Google को CCI से मिल सकती है एक और बुरी खबर, क्या अपनी इस पॉलिसी को बदलेगी कंपनी?

सर्च इंजन कंपनी गूगल को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से जल्द ही एक और बुरी खबर मिल सकती है.

Last Modified:
Monday, 07 November, 2022
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नई दिल्लीः सर्च इंजन कंपनी गूगल को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से जल्द ही एक और बुरी खबर मिल सकती है. दो मामलों में सीसीआई द्वारा 2 हजार करोड़ रुपये का फाइन लगाने के बाद कंपनी पर जल्द ही एक और मामले में बड़ा फाइन लगाया जा सकता है. सीसीआई के महानिदेशक कार्यालय ने स्मार्ट टीवी बाजार में Google द्वारा कथित बाजार प्रभुत्व के दुरुपयोग की जांच पूरी कर ली है. 

स्मार्ट टीवी में नहीं होगा एंड्रायड तो नहीं बिकेगा

सीसीआई ने अपनी जांच में पाया है कि गूगल ने स्मार्ट टीवी मार्केट में अपनी पोजिशन को बरकरार रखने के लिए ऐसे स्मार्ट टीवी के उत्पादन, वितरण और बिक्री पर रोक लगाने का काम किया था, जिसमें उसका एंड्रॉयड सिस्टम नहीं पड़ा है. इसके ऑपरेटिंग सॉफ़्टवेयर (OS) का उपयोग करने के लिए, स्मार्ट टीवी बनाने वाली कंपनियों को Google के साथ लाइसेंसिंग अनुबंध करने की आवश्यकता होती है. 

पिछले साल जून में मिली थी शिकायत

सीसीआई को इस बात की शिकायत पिछले साल जून में मिली थी, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए थे. इसके बाद जांच में इस तरह की रिपोर्ट सामने आई है कि एकाधिकार जमाने के लिए गूगल ने ऐसा किया जो कि नियमों का उल्लंघन है. सीसीआई जल्द ही रिपोर्ट लेगा और Google को आरोपों का जवाब देने की अनुमति दी जाएगी. 

गूगल की वजह से आई स्मार्ट टीवी की बिक्री में तेजी

Google के एक प्रवक्ता ने कहा, "भारत में उभरता हुआ स्मार्ट टीवी क्षेत्र Google के मुफ्त लाइसेंसिंग मॉडल के कारण फल-फूल रहा है, और एंड्रॉइड टीवी कई अच्छी तरह से स्थापित टीवी ओएस जैसे फायरओएस, टिजेन और वेबओएस के साथ प्रतिस्पर्धा करता है. हमें विश्वास है कि हमारी स्मार्ट टीवी लाइसेंसिंग प्रथाएं सभी लागू प्रतिस्पर्धा कानूनों के अनुपालन में हैं."

जो नहीं करते एंड्रॉयड का इस्तेमाल उनको प्ले स्टोर की अनुमति नहीं

शिकायतकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि Google Play Store सेवाएं उन कंपनियों द्वारा निर्मित टीवी के लिए उपलब्ध नहीं हैं जिन्होंने Google के साथ कोई समझौता नहीं किया है. लेकिन यह फीचर उन कंपनियों के टीवी में पहले से इंस्टॉल आता है, जिनका गूगल के साथ एग्रीमेंट है.

VIDEO: इस बैंक ने पेश की स्पेशल FD स्कीम,अब मिलेगा ज्यादा ब्याज;जानें नियम-शर्तें

 


फर्जीवाड़ा करने वालों की खैर नहीं, Musk ने X पर इस नए अपडेट को लेकर दी जानकारी

एक्स (x) के सीईओ एलन मस्क एलन मस्क (Elon Musk) ने एक्स पर फर्जी फोटो की पहचान करने वाले एक एक नया अपडेट की जानकारी शेयर की है. ये अपडेट जल्द ही लॉन्च किया जाएगा.

Last Modified:
Saturday, 04 May, 2024
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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के आने के बाद सोशल मीडिया पर लगातार डीपफेक के मामले बढ़ते जा रहे हैं. कभी किसी सेलिब्रिटी, तो कभी किसी नेता की डीपफेक फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. ऐसे में अब एक्स (x) के सीईओ एलन मस्क एलन मस्क ने इस डीपफेक से बचने के लिए एक्स (X) पर नए अपडेट को लॉन्च करने की घोषणा की है. तो चलिए जानते हैं क्या है ये नया अपडेट और इससे डीपफेक पर कैसे रोक लगेगी.

फर्जी फोटो की होगी पहचान
टेस्ला और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (x) के सीईओ एलन मस्क एलन मस्क (Elon Musk) ने शनिवार को एक्स (X) पर Community Notes की एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें ‘इम्प्रूव्ड इमेज मैचिंग’ को लेकर एक नया अपडेट लॉन्च करने की घोषणा की है. ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डीपफेक (DeepFake) के साथ-साथ शैलोफेक (shallow fake) की भी निगरानी करेगा. एलन मस्क ने एक पोस्ट में कहा, हमने अभी अपडेट जारी किया है, जो किसी भी फर्जी फोटो की पहचान करेगा.

डीपफेक को हराने में मिलेगी मदद
मस्क ने कहा कि इस कदम से डीपफेक और शैलोफेक को हराने में मदद मिलेगी. शैलोफेक्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद के बिना तैयार की गई फोटोज, वीडियो और वॉयस क्लिप हैं और व्यापक रूप से उपलब्ध एडिटिंग और सॉफ्टवेयर टूल का इस्तेमाल करते हैं. इमेज पर एक्स नोट्स ऑटोमैटिक तरीके से उन पोस्ट्स पर दिखाई देते हैं, जिनमें इमेज मिलती है. कंपनी ने कहा, ‘इन नोट्स का दर्जनों, सैकड़ों और कभी-कभी हजारों पोस्ट पर मैच होना आम बात है. अब आप सीधे नोट डिटेल्स में देख सकते हैं कि इमेज नोट कितने पोस्ट से मिलते है.

