगों को चिंता में डाल दिया है. टीसीएस के सीईओ ने कहा है कि आने वाले समय में इनकमिंग कॉल वाले बीपीओ के लिए एक बड़ा संकट पैदा हो सकता है. क्‍योंकि तकनीक ऐसे सॉफ्टवेयर को लेकर काम कर रही है कि जिसमें चैटबोट ही सभी समस्‍याओं का समाधान करने की स्थिति में होंगे. 

आखिर कैसे पड़ेगा इसका कॉल सेंटर इंडस्‍ट्री पर असर 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टीसीएस के सीईओ कृतिवासन ने कहा कि जेनरेटिव एआई इस तकनीक में सक्षम है कि वो इंसान के काम को चैटबोट को जरिए कर सके. उन्‍होंने कहा कि आज दुनिया भर में ऐसी तकनीक पर काम हो रहा है जिसमें इनकमिंग कॉल के लिए चैटबोट को इन सुविधाओं से लैस किया जा सके जो उनके जवाबों का हल दे सकें. इसलिए अगर ऐसा होता है तो ये अपने आप में इस सेक्‍टर के लिए एक बड़ा बदलाव होगा. 

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नौकरियों पर होगा क्‍या असर? 
टीसीएस सीईओ से जब इस पूरी तकनीक के आने का नौकरियों पर असर को लेकर बात पूछी गई तो उन्‍होंने कहा कि टेक्‍नीकल वर्कफोर्स की ज्‍यादा जरूरत होगी, ऐसे में हमें अपनी वर्कफोर्स को ज्‍यादा प्रशिक्षित करना होगा. मौजूदा समय में टीसीएस सॉफ्टवेयर क्षेत्र में काम करने वाली एक बड़ी कंपनी है जिसके पास 6 लाख से ज्‍यादा वर्कफोर्स है, और कंपनी का रेवेन्‍यू 30 अरब डॉलर के आसपास है. उनका ये भी मानना है कि एआई का तत्‍कालिक लाभ से ज्‍यादा दीर्घकालिक लाभ होगा. आंकड़े बता रहे हैं कि देश में 15 लाख इंजीनियरिंग छात्रों में से केवल 20 प्रतिशत यानी 3 लाख प्रोफेशनल ही नौकरी पाने में सक्षम होते हैं. उन्‍होंने ये भी कहा कि हमें ज्‍यादा से ज्‍यादा कॉलेजों में जाना होगा जिससे ग्‍लोबल डिमांड को पूरा कर पाएंगे. 

भारत के बीपीओ सेक्‍टर की ये है स्थिति 
बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग कारोबार का मकसद है किसी भी कंपनी को उसकी तकनीक, डेटा या दूसरे समाधानों को सस्‍ती दरों पर मुहैया कराना. सबसे बड़ी बात ये है कि भारत में ये इंडस्‍ट्री 1990 से काम कर रही है. इस सेक्‍टर में 30 लाख से ज्‍यादा युवा काम कर रहे हैं. ये कई तरह की सर्विसेज को मुहैया कराता है इसमें बैक ऑफिस संचालन, ग्राहक सेवा, डेटा एंट्री, सामाग्री मॉडरेशन, तकनीकी सहायता, जैसे क्षेत्र हैं. इस सेक्‍टर की प्रमुख कंपनियों में विप्रो(Wipro), टाटा कंसल्‍टेंसी सर्विसेज (TCS), सन टेक इंडिया (Sun tech india), फ्लैटवर्ल्‍ड सॉल्‍यूशन (Flatworld Solution), फॉयरसोर्स सॉल्‍यूशन (firesource Solution), हिंदुजा ग्‍लोबल सॉल्‍यूशन (Hinduja Global Solution), फ्यूजन बीपीओ(Fusion BPO) जैसी कंपनियां काम कर रही हैं.  
 


लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग के बीच आज कौनसे शेयर कराएंगे कमाई?

