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बुरे दिन इसे ही कहते हैं, RBI के बाद अब SEBI के निशाने पर आई JM Financial
जेएम फाइनेंशियल के खिलाफ बाजार नियामक सेबी ने भी नियमों के उल्लंघन को लेकर कार्रवाई की है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 months ago
पेटीएम (Paytm) के बाद अब जेएम फाइनेंशियल (JM Financial) के बुरे दिनों की शुरुआत हो गई है. पहले रिजर्व बैंक (RBI) ने कंपनी पर कार्रवाई की और अब मार्केट रेगुलेटर सेबी SEBI ने भी कंपनी के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेबी ने जेएम फाइनेंशियल को पब्लिक डेट इश्यू के लिए लीड मैनेजर के रूप में काम करने से रोक दिया है. सेबी का कहना है कि जेएम फाइनेंशियल ने नियामक के धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं की रोकथाम के मानदंडों का उल्लंघन किया है.
चौंकाने वाले तरीके मिले
बाजार नियामक ने कहा कि उसने 2023 में NCD के पब्लिक इश्यू की जांच की थी और इस दौरान इश्यू के सब्सक्रिप्शन को प्रबंधित करने के "चौंकाने वाले" तरीके का पता चला. सेबी ने बताया कि उसने जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड, उसके पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एवं ब्रोकर जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज और सहायक एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय निगम (NBFC) जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड (JMFPL) की ऋण के मामले में जांच की थी. इस दौरान, नियमों के उल्लंघन की बात सामने आई.
इस तरह हुआ पूरा खेल
सेबी ने बताया कि उसे 2023 में नॉन-कंवर्टिबल डिबेंचर्स (NCD) के पब्लिक इश्यू की रुटीन जांच का फैसला लिया था. जांच के दौरान सेबी ने पाया कि NCD इश्यू के मामले में जिन निवेशकों को सिक्योरिटीज अलॉट की गईं थीं, उन्होंने लिस्टिंग के दिन ही उसे बेच दिया. सिक्योरिटीज के होल्डिंग पैटर्न से जानकारी मिली कि बड़ी संख्या में सिक्योरिटीज को बेचा गया जिसके बाद रिटेल होल्डिंग में बड़ी गिरावट आ गई जो हैरान करने वाली थी. दूसरे शब्दों में कहें तो सिक्योरिटीज के एक बहुत बड़े प्रतिशत का लेनदेन लिस्टिंग के दिन ही हुआ, जिसके चलते रिटेल ओनरशिप में तेजी से कमी आई. सेबी ने अपनी जांच में यह भी पाया कि 5 लाख रुपए से कम वार्षिक आय घोषित करने वाले 47 आवेदकों को 9.80 लाख रुपए का ऋण स्वीकृत किया गया और उसी श्रेणी में आने वाले अन्य 10 निवेशकों को जेएम फाइनेंशियल द्वारा 98 लाख रुपए का ऋण दिया गया. ऋण दस्तावेजों में डेटा बेमेल था, इसके अलावा कुछ आवेदकों से अपफ्रंट की प्राप्ति का अभाव था.
जारी रहेगी जांच
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने कंपनी के खिलाफ अंतरिम आदेश में कहा कि जेएम फाइनेंशियल को पब्लिक डेट इश्यू के लिए लीड मैनेजर के रूप में काम करने से रोका जा रहा है. हालांकि, कंपनी उन डेट सिक्योरिटीज के पब्लिक इश्यू में 60 दिन के लिए लीड मैनेजर के रूप में काम कर सकती है, जो उसके पास मौजूदा समय में हैं. सेबी ने यह भी कहा कि वो इस आदेश के तहत शामिल मुद्दों की जांच करेगा. ए.के. कैपिटल सर्विसेज, JM फाइनेंशियल, नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट और ट्रस्ट इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स NCD इश्यू के लीड मैनेजर थे. इससे पहले, RBI ने जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड (JMFPL) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे तत्काल प्रभाव से शेयरों और डिबेंचर के बदले लोन देने से रोक दिया था. इसमें आरंभिक सार्वजनिक निर्गम यानी IPO पर लोन की मंजूरी और वितरण भी शामिल है.
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