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इंटरनेट की काली दुनिया ‘Dark Web’ में कहीं लीक तो नहीं हुआ आपका पर्सनल डेटा, ऐसे करें चेक

डार्क वेब (Dark Web) इंटरनेट की एक ऐसी काली दुनिया है, जहां वैध और अवैध दोनों तरीके के कामों को अंजाम दिया जाता है.

Last Modified:
Saturday, 04 May, 2024
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हम अक्सर सुनते हैं कि यूजर्स का डेटा लीक हो गया है या फिर बेचा जा रहा है. आपके पास भी जब कोई फर्जी कॉल आता होगा, तो आप ये जरूर सोचते होंगे, कि आपका नंबर और पर्सनल जानकारी किसी दूसरे के पास कैसे पहुंची? आपको बता दें, इसका एक कारण डार्क वेब (Dark Web) है, क्योंकि इसमें आपकी संवेदनशील जानकारी होती है. क्या आप जानते हैं कि डार्क वेब पर ये डेटा लीक कैसे होता है और किस तरह आप अपनी पर्सनल जानकारी लीक होने से बचा सकते है? अगर नहीं, तो चलिए आपको इसके बारे में पूरी जानकारे देते हैं. 

डार्क वेब के जरिए बनते हैं ठगी का शिकार
आजकल साइबर जालसाज डार्क वेब  पर उपलब्ध डाटा का उपयोग करके लोगों से ठगी करने लगे हैं. डार्क वेब इंटरनेट की एक ऐसी काली दुनिया है जहां वैध और अवैध दोनों तरीके के कामों को अंजाम दिया जाता है. डीप वेब को एक्सेस करने के लिए हमें ई-मेल, नेट बैंकिंग आदि पर्सनल जानकारी देनी होती है. वहीं, डार्क वेब को खोलने के लिए टॉर ब्राउजर (Tor Browser) का इस्तेमाल किया जाता है. डार्क वेब पर ड्रग्स, हथियार, पासवर्ड, चाईल्ड पॉर्न जैसी बैन चीजें मिलती हैं. इंटरनेट का 96 प्रतिशत हिस्सा डीप वेब और डार्क वेब के अंदर आता है. हम इंटरनेट कंटेंट के केवल 4 प्रतिशत हिस्से का इस्तेमाल करते है जिसे सरफेस वेब कहा जाता है. डार्क वेब को सर्च इंजन से सीधे नहीं एक्सेस किया जा सकता. इसे एक्सेस करने के लिए किसी विशेष सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है. 

ऐसे जानें डार्क वेब पर आपका डेटा है या नहीं?
1. आपको सबसे पहले आपको गूगल वन (Google One) ऐप इंस्टॉल करना है. कुछ स्मार्टफोन्स में ये ऐप पहले से ही प्री-इंस्टॉल्ड भी होता है.
2. दूसरे स्टेप में ऐप को ओपन करें और होम पेज पर दिख रहे डार्क वेब रिपोर्ट पर क्लिक करें.
3. अब 'रन स्कैन' पर टैप करें और स्कैन पूरा होने तक प्रतीक्षा करें. इसमें आमतौर पर लगभग 30 सेकंड लगते हैं. 
4. एक बार स्कैनिंग पूरी हो जाए तो व्यू ऑल रिजल्ट्स पर टैप करना है.
5. यहां आप पता कर पाएंगे कि इंटरनेट की काली दुनिया यानी डार्क वेब पर आपका डेटा लीक हुआ है या नहीं.

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डेटा लीक होने के संकेत
हम इंटरनेट पर मौजूद अधिकतर चीजों के एक्सेस के लिए अपनी ईमेल और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी साइट्स पर डालते हैं और कुछ ऐसी साइट्स होती हैं, जो डेटा को स्कैमर्स को बेच देती हैं, स्कैमर्स इसको डार्क वेब पर पेज देते हैं, जिसके बाद आपके फर्जी कॉल आना शुरू हो जाते हैं. यही संकेत है कि आपका डेटा भी लीक हो गया है.

डेटा लीक होने से कैसे बचाएं?
अपना डेटा लीक होने से बचाने के लिए अपने सभी ऑनलाइन अकाउंट का पासवर्ड मजबूत सेट करें और समय-समय पर पासवर्ड को बदलते रहें. वहीं, सुरक्षा से लिए अपने अकाउंट पर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन एक्टिव रखें. किसी अनजान और संदिग्ध सोर्स से आए लिंक पर क्लिक न करें और किसी फाइल को भी डाउनलोड ना करें. अपने डिवाइस को मालवेयर और हैकर्स से बचाने के लिए विश्वसनीय एंटीवायरस का उपयोग करें.

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ऐसा क्या बड़ा करने जा रहा है OpenAI, Google को मिलेगी जोरदार टक्कर!

माइक्रोसॉफ्ट की कंपनी OpenAI मई में होने वाले अपने एक इवेंट में एक बड़ी घोषणा कर सकती है. इससे गूगल को खतरा हो सकता है.