शेयर बाजार के लिए यह सप्ताह अब तक अच्छा गया है . लगातार 5 सत्रों से बाजार में रौनक बनी हुई है.

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Friday, 26 April, 2024
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लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के दूसरे चरण के लिए आज वोट डाले जाएंगे. इस दौरान, 13 राज्यों की कुल 88 सीट के प्रत्याशियों की किस्मत EVM में बंद होगी. दूसरे चरण में केरल की चर्चित वायनाड लोकसभा सीट भी शामिल है. चुनाव और शेयर बाजार (Stock Market) के बीच एक अलग ही रिश्ता रहा है. लिहाजा ये देखने वाली बात होगी कि आज बाजार की चाल कैसी रहती है. वैसे, कल यानी गुरुवार को बाजार लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में तेजी के साथ बंद हुआ. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 486.50 अंक उछलकर 74,339.44 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 167.95 अंकों की बढ़त के साथ 22,570.35 पर पहुंच गया.

MACD के ये हैं संकेत
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए Bajaj Finance, Dixon Technologies, Kirloskar Industries, Craftsman Automation और Cummins India में तेजी के संकेत दिए हैं. इसका मतलब है कि इन शेयरों में आज उछाल आ सकता है. इसी तरह, MACD ने M&M, Bharat Bijlee, JSW Energy, Tata Power और Symphony में मंदी का रुख दर्शाया है. यानी इन शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है. लिहाजा, इनमें निवेश को लेकर सावधानी बरतें. बजाज फाइनेंस के शेयर कल गिरावट के साथ 7,296 रुपए पर बंद हुए थे. लेकिन बीते 5 दिनों में ये शेयर करीब 7 प्रतिशत चढ़ा है.

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इन पर भी रखें नजर
अब उन शेयरों के बारे में भी जान लेते हैं, जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में आईसीआईसीआई बैंक के साथ ही SBI, JSW Steel, Hindalco और Eicher Motors का नाम शामिल है. ICICI बैंक के शेयर कल एक प्रतिशत से अधिक के उछाल के साथ 1,110.90 रुपए पर बंद हुए थे. इस साल अब तक ये शेयर करीब 12 प्रतिशत चढ़ चुका है. SBI के शेयरों में कल शानदार 5 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली. 812 रुपए के भाव पर मिल रहा शेयर बीते 5 दिनों में ही 10% से ज्यादा मजबूती हासिल कर चुका है. JSW स्टील कल 2.31% की बढ़त के साथ 903.10, हिंडाल्को एक प्रतिशत से ज्यादा की तेजी के साथ 644.20 और आइशर मोटर्स 1.34% की मजबूती के साथ 4,591.60 रुपए पर बंद हुआ. वहीं, Kotak Mahindra Bank में बिकवाली का दबाव नजर आ रहा है.

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).


ICICI बैंक के मोबाइल ऐप में सामने आई बड़ी खामी, क्या आप भी करते हैं इस्तेमाल?

यूजर्स ने शिकायत की है कि iMobile ऐप पर दूसरे ग्राहकों के ICICI बैंक के क्रेडिट कार्ड से जुड़ी संवेदनशील जानकारी दिख रही है.

Last Modified:
Thursday, 25 April, 2024
photo credit: India Technology News

आईसीआईसीआई बैंक की मोबाइल एप्लीकेशन आईमोबाइल Pay में गड़बड़ी (ICICI Bank iMobile Glitch) की बात सामने आई है. कुछ यूजर्स ने दावा किया है कि वो इस प्लेटफॉर्म पर दूसरों के क्रेडिट कार्ड की संवेदनशील जानकारी देख सकते हैं. यूजर्स ने आशंका जताई है कि इस जानकारी का दुरुपयोग हो सकता है. साथ ही उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से इस मामले में तुरंत कदम उठाने की मांग भी की है.

