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मेट्रो ने बदल दिया सिग्नल का Yellow कलर, जानिए अब कौन सा रंग दिखेगा?
आगरा मेट्रो के सिग्नल भारतीय रेलवे से भिन्न होंगे. भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेन यातायात प्रबंधन हेतु पारंपरिक सिग्नल प्रणाली का प्रयोग किया जाता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
आगरा: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा आगरा मेट्रो के विश्वस्तरीय डिपो में सिग्लिंग का काम शुरू हो गया है. आगरा मेट्रो के सिग्लिंग एवं टेलिकम्यूनिकेशन विभाग द्वारा डिपो परिसर में शंट सिग्नल लगाने का काम किया जा रहा है. इन सिग्नल्स का प्रयोग डिपो परिसर में ट्रेन के संचालन हेतु किया जाता है. यूपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार ने बताया कि आगरा मेट्रो ट्रेनों के संचालन हेतु कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल (सीबीटीसी) प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा.
सिग्नल के लिए सीबीटीसी टेक्नोलॉजी का होगा इस्तेमाल
कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (सीबीटीसी) मेट्रो संचालन हेतु प्रयोग किया जाने वाला उन्नत सिग्लिंग सिस्टम है. कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम मेट्रो कॉरिडोर में यातायात प्रबंधन एवं बुनियादी ढांचे के नियंत्रण के लिए ट्रेन और ट्रैक उपकरण के बीच दूरसंचार का उपयोग करती है. श्री सुशील कुमार ने बताया कि पारंपरिक सिग्लिंग सिस्टम की तुलना में सीबीटीसी प्रणाली के जरिए ट्रेन की सटीक स्थिति पता चलती है.
इस टेक्नोलॉजी की क्या है खासियत
बता दें कि सीबीटीसी प्रणाली में मेन लाइन पर चल रही ट्रेनों के बीच भी संचार होता है. मेन लाइन पर अप-डाउन लाइन पर चल रही प्रत्येक ट्रेन ट्रैक पर लगे उपकरण की मदद से ऑपरेशन कमांड सेंटर के संपर्क में रहती हैं. इसके साथ ही ट्रेन अपने आगे और पीछे चल रही ट्रेन को जानकारी देती है. इसी प्रक्रिया की मदद से मेन लाइन पर मेट्रो ट्रेनें एक दूसरे से उचित दूरी बनाकर रखती हैं.
रेलवे से अलग होंगे आगरा मेट्रो के सिग्नल
आगरा मेट्रो के सिग्नल भारतीय रेलवे से भिन्न होंगे. भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेन यातायात प्रबंधन हेतु पारंपरिक सिग्नल प्रणाली का प्रयोग किया जाता है. इस प्रणाली में गाड़ी को चलने व मेन लाइन पर गति के साथ आगे बढ़ने के लिए हरा रंग, रुकने के लिए लाल व सावधानी के साथ धीरे चलने के पीले रंग का प्रयोग किया जाता है.
बदल दिया येलो लाइट का कलर
वहीं, यूपी मेट्रो द्वारा आगरा मेट्रो ट्रेन के चलने के लिए हरा, रुकने के लिए लाल व सावधानी के साथ आगे बढ़ने के लिए बैगनी (वॉयलेट) रंग का प्रयोग किया जाएगा. लखनऊ एवं कानपुर मेट्रो में भी इन तीन रंग के सिग्नल का प्रयोग किया जाता है.
हर मेट्रो ट्रेन पर रहेगी नजर
पहले कॉरिडोर में ट्रेन के संचालन हेतु डिपो परिसर में आधुनिक ऑपरेशन कमांड सेंटर का निर्माण किया जा रहा है. आधुनिक तकनीक एवं मशीनों से लैस ऑपरेशन कमांड सेंटर (ओसीसी) में सर्विलांस व इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम के जरिए हर एक मेट्रो ट्रेन पर नजर रखी जा सकेगी. श्री सुशील कुमार ने बताया कि कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल (सीबीटीसी) प्रणाली के जरिए आगरा मेट्रो ट्रेनों का संचालन किया जाएगा.
CCTV से रखी जाएगी नजर
कंट्रोल रूम में लगे मॉनिटर पर लाइन डायग्राम की मदद से ताज ईस्ट गेट व सिकंदरा के बीच ट्रेनों की स्थिति को न सिर्फ देखा जा सकेगा बल्कि ट्रेनों को यहां से संचालित भी किया जाएगा. ओसीसी से मेट्रो स्टेशन व ट्रैक पर लगे सिग्नल्स का संचालन होगा. इसके साथ ही स्टेशन परिसर एवं ट्रेन में लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिए पूरे कॉरिडोर पर नजर रखी जा सकेगी.
29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर
गौरतलब है कि ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे. ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा, जिसमें 6 एलीवेटिड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे. इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है.
16 कि.मी. लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण
इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी. लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे. इस कॉरिडोर के लिए कालिंदी विहार क्षेत्र में डिपो का निर्माण किया जाएगा.
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