Last Modified:
Friday, 03 May, 2024
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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के आने से तकनीकी जगत में लगातार नए बदलाव हो रहे हैं. ऐसे में अब ChatGPT बनाने वाली कंपनी ओपनआई OpenAI भी एक नई घोषणा करने वाली है. जानकारी के अनुसरा कंपनी अब सीधे Google को टक्कर देने की तैयारी कर रही है. तो चलिए जानते हैं ओपनएआई क्या नई घोषणा करने जा रहा है और ये गूगल को कैसे टक्कर देगा? 

गूगल सर्च इंजन को मिलेगी टक्कर
जानकारी के अनुसार माइक्रोसॉफ्ट की कंपनी OpenAI अपने नया सर्च इंजन लॉन्च कर सकती है. ये नया सर्च इंजन Google के सर्च इंजन को टक्कर दे सकता है. एक रिपोर्ट में जानकारी सामने आई है कि कंपनी इस महीने यानी मई में ही एक इवेंट की योजना बना रही है, जिसमें कुछ नई घोषणाएं की जा सकती है. सूत्रों के अनुसार ये इवेंट 9 मई को हो सकता है, जिसमें ओपनएआई अपने नए सर्च इंजन की घोषणा कर सकता है.  आपको बता दें, सर्च इंजन के मामले में अब तक दुनियाभर में गूगल का वर्चस्व है लेकिन अब इसका तगड़ा कम्पीटिटर आने वाला है. 

इवेंट से पहले हुई कई भर्तियां
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ओपनएआई द्वारा जनवरी में इन-हाउस इवेंट स्टाफ और इवेंट मार्केटिंग के लिए जोर शोर से भर्तियां की गई और पिछले महीने ही कंपनी ने एक इवेंट मैनेजर को भी नियुक्त किया है. ऐसे में इस इवेंट में ओपनएआई अपने अगले बड़े प्रोजेक्ट का अनावरण कर सकता है. वहीं, अटकलें ये लगाई जा रही हैं कि इस इवेंट में ओपनएआई अपने नए सर्च इंजन की घोषणा कर सकता है. ओपनएआई का संभावित सर्च ऐप माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला की पिछले साल ओपनएआई के GPT मॉडल को बिंग में इंटीग्रेट करके मेक गूगल डांस की घोषणा का रिजल्ट हो सकता है.

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माइक्रोसॉफ्ट बिंग पर काम कर सकता है OpenAI Search
जानकारी के अनुसार OpenAI एक वेब सर्च प्रोडक्ट डेवलप कर रहा है, जो संभावित रूप से Google के साथ अपनी प्रतिस्पर्धा को बढ़ा रहा है. यह सर्विस कुछ हद तक माइक्रोसॉफ्ट बिंग (microsoft bing) के बुनियादी ढांचे का लाभ उठा सकती है. लेक्स फ्रिडमैन के साथ हाल ही में पॉडकास्ट में, ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने सर्च में लॉर्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) की क्षमता को स्वीकार किया. उन्होंने कहा था कि एलएलएम और सर्च का सही मेल अभी तक हासिल नहीं हुआ है और उन्हें इस चुनौती से निपटना अच्छा लगेगा, यह रोमांचक होगा. हालांकि, ऑल्टमैन ने केवल गूगल सर्च की नकल करने से बचने की OpenAI की इच्छा पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि उन्हें वर्तमान मॉडल उबाऊ लगता है. सवाल ‘बेहतर’ गूगल सर्च को बनाने के बारे में नहीं होना चाहिए.

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क्या है Digital House Arrest? इस ट्रैप में फंसे तो खाली हो जाएगा अकाउंट

RBI की हालिया रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2023 में भारत में 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बैंक धोखाधड़ी दर्ज की गई है. इसमें लोगों को लाखों, करोड़ों रुपये का चूना लग चुका है. 

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Friday, 03 May, 2024
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इस डिजिटल युग में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ता जा रहा है. साथ ही साइबर क्राइम के नए नए तरीके भी सामने आ रहे हैं. आपको बता दें, अब साइबर अपराधियों ने लोगों के साथ ठगी करने का एक और नया तरीका निकाल लिया है. इस नए तरीको को डिजिटल हाउस अरेस्ट कहते हैं. इसमें ठग पुलिस, सीबीआई, कस्टम अधिकारी बनकर लोगों को डराते हैं और उनका बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं. हाल ही में ऐसे कुछ मामले सामने भी आए हैं, तो चलिए आपको कुछ उदाहरण के साथ समझाचे हैं ये डिजिटल हाउस अरेस्ट क्या है और आप इसका शिकार होने से कैसे बच सकते हैं?

ऐसे किया जाता है डिजिटल हाउस अरेस्ट 
डिजिटल हाउस अरेस्ट में स्कैमर्स पीड़ित को कॉल या वीडियो कॉल करते हैं और बंधक बना लेते हैं. स्कैमर्स एक ऐसा सेटअप बना लेते हैं, जिसमें लगता है कि वे पुलिस स्टेशन से बात कर रहे हैं. साइबर अपराधी पीड़ित को कॉल करके कहते हैं कि आपके फोन नंबर, आधार, बैंक अकाउंट से गलत काम हुए हैं. वे गिरफ्तारी का डर दिखाकर पीड़ित को घर पर ही कैद कर लते हैं और उन्हें पैसे देने के लिए मजबूर कर देते हैं. 