सिस्टम की हो समीक्षा
TechnoFino के फाउंडर सुमंता मंडल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) इस बारे में एक पोस्ट किया है. आईसीआसीआई बैंक और RBI को टैग करते हुए उन्होंने लिखा है कि ICICI बैंक के iMobile ऐप में बड़ी सुरक्षा खामी सामने आई है. कई यूजर्स ने शिकायत की है कि उनके iMobile ऐप पर दूसरे ग्राहकों के ICICI बैंक के क्रेडिट कार्ड से जुड़ी संवेदनशील जानकारी दिख रही है. iMobile ऐप पर दूसरे ग्राहक का पूरा कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट और CVV नंबर दिख रहा है और उसके इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन की सेटिंग को भी मैनेज किया जा सकता है. ऐसे में इस जानकारी का दुरुपयोग करके इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन करना काफी आसान है. उन्होंने ICICI से इस दिक्कत को जल्द से जल्द दूर करने और RBI से बैंक के सिक्योरिटी सिस्टम की समीक्षा करने का आग्रह किया है.

हरकत में आया बैंक 
वहीं, मामला सामने आने के बैंक ने कुछ कदम उठाए हैं. सुमंत मंडल ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि शायद बैंक ने ग्लिच को दूर करने के लिए आईमोबाइल ऐप पर क्रेडिट कार्ड इंफॉरमेशन के एक्सेस को रोक दिया है. बता दें कि आजकल RBI इस तरह के मामलों को बेहद गंभीरता से ले रहा है. ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए उसने कई कदम उठाए हैं. ऐसे में यदि आगे भी iMobile ऐप पर दूसरे ग्राहकों की महत्वपूर्ण जानकारी दिखाई देने के मामले सामने आते हैं, तो बैंक RBI के रडार पर आ सकता है. 

तेजी के साथ बंद हुए शेयर
आईसीआईसीआई बैंक के शेयर की बात करें, तो आज यह एक प्रतिशत से अधिक की तेजी के साथ 1,110.90 रुपए पर बंद हुआ. बीते 5 कारोबारी सत्रों में यह 5 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ चुका है. जबकि इस साल अब तक ये आंकड़ा 11.16% रहा है. इस लिहाज से देखें, तो 2024 में इस शेयर का रिटर्न रेट धीमा है. इस शेयर का 52 वीक का हाई लेवल 1,125.65 रुपए और लो लेवल 899 रुपए है. अब इस ग्लिच की खबर का बैंक के स्टॉक पर क्या असर होता है, यह कल देखने को मिलेगा.  


कौन हैं वाडीलाल शाह, जिन्होंने छोटी सी दुकान से बनाया मसालों का 'एवरेस्ट'?

आज मसालों के टॉप ब्रांड में शामिल एवरेस्ट भले सवालों के बीच खड़ा हो. उसपर गंभीर आरोप लगे हो, हांगकांग और सिंगापुर ने एमडीएच और एवरेस्ट के मसालों को बैन कर दिया है.

Last Modified:
Thursday, 25 April, 2024
Vadilal Shah

हांगकांग और सिंगापुर में एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ मसालों पर प्रतिबंध लगाया गया है. बाजार से इन मसालों की वापसी का आदेश दिया गया है क्योंकि सिंगापुर और हांगकांग में जांच के बाद इन मसालों में एथिलीन ऑक्साइड की अधिक मात्रा मिली है. इस प्रतिबंध के बाद भारत सरकार ने भी इन मसालों की गुणवत्ता की जांच के आदेश दिए हैं. देश में दूसरी कंपनियों के मसालों की भी जांच की जाएगी. लेकिन क्या आप जानते हैं एवरेस्ट मसालों की शुरुआत कैसे हुई थी. कंपनी का फाउंडर कौन है. एक छोटी सी दुकान से आज एक बड़ा ब्रांड कैसे बना एवरेस्ट? आईए आपको बताते हैं एवरेस्ट मसालों की पूरी कहानी.

