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आखिर कौन हैं वो 4 लोग जिन्होंने बनाया नई दिल्ली घोषणा पत्र को संभव?
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच सबसे बड़ा चुनौती वाला काम ये था कि आखिर कैसे नई दिलली घोषणा पत्र पर सबकी सहमति ली जाए. लेकिन कुछ लोगों के अथक प्रयास से ये संभव हो गया है.
ललित नारायण कांडपाल 8 months ago
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 9 सितंबर को जब जी 20 को लेकर भारत की सफलताओं का ब्यौरा पेश किया तो उन्होंने कहा था कि भारत को जी 20 की अध्यक्षता एक ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में मिली थी जब रूस यूक्रेन युद्ध का असर पूरी दुनिया पर देखने को मिल रहा था. दरअसल नवंबर 2022 में जब भारत को जी 20 की अध्यक्षता मिली थी उस वक्त पूरी दुनिया रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर कई मतों में बंटी हुई थी. लेकिन बावजूद उसके भारत में कुछ अधिकारी पूरे साल इस कोशिश में जुटे हुए थे कि नई दिल्ली घोषणापत्र के लिए सभी सदस्य देशों की उस पर आम सहमति आ जाए. आखिरकार जी-20 के शेरपा के नेतृत्व में वो टीम कामयाब हुई और आज नई दिल्ली घोषणापत्र जारी हो चुका है.
आखिर कौन हैं इसे सफल बनाने वाले?
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच सबसे बड़ी चुनौती के बीच भारत के शेरपा अमिताभ कांत के नेतृत्व में इस काम को चार अधिकारियों ने संभाला. खुद पीएम मोदी ने इस घोषणापत्र को सफल बनाने के लिए टीम के प्रयासों की तारीफ की है.
खुद शेरपा अमिताभ कांत ने X पर इसकी जानकारी देते हुए ट्वीट किया और लिखा मेरे यंग, डायनेमिक और संकल्पशील अधिकारी जिन्होंने नई दिल्ली घोष्णापत्र पर 100 फीसदी सहमति बनाने में कामयाबी हासिल की है. उन्होंने इन अधिकारियों के नामों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वो हैं अभय ठाकुर, नागराज नायडू, आशीष सिन्हा, ईनम गंभीर शामिल हैं. अमिताभ कांत ने भी बताया कि लगातार 200 घंटे की लगातार नॉन स्टॉप नेगोसिएशन और 300 से ज्यादा बॉयलेट्रेल मीटिंग और 15 ड्राफ्ट इसमें शामिल हैं.
आखिर कौन हैं अभय ठाकुर?
1992 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी अभय ठाकुर मौजूदा समय में जी 20 के अतिरिक्त सचिव और सूस शेरपा हैं. वो मॉरिशियस और नाईजीरिया में भारत के राजनयिक के तौर पर काम कर चुके हैं. वो पश्चिम अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय इकोवास में भारत के स्थायी प्रतिनिधि भी रह चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्हें रूसी भाषा बेहद शानदार ज्ञान है.
नागराज नायडू काकनूर का क्या रहा योगदान?
मौजूदा समय में (जी20-आई) के संयुक्त सचिव, नागराज नायडू काकनूर इससे पहले 13 साल चीनी दूतावास में कई प्रमुख पदों पर काम कर चुके हैं. भारत के जी20 अध्यक्ष पद के लिए प्रमुख वार्ताकार बनने से पहले वह संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के अध्यक्ष के शेफ डी कैबिनेट थे। उनके करियर पर नजर डालें तो 1998 बैच के आईएफएस अधिकारी, नागराज धाराप्रवाह चीनी भाषा बोलते हैं.
आशीष कुमार सिन्हा की हैं कई और विशेषताएं
(G20-II) के संयुक्त सचिव आशीष कुमार सिन्हा काठमांडू में भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव के रूप में इससे पहले काम कर चुके हैं. सिन्हा ने भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान बिजनेस 20 और स्टार्टअप 20 एंगेजमेंट समूहों से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर गौर किया। उन्हें जलवायु मुद्दों, टेनिस और भारतीय शास्त्रीय संगीत का शौक है।
ईनम गंभीर ने जीता सबका दिल
चार अधिकारियों की इस टीम में ईनम अकेली महिला अधिकारी हैं. मौजूदा समय में संयुक्त सचिव (जी20-III), ईनम गंभीर ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में अर्जेंटीना में भारतीय दूतावास में दूसरे सचिव के रूप में काम कर चुकी हैं.
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