प्रयागराज में महिला को ठगा
उहादरण मामले को उदाहरण के साथ समझें, हाल ही में प्रयागराज में डिजिटल हाउस अरेस्ट का मामला सामने आया था, जिसमें स्कैमर्स ने एक महिला को घर पर ही बंधक बनाकर 1 करोड़ 48 लाख रुपये ठग लिए. जानकारी के अनुसार प्रयागराज की एक महिला को ठग ने इंटरनेशनल कोरियर कंपनी का कर्मचारी बनकर कॉल किया. उसने महिला को बताया कि उनके नाम से ड्रग्स, लैपटॉप और क्रेडिट कार्ड वाला एक पार्सल ताइवान भेजा जा रहा है. महिला ने जब इस तरह के किसी भी पार्सल की जनकारी न होने की बात कही तो उन्होंने बताया कि वे इसकी शिकायत दर्ज करवा रहे हैं. इसके बाद महिला के पास एक वीडियो कॉल आता है, जिसका बैकग्राउंड किसी पुलिस स्टेशन का था. पुलिस की यूनिफॉर्म में एक व्यक्ति ने वीडियो कॉल पर महिला को करीब 3 दिन तक बंधक बनाकर रखा और डरा-धमकाकर 1 करोड़ 48 लाख रुपये अलग-अलग खातों में जमा करवा लिए. 

ये शिकार होने से बचे
30 दिसंबर 2023 में दिल्ली में भी एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें एक व्यक्ति अपने ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था, तभी उसे एक फोन आया और फोन करने वाले ने अपना नाम लिया और कहा कि वह साइबर क्राइम मुंबई शाखा से बोल रहा है. उसने पीड़ित को बताया कि उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल कुछ कोरियर पैकेजों में ड्रग्स के परिवहन के लिए किया गया था, जिसे अपराध शाखा ने जब्त कर लिया था. आरोपी ने उससे पूछताछ शुरू कर दी, जिससे पीड़िता के मन में डर बैठ गया. उन्होंने पीड़ित को पूछताछ के दौरान लगभग 8 घंटे तकघर में कैद रखा और उससे एक स्काइप एप्लिकेशन डाउनलोड करने और डेस्कटॉप तक रिमोट एक्सेस करने के लिए कहा. लेकिन पीड़ित ठगों को शिकार नहीं हुआ और उसने पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत दर्ज कराई. इस तरह आप भी सावधानी बरतेंगे तो इस, अपराध का शिकार होने से बच सकते हैं.

पिछले साल 30 हजार करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी हुई दर्ज 
आरबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में वित्त वर्ष 2023 में 30 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बैंक धोखाधड़ी दर्ज की गई है. पिछले दशक में भारतीय बैंकों में 65,017 धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं, जिस कारण लोगों को 4.69 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. साइबर अपराधीलोगों को धोखा देने के लिए यूपीआई, क्रेडिट कार्ड, ओटीपी और नौकरी और डिलीवरी स्कैम जैसे अलग अलग घोटालों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इनके अलावा डिजिटल हाउस अरेस्ट घोटालेबाजों के लिए नए नया तरीका बनता जा रहा है.

इन बातों का रखें ध्यान
1. किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड से बचने के लिए आपको हमेशा सावधान और सतर्क रहना चाहिए. कभी भी अगर आप इस तरह के कॉल रिसीव करते हैं तो सबसे पहले आपको सावधान रहने की जरूरत है. इसके साथ ही ऑनलाइन स्कैम और फ्रॉड के तरीकों की जानकारी रखें. आपको यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि सरकार, बैंक या फिर कोई भी जांच एजेंसी कॉल पर आपको डरा या धमका नहीं सकती है. आप कॉल काट कर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा लें. 
2. किसी को भी कॉल पर पर्सनल या फाइनेंशियल डिटेल जैसी जानकारी बिलकुल भी शेयर न करें. अगर इस तरह की जानकारी आपको भेजनी भी पड़ी तो पहले उस कॉलर की पहचान जरूरी तौर पर वेरिफाई कर लें.
3. अगर आपको किसी भी तरह से स्कैमर्स की कॉल या मैसेज आते हैं तो इन्हें रिपोर्ट करें. इसके साथ ही अगर आपके बैंक अकाउंट में कुछ भी संदिग्ध अगर आपको लगता हैं तो इसकी भी शिकायत करें. स्कैम कॉल या मैसेज को रिपोर्ट करने के लिए आप सरकारी पोर्टल चक्षु का इस्तेमाल कर सकते हैं.
4. ऑनलाइन स्कैम या डिजिटल धोखाधड़ी से बचने के लिए आपको अपने सभी अकाउंट (बैंक से लेकर सोशल मीडिया और ईमेल) को सेफ रखना आवश्यक है. अपने सभी पासवर्ड और पिन समय-समय पर अपडेट करते रहें और उन्हें मजूबत बनाने की कोशिश करें. इसके साथ अकाउंट की सेफ्टी के लिए 2-फैक्टर ऑथन्टिकेशन जरूर से इनेबल रखें. अपने सभी डिवाइस को लेटेस्ट सॉफ्टवेयर के साथ अपडेट रखें


YouTube पर आया कमाल का फीचर बचाएगा आपका टाइम

YouTube आपके लिए एक नया फीचर लेकर आया है, जिसकी मदद से आप अपना काफी समय बचा सकते हैं.

Last Modified:
Thursday, 02 May, 2024
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अगर आप भी घंटो यूट्यूब पर एक्विट रहते हैं, तो ये जानकारी आपके काम की हो सकती है. आपको बता दें, यूट्यूब (YouTube) का लंबे समय तक इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए प्लेटफॉर्म पर एक खास फीचर की सुविधा मिलती है. अगर आपको यूट्यूब पर वीडियो देखते हुए समय का पता ही नहीं चलता, तो परेशान न हों. अगर आप अपना समय बचाना चाहते हैं तो यूट्यूब पर आपके लिए Remind me to take a break, नाम का एक फीचर है. क्या आप जानते हैं ये फीचर आपके कैसे काम आ सकता है? अगर नहीं, तो चलिए आज आपको इसकी पूरी जानकारी देते हैं. 