कैसे हुई एवरेस्ट मसाले की शुरुआत  

पिता की 200 स्क्वेयर फीट की मसाले की दुकान पर काम करने वाले वाडीलाल शाह ने देखा कि महिलाएं मसाले खरीदते समय खास कॉम्बिनेशन का ध्यान नहीं रखती हैं. उन्होंन इसी कमी को पकड़ते हुए सही मात्रा में मसालों का कॉम्बिनेशन तैयार कर उसे पैक कर कम्पलीट मसाला तैयार करने का फैसला किया. वो चाहते थे कि पैकेट का कॉम्बिनेशन और स्वाद हमेशा एक-सा रहे. इसी आइडिया के साथ उन्होंने एवरेस्ट की शुरुआत की और कुछ ही सालों में मसाला किंग बन गए.

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दुकान को बनाया करोड़ों का ब्रांड 

वाडीलाल ने साल 1967 में कंपनी बना ली, जिसका नाम उन्होंने एवरेस्ट मसाले रखा गया. वो खुद ब्लेंड कर मसाले तैयार करते थे. सबसे पहले उन्होंने केसरी मिल्क मसाला तैयार किया और उसे पिता की दुकान पर बेचना शुरू किया.  लोगों को उनका ये मसाला पसंद आता. फिर उन्होंने धीरे-धीरे चाय मसाला और फिर दूसरे मसाले तैयार करना शुरू किया. शुरुआत में उनका मसाला सिर्फ पिता के दुकान पर ही बिकता था. उन्हें इस बात की चिंता सताने लगी. प्रोडक्ट तो बन चुका था, लेकिन सप्लाई में दिक्कत आ रही थी. वो जानते थे कि भारत मसालों की बड़ी मार्केट है, देशभर में पैक मसालों की डिमांड होग, लेकिन वो सप्लाई चेन को क्रैक नहीं कर पा रहे थे. उन्होंने सप्लाई बढ़ाने के लिए अपने मसाले उठाए और अलग-अलग शहर में घूमना शुरू किया. वो लोगों को मसाले की कॉम्बिनेशन के बारे में बताते थे, उन्हें एक बार खरीदने और ट्राई करने के लिए कहते. दुकानदारों को अपना मसाला रखने के लिए मनाया. इस तरह से उन्होंने देशभर में अपने मसालों की पहुंच बढ़ा दी.  

मुंबई में खोली पहली फैक्ट्री 

धीरे-धीरे दूसरे शहरों तक उनका मसाला पहुंचने लगा. डिमांड को पूरा करने के लिए साल 1982 में उन्होंने मुंबई के विखरोली में अपनी पहली फैक्ट्री लगा दी. उन्होंने डिलर्स और स्पलायर्स को अपनी फैक्ट्री में बुलाया. उन्हें पूरे देश में एवरेस्ट मसालों को पहुंचाने की जिम्मेदारी की. मेहनत रंग लाई और लोगों को उनका मसाला पंसद आने लगा.  

सालाना टर्नओवर 2,500 करोड़ से ज्यादा

वाडीलाल शाह की कड़ी मेहनत नजर आने लगी. सेल बढ़ने लगा. टीवी, अखबार में विज्ञापनों ने बड़ा रोल निभाया. कंपनी का सालाना टर्नओवर 2,500 करोड़ रुपये से अधिक हो गया. एवरेस्ट  की वेबसाइट के मुताबिक कंपनी सालभर में 370 करोड़ पैकेट्स मसाले बेचती है. एवरेस्ट चाय मसाला, गरम मसाला, चिकन मसाला, सांभर मसाला जैसी कई वेराइटी कंपनी के पास है.  
 


PM Modi ने विरासत टैक्स पर बताया जो दिलचस्प तथ्य, क्या आपको थी उसकी खबर?

प्रधानमंत्री मोदी ने विरासत टैक्स पर कुछ ऐसा कहा है, जिसका जवाब देना कांग्रेस के लिए मुश्किल हो जाएगा.

