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Adani Effect: विदेशी निवेशकों पर सख्त हुआ SEBI, 1 नवंबर से लागू होंगे नए नियम
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. इन आरोपों की वजह से सेबी की भूमिका पर भी सवाल उठे थे.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 6 months ago
अडानी (Adani) विवाद के चलते भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPI) को लेकर सख्त हो गया है. सेबी द्वारा FPIs के लिए सख्त नियम तैयार किए गए हैं, जो 1 नवंबर से अमल में आ जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐसे विदेशी निवेशक जिनकी घरेलू बाजार में बड़ी हिस्सेदारी है, लेकिन वो कुछ खास समूह या शेयरों तक ही सीमित, तो उन निवेशकों को कुछ अतिरिक्त खुलासा नियमों का पालन करना होगा. उन्हें अपने मालिकाना हक को लेकर ज्यादा स्पष्ट जानकारी सामने रखनी होगी.
रिस्क कैटेगरी में आएंगे
माना जा रहा है कि सेबी ने यह कदम अडानी समूह (Adani Group) को लेकर आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए उठाया है. जून में ही SEBI ने एक ही समूह या शेयर में अधिकांश निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों के लिए अतिरिक्त खुलासा नियम को मंजूरी दे दी थी. 1 नवंबर से ये नियम अमल में आ जाएंगे. नए नियमों के मुताबिक, ऐसे विदेशी निवेशकों को उच्च जोखिम वाली कैटेगरी में रखा जाएगा, जिनकी अपनी पूंजी का 50% या उससे ज्यादा हिस्सा किसी एक कॉपरपोरेट समूह में लगा है या फिर भारतीय बाजार में उनका निवेश 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है.
क्या होगा सेबी को फायदा?
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि नए नियमों से सेबी को पारदर्शिता बनाए रखने में काफी मदद मिलेगी. उदाहरण के तौर पर वह आसानी से जान पाएगा कि किसी एक समूह या इक्विटी पर केंद्रित फंड या निवेशक के पीछे मुख्य लाभार्थी कौन है. इससे सेबी को संबंधित निवेश से जुड़े जोखिम या फिर निवेश के उद्देश्य की सटीक जानकारी मिल सकेगी. बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. इन आरोपों की वजह से सेबी की भूमिका पर भी सवाल उठे थे.
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