क्या है YouTube Remind me to take a break feature?
यूट्यूब के रिमाइंड मी टू टेक अ ब्रेक फीचर (YouTube Remind me to take a break feature) के साथ वे यूजर जो अपना ज्यादातर समय प्लेटफॉर्म पर बिताते हैं, उन्हें लाइफ और टेक के बीच बैलेंस बनाए रखने में मदद करता है. 
 
क्यों जरूरी है इस फीचर का इस्तेमाल?
बहुत देर तक स्क्रीन पर एक्टिव रहने से आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ना शुरू हो जाता है. यूट्यूब पर घंटों बिताना आपके माइंड को बिजी रखता है. ऐसे में दिनभर के दूसरे कामों के बाद थकान मिटाने के लिए कुछ समय के लिए तो यह ऐप काम का है, लेकिन ज्यादा समय बिताना आंखों को थका सकता है. आपके सिर में दर्द की समस्या भी पैदा हो सकती है. यही वजह है कि इस तरह के फीचर के साथ यूजर को स्क्रीन से हटने यानी ब्रेक लेने का रिमांडर मिलता है.

कैसे काम करता है ये फीचर?
इस फीचर में आप अपनी सुविधा के अनुसार एक टाइमर सेट कर सकते हैं. इसमें 5 मिनट से लेकर 23 घंटों तक का टाइम सेट किया जा सकता है. टाइम सेट करने के बाद यह सेट टाइम के अनुसार ये यूजर को ब्रेक लेने के लिए रिमांडर भेजता है.

ऐसे करें इस्तेमाल
1.सबसे पहले फोन में यूट्यूब ऐप ओपन करना होगा.
2. अब टॉप राइट कॉर्नर पर प्रोफाइल आइकन पर टैप करना होगा.
3. अब टॉप राइट कॉर्नर पर सेटिंग आइकन पर टैप करना होगा.
4. अब लिस्ट से General पर टैप करना होगा.
5. अब Remind me to take a break feature पर टैप करना होगा.
6. टाइमर सेट कर रिमाइंडर अपने आप ऑन हो जाता है.


इन बातों का रखेंगे ध्यान, तो नहीं होंगे AI वॉयस क्लोनिंग स्कैम के शिकार

टेक्नोलॉजी के इस दौर में एक ओर AI बहुत फायदेमंद है. वहीं, इसके कुछ नेगेटिव प्रभाव भी सामने आने लगे हैं. आजकल AI Voice Cloning Scam के जरिए लोगों के साथ ठगी होनी लगी है.

Last Modified:
Saturday, 20 April, 2024
AI Voice Cloning

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI ) के बढ़ते प्रभाव के बीच अपराधियों ने इसे ठगी करने का हथियार भी बना लिया है. इसमें स्कैमर्स आपके अपनों की आवाज में ही आपसे बात करते हैं और पैसों की डिमांड करते हैं, इससे बहुत से लोग कन्फ्यूज हो जाते हैं और पैसे दे भी देते हैं, लेकिन बाद में पता चलता है कि उनके साथ स्कैम हुआ है. आपको बता दें, एआई वॉयस क्लोनिंग स्कैम (AI Voice Cloning Scam ) के जरिए ठग लोगों को लूट रहे हैं. अगर आप इस स्कैम से बचना चाहते हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें.

एआई वॉयस क्लोनिंग अपराधियों का नया हथियार
एआई ने काफी कम समय में कई क्षेत्रों में अपना प्रभाव दिखा दिया है. एक तरफ एआई जहां लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है. वहीं, अपराधियों के लिए ये एक नया हथियार बन चुका है. इस अपराध में अहम जानकारियों के जरिए लोगों को आर्थिक तौर पर ठगा जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अपराधी एआई टूल की मदद से लोगों की आवाज की कॉपी कर लेते हैं. इसके बाद उस वॉयस को एआई टूल की मदद से बिल्कुल समान तरीके के साथ तैयार किया जाता है. अपराधी इस नकली आवाज को पीड़ित के दोस्तों, रिश्तेदारों और जान पहचान वालों के खिलाफ इस्तेमाल करते हैं. इस दौरान अपराधी उनसे पैसों के साथ ही किसी तरह की खास या फिर कोई गोपनीय जानकारी भी ले लेते हैं. 

ऐसे बनाते हैं शिकार
एआई की मदद से तैयार नकली आवाज को पहचानना आसान नहीं है, बल्कि बहुत मुश्किल है. लेकिन, कुछ बातों को याद रखकर इससे बचा जा सकता है. एआई वॉयस क्लोनिंग स्कैम के अंतर्गत अपराधी आपको कॉल करके नकली आवाज के इस्तेमाल के जरिए सुरक्षित शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. वो कॉल पर आपसे पैसे या किसी खास तरह की जानकारी की मांग करते हैं. 

स्कैम से ऐसे बचें
अगर कोई आपको फोन करके पैसे मांगता है, तो पहले उससे कोई पर्सनल सवाल पूछकर उसकी पहचान कंफर्म करें. ऐसा करके आप वॉयस क्लोनिंग का शिकार होने से बच सकते हैं. इसके अलावा कुछ भी गलत लगने पर आप वीडियो कॉल का सहारा ले सकते हैं. कभी भी फोन पर पैसों और कीमती जानकारी को साझा न करें. फोन कॉल पर अगर कोई आपसे किसी स्टेप को फॉलो करके ऐप या वेबसाइट पर जाने के लिए कहे, तो आपको सावधान हो जाएं. आप कभी भी पैसों को एक फोन कॉल आने पर ही ट्रांसफर न करें, बल्कि किसी अन्य तरीके से उस जानकारी को वेरिफाई करें. अगर फोन कॉल पर आपको कुछ भी अजीब या शंका पैदा करने वाला लगे, तो तुरंत उसकी रिपोर्ट करें. इस तरह आप स्कैम से बच सकते हैं.