Last Modified:
Thursday, 25 April, 2024
file photo

विरासत टैक्स (Inheritance Tax) पर कांग्रेस इस कदर घिर गई है, उसके लिए जवाब देना भी मुश्किल हो गया है. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है. मध्य प्रदेश के मुरैना में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए PM Modi ने कहा कि विरासत टैक्स को लेकर एक बड़ा तथ्य सामने आया है. एक ऐसा तथ्य, जो सबकी आंखें खोल देगा. बता दें कि इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) के विरासत टैक्स (Inheritance Tax) को लेकर दिए गए बयान के बाद से कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है.

अपने पर आई तो...
पीएम मोदी ने कहा कि मैं पहली बार मैं देश के सामने एक दिलचस्प तथ्य रख रहा हूं. देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की संपत्ति उनकी संतानों को मिलनी थी. लेकिन उस समय ऐसा कानून था कि संतानों को संपत्ति मिलने से पहले एक हिस्सा सरकार ले लेती थी. कांग्रेस ने पहले ऐसा कानून बनाया था. जब इंदिराजी नहीं रहीं, तो उनकी प्रॉपर्टी उनके बेटे राजीव गांधी को मिलनी थी. तब उस प्रॉपर्टी को बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने वो कानून खत्म कर दिया था. PM मोदी ने आगे कहा कि जब खुद पर आई तो कांग्रेस ने कानून हटा दिया. अब अपना काम निपट गया तो उसी कानून को ज्यादा सख्ती के साथ लागू करना चाहते हैं.

उद्देश्य नहीं हुआ था पूरा 
वहीं, एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में विरासत टैक्स संबंधी कानून 1985 तक मौजूद था. इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इसे खत्म कर दिया था. इसे एस्टेट ड्यूटी एक्ट 1953 के जरिए पेश किया गया था. यह टैक्स तभी वसूला जाता था, जब संपत्ति के विरासत वाले हिस्से का कुल मूल्य एक्सक्लूजन लिमिट से ज्यादा हो. भारत में संपत्तियों पर यह टैक्स 85 प्रतिशत तक निर्धारित किया गया था. इस मकसद आय असमानता को कम करना था. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस कानून को इसलिए निरस्त कर दिया गया था, क्योंकि विरासत टैक्स से न तो समाज में आर्थिक असमानता में कमी आई और न ही इसने राजस्व में खास योगदान दिया. 

कैसे हुई मामले की शुरुआत?
दरअसल, कांग्रेस ने हाल ही में वेल्थ सर्वे की बात कही थी. पार्टी लीडर राहुल गांधी ने कहा था कि यदि उनकी सरकार बनती है, तो एक सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है. जब सैम पित्रोदा से राहुल के इस बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे सही ठहराते हुए अमेरिका में लगने वाले विरासत टैक्स का जिक्र किया. बस इसी बात को लेकर सियासी द्वन्द मचा हुआ है. BJP पित्रोदा के बयान को लेकर हमलावर हो गई है.

क्या है इस टैक्स का फ़ॉर्मूला?
सैम पित्रोदा ने संपत्ति के फिर से बंटवारे पर कांग्रेस के रुख का समर्थन करते हुए एक तरह से भारत में भी विरासत टैक्स कानून की वकालत की थी. उन्होंने कहा था कि यूएस में विरासत टैक्स का प्रावधान है. यदि किसी व्यक्ति के पास 10 करोड़ डॉलर की दौलत है, तो उसके मरने के बाद 45% संपत्ति उसके बच्चों को ट्रांसफर हो जाती है जबकि 55% संपत्ति पर सरकार का अधिकार हो जाता है. उन्होंने आगे कहा कि यह बेहद रोचक कानून है और इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि अमीर जनता के लिए भी कुछ छोड़कर जाएं. मुझे लगता है कि भारत में भी इस तरह के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए. बता दें कि Inheritance Tax पूरे अमेरिका में लागू नहीं है. यूएस के काल छह राज्यों में यह लगाया जाता है. इसमें आयोवा, केंटकी, मैरीलैंड, नेब्रास्का, न्यू जर्सी और पेन्सिल्वेनिया शामिल हैं.
 