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WhatsApp को मिलने लगा Meta AI का सपोर्ट, इस तरह फोटो जनरेट कर पाएंगे यूजर्स

Meta अपने सभी ऐप्स Instagram, Facebook, Messenger और WhatsApp के लिए AI फीचर को रोलआउट कर रही है. इस AI असिस्टेंट की मदद से यूजर्स रियल-टाइम में AI-इमेज और कंटेंट जनरेट कर पाएंगे.

Last Modified:
Friday, 19 April, 2024
Whatsapp AI

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) आज हर क्षेत्र में अपनी पहुंच बना रहा है. अब WhatsApp पर भी आपको एआई का सपोर्ट मिलेगा. इंस्टाग्राम (Instagram), फेसबुक (Facebook), मैसेंजर (Messenger) के बाद अब मेटा वाट्सएप (WhatsApp) के साथ अपने एआई मॉडल Llama 3 को इंटीग्रेट करना शुरू कर दिया है. तो चलिए जानते हैं ये कैसे काम करेगा? 

मेटा एआई (Meta AI) फीचर भी चैटजीपीटी (ChatGPT) और Microsoft Copilot की तरह टेक्स्ट की मदद से फोटो बना सकता है. साथ ही यूजर्स के सवालों के जवाब बहुत ही सटीक तरीके से दे सकता है. आने वाले समय में व्हाट्सएप में मेटा एआई का सपोर्ट सभी को मिलेगा, जोकि पर्सनल और ग्रुप दोनों चैट के लिए काम करेगा. इस एआई असिस्टेंट की मदद से यूजर्स रियल-टाइम में एआई फोटो और कंटेंट जनरेट कर पाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मेटा एआई के इमेजिन (Imagine) फीचर की मदद से यूजर्स रियल टाइम में टेक्स्ट की मदद से व्हाट्सएप पर फोटो क्रिएट कर पाएंगे.

टाइप करते ही दिखने लगेगी फोटो

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार व्हाट्सऐप पर यूजर्स जब टाइप करना शुरू करेंगे, तो उन्हें इमेज दिखनी शुरू हो जाएगी. हर अक्षर के टाइप होते ही इसमें बदलाव देखने को मिलेंगे. मेटा ने एक एनीमेशन भी साझा किया है, जिसमें WhatsApp चैट में मेटा एआई इमेजिन फीचर को यूज करने के दौरान टेक्स्ट इमेज में बदल जाता है.

ऐसा होगा अनुभव
मेटा एआई फीचर सिर्फ अंग्रेजी ही नहीं बल्कि कई अन्य भाषाओं को सपोर्ट करेगा. साथ ही पहले से ज्यादा शार्प और हाई क्वालिटी इमेज जनरेट करने के साथ इमेज में टेक्स्ट को शामिल करने में सक्षम है. इन इमेज की मदद से यूजर्स एल्बम आर्टवर्क, वेडिंग साइनेज और बर्थडे डिकोर तैयार कर सकते हैं. इसके साथ ही यह एआई असिस्टेंट यूजर्स को इमेज क्रिएट करने के लिए प्रॉम्प्ट लिखने में भी मदद करेगा. इसके साथ ही यूजर्स इसकी मदद से GIF भी तैयार कर सकते हैं. इससे पहले वाले अपडेट में मेटा एआई व्हाट्सएप पर सिर्फ फोटो बना रहा था, लेकिन अब यह किसी फोटो को GIFs में भी बदल सकता है. ऐसे में यूजर्स अब केवल फोटो ही नहीं बल्कि एआई द्वारा बनाई गई GIF फाइल भी शेयर कर सकेंगे.

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Meta AI का बढ़ रहा दायरा
मेटा अपने सभी ऐप्स इंस्टाग्राम (Instagram), फेसबुक (Facebook), मैसेंजर (Messenger) और वाट्सएप (WhatsApp) के लिए एआई फीचर को रोलआउट कर रही है. भारत में व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम यूजर्स को मेटा एआई का एक्सेस मिलने लगा है. इनके अलावा अमेरिका में मेटा एआई को यूजर्स Ray-Ban Meta smart ग्लासेस में यूज कर सकते हैं. जल्द ही यह फीचर Meta Quest में भी मिलने लगेगा.


चुनाव के समय अगर नहीं करेंगे ये काम तो बंद, हो जाएगा आपका YouTube चैनल

देश में लोकसभा चुनाव चल रहा है. चुनाव को देखते हुए वीडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब (YouTube) ने गाइडलाइन जारी कर दी है.

Last Modified:
Thursday, 18 April, 2024
Youtube

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान का समय नजदीक आ गया है. प्रथम चरण के लिए 19 अप्रैल को मतदान किया जाएगा. इसके देखते हुए वीडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब (YouTube) ने गाइडलाइन जारी कर दी है. यूट्यूब ने चैनल सैटअप, इलेक्शन कवरेज, शॉर्ट्स, लाइव, पॉडकास्ट और मतदान के लिए क्या करना चाहिए और क्या करने से बचना चाहिए, इन सब को लेकर गाइडलाइन जारी की है.

YouTube के सामुदायिक दिशानिर्देश इस बारे में स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान करते हैं कि यूट्यूब पर किस कंटेट की अनुमति नहीं है, अगर कोई चैनल इन गाइडलाइन को फॉलो नहीं करता है तो YouTube उस कंटेट को प्लेटफॉर्म से हटा देता है. आइन जानते है वो गाइडलाइन जिनके बारे में हर को चैनल इसकी जानकारी होनी चाहिए.

1. यूट्यूब चैनल के लिए बैनर पर कवरेज कार्यक्रम की घोषणा, चुनाव कवरेज प्लेलिस्ट सेट, फ्लैगशिप सामग्री को हाइलाइट करना आवश्यक है.
2. यूट्यूब पर उम्मीदवार, चुनाव क्षेत्र, मतदान का दिन, इन्फोग्राफिक डेटा और वोटर का इंटरव्यू ही दिखा सकते हैं.
3. मतदान के लिए समय, स्थान, साधन के बारे में मतदाताओं को गुमराह करने वाली सामग्री या झूठे दावे जो मतदान को प्रभावित कर सकते हैं, उनपर प्रतिबंध लगाया जाएगा.
4. YouTube ऐसी सामग्री को प्रतिबंधित करता है जो राजनीतिक उम्मीदवारों और कार्यालय में सेवा करने के लिए निर्वाचित अधिकारियों के लिए तकनीकी आवश्यकताओं से संबंधित झूठे दावों को बढ़ावा देती है.
5. लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने के लिए उकसाना, दूसरों को लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने के लिए प्रोत्साहित करने वाली सामग्री को प्रतिबंधित करता है
6. YouTube के यूट्यूब शॉर्ट्स और लाइव स्ट्रीम में #LokSabhaElections2024, #election2024 का इस्तेमाल करें

यूट्यूब एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो किसी को अपना चैनल बनाने की फ्री में सुविधा देता है. इस पर कोई भी अपने वीडियो अपलोड कर सकता है और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बना सकता है, लेकिन इसकी भी गाइडलाइन्स हैं जैसे कि इसपर क्या अपलोड किया जा सकता है. मतलब किस तरह के वीडियो यूट्यूब पर डाले जा सकते हैं. अगर कोई यूट्यूब की गाइडलाइन्स का उल्लंघन करता है तो यूट्यूब उस चैनल को बंद कर सकता है. इसलिए आप इन उपायों से अपने चैनल पर कार्रवाई होने से बचा सकते हैं.

क्या करें-

- चैलन में #loksabhaelection2024, #election2024, #2024elections जैसे हैशटैग का इस्तेमाल करें
- आपका टाइटल स्पष्ट, वर्णनात्मक, सटीक, संक्षिप्त होना चाहिए
- चैनल का Thumbnail हाई रिज़ॉल्यूशन और चित्रात्मक होना चाहिए
- चैन का Description पहली दो लाइन वर्णनात्मक हो 

क्या न करें-

- भ्रामक थंबनेल के इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ताकि यूजर्स पर गलत प्रभाव न पड़े.
- रिपीट कंटेंट और नॉन-लाइव कंटेंट के लूप्ड फुटेज के साथ मल्टी लाइव से यूजर्स परेशान होता है इसलिए इसका उपयोग न करें.


WhatsApp का आया ये तगड़ा फीचर, एक भी मैसेज नहीं होगा मिस, जानिए कैसे

WhatsApp का 2 बिलियन से ज्यादा लोग इस्तेमाल करते हैं. आज वॉट्सऐप इंस्टेंट मैसेजिंग का एक जरूरी ऐप्लिकेशन बन चुका है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 17 April, 2024
Last Modified:
Wednesday, 17 April, 2024
whatsapp

अगर आपके WhatsApp पर रोजाना ढ़ेर सारे मैसेज आते हैं, तो इनमें से कई सारे मैसेज मिस हो जाते हैं. वही कई बार आप बिजी होते हैं, तो उस वक्त आप किसी WhatsApp मैसेज का रिप्लाई नहीं देते है, तो वो मैसेज मिस हो जाते हैं. इससे बचने के लिए WhatsApp ने एक नया चैट फिल्टर फीचर लॉन्च कर दिया है. इस फीचर को दुनियाभर में रोलआउट कर दिया गया है. यह फीचर आपके चैट को All, Unread और Group जैसी अलग-अलग कैटेगरी में बांट देता है. इससे आपका कोई भी मैसेज मिस नहीं होता है. 

मार्क जुकरबर्ग ने दी जानकारी

आपको बता दें कि वॉट्सऐप के चैट फिल्टर का इंतजार यूजर्स को पिछले काफी समय से था. मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने इस फीचर को लेकर बताया कि यह नया फीचर यूजर्स को  पहले से कहीं अधिक तेजी के साथ मैसेज सर्च करने में मदद करेगा. कंपनी ने कहा कि इस फीचर के आने के बाद किसी मैसेज को सर्च करने में बर्बाद होने वाला समय बचने वाला है.

चैट बॉक्स को नहीं करना पड़ेगा स्क्रॉल

आपको बता दें कि मौजूदा समय में पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों ही काम के लिए वॉट्सऐप का जमकर इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में कई बार कुछ जरूरी मैसेज को सर्च करने की जरूरत पड़ती है. इस तरह की स्थिति में यह नया चैट फिल्टर फीचर काफी काम आने वाला है. अब यूजर्स को मैसेज सर्च करने के लिए पूरे चैट बॉक्स या फिर इन बॉक्स को नीचे की तरफ स्क्रॉल नहीं करना पड़ेगा.