Horlics अब नहीं रहा 'हेल्दी फूड! कंपनी ने आखिर क्यों किया ये ऐलान? 

हॉर्लिक्स (Horlics) अब हेल्थ फूड ड्रिंक्स नहीं रहा. इसकी पैरेंट कंपनी हिंदुस्तान यूनीलीवर (Hindustan Unilever) ने इसकी कैटेगरी बदल दी है.

Last Modified:
Thursday, 25 April, 2024
Horlicks

अब आप हॉर्लिक्स (Horlics) को हेल्दी ड्रिंक फूड ड्रिंक नहीं कह सकते हैं. दरअसल हॉर्लिक की पेरेंट कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever) ने अब अपने हेल्थ फूड ड्रिंक्स कैटेगिरी का नाम बदल दिया है. कंपनी ने यह फैसला मिनिस्ट्री ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के उस फैसले के बाद लिया है, जिसमें मिनिस्ट्री ने ई कॉमर्स वेबसाइट को अपनी कैटेगरी से हेल्दी ड्रिंक्स कैटेगरी से ड्रिंक्स और बेवरेज को हटाने के लिए कहा था. 

अब क्या रखा कैटेगिरी का नाम?
हॉर्लिक की पेरेंट कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever) ने अब अपने हेल्थ फूड ड्रिंक्स कैटेगिरी का नाम बदलकर अब फंक्शनल न्यूट्रिशनल ड्रिंक कर दिया है. इस फैसले को  लेकर कंपनी ने कहा है कि ये नाम इस कैटेगरी को कहने का बेहतर तरीका है. 

एफएसएसएआई ने दिए थे ये निर्देश
इस महीने की शुरुआत में  फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने सभी ई कॉमर्स वेबसाइट को डेयरी, सीरेल या माल्ट वाली बेवरेज को हेल्थ ड्रिंक्स या एनर्जी ड्रिंक की कैटेगरी में रखने से मना किया था. एफएसएसएआई का कहना है कि गलत टर्म का इस्तेमाल करने से ग्राहक गुमराह हो सकते हैं और ऐसे में सभी वेबसाइट्स को इसे हटाने या तो विज्ञापनों को सही करने के लिए कहा गया. कानून की बात करें तो फूड लॉ में हेल्दी ड्रिंक्स की कोई परिभाषा नहीं है और एनर्जी ड्रिंक्स केवल फ्लेवर्ड वॉटर बेस्ड ड्रिंक्स है.

बोर्नविटा मामले के चलते बदला नाम
यह पूरा मामला तब हुआ जब मोंडालेज इंडिया के बोर्नविटा में शूगर लेवल काफी होई हो गया था. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एनर्जी ड्रिंक और स्‍पोर्ट्स ड्रिंक मार्केट का साइज 4.7 अरब डॉलर है और 2028 तक 5.71 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ने की उम्‍मीद है.

अभी इन चीजों पर फोकस
कंपनी ने कहा है कि एफएनडी कैटेगरी में अभी कंपनी की पहुंच अधिक नहीं हो पाई है. इसमें अभी ग्रोथ की काफी गुंजाइश है. कंपनी का फोकस ग्राहकों की संख्या बढ़ाने, यूजेज बढ़ाने और कन्ज्यूमर को अधिक बेनेफिट देने का है. इसकी एफएनडी की प्रीमियम रेंज में ज्यादा ग्रोथ की गुंजाइश है, जिसमें डायबिटीज और महिलाओं के हेल्थ से जुड़े प्रोडक्ट आते हैं. 

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