यूजर्स को मिलेंगे 3 नए सेक्शन

वॉट्सऐप के नए Chat Filter फीचर में कंपनी ने ग्राहकों को All, Unread और Group तीन तरह के सेक्शन दिए हैं. ऑल सेक्शन को सेलेक्ट करने पर सभी चैट्स डिस्प्ले होंगे. वहीं अनरीड सेक्शन सेलेक्ट करने पर उन मैसेज को डिस्प्ले किया जाएगा जिन्हें रीड नहीं किया गया होगा. इस सेक्शन में वे मैसेज भी दिखाई देंगें जिन्हें रीड किया जा चुका होगा. ग्रुप फिल्टर सेक्शन में ग्रुप में आने वाले मैसेज दिखाई देंगे. बता दें कि इस सेक्शन में कम्युनिटी ग्रुप के भी मैसेज शामिल होंगे.

WhatsApp के 2 बिलियन से ज्यादा यूजर्स

WhatsApp इस समय दुनियाभर के स्मार्टफोन यूजर्स का एक प्रमुख ऐप्लिकेशन बन चुका है. आज के समय में इंस्टेंट मैसेजिंग के लिए सबसे ज्यादा वॉट्सऐप का ही इस्तेमाल किया जाता है. अगर वॉट्सऐप के यूजरबेस की बात करें तो करीब 2 बिलियन से ज्यादा लोग इसका इस्तेमाल करते हैं और यही वजह है कि यूजर्स की सहूलियत के लिए कंपनी नए नए फीचर्स लाती रहती है. यूजर्स की सिक्योरिटी और चैटिंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए कंपनी ने पिछले कुछ समय में कई सारे धांसू फीचर्स प्लेटफॉर्म में जोड़े हैं.
 


AI ने एक और Actress की अश्लील फोटो बनाई, अब होगा बड़ा एक्शन

सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी मेटा (Meta) के निगरानी बोर्ड ने दो मामलों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की मदद से तैयार की गई अश्लील इमेज पर कार्रवाई के लिए सार्वजनिक राय मांगी है. 

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 17 April, 2024
Last Modified:
Wednesday, 17 April, 2024
Facebook

इन दिनों मेटा (Meta) अपने एआई (AI) फीचर को लेकर काफी चर्चा में है. हाल ही में कुछ भारतीय सेलेब्रिटीज की एआई से बनाई गई अश्लील तस्वीरें इंस्टाग्राम (Instagram) व फेसबुक (Facebook) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब वायरल हो रही हैं. इस मामले पर कार्रवाई को लेकर मेटा ने जनता से उनकी राय मांगी है. तो चलिए आपको इस मामले से जुड़ी पूरी जानकारी देते हैं. 

इन मामलों पर मांगी राय
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मेटा के ओवरसाइट बोर्ड ने भारत की प्रसिद्ध हस्तियों से संबंधित दो मामलों में एआई-जनित अश्लील फोटो के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सार्वजनिक राय मांगी है. बोर्ड ने कहा कि दो मामलों में से एक मामला इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई एक निर्वस्त्र महिला की एआई-से बनाई गई फोटो शामिल है. यह फोटो भारत की एक बड़ी हस्ती से मिलती-जुलती है, जिसे एआई का उपयोग करके बनाया गया है.

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने भी दिए ये निर्देश
जानकारी के अनुसार जिस खाते से इस कंटेट को पोस्ट किया गया है, वह केवल भारतीय महिलाओं के एआई से तैयार फोटो को शेयर करता है. इस पर प्रतिक्रिया देने वाले ज्यादातर यूजर्स भी भारत के ही हैं, जहां डीपफेक (DeepFake) की समस्या बढ़ती जा रही है. मेटा ने इस मुद्दे पर जनता की राय मांगी है. हालांकि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) पहले ही सोशल मीडिया फर्मों को एआई से बनाई गई नकली फोटो और वीडियो को हटाने के लिए कह चुका है. 

इन सेलिब्रिटिज की फोटो हुई वायरल  
बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) और साउथ की अभिनेत्री अभिनेत्री रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) सहित कई भारतीय अभिनेत्रियों की नकली तस्वीरें और वीडियो इंस्टाग्राम, फेसबुक और एक्स सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो चुके हैं. 

भारत से जुड़े मामले में हटाई पोस्ट
बोर्ड ने कहा कि भारत से जुड़े मामले में पोस्ट को हटा दिया गया है. बोर्ड ने अमेरिका में एक मामले पर सार्वजनिक राय मांगी है. बोर्ड ने कहा है कि भारत से संबंधित एक यूजर ने कंटेंट को अश्लीलता के लिए मेटा को रिपोर्ट किया था, लेकिन रिपोर्ट ऑटोमेटिकली बंद कर दी गई थी, क्योंकि 48 घंटों के भीतर इसकी समीक्षा नहीं की गई थी. इसके बाद उसने बोर्ड से इसे हटाने की अपील की थी.  

30 अप्रैल तक भेजी जा सकती है प्रति क्रिया
2021 के आईटी नियमों के अनुसार एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को शिकायत प्राप्त होने के 24 घंटों के अंदर पूर्ण या आंशिक नग्नता को हटाना आवश्यक है. बोर्ड ने अमेरिका में एक मामले पर सार्वजनिक विचार भी आमंत्रित किए हैं. बोर्ड ने कहा है कि  इस मामले के लिए पब्लिक कॉमेंट विंडो 30 अप्रैल तक 14 दिनों के लिए खुली है. ओवरसाइट बोर्ड ने मशहूर हस्तियों के नाम या विवरण का उल्लेख नहीं किया है.